जमीन के अंदर कौन सी नदी बहती है? - jameen ke andar kaun see nadee bahatee hai?

बाड़मेर. सदियों से पानी की कमी और बरसात के अभाव में अकालग्रस्त जिले के नाम से देश में पहचाना जाने वाले बाड़मेर में जमीन के अंदर बह रही सरस्वती नदी ने सुखद संकेत देने शुरू किए है। भारत-पाक सरहद पर स्थित गांवों में पीने के पानी के लिए मीलों का सफर करना पड़ता था, अब इनमें से कई गांवों की तस्वीर ही बदल गई है। एक दर्जन से अधिक गांवों में नलकूप और ट्यूबवेल खुद गए है। इनमे भरपूर मात्रा में पानी आ रहा है।

आईआईटी का शोध कहता है कि नदी बह नहीं रही है बल्कि, उस पूरे इलाके में भूमिगत जल का बड़ा भंडार है। वैज्ञानिक साक्ष्य और उनके इर्द-गिर्द घूमते ऐतिहासिक, पुरातात्विक और भौगोलिक तथ्य पाताल में लुप्त सरस्वती की गवाही दे रहे हैं।

विशेषज्ञों का कहना है कि 4,000 साल पहले सतलुज नदी पश्चिम में खिसककर सिंधु में मिलने लगी और सरस्वती को पानी देने वाले ग्लेशियर के अवरुद्ध होने से नदी लुप्त हो गई। भू-जल स्तर अच्छा होने की वजह से यहां पानी जल्द ही मिल जाता है। फसलों के लहलहाने की एक वजह इसे भी माना जाता है।

सैटेलाइट इमेज दिखाती है कि सरस्वती की घाटी हरियाणा में कुरुक्षेत्र, कैथल, फतेहाबाद, सिरसा, अनूपगढ़, राजस्थान में श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़, जैसलमेर-बाड़मेर और फिर गुजरात में खंभात की खाड़ी तक जाती थी। शोध इस बात की पुष्टि करते हैं कि  सरहद पर इन दिनों बड़े बदलाव का आधार सरस्वती का पानी ही है।

मान्यता है कि इलाहाबाद के पास तीन नदियां आकर मिलती हैं, जिसे त्रिवेणी संगम भी कहा जाता है. लेकिन भौतिक रूप से केवल गंगा और यमुना न​दी ही दिखती हैं, जबकि सरस्वती अदृश्य है.

जमीन के अंदर कौन सी नदी बहती है? - jameen ke andar kaun see nadee bahatee hai?

Underground Rivers: भारत में नदियों का पौराणिक, सामाजिक और आर्थिक महत्व रहा है. गंगा, यमुना और सरस्वती के संगम के बारे में तो आपने भी सुना होगा. मान्यता है कि इलाहाबाद के पास तीनों नदियां आकर मिलती हैं, जिसे त्रिवेणी संगम भी कहा जाता है. लेकिन भौतिक रूप से केवल गंगा और यमुना न​दी ही दिखती हैं, जबकि सरस्वती अदृश्य है. इस पर कई शोध हो चुके हैं. फ्रेंच प्रोटो-हिस्टोरियन माइकल डैनिनो ने भी सरस्वती नदी पर शोध अध्ययन किया और भूगर्भीय बदलाव को सरस्वती के विलुप्त होने का कारण बताया. कुछ लोगों का मानना है कि सरस्वती नदी आज भी धरती के नीचे बहा करती है. दुनिया में कई सारी नदियां हैं, जो जमीन के नीचे बहती हैं. आइए जानते हैं कुछ ऐसी ही नदियों के बारे में.

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​लबौइच नदी, फ्रांस: फ्रांस की लबौइच नदी को यूरोप की सबसे लंबी अंडरग्राउंड नदी कहा जाता है. 1906 में इस नदी को पहली बार खोजा गया था. हर साल अप्रैल से नवंबर के बीच इस नदी को देखने के लिए पर्यटक पहुंचते हैं. इस नदी के एक छोर से दूसरे छोर तक जाया जा सकता है.

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मिस्ट्री रिवर, इंडियाना: अमेरिका के इंडियाना में भी एक अंडरग्राउंड नदी है. अमेरिका की सबसे लंबी इस अंडरग्राउंड नदी को 'मिस्ट्री रिवर' कहा जाता है. 19वीं शताब्दी से ही लोग इसके बारे में जानते हैं, लेकिन 1940 के बाद वहां की सरकार ने इसे आम लोगों के लिए ओपन किया.

जमीन के अंदर कौन सी नदी बहती है? - jameen ke andar kaun see nadee bahatee hai?

पर्टो प्रिंसेसा नदी, फिलीपींस: दक्षिण-पश्चिमी फिलीपींस की पर्टो प्रिंसेसा नदी को यूनेस्को ने विश्व धरोहर स्थलों की सूची में शामिल किया है. इस नदी की लंबाई करीब पांच मील है. यह खूबसूरत नदी जमीन के नीचे गुफाओं से होते हुए बहती है और समंदर में मिल जाती है. यहां एक दिन में सिर्फ 600 पर्यटकों को जाने की अनुमति है.

जमीन के अंदर कौन सी नदी बहती है? - jameen ke andar kaun see nadee bahatee hai?

सैंटा फे नदी, फ्लोरिडा: यह नदी अमेरिका के उत्तरी फ्लोरिडा में है, जिसकी लंबाई करीब 121 किलोमीटर है. यूं तो यह पूरी तरह अंडरग्राउंड नहीं है, लेकिन 5 किमी तक जमीन के अंदर से होकर बहती है. ओ'लेनो स्टेट पार्क में एक बड़े सिंकहोल में यह नदी गिरती है और यहां से 5 किमी तक अंडरग्राउंड हो जाती है. फिर 5 किलोमीटर आगे यह रेजर्वेर स्टेट पार्क में दिखाई देती है.

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रियो कैमू नदी, पोर्टो रिको: करीब एक लाख वर्ष पुरानी गुफाओं से होकर गुजरने वाली नदी रियो कैमू का भी अपना आकर्षण है. पोर्टो रिको की रियो कैमू नदी को दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अंडरग्राउंड नदी कहा जाता है.

फल्गु नदी में पानी आने से गया शहर का जलस्तर बढ़ जाता है. सूख चुके बोरिंग और चापाकल में पानी आने लगते हैं. पेयजल की समस्या दूर हो जाती है. सरकार ने फल्गु नदी को सालो भर बहने वाली नदी बनाने के लिए विथो वियर बांध बनाने की घोषणा की है.

गया: जिले में शनिवार से ही मॉनसून का असर दिखने लगा है. तीन दिनों से लगातार हो रही झमाझम बारिश के कारण फल्गु नदी के जलस्तर में बढ़ोतरी के कारण अब उसका पानी जमीन के उपर से बहने लगा है. इसके कारण देश- विदेश के श्रद्धालुओं, पंडा समाज और गया वासियों में खुशी है. बताया जाता है कि माता सीता द्वारा श्रापित यह नदी जमीन के नीचे ही बहती है. लेकिन अभी का नजारा बदला हुआ है.

जानकारी देते संवाददाता सुजीत पांडे

फल्गु नदी तीन नदी के संगम से बनी है. फल्गु नदी को माता सीता ने श्रापित किया था. श्राप के कारण साल के आठ महीने फल्गु नदी जमीन के अंदर बहती है. वहीं, बरसात के आगमन से नदी के जलस्तर में बढ़ोतरी के कारण यह सतह के ऊपर बहने लगती है. इस बार नदी के सतह पर बहने के कारण स्थानीय लोगों में काफी खुशी है. लोग फल्गु नदी में पानी आने के कारण दर्शन के लिए उमड़ पड़े हैं.

धरती के नीचे कौन सी नदी बहती है?

सैंटा फे नदी, फ्लोरिडा: यह नदी अमेरिका के उत्तरी फ्लोरिडा में है, जिसकी लंबाई करीब 121 किलोमीटर है. यूं तो यह पूरी तरह अंडरग्राउंड नहीं है, लेकिन 5 किमी तक जमीन के अंदर से होकर बहती है. ओ'लेनो स्टेट पार्क में एक बड़े सिंकहोल में यह नदी गिरती है और यहां से 5 किमी तक अंडरग्राउंड हो जाती है.

ऐसी कौन सी नदी है जो हमेशा सुखी रहती है?

मोहावी नदी, कैलिफ़ोर्निया इस नदी का अधिकांश प्रवाह जमीन के नीचे है। जमीन पर यह अधिकतर समय सूखी रहती है।

कौन सी नदी सिर्फ एक देश में बहती है?

इसका जवाब है सिंधु नदी.

गयाजी में कौन सी नदी बहती है?

फल्गू नदी (Phalgu river) भारत के बिहार राज्य में बहने वाली एक नदी है। यह गया के पवित्र नगर से गुज़रती है और इस नदी का हिन्दू व बौद्ध धर्मों में महत्व है। भगवान विष्णु का विष्णूपाद मंदिर इसके किनारे खड़ा है।