विश्वकर्मा पूजा में क्या खाना चाहिए? - vishvakarma pooja mein kya khaana chaahie?

हस्तशिल्पी कलाकार भगवान विश्वकर्मा (Lord Viswakarma) की पूजा वैसे तो हर साल 17 सितंबर को की जाती है. इसे विश्वकर्मा पूजा (Viswakarma Puja) के नाम से भी जानते हैं लेकिन इस बार विश्वकर्मा पूजा 16 सितंबर को की जा रही है. इस दिन सभी निर्माण के कार्य में इस्तेमाल होने वाले हथियारों और औजारों की पूजा की जाती है. उद्योग जगत के देवता भगवान विश्वकर्मा की जयंती पर उनकी विधि-विधान से पूजा करने से विशेष फल की प्राप्‍त‍ि होती है. ऐसी मान्यता है कि भगवान विश्वकर्मा खुश होते हैं तो बिजनेस (Business) में दिन दूनी रात चौगुनी तरक्‍की होती है. भगवान विश्वकर्मा ने पूरी सृष्टि का निर्माण किया है और इन्हें सृष्टि का निर्माणकर्ता कहा जाता है.

विश्वकर्मा पूजा की विधि

-विश्वकर्मा पूजा के लिए भगवान विश्वकर्मा की प्रतिमा को विराजित कर इनकी पूजा की जाती है. हालांकि बहुत से लोग अपने कल-पुर्जे को ही भगवान विश्वकर्मा मानकर उसकी पूजा करते हैं. इस दिन कई जगहों पर यज्ञ का भी आयोजन किया जाता है.

-पूजा में बैठने से पहले स्‍नान कर लें और भगवान विष्‍णु का ध्‍यान करने के बाद एक चौकी पर भगवान विश्वकर्मा की मूर्ति या तस्‍वीर रखें.

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-फिर अपने दाहिने हाथ में फूल, अक्षत लेकर मंत्र पढ़ें और अक्षत को चारों ओर छिड़के दें और फूल को जल में छोड़ दें.

-इसके बाद हाथ में रक्षासूत्र, मौली या कलावा बांधे. फिर भगवान विश्वकर्मा का ध्यान करने के बाद उनकी विधिव‍त पूजा करें.

-पूजा के बाद विविध प्रकार के औजारों और यंत्रों को जल, रोली, अक्षत, फूल और मि‍ठाई से पूजें और फिर विधिव‍त हवन करें.

विश्वकर्मा पूजा पर भूलकर भी न करें ये काम

उपकरण का न करें इस्तेमाल
मान्यता है कि इस दिन लोगों का अपने कारखाने फैक्ट्रियां बंद रखनी चाहिए. ऐसा करने के साथ ही वहां मौजूद मशीनों, उपकरणों और औजारों की पूजा करने से घर में बरकत आती है. इस दिन लोगों को किसी भी तरह की मशीनों और औजारों का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए.

मांस-मदिरा का सेवन न करें
इस दिन तामसिक भोजन यानी मांस-मदिरा का सेवन नहीं करना चाहिए. साथ ही अपने व्यापार और रोजगार को बढ़ाने के लिए इस दिन गरीब और जरूरतमंद लोगों को दान जरूर देना चाहिए.

रोजमर्रा में इस्तेमाल करने वाली चीजों का करें सम्मान
भगवान विश्वकर्मा को देवताओं का शिल्पकार माना जाता है. इस दिन किसी भी प्रकार के औजार का इस्तेमाल न करें. भले ही ये उपकरण घर के ही क्यों न हों, लेकिन उनके इस्तेमाल से भी बचना चाहिए. साथ ही मशीनों को इधर-उधर बिखरने से भी बचाना चाहिए. इसके अलावा इस दिन किसी को भी अपने औजार उधार न दें.

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घर में ऐसे करें पूजा
इस दिन कार्यालयों और कारखानों के साथ ही घर में भी सभी मशीनों की पूजा करनी चाहिए. चाहे बिजली के उपकरण हो या फिर बाहर खड़ी गाड़ी, विश्वकर्मा पूजा के दिन सभी की सफाई करें. अगर जरूरी हो तो ऑयलिंग और ग्रीसिंग भी करें. इस दिन इनकी देखभाल किसी मशीन की तरह न करके, इस प्रकार करें जिससे प्रतीत हो कि आप भगवान विश्वकर्मा की ही पूजा कर रहे हैं.

भगवान विश्वकर्मा की पूजा का मंत्र
ॐ आधार शक्तपे नम: और ॐ कूमयि नम:, ॐ अनन्तम नम:, ॐ पृथिव्यै नम:(Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारियां और सूचनाएं सामान्य जानकारी पर आधारित हैं. Hindi news18 इनकी पुष्टि नहीं करता है. इन पर अमल करने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से संपर्क करें.)

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FIRST PUBLISHED : September 16, 2020, 08:10 IST

Vishwakarma Puja 2020 मान्यता है कि इस दिन भगवान विश्वकर्मा की पूजा करने से व्‍यवसाय में दिन दूनी रात चौगुनी तरक्‍की होती है। हालांकि इस दौरान कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए

Vishwakarma Puja 2020 Do and Donts: भगवान विश्वकर्मा की जयंती हर वर्ष 17 सितंबर को मनाई जाती है। इस दिन को विश्वकर्मा पूजा कहा जाता है। हर बार यह पूजा 17 सितंबर को ही की जाती है। लेकिन इस बार यह 16 सितंबर को की जाएगी। इस दिन व्यापारी अपने काम में इस्तेमाल होने वाले औजारों और मशीनों की पूजा-अर्चना करते हैं। विधि-विधान से पूजा करने से व्यापारियों को विशेष फल की प्राप्ति होती है। मान्यता है कि इस दिन भगवान विश्वकर्मा की पूजा करने से व्‍यवसाय में दिन दूनी रात चौगुनी तरक्‍की होती है। हालांकि, इस दौरान कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए जिनकी जानकारी हम आपको यहां दे रहे हैं। आइए ज्योतिषाचर्य पं. दयानंद शास्त्री से जानते हैं कि इस दिन किन बातों का ख्याल रखना आवश्यक है।

विश्वकर्मा पूजा पर इन बातों का रखें खास ख्याल:

1. इस दिन कारखाने और फैक्ट्रियों को बंद रखा जाता है। इस दिन इन जगहों पर काम नहीं किया जाता है। कारखाने और फैक्ट्रियों में मौजूद मशीनों, उपकरणों और औजारों की पूजा की जाती है और इन्हें इस्तेमाल नहीं किया जाता है। मशीनों, उपकरणों और औजारों की पूजा करने से घर में बरकत आती है।

2. इस दिन व्यक्ति को तामसिक भोजन नहीं करना चाहिए। इससे व्यापार में तरक्की नहीं होती है। इस दिन व्यापार और रोजगार को बढ़ाने के लिए इस दिन गरीब और जरूरतमंद लोगों को अपनी सामर्थ्य इनुसार दान जरूर देना चाहिए।

3. हम जो भी चीजें रोजमर्रा इस्तेमाल करते हैं उनका शिल्पकार भगवान विश्वकर्मा को ही माना जाता है। भले ही कोई औजार जिसे आप इस्तेमाल करते हैं वो आपके घर पर ही क्यों न हो, उनके इस्तेमाल से बचना चाहिए। किसी को इस दिन औजार उधार पर भी न दें। मशीनों को सजाकर रखें।

4. ऑफिस और फैक्ट्रियों के साथ-साथ घर पर भी मशीनों की पूजा करनी चाहिए। इस दिन व्यक्ति को अपनी गाड़ी की भी पूजा करनी चाहिए। उसकी साफ-सफाई करें। गाड़ी की ग्रीसींग और ऑयलिंग भी करें।

डिस्क्लेमर-

''इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना में निहित सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है. विभिन्स माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्म ग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारी आप तक पहुंचाई गई हैं. हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना के तहत ही लें. इसके अतिरिक्त इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी. '' 

Edited By: Shilpa Srivastava

विश्वकर्मा जी को कौन सा प्रसाद चढ़ाया जाता है?

- भगवान विश्वकर्मा को पान,सुपारी, हल्दी,अक्षत,फूल,लौंग,फल और मिठाई अर्पित करें।

विश्वकर्मा पूजा के दिन क्या खाना चाहिए?

इस दिन मांस और शराब का सेवन न करें। इस दिन तामसिक भोजन यानी मांस और शराब का सेवन नहीं करना चाहिए। साथ ही अपने व्यापार और रोजगार को बढ़ाने के लिए इस दिन गरीब और असहाय लोगों को दान देना चाहिए। रोजमर्रा की चीजों का सम्मान भगवान विश्वकर्मा को देवताओं का वास्तुकार माना जाता है।

विश्वकर्मा पूजा पर क्या नहीं करना चाहिए?

विश्वकर्मा पूजा के दिन न करें ये काम.
विश्वकर्मा पूजा के दिन औजारों, मशीन और उपकरणों की पूजा अर्चना करना चाहिए। ... .
विश्वकर्मा पूजा के दिन औजारों का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए क्योंकि भगवान विश्वकर्मा को देवताओं का शिल्पकार माना जाता है।.
इस दिन मांस-मंदिरा से दूर रहना चाहिए वरना आपके रोजगार और व्यापार पर बुरा असर पड़ सकता है।.

विश्वकर्मा पूजा में हम क्या करते हैं?

हिंदू पंचांग के अनुसार, आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को विश्वकर्मा पूजा की जाती है। इस दिन विशेष तौर पर औजार, निर्माण कार्य से जुड़ी मशीनों, दुकानों, कारखानों, मोटर गैराज, वर्कशॉप, लेथ यूनिट, कुटीर एवं लघु इकाईयों आदि में भगवान विश्वकर्मा की पूजा की जाती है।