क्रांतिकारी के प्रमुख उद्देश्य क्या है? - kraantikaaree ke pramukh uddeshy kya hai?

इसे सुनेंरोकेंवर्ष 1917 की रूसी क्रांति मुख्य रूप से पिछड़ी अर्थव्यवस्था, किसानों एवं मज़दूरों की दयनीय स्थिति, निरंकुश एवं स्वेच्छाचारी शासन के अत्याचार का परिणाम थी।

1950 की रूसी क्रांति के क्या परिणाम थी?

इसे सुनेंरोकेंपरिस्थिति से बाध्य होकर उसने उनकी मांग को स्वीकार कर शासन से त्यागपत्र दे दिया। इस प्रकार रूस में जारशाही का अंत हुआ। क्रांति में मजदूरों को सफलता प्राप्त हुई, किन्तु उन्होंने शासन की बागडोर को अपने हाथ में रखना उचित न समझ, समस्त शक्ति मध्य वर्ग के हाथ में सौंप दी।

रूस की क्रांति के दो प्रभाव क्या है?

इसे सुनेंरोकेंकृषकों की कमी से रूस की कृषि प्रभावित हो गयी। अनाज के वार्षिक उत्पादन में भारी कमी आ गयी । इससे रूस में अकाल की स्थिति निर्मित हो गयी। इसके अतिरिक्त युद्ध के कारण यातायात के साधन भी नष्ट हो गये थे ।

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1905 की रूसी क्रांति के क्या परिणाम थी?

इसे सुनेंरोकें1905 की रूसी क्रांति का प्रभाव हजारों की संख्या में लोग फाँसी पर चढ़ा दिये गये और अनेक लोगों को साइबेरिया निर्वासित कर दिया गया । उसने मताधिकार को सीमित करके ड्यूमा को निर्बल बना दिया और उसके क्रांतिकारी स्वरूप का अंत कर दिया।

रूसी क्रांति में लेनिन का क्या योगदान था?

इसे सुनेंरोकें1917 की रूसी क्रांति में लेनिन ने बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। 1. वे बोल्शेविकों के नेता थे जिन्होंने क्रांति का संचालन किया था। उन्होंने 1917 से 1922 तक रूसी नागरिक युद्ध में बोल्शेविकों की जीत का नेतृत्व किया।

1917 की रूसी क्रांति के समय रूस का जार कौन था?

इसे सुनेंरोकें(11) जार मुक्तिदाता के नाम से एलेक्सजेंडर द्वितीय को माना जाता है. (12) रूस का अंतिम जार जार निकोलस द्वितीय था. (13) रूस की क्रांति 1917 ई. में हुई.

1905 की रूसी क्रांति का नेतृत्व कौन कर रहा था?

१९०५ की रूसी क्रांति

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1905 की रूसी क्रांतिनिकोलस द्वितीय सर्गेई वित्तेविक्टर चेर्नोव व्लादिमीर लेनिन

रूस की क्रांति का विश्व की राजनीति पर क्या प्रभाव पड़ा?

इसे सुनेंरोकेंरूसी क्रांति के कुछ प्रभाव निम्नलिखित है: साम्यवादी विश्व और पूंजीवादी विश्व। इसके बाद यूरोप भी दो भागों में विभक्त हो गया : पूर्वी यूरोप और पश्चिमी यूरोप। द्वितीय विश्व युद्ध के पश्चात पूंजीवादी विश्व और सेवियत रूस के बीच शीतयुद्ध की शुरुआत हुई और आगामी चार दशकों तक दोनों खेंमों के बीच हथियारों की होड़ जारी रही।

बोल्शेविक क्रांति कहाँ हुई थी?

इसे सुनेंरोकेंरूसी क्रांति को अक्तूबर क्रांति भी कहते हैं और इतिहास की किताबों में पढ़ाया जाता है कि ये 25 अक्तूबर 1917 को घटित हुई थी. लेकिन, सौ साल पहले रूस में साम्यवाद स्थापित करने वाली बोल्शेविक क्रांति की सालगिरह अक्तूबर में न मना कर, हर साल 7 नवंबर को मनाया जाता है.

फेब्रुअरी क्रांति के दौरान क्या नारा बुलंद किया गया था?

इसे सुनेंरोकें(19) एक जार, एक चर्च और रूस का नारा जार निकोलस द्वितीय ने दिया.

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1917 की रूसी क्रांति के समय रूस का सम्राट कौन था?

इसे सुनेंरोकेंरूसी क्रांति के दौरान रोमनोव्ह राजवंश के ज़ार निकोलस II रूसी साम्राज्य के शासक थे। 15 मार्च 1917 को उन्हें अपना सिंहासन त्यागने के लिए मजबूर किया गया और 17 जुलाई 1918 को उनकी हत्या की गई।

इसे सुनेंरोकेंसन 1917 की रूस की क्रान्ति विश्व इतिहास की सबसे महत्वपूर्ण घटनाओं में से एक है। इसके परिणामस्वरूप रूस से ज़ार के स्वेच्छाचारी शासन का अन्त हुआ तथा रूसी सोवियत संघात्मक समाजवादी गणराज्य (Russian Soviet Federative Socialist Republic) की स्थापना हुई। यह क्रान्ति दो भागों में हुई थी – मार्च 1917 में, तथा अक्टूबर 1917 में।

इसे सुनेंरोकेंफ्रांसीसी क्रांतिकारियों का मुख्य उद्देश्य राजशाही को समाप्त करना और लोकतांत्रिक सरकार के लिए मार्ग प्रशस्त करना था। धार्मिक स्वतंत्रता और चर्च द्वारा एकत्र करों का उन्मूलन क्रांतिकारियों का एक और महत्वपूर्ण उद्देश्य थे।

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रुसी क्रांति योग कार्यों के जन्म प्रमुख उद्देश्य जो है यह थे रूस को प्रथम विश्वयुद्ध से हटाना कारखानों पर मजदूरों का नियंत्रण और गैर रूसी जातियों को समानता का दर्जा देना और जमीन जोतने वालों को देना

rusi kranti yog kaaryon ke janam pramukh uddeshya jo hai yah the rus ko pratham vishwayudh se hatana karkhanon par majduro ka niyantran aur gair rusi jaatiyo ko samanata ka darja dena aur jameen jotne walon ko dena

रुसी क्रांति योग कार्यों के जन्म प्रमुख उद्देश्य जो है यह थे रूस को प्रथम विश्वयुद्ध से हट

        

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क्रांतिकारी के प्रमुख उद्देश्य क्या है? - kraantikaaree ke pramukh uddeshy kya hai?

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क्रांतिकारी के प्रमुख उद्देश्य क्या थे?

क्रांतिकारियों का मुख्य उद्देश्य ब्रिटिश शासन का अंत करना था। वे अंग्रेजों को बोरिया-बिस्तर सहित भारत से खदेड़ना चाहते थे। वे क्रांतिकारी लेखों, कविताओं और भाषणों द्वारा जनता में देशप्रेम की भावनाएँ जागृत करते थे

क्रांतिकारी राष्ट्रवादियों के उद्देश्य क्या थे?

स्पष्ट था कि क्रांतिकारी - राष्ट्रवादियों का यह वर्गअंग्रेजों के शासन को हिंसा के बल पर समाप्त करना चाहता था क्योंकि उनकी दृष्टि में अंग्रेजों का राज पाशविक बल पर आधारित था। तत्कालीन भारत की राजधानी कलकत्ता बंगाल प्रान्त में स्थित थी .

क्रांतिकारियों की क्या भूमिका है?

क्रांतिकारियों ने अपने गुप्त संगठन बनाये, हथियार एकत्र किये, सरकारी खजानों को लूटा तथा बदनाम अंग्रेज अफसरों और देशद्रोहियों की हत्याएं की. इनकी गतिविधियां सबसे अधिक तेज महाराष्ट्र, बंगाल और पंजाब में थी. देश के अन्य भागों एवं विदेशों में भी क्रांतिकारी संगठन बनाये गये थे.

क्रांतिकारी के जनक कौन है?

सही उत्‍तर बिपिन चंद्र पाल है। उन्होंने लाला लाजपत राय और बाल गंगाधर तिलक के साथ काम किया, इसलिए उन्हें "लाल-बाल-पाल" के नाम से जाना जाता है।