आधुनिक युग में संदेश कैसे कैसे भेजे जा सकते हैं? - aadhunik yug mein sandesh kaise kaise bheje ja sakate hain?

इंस्टेंट मेसेजिंग (आईएम) (त्वरित संदेश) साझा सॉफ्टवेयर ग्राहक के साथ-साथ वैयक्तिक (पर्सनल) कंप्यूटर या अन्य उपकरणों का प्रयोग करने वाले दो या अधिक लोगों के बीच समयोचित प्रत्यक्ष पाठ्य-आधारित संचार का एक रूप है। प्रयोक्ता के पाठ्य को एक नेटवर्क जैसे कि इंटरहनेट के माध्यम से भेजा जाता है। अधिक उन्नत त्वरित संदेश प्रेषण (इंस्टेंट मेसेजिंग) सॉफ्टवेयर ग्राहक संचार की परिष्कृत विधियों जैसे कि वॉयस या वीडियो कॉलिंग का उपयोग करने की अनुमति प्रदान करते हैं।

'आईएम (त्वरित संदेश) व्यापक शब्द ऑनलाइन चैट के अंतर्गत आता है, क्योंकि यह एक समयोचित पाठ्य-आधारित नेटवर्क से जुडी हुई संचार व्यवस्था है, लेकिन यह इस अर्थ में भिन्न है कि यह उन ग्राहकों पर आधारित है जो निर्दिष्ट रूप से ज्ञात प्रयोक्ताओं (अक्सर "बन्धु सूची", "मित्र सूची" या "संपर्क सूची" का इस्तेमाल करने वालों) के बीच संयोजनों को सहज बनाते हैं, जबकि ऑनलाइन चैट ' में वेब आधारित अनुप्रयोग भी शामिल होते हैं जो विविध-प्रयोक्ता परिवेश में (अक्सर गुमनाम) प्रयोक्ताओं के बीच संचार की अनुमति प्रदान करते हैं।

इंस्टेंट मेसेजिंग (त्वरित संदेश) (IM) दो या अधिक प्रतिभागियों के बीच इंटरनेट या अन्य प्रकार के नेटवर्क पर समयोचित पाठ्य-आधारित संचार के लिए प्रयोग की जाने वाली प्रौद्योगिकियों का संग्रह है। इसका महत्व यह है कि ऑनलाइन चैट और इंस्टेंट मेसेजिंग (त्वरित संदेश भेजना) अन्य प्रौद्योगिकियों जैसे कि ई-मेल से प्रयोक्ताओं के समयोचित वार्तालाप चैट द्वारा संचारों की अनुभूत समक्रमिकता के कारण भिन्न होता है। कुछ प्रणालियां संदेशों को समय विशेष में ’लॉग ऑन’ नहीं रहने वाले लोगों को संदेश भेजने (ऑफ़लाइन संदेश) की अनुमति प्रदान करते हैं, इस प्रकार वे आईएम एवं ई-मेल के बीच के कुछ अंतरों को दूर करते हैं (अक्सर इसे संबंधित ई-मेल खाते में भेज कर किया जाता है).

आईएम (त्वरित संदेश) प्रभावी और कुशल संचार की अनुमति प्रदान करता है, इस प्रकार स्वीकृति या उत्तर की तत्काल प्राप्ति की इजाजत देता है। कई मामलों में त्वरित संदेश भेजने (इंस्टेंट मेसेजिंग) में अतिरिक्त विशेषताएं शामिल होती हैं जो इसे अधिक लोकप्रिय बना सकती हैं। उदाहरण के लिए, प्रयोक्ता वेब कैमरे का उपयोग कर एक दूसरे को देख सकते हैं, या एक माइक्रोफोन एवं हेडफोनों या लाउडस्पीकरों का उपयोग कर इंटरनेट पर नि:शुल्क बातचीत भी कर सकते हैं। कई उपभोक्ता कार्यक्रम (क्लाइंट प्रोग्राम) फ़ाइल के हस्तांतरण की भी अनुमति प्रदान करते हैं, यद्यपि आम तौर पर वे विशिष्ट रूप से स्वीकार्य आकार की फ़ाइलों में ही सीमित रहते हैं।

आमतौर पर एक पाठ्य संवाद को बाद के संदर्भ के लिए विशिष्ट रूप से सहेज कर रखना संभव है। त्वरित संदेश (इंस्टेंट मेसेज) अक्सर एक स्थानीय मेसेज हिस्ट्री (संदेश के पूर्ववृत्तों) में जमा रहते हैं और इस प्रकार इसे निरंतर प्रकृति वाले ई-मेलों के जैसा बना देते हैं।

पहले के त्वरित सन्देश अनुप्रयोगों में प्रत्येक वर्ण लिखा जाने के बाद दिखाई देता था। 1980 और 1990 के दशक में इस स्क्रीनशॉट में प्रदर्शित यूनिक्स "टॉक" कमांड लोकप्रिय था।

इंस्टेंट मेसेजिंग (त्वरित संदेश प्रेषण) इंटरनेट का पूर्ववर्ती है, जो सबसे पहले 1960 के दशक में बहु-प्रयोक्ता ऑपरेटिंग प्रणाली जैसे कि सीटीएसएस (CTSS) एवं मल्टिक्स[1] में उपस्थित हुआ। प्रारंभ में, इनमें से कुछ प्रणालियों का प्रयोग मुद्रण जैसी सेवाओं के लिए अधिसूचना प्रणाली के रूप में हुआ, लेकिन शीघ्र ही इनका प्रयोग एक ही मशीन (कम्प्यूटर) में लॉग्ड इन (सत्रारंभ करने वाले) अन्य प्रयोक्ताओं के साथ संचार सहज करने के लिए किया गया।[कृपया उद्धरण जोड़ें]जैसे-जैसे नेटवर्कों का विकास हुआ, नेटवर्कों के साथ प्रॉटोकोलों का भी प्रसार हुआ। इन में से कुछ ने समानांतर प्रॉटोकोल (उदाहरण टॉक, एनटॉक, वाईटॉक) का प्रयोग किया, जबकि अन्य लोगों को सर्वर से जोड़ने के लिए मित्र समूह की जरूरत थी (टॉकर एवं आईआरसी (IRC) देखें). बुलेटिन बोर्ड प्रणाली (BBS)(बीबीएस) की घटना के दौरान जो 1980 के दशक के दौरान शिखर पर पहुंची, कुछ प्रणालियों ने वार्तालाप (चैट) संबंधी उन विशेषताओं को शामिल किया जो इंस्टेंट मेसेजिंग (त्वरित संदेश भेजने) के समान ही थी; फ्रीलांसिंग राउंडटेबल इसका एक प्रमुख उदाहरण था।

1980 के दशक के उत्तरार्द्ध में और 1990 के दशक के आरंभ में, कमोडोर 64 कम्प्यूटर्स के लिए क्वांटम लिंक ऑनलाइन सेवा ने वर्तमान में जुड़े हुए ग्राहकों को प्रयोक्ता से उपयोगकर्ता तक संदेश भेजने की सुविधा प्रदान की जिसे उन्होंने "ऑनलाइन संदेश" (या संक्षेप में (OLM) ओएलएम) और बाद में "फ्लैशमेल" कहा. (बाद में क्वांटम लिंक अमेरिका ऑनलाइन बना एवं एओएल (AOL) इंस्टेंट मेसेंजर (एआईएम)(AIM) तैयार किया, जिसकी चर्चा बाद में की गई है). जब क्वांटम लिंक सेवा केवल कमोडोर के पीईटीएससीII (PETSCII) पाठ्य-ग्राफिक्स का उपयोग करते हुए कमोडोर 64 पर काम करती थी, तब स्क्रीन को दृष्टिगत रूप से खंडों में विभाजित किया गया था एवं ओएलएल (OLMs) "से संदेश" व्यक्त करने वाले पीले रंग की पट्टी (बार) के रूप में दिखाई देता था: "और प्रयोक्ता द्वारा पहले से ही किये जा रहे कार्य के शीर्ष पर संदेश के साथ प्रेषक का नाम दिखाई देता था और यह उत्तर देने के विकल्पों की एक सूची भी प्रस्तुत करता था।[2] इस कारण से, इसे एक प्रकार का जीयूआई (GUI)(ग्राफ़िकल यूज़र इंटरफ़ेस) माना जा सकता था, हालांकि यह परवर्ती प्रोग्रामों (क्रमादेशों) यूनिक्स, विंडोज एवं मेकिनटोश आधारित जीयूआई आईएम प्रोग्रामों (क्रमादेशों) की अपेक्षा अधिक प्राचीन था। ओएलएम (OLMs) वही थे जिन्हें क्यू-लिंक "प्लस सेवाएं" कहती थी जिसका अर्थ है कि उन्होंने मासिक क्यू-लिंक ऐक्सेस (अभिगम) की लागत के ऊपर अतिरिक्त प्रति मिनट शुल्क लगाया था।

आधुनिक, इंटरनेट के माध्यम से, आज जीयूआई-आधारित संदेश भेजने वाले के रूप में ज्ञात ग्राहकों ने 1990 के मध्य दशक में पाऊवाऊ, (PowWow) आईसीक्यू (ICQ) एवं एओएल (AOL) ने त्वरित सन्देश प्रेषक (इंस्टेंट मेसेंजर) के साथ कार्य आरंभ किया। 1992 में सीयू-सी मी (CU-SeeMe) ने इसी तरह की कार्यक्षमता प्रस्तुत की; हालांकि यह मुख्य रूप से एक ऑडियो/वीडियो वार्तालाप कड़ी (चैट लिंक) थी, प्रयोक्ता टाइप कर एक-दूसरे को संदेश भेज सकते थे। बाद में एओएल (AOL) ने आईसीक्यू (ICQ) के निर्माता मिराबिलिस का अधिग्रहण किया; कुछ वर्षों बाद आईसीक्यू (ICQ) (अब एओएल के स्वामित्व में) को संयुक्त राज्य अमेरिका के पेटेंट कार्यालय द्वारा त्वरित संदेश भेजने (इंस्टेंट मेसेजिंग) के लिए दो पेटेंट प्रदान किये गये। इस बीच, अन्य कंपनियों ने अपने स्वयं के अनुप्रयोगों (एक्ससाईट, एमएसएन, यूबिक एवं याहू) को विकसित किया, जिसमें से प्रत्येक का स्वामित्व संबंधी अपना प्रॉटोकोल एवं ग्राहक था; यदि प्रयोक्ता इन एक से अधिक नेटवर्कों का उपयोग करना चाहते थे तो उन्हें बहु ग्राहक वाले प्रोग्राम को चलाना पड़ता था। 1998 में आईबीएम (IBM) ने आईबीएम लोटस सेमटाईम जारी किया जो, जो आईबीएम (IBM) द्वारा हाईफा-आधारित यूबिक एवं लेक्सिंग्टन-आधारित डाटाबीम को खरीदने के बाद प्राप्त प्रौद्योगिकी पर आधारित एक उत्पाद था।

2000 में, जैब्बर नामक एक खुले स्रोत वाले प्रोग्राम (अनुप्रयोग) एवं खुले मानक -आधारित प्रॉटोकोल को शुरू किया गया। प्रॉटोकोल को "एक्सटेंसिबल मेसेजिंग एंड प्रेजेन्स प्रॉटोकोल" (XMPP) के नाम के अंतर्गत मानकीकृत किया गया। एक्सएमपीपी (XMPP) सर्वर अन्य आईएम प्रॉटोकॉल के लिए गेटवे (प्रवेश द्वार) के रूप में कार्य कर सकते थे, जिससे एकाधिक ग्राहकों (क्लाइंट्स) को चलाने की जरूरत कम की जा सकती थी। बहु प्रॉटोकॉल वाले ग्राहक प्रत्येक प्रॉटोकॉल के लिए अतिरिक्त स्थानीय लाइब्रेरीज का उपयोग कर किसी भी लोकप्रिय आईएम प्रॉटोकॉल का उपयोग कर सकते हैं। आईबीएम लोटस सेमटाइम के नवंबर 2007 के संस्करण ने इसमें एक्सएमपीपी (XMPP) के लिए आईबीएम लोटस सेमटाइम'स गेटवे सहायता को शामिल कर लिया।

वर्तमान युग में, सामाजिक नेटवर्किंग प्रदाता अक्सर आईएम क्षमताएं भी प्रदान करते हैं।

त्वरित संदेश प्रेषण (इंस्टेंट मेसेजिंग) की कई सेवाएं वीडियो कॉलिंग की सुविधा, वॉयस ओवर आईपी (वीओआईपी) (VoIP) एवं वेब कॉन्फ्रेंसिंग की सेवाएं प्रदान करते हैं। वेब कॉन्फ्रेंसिंग सेवाएं वीडियो कॉलिंग एवं त्वरित संदेश प्रेषण (इंस्टेंट मेसेजिंग) की क्षमता दोनों को शामिल कर सकते हैं। कुछ त्वरित संदेश प्रेषक (इंस्टेंट मेसेजिंग) कंपनियां डेस्कटॉप शेयरिंग, आईपी रेडियो (IP radio) एवं आईपीटीवी (IPTV) से लेकर वॉयस एवं वीडियो सुविधाएं भी प्रदान कर रही हैं।

"इन्स्टैंट मैसेन्जर" शब्द टाईम वार्नर[3] का सेवा चिह्न है एवं संयुक्त राज्य अमेरिका में एओएल के साथ असंबद्ध सॉफ्टवेयर में इसका प्रयोग इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है। इस कारण से, इंस्टेंट मेसेजिंग ग्राहक जिन्हें पहले गेम (Gaim) या गिम (gaim) के रूप में जाना जाता था, ने अप्रैल 2007 में घोषणा की कि उन्हें नया नाम "पिडगिन" ("Pidgin")[4] दिया जाएगा.

प्रत्येक आधुनिक त्वरित सन्देश (IM) सेवा आम तौर पर अपने ग्राहक को या तो अलग से स्थापित सॉफ्टवेयर या ब्राउज़र-आधारित ग्राहक (क्लाइंट) प्रदान करती है। ये सब विशेष रूप से उस कंपनी की सेवा के साथ कार्य करते हैं, हालांकि कुछ अन्य सेवाओं के साथ सीमित कार्य की अनुमति भी प्रदान करते हैं। तीसरे पक्ष के ग्राहक (क्लाइंट) सॉफ्टवेयर प्रोग्राम भी हैं जो अधिकांश प्रमुख त्वरित सन्देश (IM) सेवाओं के साथ संयोजित हो जाएंगे. एडियम (Adium), डिग्स्बी (Digsby), मीबो (Meebo), मिरांडा आईएम, पिडगिन (Pidgin), क्यूनेक्स्ट (Qnext), सैपो मेसेंजर (SAPO) एवं ट्रिलियन (Trillian) उनमें से कुछ आम नाम हैं।

लिनक्स में पिजिन के टैब्ड चैट विंडो

मानक नि:शुल्क त्वरित संदेश प्रेषण (इंस्टेंट मेसेजिंग) कार्यक्रम फाइल (संचिका) अंतरण, संपर्क सूचियों, एक साथ बातचीत की क्षमता आदि जैसे उपयोग प्रदान करता है। ये वे सभी कार्य हैं जिनकी जरुरत एक छोटे व्यवसाय को होती है लेकिन बड़े संगठनों को और अधिक परिष्कृत प्रोग्रामों (अनुप्रयोगों) की जरुरत होगी जो एक-साथ कार्य कर सकें. इसके लिए सक्षम अनुप्रयोगों का पता लगाने का उपाय त्वरित संदेश प्रेषण (इंस्टेंट मेसेजिंग) अनुप्रयोगों के इंटरप्राइज संस्करण का उपयोग करना है। इसमें एक्सएमपीपी (XMPP), लोटस सेमटाइम, माइक्रोसॉफ्ट ऑफिस कम्यूनिकेटर आदि जैसे शीर्षक शामिल हैं जो अक्सर अन्य इंटरप्राइज अनुप्रयोगों जैसे कि कार्यप्रवाह प्रणालियों के साथ एकीकृत होते हैं। ये इंटरप्राइज अनुप्रयोग या इंटरप्राइज अनुप्रयोग एकीकरण (ईएआई) कुछ सीमाओं अर्थात् एक आम प्रारूप में आंकड़ा संचय करने तक के लिए निर्मित होते हैं।

त्वरित संदेश प्रेषण (इंस्टेंट मेसेजिंग) के लिए एक एकीकृत मानक तैयार करने के कई प्रयास किये जा चुके हैं: आईटीएफ का एसआईपी (IETF's SIP) (सेशन इनिसियेशन प्रॉटोकोल) एवं एसआईएमपीएलई (SIMPLE) (एसआईपी (SIP) फॉर इंस्टेंट मेसेजिंग एंड प्रेजेंस लेवरेजिंग एक्सटेंशन्स), एपेक्स (APEX) (ऐप्लीकेशन एक्सचेंज), प्रिम (प्रेजेंस एंड इंस्टेंट मेसेजिंग प्रॉटोकोल), खुले एक्सएमएल (XML) आधारित एक्सएमपीपी (XMPP) (एक्सटेंसिबल मेसेजिंग एंड प्रेजेंस प्रॉटोकोल) एवं ओएमए (OMA's) (ओपेन मोबाइल अलायंस) के आईएमपीएस (IMPS) (इंस्टेंट मेसेजिंग एंड प्रेसेन्स सर्विस) जिसे विशेष रूप से मोबाइल उपकरणों के लिए तैयार किया गया है।

प्रमुख आईएम प्रदाताओं (एओएल, याहू एवं माक्रोसॉफ्ट) के लिए एक एकीकृत मानक निर्मित करने के लिए किये गए अधिकांश प्रयास विफल हो चुके हैं और प्रत्येक अपने स्वयं के स्वामित्व वाले प्रॉटोकोल का उपयोग करता रहा है।

तथापि, जब आईईटीएफ (IETF) पर चर्चा बंद हो गई, रायटर्स ने सितंबर 2003 में प्रथम अंतर - सेवा प्रदाता संयोजनीयता (कनेक्टिविटी) समझौता पर हस्ताक्षर किये। इस समझौते ने एआईएम (AIM), आईसीक्यू (ICQ) और एमएसएन (MSN) मैसेन्जर के उपयोगकर्ताओं को रायटर मेसेजिंग के अपने समक्ष उपयोगकर्ताओं एवं इसके विपरीत उपयोगकर्ताओं के साथ बातचीत करने में सक्षम बना दिया। इसके बाद, माइक्रोसॉफ्ट, याहू और एओएल (AOL) में एक समझौता हुआ, जिसमें माइक्रोसॉफ्ट के लाइव संचार सर्वर 2005 के उपयोगकर्ताओं के लिए भी सार्वजनिक त्वरित संदेश प्रेषण (इंस्टेंट मेसेजिंग) उपयोगकर्ताओं के साथ बातचीत करने की संभावना होती. इस सौदे ने एसआईपी/एसआइएमपीएलई (SIP/SIMPLE) को प्रॉटोकोल की अन्तरसंक्रियता के एक मानक के रूप में स्थापित किया एवं सार्वजनिकत्वरित संदेश प्रेषण (इंस्टेंट मेसेजिंग) समूह का उपयोग करने के लिए एक संयोजनीयता (कनेक्टिविटी) शुल्क की स्थापना की। 13 अक्टूबर 2005 को, माइक्रोसॉफ्ट और याहू ने अलग से घोषणा की कि 2006 की तीसरी तिमाही तक वे एसआईपी/एसआइएमपीएलई (SIP/SIMPLE) का उपयोग करते हुए अन्तरसंक्रिय रूप से कार्य करेंगे जिसके बाद दिसंबर 2005 में एओएल (AOL) और गूगल के बीच नीतिगत भागीदारी के लिए सौदा हुआ जहां गूगल टॉक के उपयोगकर्ता एआईएम (AIM) और आईसीक्यू (ICQ) के उपयोगकर्ताओं के साथ बातचीत करने में सक्षम होंगे बशर्ते कि उनका एक एआईएम (AIM) खाता हो।

कई भिन्न प्रॉटोकोलों को संयोजित करने के दो तरीके हैं:

  1. एक तरीका कई भिन्न प्रॉटोकोलों को आईएम (IM) ग्राहक अनुप्रयोग के भीतर संयोजित करना है।
  2. दूसरा तरीका है कई भिन्न प्रॉटोकोलों को आईएम (IM) सर्वर अनुप्रयोग के भीतर संयोजित करना। यह दृष्टिकोण अन्य सेवाओं के साथ संवाद करने के कार्य को सर्वर के पास भेज देता है। ग्राहकों को आईएम प्रॉटोकोलों के बारे में जानने या ध्यान रखने की कोई जरूरत नहीं होती. उदाहरण के लिए, एलसीएस (LCS) 2005 सार्वजनिक आईएम (IM) संयोजनीयता. यह दृष्टिकोण एक्सएमपीपी (XMPP) सर्वरों में लोकप्रिय है; हालांकि, तथाकथित परिवहन परियोजना बंद प्रॉटोकोलों या प्रारूपों वाले किसी अन्य परियोजना के समान ही विपरीत अभियांत्रिकरण की कठिनाईयों को झेलती है।

कुछ पद्धतियां संगठनों को सर्वर तक सीमित पहुंच स्थापित करने में सक्षम कर (अक्सर अपने फायरवाल के पूर्ण रूप से पीछे स्थित आईएम नेटवर्क के साथ) अपने स्वयं के निजी त्वरित संदेश प्रेषक (इंस्टेंट मेसेजिंग) नेटवर्क बनाने की अनुमति एवं प्रयोक्ता की अनुमति प्रदान करते हैं। अन्य कॉर्पोरेट संदेश प्रणालियां एक सुरक्षित फायरवाल के अनुकूल एचटीटीपीएस (HTTPS)-आधारित प्रॉटोकोल का उपयोग कर पंजीकृत प्रयोक्ताओं को संस्था के लैन के बाहर से भी संबंध स्थापित करने की अनुमति प्रदान करती हैं। आमतौर पर, एक समर्पित कॉर्पोरेट आईएम सर्वर के कई लाभ होते हैं जैसे कि पहले से भरी हुई संपर्क सूची, समेकित प्रमाणीकरण और बेहतर सुरक्षा एवं गोपनीयता.

कुछ नेटवर्कों ने ऐसे बहु-नेटवर्क वाले आईएम ग्राहकों द्वारा उनका उपयोग रोकने के लिए परिवर्तन किये हैं। उदाहरण के लिए, ट्रिलियन को अपने प्रयोक्ताओं को एमएसएन (MSN), एओएल (AOL) और याहू नेटवर्कों तक पहुंच स्थापित करने के लिए इन नेटवर्कों में किये गए परिवर्तनों के बाद कई संशोधनों एवं पैचों का इस्तेमाल करना पड़ा. प्रमुख आईएम प्रदाता आमतौर पर ये परिवर्तन लाने के लिए औपचारिक समझौते की जरूरत के साथ-साथ सुरक्षा संबंधी चिंताओं का कारणों का हवाला देते हैं।

स्वामित्व संबंधी प्रोटोकॉल के उपयोग का तात्पर्य यह रहा है कि कई त्वरित संदेश प्रेषण (इंस्टेंट मेसेजिंग नेटवर्क असंगत रहे हैं और लोग अन्य नेटवर्कों पर मित्रों से संपर्क स्थापित करने में असमर्थ रहे हैं। यह त्वरित संदेश प्रेषण (इंस्टेंट मेसेजिंग) प्रारूप को बहुत महंगा पड़ा है।[5]

मोबाइल इंस्टेंट मेसेजिंग[संपादित करें]

मोबाइल त्वरित संदेश प्रेषण (मोबाइल इंस्टेंट मेसेजिंग)(एमआईएम)(MIM) एक प्रौद्योगिकी है जो मानक मोबाइल फोंनों से लेकर स्मार्टफोन (उदाहरण: जो उपकरण आईओएस, ब्लैकबेरी ओएस, सिम्बियन ओएस, एंड्रॉयड ओएस, विन्डोज मोबाइल और अन्य ऑपरेटिंग प्रणाली का इस्तेमाल करते हैं) तक जैसे किसी सुवाह्य उपकरण से त्वरित संदेश प्रेषण (इंस्टेंट मेसेजिंग) सेवा को ऐक्सेस करने की ति प्रदान करता है। यह दो तरह से किया जाता है:

  • अंतःस्थापित ग्राहक - प्रत्येक विशेष्ट उपकरण के लिए ग्राहक के अनुरूप आईएम तैयार कर
  • ग्राहक रहित प्लेटफार्म - एक ब्राउज़र आधारित अनुप्रयोग जिसके लिए हैंडसेट में किसी सॉफ्टवेयर को डाउनलोड करने की आवश्यकता नहीं होती है और जो किसी भी नेटवर्क के सभी उपयोगकर्ताओं और सभी उपकरणों को उनकी आईएम सेवा से आदर्श रूप में संपर्क स्थापित करने में सक्षम बनाता है। व्यवहार में, ब्राउज़र क्षमताएं समस्याएं पैदा कर सकती हैं।

जीमेल के वेबपेज में ही त्वरित संदेश भेजने की क्षमता है जिसका इस्तेमाल किसी वेब ब्राऊजर में आईएम ग्राहक डाउनलोड एवं स्थापित किये बिना किया जा सकता है। बाद में याहू और हॉटमेल ने भी इसे लागू किया। ईबडी (eBuddy) एवं मीबो (Meebo) वेबसाइटें विभिन्न आईएम सेवाओं का त्वरित संदेश प्रेषण (इंस्टेंट मेसेजिंग) प्रदान करती है। आम तौर पर ऐसी सेवाएं पाठ वार्तालाप (टेक्स्ट चैट) तक सीमित रहती हैं, हालांकि जीमेल में वॉयस एवं वीडियो की क्षमताएं भी हैं। अगस्त 2010 से, जीमेल अपने वेब-आधारित आईएम ग्राहक से नियमित फोन पर फोन करने की अनुमति प्रदान करता है।

मित्र से मित्र अंतर्जाल (नेटवर्क)[संपादित करें]

मित्र से मित्र अंतर्जाल (नेटवर्क) में त्वरित संदेश प्रेषण (इंस्टेंट मेसेजिंग) किया जा सकता है, जिसमें प्रत्येक नोड मित्र सूची के मित्रों को जोड़ता है। यह मित्रों को मित्र के साथ बातचीत करने एवं उस नेटवर्क पर सभी मित्रों के साथ त्वरित संदेशों के लिए वार्ताकक्ष (चैटरूम) का निर्माण करने की अनुमति प्रदान करता है।

त्वरित संदेश (आईएम) भाषा[संपादित करें]

इन्हें भी देखें: SMS language

कभी-कभी उपयोगकर्ता बातचीत को तेज करने या कुंजी को दबाने की संख्या को कम करने के लिये इंटरनेट की खास बोली या पाठ्य भाषा का उपयोग करते हैं। यह भाषा सार्वभौमिक बन गई है, जिसमें 'लोल' जैसे प्रसिद्ध कथनों का अनुवाद आमने-सामने की भाषा के रूप में किया जाता है।

भावनाओं को अक्सर आशुलिपि में व्यक्त किया जाता है, जैसे कि संक्षिप्त नाम एलओएल (LOL), बीआरबी (BRB) एवं टीटीवाईएल (TTYL) क्रमशः जोर से हंसना, शीघ्र ही लौटेंगे एवं आप से बाद में बात करेंगे).

हालांकि, कुछ लोग आईएम पर भावनात्मक अभिव्यक्ति को अधिक शुद्धता से व्यक्त करने की कोशिश करते हैं। सद्य प्रतिक्रियाएं जैसे कि (खुशी से हंसना) (chortle) (खर्राटा) (snort) (ठहाका)(guffaw) या (आंख घुमाना) (eye-roll) अधिक लोकप्रिय होते जा रहे हैं। इसके कुछ मानक हैं जिन्हें मुख्यधारा की बातचीत में शुरू किया जा रहा है जिसमें शामिल हैं '#' जो कथन में व्यंग्य को सूचित करता है और '*' जो वर्तनी की गलती एवं/या पिछले संदेश में व्याकरण में त्रुटि और इसके बाद उसके संशोधन को सूचित करता है।[6]

त्वरित संदेश प्रेषण (इंस्टेंट मेसेजिंग) वैयक्तिक कंप्यूटर, इ-मेल एवं वर्ल्ड वाइड वेब के समान ही साबित हुआ है क्योंकि व्यावसायिक संवाद माध्यम के रूप में इसके उपयोग का अभिग्रहण प्रमुख रूप से औपचारिक अधिदेश या कॉर्पोरेट सूचना प्रौद्योगिकी विभागों द्वारा प्रावाधानीकरण की अपेक्षा कार्यस्थल पर उपभोक्ता सॉफ्टवेयर का उपयोग करने वाले व्यक्तिगत कर्मचारियों से प्रेरित था। वर्त्तमान में करोड़ों उपभोक्ता आईएम (IM) खातों का इस्तेमाल कंपनियों और अन्य संगठनों के कर्मचारियों द्वारा व्यावसायिक उद्देश्य के लिए किया जा रहा है।

व्यवसायिक-स्तर वाले आईएम (त्वरित संदेश) की मांग एवं सुरक्षा तथा कानूनी अनुपालन के प्रतिक्रयास्वरूप 1998 में लोटस सॉफ्टवेयर के आईबीएम लोटस सेमटाइम शुरू करने के समय "इन्टरप्राइज इंस्टेंट मेसेजिंग ("ईआईएम") ("EIM") नामक एक नए प्रकार के त्वरित संदेश प्रेषण (इंस्टेंट मेसेजिंग) का निर्माण किया गया। इसके शीघ्र बाद ही माइक्रोसॉफ्ट ने इसका उत्तर माइक्रोसॉफ्ट एक्सचेंज त्वरित संदेश प्रेषण (इंस्टेंट मेसेजिंग) के रूप में दिया, बाद में, इसने माइक्रोसॉफ्ट ऑफिस लाइव कम्युनिकेशन सर्वर तैयार किया, एवं अक्टूबर, 2007 में ऑफिस कम्युनिकेशन सर्वर जारी किया। हाल ही में ओरेकल कार्पोरेशन भी अपने ओरेकल बिहाईव यूनिफाइड कोलैबरेशन सॉफ्टवेयर के साथ बाजार में उतर चुकी है।[7] आईबीएम लोटस और माइक्रोसॉफ्ट दोनों ने अपने ईआईएम (EIM) प्रणालियों एवं कुछ सार्वजनिक आईएम (IM) नेटवर्कों के बीच संघ की शुरूआत की है जिससे कर्मचारी अपनी आंतरिक ईआईएम (EIM) प्रणाली एवं एओएल (AOL), एमएसएन (MSN) तथा याहू (Yahoo) पर अपने संपर्कों, दोनों में एक अंतरफलक का इस्तेमाल कर सकें. वर्तमान प्रमुख ईआईएम (EIM) प्लेटफार्मों में आईबीएम लोटस सेमटाइम, माइक्रोसॉफ्ट ऑफिस कम्युनिकेशन सर्वर, जैब्बर एक्ससीपी एवं सिस्को यूनिफाइड प्रेजेन्स शामिल हैं। इसके अलावा, उद्योग केंद्रित ईआईएम (EIM) प्लेटफॉर्म जैसे कि रायटर्स मेसेजिंग एवं ब्लूमबर्ग मेसेजिंग वित्तीय सेवाएं प्रदान करने वाली कंपनियों को वर्धित आईएम क्षमताएं प्रदान करती हैं।

संपूर्ण कॉर्पोरेट नेटवर्क में आईटी (IT) से संबंधित संगठनों के नियंत्रण के बाहर आईएम (IM) का अभिग्रहण उन कंपनियों के लिए जोखिम और दायित्व उत्पन्न करता है जो प्रभावी रूप से आईएम (IM) के उपयोग का संचालन एवं समर्थन नहीं करती. इन जोखिमों को कम करने और कर्मचारियों को सुरक्षित, सुनिश्चित, लाभदायक त्वरित संदेश भेजने की क्षमताएं प्रदान करने के लिये कंपनियां विशेष आईएम संग्रह एवं सुरक्षा उत्पाद और सेवाएं लागू करती हैं।

आईएम (IM) उत्पादों को विशेष रूप से दो प्रकारों में वर्गीकृत किया जा सकता है: इंटरप्राइज इंस्टेंट मेसेजिंग (ईआईएम)[8] एवं उपभोक्ता इंस्टेंट मेसेजिंग (सीआईएम).[9] इंटरप्राइज सॉल्यूशंस एक आंतरिक आईएम सर्वर का उपयोग करते हैं, हालांकि यह हमेशा संभव नहीं होता, विशेष रूप से सीमित बजट वाले छोटे व्यवसायों के लिए। सीआईएम (CIM) का उपयोग करने वाला दूसरा विकल्प, लागू करने पर सस्ता होने का लाभ प्रदान करता है और इसके लिए नए हार्डवेयर या सर्वर सॉफ्टवेयर में निवेश करने की बहुत कम जरूरत होती है।

कॉर्पोरेट उपयोग के लिये, सुरक्षा संबंधी चिंताओं के कारण आम तौर पर कूटलेखन और वार्तालाप संग्रह को महत्वपूर्ण विशेषताओं के रूप में माना जाता है। कभी-कभी संगठनों में विभिन्न संचालन प्रणालियों 9ऑपरेटिंग सिस्टमों) का उपयोग करने के लिए उस सॉफ्टवेयर का उपयोग करने की मांग होती है जो एक से अधिक प्लेटफॉर्म को सहायता प्रदान करता है। उदाहरण के लिए, कई सॉफ्टवेयर कंपनियां प्रशासनिक विभागों में विंडोज एक्सपी (XP) का उपयोग करती हैं लेकिन उनके पास सॉफ्टवेयर डेवलपर्स होते हैं जो लिनक्स (Linux) का उपयोग करते हैं।

हालांकित्वरित संदेश प्रेषण (इंस्टेंट मेसेजिंग) प्रणाली से कई लाभ प्राप्त होते हैं पर यह कुछ जोखिम और दायित्व का भी वहन करती है, विशेष रूप से जब इसका इस्तेमाल कार्यस्थलों पर किया जाता है। इन जोखिमों और दायित्वों में निम्नलिखित शामिल हैं:

  • सुरक्षा संबंधी जोखिम (उदाहरण: कम्प्यूटरों को स्पाईवेयर, वायरसों, ट्रोजन्स, वर्म्स से संक्रमित करने के लिए आईएम का इस्तेमाल)
  • अनुपालन संबंधी जोखिम
  • अनुचित उपयोग
  • व्यापार संबंधी रहस्य का प्रकटन

सनकी व्यक्तियों (दुर्भावनापूर्ण "हैकर" या ब्लैक हैट हैकर) ने 2004 से अब तक आईएम नेटवर्कों का उपयोग निरंतर फ़िशिंग संबंधी प्रयास प्रदान करने वाले, "घातक यूआरएल (URLs)", एवं वायरसयुक्त फाइल अनुलग्नक के वाहकों के रूप में किया है जिसमें से 2004-2007 में 1100 से अधिक असतत हमलों को आईएम सुरक्षा केन्द्र[10] द्वारा सूचीबद्ध किया गया है। हैकर्स आईएम के माध्यम से दुर्भावनापूर्ण कोड भेजने के दो तरीके अपनाते हैं: वायरसों, ट्रोजन हॉर्सेज या एक संक्रमित फाईल के साथ स्पाईवेयर का वितरण और "सामाजिक रूप से निर्माण किये गए" पाठ्य का एक वेब पता पर इस्तेमाल करना जो प्राप्तकर्ता को उसे एक ऐसे वेबसाइट से जोड़ने वाले यूआरएल (URL) पर क्लिक करने के लिए प्रलोभित करता है जो ऐसा करने पर दुर्भावनापूर्ण कोड को डाउनलोड करता है। मिसाल के तौर पर वायरस, कंप्यूटर वर्म्स एवं ट्रोजन्स अपने को संक्रमित प्रयोक्ता के बन्धु सूची के माध्यम से तेजी से फैलाकर प्रसारित होते हैं। एक घातक यूआरएल (URL) का इस्तेमाल करते हुये प्रभावी हमला छोटी सी अवधि में ही हजारों लोगों तक पहुंच सकता है जब प्रत्येक व्यक्ति की बन्धु सूची एक विश्वासी मित्र की तरफ से प्रतीत होने वाले संदेश प्राप्त करती है। प्राप्तकर्ता वेब पते पर क्लिक करते हैं और संपूर्ण चक्र फिर से शुरू होता है। संक्रमण उत्पात से लकर अपराधिक तक हो सकते हैं एवं वे प्रति वर्ष अधिक परिष्कृत होते जा रहे हैं।

आईएम संपर्क आमतौर पर सामान्य पाठ में होते हैं, जो उन्हें छिप कर सुने जाने के कार्य से आसानी से प्रभावित होने योग्य बना देते हैं। इसके अलावा, आईएम ग्राहक सॉफ़्टवेयर में अक्सर प्रयोक्ता को दुनिया के सामने खुले यूडीपी (UDP) पोर्ट प्रकट करने की आवश्यकता होती है, जिससे संभावित सुरक्षा संबंधी कमजोरियों के खतरे बढ़ जाते हैं।[11]

दुर्भावनापूर्ण कोड संबंधी खतरे के अलावा, कार्यस्थल पर त्वरित संदेश प्रेषण (इंस्टेंट मेसेजिंग) का इस्तेमाल करना कारोबार में इलेक्ट्रॉनिक संचार के उपयोग को नियंत्रित करने वाले कानूनों एवं नियमों का पालन नहीं करने का जोखिम पैदा कर सकता है। अकेले संयुक्त राज्य अमेरिका में ही इलेक्ट्रॉनिक संदेश भेजने एवं रिकॉर्ड प्रतिधारण से संबंधित 10,000 से अधिक कानून और विनियम हैं।[12] इनमें से बेहतर रूप से ज्ञात में शामिल हैं सार्बनिज-ऑक्स्ली अधिनियम, एचआईपीएए (HIPAA) एवं एसईसी (SEC) 17a-3. दिसंबर, 2007 में वित्तीय उद्योग विनियामक प्राधिकरण ("FINRA") की तरफ से वित्तीय सेवा उद्योग की सदस्य कंपनियों को स्पष्टीकरण जारी किया गया था, जिसमें यह नोट किया गया कि "इलेक्ट्रॉनिक संचार", "ईमेल" और "इलेक्ट्रॉनिक पत्राचार" का इस्तेमाल विनिमेयता के अनुसार किया जा सकता है और इसमें त्वरित संदेश प्रेषण (इंस्टेंट मेसेजिंग) एवं पाठ संदेश भेजने जैसे इलेक्ट्रॉनिक संदेश प्रेषण के रूप शामिल हो सकते हैं।[13] 1 दिसम्बर 2006 से प्रभावी सिविल प्रक्रिया के संघीय नियमों में परिवर्तन ने इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड के लिये एक नई श्रेणी का निर्माण किया जिसके लिए कानूनी कार्यवाही में उद्भेदन के दौरान अनुरोध किया जा सकता था। दुनिया भर के अधिकांश देश भी संयुक्त राज्य अमेरिका की तरह ही इलेक्ट्रॉनिक संदेश भेजने के उपयोग और इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड बनाए रखने को विनियमित करते हैं। कार्यस्थल पर आईएम से संबंधित सबसे आम नियमों में शामिल हैं कानून के तहत सरकार या न्यायिक अनुरोधों को संतुष्ट करने के लिए संग्रहीत व्यवसाय संचार प्रस्तुत करना। कई त्वरित संदेश प्रेषण (इंस्टेंट मेसेजिंग) संचार, व्यवसाय संचार की श्रेणी में आते हैं जिसे संग्रहीत किया जाना चाहिए और जो पुन: प्राप्ति योग्य होनी चाहिए।

सभी प्रकार के संगठनों को अपने कर्मचारियों के द्वारा आईएम के अनुचित उपयोग के दायित्व से अपनी रक्षा करनी चाहिए। त्वरित संदेश प्रेषण (इंस्टेंट मेसेजिंग) की अनौपचारिक, तत्काल और प्रकट रूप से अनाम प्रकृति इसे कार्यस्थल में दुरुपयोग का एक पात्र बनाता है। आईएम के अनुचित प्रयोग का विषय अक्टूबर 2006 में समाचार पत्रों के प्रथम पृष्ठ की खबर बन गया जब संयुक्त राज्य अमेरिकी कांग्रेस के मार्क फ़ोले ने अपने कांग्रेस के कार्यालय कम्प्यूटर से अवयस्क पूर्व हाऊस पेजेज को यौन प्रकृति वाले अपमानजनक संदेश भेजने की बात स्वीकार करते हुए अपने पद से इस्तीफा दे दिया। मार्क फ़ोले के लोकापवाद से उन्हें मीडिया कवरेज मिला और मुख्य धारा के समाचार पत्रों के लेखों में कार्यस्थलों में आईएम के अनुचित उपयोग की जोखिम संबंधी चेतावनी के बारे में उल्लेख किया गया। अधिकांश देशों में, कर्मचारियों के लिए उत्पीड़न से मुक्त कार्य परिवेश सुनिश्चित कराने की कानूनी जेम्मेदारी निगमों की है। किसी व्यक्ति को परेशान करने के लिए या अनुचित मजाकों या भाषा का प्रसार करने के लिये कंपनी के स्वामित्व वाले कंप्यूटर, नेटवर्क और सॉफ्टवेयर का उपयोग करना, न केवल दोषी व्यक्ति बल्कि नियोक्ता के लिए भी दायित्व का निर्माण करता है। मार्च, 2007 में आईएम संग्रह एवं सुरक्षा प्रदाता एकोनिक्स सिस्टम्स इन्कॉर्पोरेट के द्वारा किये गए एक सर्वेक्षण ने दर्शाया कि 31% प्रतिक्रियादाताओं को कार्यस्थल पर आईएम से परेशान किया गया था।[14] अब कंपनियां त्वरित संदेश प्रेषण (इंस्टेंट मेसेजिंग) को वर्ल्ड वाइड वेब, ई-मेल और कंपनी की अन्य संपत्तियों के उचित प्रयोग के संबंध में अपनी नीतियों के अभिन्न अंग के रूप में शामिल करती हैं।

2000 के आरंभिक दशक में, व्यावसायिक संचारों के लिए आईएम के उपयोग का चुनाव करने वाले निगमों द्वारा सामना किये जा रहे जोखिमों एवं दायित्वों से छुटकारा दिलाने के लिए आईटी सुरक्षा प्रदाता का एक नया वर्ग उत्पन्न हुआ। आईएम सुरक्षा प्रदाताओं ने निगम (कॉर्पोरेशन) में आने एवं कॉर्पोरेशन से बाहर जाने वाले यातायात का संग्रह करने, सामग्री स्कैनिंग और सुरक्षा की स्कैनिंग करने के उद्देश्य से कॉर्पोरेट नेटवर्कों में नये उत्पादों को स्थापित किया। ई-मेल शोधन करने वाले वेन्डरों के समान ही, आईएम सुरक्षा प्रदाता उपर्युक्त जोखिमों और दायित्वों पर ध्यान केंद्रित करते हैं।

कार्यस्थल में आईएम के तेजी से अभिग्रहण के साथ, 2000 के दशक के मध्य से आईएम सुरक्षा उत्पादों की मांग बढ़ने लगी। आईडीसी (IDC) के अनुसार, 2007 तक, सुरक्षा सॉफ्टवेयर खरीदने के लिए पसंदीदा प्लेटफॉर्म "कम्प्यूटर उपकरण" बन चुका था, जिसका अनुमान है कि 2008 तक, 80% नेटवर्क सुरक्षा उत्पाद एक उपकरण के माध्यम से वितरित किये जाएंगे.[15]

प्रयोक्ता (उपयोगकर्ता) आधार[संपादित करें]

कृपया ध्यान दें कि इस खंड में सूचीबद्ध कई संख्याओं की सीधे तौर पर तुलना नहीं की जा सकती और कुछ कल्पित हैं। जबकि कुछ संख्याएं एक पूर्ण त्वरित संदेश प्रणाली के मालिकों द्वारा दी गई हैं, अन्य वितरित प्रणाली के एक हिस्से के वाणिज्यिक विक्रेता द्वारा प्रदान कराइ गई हैं। कुछ कंपनियों को अपने विज्ञापन की आय बढ़ाने के लिए या भागीदारों, ग्राहकों या उप्भिक्ताओं को आकर्षित करने के लिये अपनी संख्या बढ़ा-चढ़ा कर बताने के लिये प्रेरित किया जा सकता है। महत्वपूर्ण रूप से, कुछ संख्याओं को "सक्रिय" प्रयोक्ताओं (उस गतिविधि के साझा मानक के बिना) की संख्या के रूप में सूचित किया जाता है, कुछ संख्याएं कुल प्रयोक्ता खातों को सूचित करती हैं, जबकि अन्य व्यस्त उपयोग के समय में केवल लॉग ऑन किये हुए प्रयोक्ताओं को ही संकेतित करते हैं।

4 आधुनिक युग में संदेश भेजने के कौन कौन से माध्यम है?

Expert-Verified Answer.
ईमेल ई-मेल आधुनिक युग का संदेश भेजने का एक सशक्त माध्यम है। ... .
मोबाइल एस. ... .
मैसेजिंग एप और प्लेटफार्म : आज की आधुनिक युग में अनेक तरह के मैसेजिंग एप और प्लेटफार्म लोकप्रिय हो चले हैं, जिनके माध्यम से संदेशों के भेजने का प्रचलन तेज गति से बढ़ा है।.

आजकल संदेश भेजने के लिए कौन कौन से साधनों का इस्तेमाल किया जाता है?

आजकल तो संदेश भेजने के नए-नए और तेज़ साधन आसानी से उपलब्ध हो गए हैं। डाक बाँटने में हवाई जहाज़, पानी के जहाज़ और जाने कौन-कौन से साधन इस्तेमाल किए जा रहे हैं। डाक - विभाग भी पत्र, मनीआर्डर के साथ-साथ ई-मेल, बधाई कार्ड आदि लोगों तक पहुँचा रहा है।

आधुनिक काल में संचार का माध्यम क्या है?

टेलीफोन, रेडियो, समाचार-पत्र, टेलीविजन इत्यादि संचार के ऐसे ही साधन हैं टेलीफोन ऐसा माध्यम है, जिसकी सहायता से एक बार में कुछ ही व्यक्तियों से संचार किया जा सकता है, किन्तु संचार के कुछ साधन भी है, जिनकी सहायता से एक साथ कई व्यक्तियों से संचार किया जा सकता हे ।

संचार के आधुनिक साधन कौन सा है?

Solution : आधुनिक संचार के साधनों में टेलीफोन, एसएमएस, मोबाइल, फैक्स, ई-मेल आदि के द्वारा सन्देश तो भेजे जा सकते हैं, लेकिन उनका रूप स्थायी नहीं होता, जबकि पत्र का रूप स्थायी होता है और पत्र इन साधनों के मुकाबले सस्ता पड़ता है।