प्रेगनेंसी में लैट्रिन क्यों नहीं लगती? - preganensee mein laitrin kyon nahin lagatee?

Show

प्रेग्नेंसी के दौरान कब्ज होना स्वाभाविक होता है। इससे बचने के लिए पेट पर सर्कुलर मोशन में तेल मालिश करें जिससे कब्ज की समस्या से निजात मिलती है। गर्भावस्था में अंतिम दिनों में ऐसा करने से बचना चाहिए। इसके अलावा आप अन्य कई घरेलू उपायों का इस्तेमाल कर सकती हैं।

गर्भावस्था के दौरान कब्ज की समस्या पैदा होना एक आम परेशानी होता है। बहुत सारी महिलाएं इस समस्या को साझा नहीं कर पाती है। गर्भावस्था में महिलाओं के शरीर में अनेक परिवर्तन होते हैं ऐसे में कब्ज और पाचन संबंधी परेशानियां पैदा होना आम होता है। प्रेग्नेंसी के दौरान कब्ज की समस्या होने पर आप कुछ घरेलू उपायों का इस्तेमाल कर सकती हैं।आइए जानते हैं कि गर्भावस्था में कब्ज होने पर आप किन घरेलू उपायों का इस्तेमाल कर सकती हैं।

1.नींबू- पाचन के लिए नींबू काफी फायदेमंद होता है। यह शरीर से टॉक्सिन्स निकालता है और खाने को पचाने में मदद करता है। गर्भावस्था में कब्ज की समस्या से परेशान है तो गर्म पानी में नींबू का रस मिलाकर पी सकते हैं। ऐसा करने से आपको कब्ज जैसी कोई परेशानी नहीं होती है।

2. पानी पीएं- पानी पेट में मौजूद मल को मुलायम करता है जिससे कब्ज नहीं होती है इसलिए दिनभर में पर्याप्त मात्रा में पानी पीएं। रोजाना 10 से 12 गिलास पानी पीने से कब्ज की समस्या पैदा नहीं होती है।

3. अलसी के बीज- अलसी के बीजों में फाइबर होता है इसलिए इनका सेवन करने से कब्ज की समस्या पैदा नहीं होती है। एक चम्मच अलसी के बीज का पानी के साथ सेवन करने से गर्भावस्था में कब्ज की समस्या नहीं होती है।

4. सिट्रस फ्रूट्स- सिट्रस फल जैसे संतरा, नींबू आदि में पर्याप्त मात्रा में विटामिन सी और फाइबर होता है। इनका सेवन करने से बोवेल मूवमेंट सही रहता है और कब्ज की समस्या पैदा नहीं होती है। प्रेग्नेंसी में कब्ज से बचने के लिए आप सिट्रस फलों का सेवन कर सकती है।

5.मालिश- प्रेग्नेंसी के दौरान कब्ज होना स्वाभाविक होता है। इससे बचने के लिए पेट पर सर्कुलर मोशन में तेल मालिश करें जिससे कब्ज की समस्या से निजात मिलती है। गर्भावस्था में अंतिम दिनों में ऐसा करने से बचना चाहिए।

गर्भावस्था में कब्ज (Constipation) का इलाज व घरेलू उपचार | Pregnancy Me Kabj Ka Ilaj

Image: Shutterstock

गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को कब्ज होना आम बात है। ऐसा शरीर में हार्मोनल बदलाव के कारण होता है। हालांकि, इस समस्या से संतुलित भोजन व अच्छी जीवनशैली से निपटा जा सकता है, लेकिन कब्ज अधिक होने पर कई परेशानियां हो सकती हैं। इससे महिला के लिए गर्भावस्था काल कष्टदायक साबित हो सकता है। मॉमजंक्शन के इस आर्टिकल में हम गर्भावस्था में कब्ज के कारण, लक्षण व घरेलू उपचार के बारे में विस्तार से बताएंगे।

आइए, लेख के पहले भाग में जानते हैं कि कितनी गर्भवती महिलाओं को कब्ज की समस्या होती है।

क्या गर्भावस्था में कब्ज की समस्या आम है?

प्रेगनेंसी के दौरान कब्ज किसी को भी हो सकती है। करीब 11-33 प्रतिशत गर्भवती महिलाओं को इसका सामना करना पड़ता है (1)। यह तब तक चिंता का कारण नहीं है, जब तक कि यह गंभीर न हो जाए। इसलिए, गर्भवती महिला को कब्ज जैसी समस्या को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए।

गर्भावस्था में कब्ज की समस्या कब होती है?

शरीर में जैसे ही प्रोजेस्ट्रोन हार्मोन का स्तर अधिक होता है, कब्ज की समस्या शुरू हो जाती है। ऐसा दूसरे या तीसरे महीने में होता है। फिर जैसे-जैसे गर्भाशय का आकार बढ़ता है, कब्ज की समस्या भी बढ़ने लगती है (2)।

आगे हम बता रहे हैं कि गर्भवती महिला को किन कारणों से कब्ज हो सकती है।

गर्भावस्था में कब्ज होने के कारण

गर्भावस्था में निम्नलिखित कारणों से कब्ज की समस्या हो सकती है (3) :

  • हार्मोन में बदलाव : गर्भावस्था के दौरान कब्ज का सबसे अहम कारण प्रोजेस्ट्रोन हार्मोन का बढ़ना है।
  • आहार में फाइबर का कम होना : अगर गर्भवती महिला अपने भोजन में फाइबर युक्त खाद्य पदार्थों को शामिल नहीं करती है, तो कब्ज हो सकती है। फाइबर पाचन तंत्र को बेहतर तरीके से काम करने में मदद करता है।
  • पानी की कमी : प्रतिदिन कम मात्रा में पानी पीने से भी कब्ज हो सकती है। साथ ही पहली तिमाही में मॉर्निंग सिकनेस के कारण भी डिहाइड्रेशन की समस्या हो सकती है, जो कब्ज का कारण बनती है।
  • कम शारीरिक गतिविधि : बेशक, गर्भावस्था में महिला के स्वभाव में बदलाव होता है और कई बार थकान भी महसूस होती है, लेकिन रोज कुछ देर की सैर भी जरूरी है। इससे खाना हजम होता है और पेट आराम से साफ हो जाता है। अगर डॉक्टर ने आपको पूरी तरह से बेड रेस्ट के लिए बोला है, तो बात अलग है।
  • मेडिकल कंडीशन : स्ट्रोक, डायबिटीज, आंत में रुकावट, आईबीएस (इर्रिटेबल बाउल सिंड्रोम) जैसी समस्याओं के कारण भी कब्ज हो सकती है।
  • दवाइयां : आयरन व कुछ दर्द निवारक दवाइयों के कारण भी कब्ज की समस्या हो सकती है।

आइए, अब उन लक्षणों के बारे में बात कर लेते हैं, जिनसे अंदाजा लगाया जा सकता है कि आपको कब्ज है या नहीं।

गर्भावस्था के दौरान कब्ज के लक्षण

नीचे जानिए गर्भावस्था के दौरान कब्ज के लक्षणों के बारे में (4):

  • मल का बहुत कम आना।
  • भूख में कमी।
  • पेट फूलना और दर्द होना।
  • मल का कठोर होना।
  • कठोर मल के कारण मलाशय में जख्म होना और मल के साथ रक्त आना।

आर्टिकल के इस हिस्से में हम कब्ज से निपटने के जरूरी तरीके व घरेलू उपचार बताएंगे।

गर्भावस्था के दौरान कब्ज को कैसे रोकें

गर्भावस्था के दौरान कब्ज को रोकने के लिए नीचे कुछ उपाय दिए जा रहे हैं (5):

  1. तरल पदार्थ : ज्यादा से ज्यादा तरल पदार्थ लेने से खाना पचाने में आसानी होती है। आप दिनभर में कम से कम आठ-दस गिलास पानी जरूर पिएं।
  1. थोड़ा-थोड़ा आहार : एक बार में अधिक भोजन करने की जगह प्रत्येक समयांतराल पर थोड़ा-थोड़ा खाएं। इससे भोजन को पचाना आसान हो जाएगा।
  1. रोजाना व्यायाम करें : व्यायाम करने से शरीर के अंदरुनी अंग बेहतर तरीके से काम करते हैं और पाचन तंत्र भी ठीक रहता है। आपको कैसे और कितना व्यायाम करना है, इस बारे में डॉक्टर बेहतर बता सकते हैं।

गर्भावस्था में कब्ज के घरेलू उपचार

यहां हम कुछ घरेलू उपचार बता रहे हैं, जिनकी मदद से आप कब्ज की समस्या को ठीक कर सकती हैं :

  1. नींबू : इसकी मदद से भोजन को हजम करना आसान हो जाता है। नींबू में सिट्रिक एसिड होता है, जिस कारण पाचन तंत्र अच्छे से काम कर पाता है और मल त्याग में आसानी होती है (6) (7)। अगर आप गर्म पानी में नींबू के रस को मिलाकर सेवन करते हैं, तो आपको कब्ज से जल्द आराम मिल सकता है।

कैसे करें प्रयोग :

    • आप एक गिलास गर्म पानी में आधे नींबू के रस को मिक्स कर दें।
    • स्वाद के लिए आप इसमें शहद मिला सकते हैं।
    • इस मिश्रण को आप दिन में दो बार ले सकते हैं।
  1. पानी : शरीर में पानी की कमी होने पर भी कब्ज की समस्या हो सकती है। इसलिए, प्रतिदिन पर्याप्त पानी पीना जरूरी है। पानी से खाना अच्छी तरह से हजम हो जाता और मल त्याग करने में भी परेशानी नहीं होती है (8)।

कैसे करें प्रयोग :

    • डिहाइड्रेशन से बचने के लिए आपको रोज 10 गिलास पानी तो जरूरी पीना चाहिए।
  1. सिट्रस फल : सिट्रस फलों (संतरा आदि) में विटामिन-सी की मात्रा अधिक होती है। अच्छी सेहत के लिए विटामिन-सी युक्त फलों का सेवन जरूरी है। इससे इम्यून सिस्टम बेहतर तरीके से काम करता है। साथ ही सिट्रस फलों में फाइबर भी पाया जाता है। इसलिए, ये कब्ज को जड़ से खत्म कर सकते हैं (9) (10)।

कैसे करें प्रयोग :

    • आप प्रतिदिन एक या दो संतरे या फिर कोई अन्य सिट्रस फल का सेवन कर सकते हैं।
  1. साइलियम : इसे भी फाइबर का अच्छा स्रोत माना गया है। यह तरल पदार्थ को अवशोषित कर मल त्याग में मदद करता है (11) (12)।

कैसे करें प्रयोग :

    • साइलियम को आम भाषा में इसबगोल कहा जाता है और यह बाजार में आसानी से मिल जाता है। आप इसे एक गिलास पानी में मिक्स करके पी सकते हैं। जल्द राहत के लिए आप इसे दिन में दो बार पी सकते हैं।
  1. अलसी के बीज : इन्हें ओमेगा-3 फैटी एसिड का अच्छा स्रोत माना गया है। इस कारण से शरीर में तरल की मात्रा बनी रहती है। साथ ही इसमें डाइटरी फाइबर की मात्रा भी अधिक होती है, जिस कारण कब्ज से राहत मिलती है (13)।

कैसे करें प्रयोग :

    • आप प्रतिदिन आधा चम्मच अलसी के बीजों को अपने भोजन में शामिल कर सकते हैं। फिर चाहे आप इसे तेल के रूप में लें, पाउडर के रूप में लें या फिर किसी अन्य तरह से।
  1. मसाज : पेट की मसाज करने से मांसपेशियों में आए तनाव व अन्य परेशानी को कम किया जा सकता है। करीब 15 मिनट तक की गई मसाज से गर्भवती महिला को आराम महसूस हो सकता है। ध्यान रहे कि मसाज हल्के हाथों से की जानी चाहिए (14)।

कैसे करें प्रयोग :

    • मसाज उंगलियों की मदद से क्लॉक वाइज की जानी चाहिए। इसकी शुरुआत बाईं तरफ से करें, फिर बीच में और अंत में पेट के दाईं ओर करें। बेहतर यही होगा कि मसाज घर के किसी सदस्य से करवाने की जगह किसी प्रशिक्षक से करवाएं।
  1. रिफ्लेक्सोलॉजी : यह एक प्रकार की वैल्पिक चिकित्सा पद्धति है। इसमें बिना तेल या क्रीम के शरीर के विभिन्न अंगों जैसे – उंगली या फिर अंगूठे आदि को दबाकर इलाज किया जाता है। प्रभावित जगह पर दबाव डालने से आराम मिलता है (15)।

कैसे करें प्रयोग :

    • इसके लिए आप विशेषज्ञ की मदद लें, तो ज्यादा बेहतर रहेगा।
  1. एक्यूप्रेशर : यह भी वैकल्पिक चिकित्सा प्रणाली है। इसमें भी शरीर के विभिन्न अंगों पर दबाव डालकर इलाज किया जाता है। इससे कब्ज का इलाज भी संभव है।

कैसे करें प्रयोग :

    • इसे भी किसी विशेषज्ञ से करवाया जाए, तो अच्छा होगा।
  1. फाइबर : फाइबर युक्त खाद्य पदार्थ खाने से पाचन तंत्र बेहतर तरीके से काम करता है। इसके अलावा, फाइबर में विटामिन्स और एंटीऑक्सीडेंट गुण भी होते हैं, जो स्वस्थ गर्भावस्था के लिए जरूरी हैं (16)।

कैसे करें प्रयोग :

    • बीन्स, सूखे मेवे, अनाज, नट्स, फल व सब्जियां फाइबर के अच्छे स्रोत हैं।
  1. अच्छा फैट : संतुलित मात्रा में अच्छे फैट का सेवन करने से मल त्यागने की प्रक्रिया बेहतर होती है।

कैसे करें प्रयोग :

    • आप एवोकाडो जैसे फैट युक्त फलों का सेवन नियमित रूप से कर सकते हैं।
  1. योगर्ट : इसे प्रोबायोटिक्स का अच्छा स्रोत माना गया है। यह भोजन को हजम करने में मदद करता है (17)।

कैसे करें प्रयोग :

    • आप प्रतिदिन एक कटोरी योगर्ट खा सकते हैं।
  1. सेब का सिरका : इसमें पेक्टिन व एसिटिक एसिड होता है, जो पाचन तंत्र को बेहतर कर सकता है (18)।

कैसे करें प्रयोग :

    • एक गिलास गर्म पानी में एक चम्मच सेब के सिरके को मिक्स करें।
    • आप स्वाद के लिए इसमें शहद भी मिला सकते हैं।
    • इस मिश्रण को सुबह और रात के समय पिया जा सकता है।
  1. सेंधा नमक : इसे मैग्नीशियम सल्फेट भी कहा जाता है। इसके प्रयोग से नसों में आए खिंचाव को कम किया जा सकता है। साथ ही इसमें लैक्सेटिव गुण भी होता है, जिससे कब्ज की समस्या से राहत मिल सकती है (19)।

कैसे करें प्रयोग :

    • आप पानी से भरे बाथटब में एक कप सेंधा नमक मिला दें।
    • अब इसमें कुछ देर के लिए बैठ जाएं। ध्यान रहे कि यह पानी आपके मुंह में न जाए।

आगे उन दवाओं की बात हो रही हैं, जिन्हें कब्ज होने पर गर्भवती महिला ले सकती है।

गर्भावस्था के दौरान कब्ज का इलाज कैसे करें? | Pregnancy Main Qabz Ka Ilaj

कब्ज की समस्या गंभीर होने पर कुछ दवा लेना बेहतर हो सकता है, लेकिन ध्यान रहे कि डॉक्टर की सलाह के बिना इन दवाओं का सेवन न करें (20)।

  • स्टूल सॉफ्टनर : यह मल को पतला करने वाली दवा होती है। यह दवा किसी भी मेडिकल स्टोर से मिल जाएगी। यह दवा गोली या फिर तरल रूप में आती है। कब्ज की समस्या होने पर डॉक्टर आपको यह दवा लेने के लिए कह सकते हैं।
  • ल्यूब्रिकेंट लैक्सेटिव : इससे मल पतला होता है और आंताें की दीवारों पर चिकनाहट आती है, जिससे मल बाहर आसानी से निकल जाता है। ग्लिसरीन सपोसिटरी एक प्रकार का ल्यूब्रिकेंट लैक्सेटिव है। इसका सेवन करने से पहले डॉक्टर से परामर्श जरूर कर लें।
  • आसमाटिक लैक्सेटिव : यह दवा आंतों में पानी को अधिक मात्रा में खींचती है, जिससे मल पतला हो जाता है और पेट आसानी से साफ हो जाता है। ध्यान रहे कि इस तरह के लैक्सेटिव से पेट में ऐंठन हो सकती है व गैस बन सकती है।

आइए, अब यह भी जान लेते हैं कि कब्ज से बचने के लिए क्या खाना चाहिए।

गर्भावस्था में कब्ज की रोकथाम के लिए आहार

गर्भावस्था में कब्ज होने पर आप इन खाद्य पदार्थों का सेवन कर सकते हैं (21) :

फाइबर युक्त खाद्य पदार्थऔसतन मात्राडाइटरी फाइबर (ग्राम)कैसे करें शामिल
बादाम 28.3 ग्राम 3.3
  • आप एक मुट्ठीभर बादाम खा सकते हैं।
  • आप इसे सलाद या फिर सूप में भी मिक्स कर सकते हैं।
चोकर युक्त अनाज आधा कप 8
  • इसे दही में मिलाकर खाया जा सकता है।
बीन्स आधा कप 8.2 (राजमा की फलियां)
6-7 (छोले या दाल की फलियां)
  • आप इसे भिगोने के बाद भून कर खा सकती हैं या फिर सूप और सलाद में मिक्स कर सकती हैं।
ब्रोकली आधा कप 2.8
  • आप इसकी सब्जी बना सकती हैं।
  • इसे सूप या फिर सलाद के तौर पर भी खाया जा सकता है।
आलूबुखारा एक 3
  • आप इसे ऐसे ही खा सकती हैं या फिर इसका जूस भी पी सकती हैं।
कद्दू आधा कप 3.6
  • आप इसकी सब्जी बना सकती हैं।
  • इसका सूप पी सकती हैं।
  • मीट में मिलाकर खा सकती हैं।
नाशपाती एक 4.3
  • आप इसे ऐसे ही खा सकती हैं या फिर इसका जूस पी सकती हैं।
ब्लैकबेरी आधा कप 3.8
  • इसे मुट्ठीभर खाया जा सकता है।
  • इसकी स्मूदी बनाकर सेवन किया जा सकता है।
  • इसे सलाद में भी मिक्स कर सकते हैं।
उबले आलू एक मध्यम आकार का 3.8
  • इसे सब्जी में मिलाकर खा सकते हैं।
केला एक मध्यम आकार का 3.1
  • आप इसे ऐसे ही खाएं या फिर सलाद में मिक्स करके खाएं।
  • इसकी स्मूदी भी बना सकती हैं।
संतरा एक मध्यम आकार का 3.1
  • इसे ऐसे ही खाएं या फिर फलों के सलाद में मिक्स करके खाएं।
  • आप इसका जूस भी पी सकती हैं।

गर्भावस्था में कब्ज दूर करने के लिए क्या व्यायाम करें?

गर्भावस्था के दौरान कब्ज से बचने के लिए आप ये व्यायाम कर सकते हैं (22) :

  • घूमना या पैदल चलना

Walking

Image: Shutterstock

प्रेगनेंसी के समय पैदल चलना अच्छा होता है। आप रोजाना 20 से 30 मिनट पैदल चल सकती हैं। इससे कब्ज से राहत मिलेगी और आप तरोताजा महसूस करेंगी।

  • प्राणायाम

Pranayama

Image: Shutterstock

कब्ज के दौरान योग करने से कब्ज की समस्या से निजात पाई जा सकती है। प्राणायाम कब्ज के दौरान काफी मददगार हो सकता है। नीचे प्राणायाम करने का तरीका बताया जा रहा है :

  • योग मैट पर सुखासन में बैठ जाएं।
  • अपने हाथों को घुटनों पर रखें।
  • अब आंखें बंद करके लंबी गहरी सांस लें और उसे धीरे-धीरे छोड़ें।
  • इस दौरान पूरा ध्यान अपनी सांसों पर रखें।
  • आप इसे 10-15 मिनट कर सकते हैं।
  • तैराकी

Swimming

Image: Shutterstock

प्रेगनेंसी में तैराकी करना मां और बच्चे दोनों की सेहत के लिए अच्छा होता है। तैराकी करने से नॉर्मल डिलीवरी होने की संभावना बढ़ सकती है। आप किसी प्रशिक्षक की देखरेख में ही तैराकी करें। अगर आपको तैराकी नहीं आती है, तो इसे न करें।

  • एरोबिक्स

Aerobics

Image: Shutterstock

एरोबिक एक्सरसाइज करने से हृदय के साथ फेफड़े भी मजबूत होते हैं। साथ ही मांसपेशियों भी ठीक रहती हैं। इसके अलावा, कब्ज जैसी समस्या से भी छुटकारा मिलता है। ध्यान रहे कि इसे विशेषज्ञ की देखरेख में ही करें। इसे अपने से करने का प्रयास न करें।

क्या गर्भावस्था में कब्ज होना शिशु के लिए हानिकारक हो सकता है?

हालांकि, कब्ज से गर्भ में पल रहे शिशु को तो कोई नुकसान नहीं होता, लेकिन महिला को बवासीर व मल के साथ खून आने की समस्या हो सकती है।

आइए, अब इस समस्या से संबंधित कुछ पाठकों के सवाल पर चर्चा करते हैं

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

क्या कब्ज शुरुआती गर्भावस्था का संकेत है?

नहीं, कब्ज की समस्या किसी को भी और कभी भी हो सकती है। पाचन प्रक्रिया के कमजोर होने और आंतों के ठीक प्रकार से काम न करने के कारण कब्ज होता है। इसका गर्भावस्था से कोई संबंध नहीं है।

क्या गर्भावस्था में लैक्सेटिव (पेट साफ करने की दवा) लेना सुरक्षित है?

आपको लैक्सेटिव लेना है या नहीं, यह पूरी तरह से आपके स्वास्थ्य पर निर्भर करता है। साथ ही इस संबंध में आपको डॉक्टर ही बेहतर बता सकते हैं।

यह तो स्पष्ट है कि गर्भावस्था में कब्ज कोई गंभीर रोग नहीं है, लेकिन इसका अधिक समय तक रहना दूसरी समस्याओं का कारण जरूर बन सकता है। इसलिए, आप जितना हो सके स्वस्थ रहें और डॉक्टर के कहे अनुसार उचित खाद्य पदार्थों का सेवन करें। अगर फिर भी कब्ज होती है, तो इस लेख में बताए गए घरेलू उपायों का इस्तेमाल कर सकते हैं। साथ ही नियमित रूप से हल्के-फुल्के व्यायाम भी करें। हम आपकी स्वस्थ गर्भावस्था की कामना करते हैं।

References:

MomJunction's articles are written after analyzing the research works of expert authors and institutions. Our references consist of resources established by authorities in their respective fields. You can learn more about the authenticity of the information we present in our editorial policy.

Was this article helpful?

thumbsupthumbsdown

The following two tabs change content below.

    प्रेगनेंसी में पॉटी नहीं आए तो क्या करना चाहिए?

    1) गर्भावस्था में कब्ज दूर करने के उपाय फल- जैसे संतरा, केला, सेब; सलाद की सब्ज़ियां जैसे - गाजर, मूली, पत्ता- गोभी, आलू; और दलिया, इन सभी खानों में फाइबर की मात्रा अधिक होती है जो भोजन को अच्छी तरह से पचा कर मलत्याग में सहायता करता है। गर्भवती महिला को नियमित रूप से पानी पीना चाहिए।

    प्रेगनेंसी में पॉटी क्यों नहीं आती है?

    गर्भावस्‍था के दौरान प्रोजेस्‍टेरोन हार्मोन बढ़ने के कारण शरीर की मांसपेशियां रिलैक्‍स हो जाती हैं जिसमें आंतें भी शामिल हैं। आंतों के धीमा पड़ जाने पर पाचन भी धीरे काम करने लगता है जिससे कब्‍ज की समस्‍या पैदा होती है। प्रेग्‍नेंसी में कब्‍ज होना आम बात है।

    5 मिनट में पेट साफ कैसे करें?

    अगर आप “5 मिनट में पेट साफ कैसे करें?” – इस सवाल से जूझ रहे हैं, तो अपनी दिनचर्या में फाइबर का सेवन बढ़ाना, सपोसिटरी का उपयोग करना या मल सॉफ़्नर लेना शामिल हो सकते हैं। स्क्वाट पोजीशन आज़माने, हल्का व्यायाम करने या कोलोनिक मसाज करने से भी मदद मिल सकती है।

    प्रेगनेंसी में कब्ज की समस्या कब होती है?

    गर्भावस्था में कब्ज होना एक आम समस्या है और यह पहली तिमाही से ही शुरु हो सकती है।