दुनिया की सबसे बड़ी बैठी हुई मूर्ति कौन सी है? - duniya kee sabase badee baithee huee moorti kaun see hai?

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) आज हैदराबाद में 11वीं सदी के समाज सुधारक और संत रामानुजाचार्य (Saint Ramanujacharya) की 65.8 मीटर ऊंची प्रतिमा स्टेच्यू ऑफ इक्वेलिटी (Statue of Equality) का अनावरण करेंगे।  बैठने की स्थिति में यह दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी मूर्ति है। मूर्ति शहर के बाहरी इलाके में 45 एकड़ के परिसर में स्थित है। इससे पहले भी भारत समेत दुनियाभर में अपनी सभ्यता को इतिहास को जीवत रखने के लिए ऊंची-ऊंची मुर्तियों का निर्माण किया जा चुका है, यह प्रथा आज की नहीं है, बल्कि प्राचीन काल से चली आ रही है, आपको जानकर हैरानी होगी कि दुनिया की सबसे ऊंची मुर्ति भारत में स्थित है, आइए जानते हैं दुनिया के 10 सबसे ऊंची मुर्तियों के बारे में...

यह दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा है, इसकी लंबाई 182 मीटर है, यह गुजरात के केवड़िया में स्थित है, यह प्रतिमा लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल की है. यह न्यूयॉर्क स्थित स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी से दोगुनी ऊंची है। इसका वजन 1700 टन है.

यह दुनिया की एक विशाल प्रतिमा मानी जाती है। इसका निर्माण 1997 से शुरू हुआ था। इसका निर्माण 2008 में पूरा किया जा सका। प्रतिमा 20 मीटर लंबे कमल के फूल पर खड़ी है। इसमें तांबे के 1100 टुकड़े शामिल हैं।

Statue

इसका निर्माण 1996 से 2008 तक चला था। प्रतिमा 13.5 ऊंचे सिंहासन पर खड़ी है। मूर्ति को ऊंचाई से देखने के लिए इसमें एक लिफ्ट लगाई गई है

यह उशिकु शहर में स्थित है। यह प्रतिमा कांस्य से बनी है। इसमें ऊपर जाने के लिए एलीवेटर लगाया गया है। इस मूर्ति को देखने दुनियाभर से लोग पहुंचते हैं।

यह मूर्ति हेनान प्रांत में स्थित है। इसे दुनिया की चौथी सबसे बड़ी प्रतिमा माना जाता है। इस मूर्ति में तीन अलग-अलग चेहरे हैं। इसे बनाने में करीब 6 साल लगे थे।

ये मूर्तियां 1987 में बनना शुरू हुई थीं। ये 20 साल बाद पूरी हुईं। ये मूर्तियां हेनान प्रांत में स्थित हैं। इन मूर्तियों की आंखें 3 मीटर चौड़ी और नाक 6 मीटर है।

यह प्रतिमा बौद्ध बोधिसत्व का प्रतिनिधित्व करती है। यानी बौद्ध के दर्शन दिखाती है। यह सेंडाई में स्थित है। यह मूर्ति पहाड़ी पर बनी है, इसलिए इसे कई शहरों से देखा जा सकता है। इसमें लिफ्ट लगाई गई है।

यह मूर्ति मास्को शहर में मोजकेवा नदी के सामने बनी है। पीटर रूस के महान सम्राट थे। उन्होंने 43 वर्षों तक देश पर शासन किया था। इसका वजन 100 टन है। इसका 1997 में अनावरण किया गया था.

इसे थाइलैंड की सबसे बड़ी मूर्ति होने को गौरव मिला है। इसका निर्माण काल 1990 से 2008 तक है। यह मूर्ति सीमेंट और कांक्रीट से बनी है। उसे सोने का रंग चढ़ाया गया है।

ये 11वीं सदी के समाज सुधारक और संत रामानुजाचार्य (Saint Ramanujacharya) की प्रतिमा है, इसकी लंबाई 65.8 मीटर है. इस प्रतिमा का नाम स्टेच्यू ऑफ इक्वेलिटी (Statue of Equality) है। इसकी लागत 1000 करोड़ बताई जा रही है. पीएम मोदी आज इस प्रतिमा का अनावरण करेंगे। 

यह चीन में बुद्ध की सबसे बड़ी मूर्तियों में से एक है, जो लोंगशान पर्वत पर स्थित है. इस मूर्ति की ऊंचाई 88 मीटर है, तथा यह मूर्ति पूरी तरह से कांसे से बनी हुई है.

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इसका वजन 700 टन है. यह एक प्रसिद्ध पर्यटन स्थल है जो 74 एकड़ के क्षेत्र में फैला हुआ है. इस पर्यटन स्थल के भीतर हीं कई बौद्ध स्थल हैं.

2. ग्रेट बुद्धा ऑफ़ थाईलैंड, थाईलैंड, ऊँचाई - 92 मीटर
 
थाईलैंड का ग्रेट बुद्धा देश की सबसे ऊंची प्रतिमा है, इस मूर्ति की ऊंचाई 92 मीटर है. इस प्रतिमा का निर्माण सन 1990 में शुरू हुआ था जो 2008 में पूरा हुआ. यह पूरी मूर्ति सीमेंट से बनी है और इसे गोल्डन पेंट से कवर किया गया है. इस विशाल बुद्ध प्रतिमा का निर्माण थेरवाद बौद्ध धर्म के सिद्धांतों के अनुसार किया गया था.

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3. पीटर द ग्रेट स्टैच्यू, रूस, ऊँचाई - 96 मीटर

यह मूर्ति रूस के सम्राट पीटर I की स्मृति में बनाई गई थी. सम्राट पीटर I ने 43 साल तक देश पर राज किया था. पीटर द ग्रेट की यह मूर्ति 98 मीटर ऊंची है जो मॉस्को शहर में मोस्कवा नदी के सामने स्थित है. सम्राट की इस प्रतिमा को जॉर्जियाई डिजाइनर ज़ुराब त्सेरेटेली द्वारा डिजाइन किया गया था, इस प्रतिमा के निर्माण में  600 टन स्टेनलेस स्टील और ब्रोंज (कांस्य) का उपयोग किया गया था. पीटर द ग्रेट स्टैच्यू का वजन 100 टन है और इस मूर्ति का अनावरण वर्ष 1997 में किया गया था.

4. सेंडाइ डाइकानोन, जापान, ऊँचाई - 100 मीटर.

सेंडाइ डाइकानोन एक 100 मीटर ऊँची प्रतिमा है जो जापान के सेंडाई में स्थित है. यह प्रतिमा जापानी बुद्धिस्ट बोधिसत्व का प्रतिनिधित्व करती है. यह मूर्ति सेंडाई में एक पहाड़ी की चोटी पर स्थित है, जो शहर के कई हिस्सों से दिखाई देती है. सेंडाइ डाइकनॉन की मूर्ति ने अपने दाहिने हाथ में एक गहना थामा हुआ है और उसके बाएं हाथ में एक पानी की कुप्पी है जो बुद्धिमत्ता का पानी डालने के लिए थामा गया है. इस मूर्ति के शीर्ष तक पर्यटक लिफ्ट के माध्यम से, पहुंच सकते हैं और पूरे शहर को देख सकते हैं.

5. सम्राट यान और हुआंग, चीन, ऊँचाई - 106 मीटर

ये मूर्तियां चीनी सम्राट यान और हुआंग की स्मृति में बनाई गई हैं. जो चीन के हेनान प्रांत में स्थित है. इन मूर्तियों का निर्माण 1987 में शुरू हुआ और इसे पूरा होने में 20 साल लगे. इन मूर्तियों की ऊंचाई 106 मीटर है.
इन प्रतिमाओं के निर्माण पर सरकार ने 22.5 मिलियन डॉलर खर्च किए. इन मूर्तियों की आंखें 3 मीटर चौड़ी और नाक की लंबाई 6 मीटर है.

6. गुआन यिन ऑफ़ द साउथ सी ऑफ़ सान्या, चीन, ऊँचाई - 108 मीटर

यह करुणा की बौद्ध देवी गुआन यिन की मूर्ति है जो चीन के हैनान प्रांत में स्थित है. 108 मीटर की ऊंचाई वाली यह मूर्ति दुनिया की चौथी सबसे ऊंची मूर्ति बन गई है. इस मूर्ति के तीन अलग-अलग चेहरे हैं जो पूरी दुनिया में देवी के आशीर्वाद का प्रतिनिधित्व करते हैं. इस मूर्ति का पहला चेहरा अपनी भूमि की ओर देखता है और अन्य दो चेहरे का रूख समुद्र की ओर इंगित करते हैं. इस विशाल प्रतिमा को पूरा होने में लगभग 6 साल का समय लगा था.

7. उशीकू बुद्ध, जापान, ऊँचाई - 110 मीटर

उशिकू दैबुत्सु जापान के उशिकू शहर में स्थित है और यह उशिकू शहर अपने ''ग्रेट बुद्धा'' की मूर्ति के लिए मशहूर है. इस प्रतिमा की ऊंचाई 110 मीटर है. इसका बेस 10 मीटर लंबा है. यह बुद्ध प्रतिमा पूरी तरह से ब्रोंज (कांस्य) से बनी हुई है. मूर्ति के भीतर चार अलग-अलग लेवल हैं, जहाँ से लिफ्ट का उपयोग करके पर्यटक शीर्ष भाग पर पहुंच सकते हैं. पहले लेवल पर आगंतुक सुंदर संगीत सुन सकते हैं, दूसरा स्तर पूरी तरह से शास्त्र अध्ययन के लिए समर्पित है, तीसरा स्तर 30000 बुद्ध मूर्तियों से भरा हुआ है. तथा शीर्ष स्तर से आगंतुक मूर्ति के आसपास के बेहद हीं खूबसूरत बगीचों को देख सकते हैं .

8. लेक्युन सेतक्यार, म्यांमार, ऊँचाई - 116 मीटर

लेक्युन सेतक्यार का निर्माण सन 1996 में शुरू हुआ था जो 2008 में जाकर पूरा हुआ. यह मूर्ति वास्तव में 13.5 मीटर ऊँचे सिंहासन पर खड़ी है. शहर के मनोरम दृश्य का आनंद लेने के लिए आगंतुकों के लिए शीर्ष पर पहुंचने के लिए मूर्ति के अंदर एक लिफ्ट भी लगाई गई है. लैक्युन सेतक्यार की मूर्ति के बगल में 89 मीटर की ऊँचाई वाले लेटे हुए बुद्ध को भी आगंतुक देख सकते हैं.

9. स्प्रिंग टेम्पल बुद्ध, चाइना, ऊँचाई - 153 मीटर

स्प्रिंग टेम्पल बुद्धा दुनिया की दूसरी सबसे ऊंची प्रतिमा है, जिसकी ऊंचाई 153 मीटर है, यह प्रतिमा चीन के हेनान प्रान्त में स्थित है. इस प्रतिमा का निर्माण सन 1997 में शुरू हुआ था जो वर्ष 2008 में पूरा हुआ. स्प्रिंग टेम्पल बुद्ध की प्रतिमा 20 मीटर लंबी कमल सिंहासन पर खड़ी है, जिसमें 1100 तांबे के टुकड़े शामिल हैं. स्प्रिंग टेंपल बुद्धा के निर्माण में 55 मिलियन डॉलर की लगत का अनुमान लगाया गया.

10. स्टैच्यू ऑफ यूनिटी, भारत, ऊँचाई - 182 मीटर

  • दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा, स्टैच्यू ऑफ यूनिटी, की है जो भारत के लौह पुरुष, सरदार वल्लभभाई पटेल की मूर्ति है

    भारत में सबसे बड़ी बैठी हुई मूर्ति कौन सी है?

    1स्टैच्यू ऑफ यूनिटी, गुजरात सरदार पटेल की महानता के चलते ही उनकी एक यादगार रूप में नर्मदा नदी के तट पर उनकी बहुत विशाल, सुन्दर और भव्य प्रतिमा बनाई गई है, जिसको स्टैच्यू ऑफ यूनिटी का नाम दिया गया है। यह प्रतिमा नर्मदा नदी पर सरदार सरोवर बांध से 3.5 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।

    दुनिया में सबसे बड़ी मूर्ति किसकी है?

    31 अक्टूबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र नरेंद्र ने दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा स्टैचू ऑफ यूनिटी का अनावरण किया। लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल की यह प्रतिमा 182 मीटर लंबी है जिसे सिर्फ 34 महीने में पूरा कर लिया गया है।

    विश्व की सबसे ऊंची बैठी हुई मूर्ति कौन सी है?

    स्टैच्यू ऑफ यूनिटी की ऊंचाई 182 मीटर है और इस मूर्ति दुनिया की सबसे ऊंची मूर्ति का खिताब जीता है.

    दुनिया की दूसरी सबसे ऊंची मूर्ति कौन सी है?

    दुनिया की दूसरी सबसे ऊंची प्रतिमा, मोन्यावा, म्यांमार में स्थित 116 मीटर की ऊंचाई पर है। लायकुन सेटकीयर का निर्माण 1996 में शुरू हुआ और 2008 में पूरा हुआ। प्रतिमा वास्तव में 13.5 मीटर सिंहासन पर खड़ी है। शहर के मनोरम दृश्यों का आनंद लेने के लिए आगंतुकों के लिए मूर्ति के अंदर एक लिफ्ट भी है।