शहरी जीवन से आप क्या समझते हैं? - shaharee jeevan se aap kya samajhate hain?

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शहरी जीवन पर निबन्ध | Essay on City Life in Hindi!

जो लोग गांवों में रहते हैं उन्हें शहरी जीवन अत्यधिक अरूचिकर लगता है । वहाँ का शोर-शराबा, धूल और धुँआ, भागदौड़ और अशांति उन्हें चका-चौंध कर देती है ।

वे लोग आराम से जीवन को व्याप्त करने के आदी होते हैं इसलिए वे ऐसा समझते है जैसे विदेश में आ गए हों । वहाँ के निरंतर शोर को वे सह नहीं सकते और बड़े तनाव की स्थिति में रहते है । परंतु शहर में जन्मे और वहीं पर पले व्यक्ति की स्थिति बिल्कुल भिन्न होती है ।

यह भीड़-भाड़ और लोगों की गहमा-गहमी उसको निरंतर शक्ति प्रदान करती है । इससे वह लोगो के संपर्क में आता है और उसमें मानवीय भाईचारे की भावना पैदा होती है । वह हमेशा उत्साहपूर्ण रहता है और इससे अच्छा अनुभव करता है । प्रत्येक दिन उसके सामने नई समस्याएं और उलझनें लाता हैं और उसे इनमें जल्दी से जल्दी तालमेल बिठाना होता है जिसके लिए उसे काफी परिश्रम करना पड़ता है ।

जीवन उसके लिए साहसपूर्ण, नवीनता से परिपूर्ण और हर कदम पर अप्रत्याशित होता है । शहरी जीवन की अपनी ही एक विशेष पद्धति होती है । सवेरा होते ही फेरी लगाने वालों और मोटरगाड़ियों के भोंपुओं की आवाजें आने लगती है । जैसे-जैसे दिन चढ़ता जाता है यह शोर और हलचल बढ़ती ही जाती है ।

जब दोपहर होती है तो कुछ घंटो के लिए रिहायशी क्षेत्रों में कुछ शांति हो जाती है । दोपहर बाद यह शोर बढ़ने लगता है । बच्चे स्कूलों से आते हैं और जल्दी-जल्दी खाना खाकर खेलने के लिए मैदानों में चले जाते हैं । दफ्तर के बाबू और कारखानों के मजदूर थके-मांदे और उदासीन घर को लौटते हैं, आराम से चाय-पानी पीते है और समूहों में बैठकर एक दूसरे से बातें करते और सुनते हैं ।

मोटर कारों के भोंपू एक बार फिर गलियों में गूँजते है । दुकानों पर स्त्री-पुरूषों की भीड़ खरीदारी के लिए इकट्‌ठा हो जाती है । सभी सिनेमाघरों में मनोरंजन के इच्छुक लोगों की भीड़ लग जाती है और फिर धीरे-धीरे यह तेजी घटती जाती है और रात्रि के अंधकार में समा जाती है ।

प्राय: लोग शहरों में रहना पसंद करते है । जॉनसन ने एक बार कहा था कि ” जब कोई व्यक्ति लंदन से ऊब जाता है तो वह जीवन से ही ऊब जाता है । ” यही बात सब शहरों के बारे में कही जा सकती है । शहरों के प्रति प्रेम के कई कारण है । शहरों में बहुत से लोगों को रोजगार मिलता है और इसीलिए वे शहरों की हानियों को भी सहन कर लेते है । शहरों में हजारों व्यवसाय हैं ।

वहाँ पर आधुनिक जीवन की सभी सुख-सुविधाएं मिलती है, जो हमारे गांव में उपलब्ध नहीं होती । शहरों मे हर प्रकृति और स्वभाव के लोगों के लिए स्थान है । यहाँ पर नीरसता और उदासीनता की भावना कभी भी उत्पन्न नहीं होती । इन सभी कारणों से जो लोग शहरों को अच्छा नहीं समझते वे भी शहरों की ओर खिंचे आते हैं ।

नगर वास्तव में उन लोगों के लिए विश्वविद्यालय होते हैं जो अनुभव और अवलोकन से कुछ सीखना चाहते हैं । किसी ने ठीक ही कहा है कि ”यदि आप चाहते हैं कि आपको सभी जाने और आप कुछ न जाने तो गांव में रहें, परन्तु यदि जानना चाहते हैं और आपको कोई न जाने, तो शहर में रहो ।”


1. शहरीकरण से आप क्या समझते हैं ?

उत्तर ⇒शहरीकरण एक ऐसी प्रक्रिया है जिसके द्वारा ग्रामीण बस्तियाँ, कस्बा या शहरों में परिवर्तित हो जाते हैं। इससे एक नई अर्थव्यवस्था उत्पन्न हुई जिसम कृषि-पशुपालन का स्थान, व्यापार, शिल्प और उद्योग धंधों ने ले लिया।


2. शहर किस प्रकार के क्रियाओं के केन्द्र होते हैं ?

उत्तर ⇒शहर विभिन्न प्रकार की क्रियाओं के केन्द्र होते हैं, जैसे — रोजगार, शिक्षा, स्वास्थ्य, व्यापार वाणिज्य, यातायात आदि। शहर गतिशील अथव्यवस्था जा मुद्रा प्रधान होती है उसके भी केन्द्र होते हैं। शहर राजनीतिक प्राधिकार का भी एक महत्त्वपूर्ण केन्द्र होता है।


3. शहरों में मध्यम वर्ग की भूमिका पर प्रकाश डालें।

उत्तर ⇒शहरों में पूँजीपति वर्ग एवं श्रमिक वर्ग के साथ-साथ मध्यम वर्ग का भी उदय और विकास हुआ। ये नए सामाजिक समूह के रूप में उभरे। इस समूह में बुद्धिजीवी, नौकरी पेशा समूह, राजनीतिज्ञ, चिकित्सक, व्यापारी प्रमुख थे। व्यावसायिक वर्ग नगरों के विकास का प्रमुख कारण बना जिससे शहरों को नई सामाजिक-आर्थिक स्वरूप प्राप्त हुआ। बुद्धिजीवी एवं राजनीतिक वर्ग ने नया राजनीतिक-सामाजिक चिंतन दिया तथा विभिन्न आंदोलनों को दिशा एवं नेतृत्व प्रदान किया।


4. किन तीन प्रक्रियाओं के द्वारा आधुनिक शहरों की स्थापना निर्णायक रूप से हुई ?

उत्तर ⇒जिन तीन ऐतिहासिक प्रक्रियाओं ने आधुनिक शहरों की स्थापना में निर्णायक भूमिका निभाई वे निम्नलिखित हैं –

(i)औद्योगिक पूँजीवाद का उदय,
(ii)विश्व के विशाल भू-भाग पर औपनिवेशिक शासन की स्थापना तथा
(iii)लोकतांत्रिक आदर्शों का विकास।


5. शहरों ने किन नई समस्याओं को जन्म दिया ?

उत्तर ⇒ नये-नये शहरों का उदय और शहरों की बढ़ती जनसंख्या ने शहरों में नई-नई समस्याओं को जन्म दिया। शहरों में श्रमिकों की बढ़ती आबादी ने कई नई समस्याओं को जन्म दिया जैसे — बेरोजगारी में वृद्धि, आवास की समस्या तथा स्वास्थ्य संबंधी समस्या इत्यादि।


6. शहरों और गाँवों में मुख्य अंतर क्या है ?

उत्तर ⇒शहरों और गाँवों में मुख्य अंतर यह है कि ग्रामीण लोगों की आजीविका जहाँ कृषि, पशुपालन एवं घरेलू उद्योग-धंधों पर आश्रित होती है वहीं शहरों में लोग विभिन्न व्यवसायों व्यापार, उद्योग, नौकरी में लगे होते हैं।


7. शहरीकरण का पुरुषों और महिलाओं पर समान रूप से क्या प्रभाव पड़ा ?

उत्तर ⇒ शहरीकरण का पुरुषों और महिलाओं पर समान प्रभाव पड़ा। दोनों की व्यक्तिगत स्वतंत्रता, अधिकारों और कार्यों पर बल दिया गया।


8. शहरीकरण का पर्यावरण पर क्या प्रभाव पड़ा ? इसे रोकने के लिए क्या प्रयास किए गए ?

उत्तर ⇒शहरीकरण के कारण कल-कारखानों की स्थापना, चिमनियों से निकलनेवाले धुएँ, बेतरतीब भीड़, लोगों और सवारियों की आवाजाही, गंदगी और धूल से पर्यावरण काफी दूषित हो गया। अतः पर्यावरण की सुरक्षा के लिए समय-समय पर प्रयास किए गए। 1840 के दशक में इंग्लैंड के प्रमुख औद्योगिक नगरों में धुआँ नियंत्रण कानून लागू किया गया। भारत में 1863 में कलकत्ता में धुआँ-निरोधक कानून बनाया गया।


9. नगरीय जीवन एवं आधुनिकता एक – दूसरे से अभिन्न रूप से कैसे जुड़े हुए हैं ?

उत्तर ⇒शहरों (नगरों) का सामाजिक जीवन आधुनिकता के साथ अभिन्न रूप से जोड़ा जा सकता है। वास्तव में नगरीय जीवन एवं आधुनिकता एक-दूसरे की अंतभिव्यक्ति है। शहरों को आधुनिक व्यक्ति का प्रभाव क्षेत्र माना जाता है। शहर व्यक्ति को संतष्ट करने के लिए अंतहीन संभावनाएँ प्रदान करता है। आधुनिकीकरण ने नगरीय जीवन को काफी हद तक प्रभावित किया है।


10. यूरोपीय इतिहास में ‘घेटो’ का क्या अर्थ है ?

उत्तर ⇒यूरोपीय इतिहास में ‘घेटो’ शब्द का सामान्यत: अर्थ मध्य यूरोपीय शहरों में यहूदियों की बस्ती के लिए प्रयोग किया जाता था। लेकिन आज के संदर्भ में यह विशिष्ट धर्म, नजाति, जाति या समान पहचानवाले लोगों के साथ रहने को इंगित करता है। घेटोकरण की प्रक्रिया में मिश्रित विशेषताओं वाले पडोस के स्थान पर एक समुदाय पड़ोस में बदलाव का होना, सामुदायिक दंगों को ये एक विशिष्ट देशिक रूप देते हैं।


11. आर्थिक तथा प्रशासनिक संदर्भ में ग्रामीण तथा नगरीय व्यवस्था के दो प्रमुख आधार क्या हैं ?

उत्तर ⇒आर्थिक तथा प्रशासनिक संदर्भ में ग्रामीण तथा नगरीय व्यवस्था के दो प्रमुख आधार हैं –

(i) जनसंख्या का घनत्व- शहरों में जनसंख्या का घनत्व अधिक होता है।
(ii) कृषि आधारित आर्थिक क्रियाओं का अनुपात- कृषि आधारित आर्थिक क्रियाओं का अनुपात गाँवों में अधिक होता है।


12. चार्टिस्ट आंदोलन क्यों चलाया गया था ?

उत्तर ⇒बालिग पुरुषों के लिए मताधिकार की माँग को लेकर इंगलैंड में चार्टिस्ट आंदोलन चलाया गया।


13. 19वीं, 20वीं शताब्दियों में लंदन में कामकाजी महिलाओं में किस प्रकार का बदलाव आया ? इसके क्या कारण थे ?

उत्तर ⇒18वीं, 19वीं शताब्दी में जब इंगलैंड में कारखाने स्थापित होने लगे, तब बड़ी संख्या में स्त्रियाँ भी इनमें काम करने लगी। कुछ समय बाद तकनीक में परिवर्तन के कारण जब कुशल श्रमिकों की आवश्यकता हुई तो इन स्त्रियों को कारखानों से हटाया जाने लगा। कारखानों में काम बंद होने पर स्त्रियाँ घरेलू काम-धंधों में लग गई। 1861 की जनगणना के अनुसार लंदन में ढाई लाख घरेलू नौकर थे जिनमें महिलाओं की संख्या अधिक थी। अनेक औरतें अपने परिवार की आमदनी बढ़ाने के लिए अपने मकान में पेईंग गेस्ट को रख लेती थी। कुछ स्त्रियाँ अपने घर ही रहकर कपड़े सिलने, ऊनी वस्त्र बुनने तथा कपड़ा धोने का काम करने लगी। प्रथम विश्वयुद्ध के दौरान जब पुरुष बड़ी संख्या में युद्ध में शामिल होने लगे तथा युद्धकालीन आवश्यक सामग्रियों की माँग बढ़ गई तो महिलाएँ पुनः घरेलू काम छोड़कर विभिन्न उद्योगों में काम करने लगी। दफ्तरों में भी उन्हें रोजगार के अवसर मिले। इस प्रकार महिलाओं की आर्थिक क्रियाकलापों में महत्त्वपूर्ण भागीदारी रही।


14. 19वीं शताब्दी के मध्य में बंबई की आबादी में भारी वृद्धि क्यों हुई ?

उत्तर ⇒19वीं शताब्दी से बंबई का विकास एक महत्त्वपूर्ण बंदरगाह के रूप र क विकास के साथ-साथ यहाँ प्रशासकीय गतिविधियाँ भी बढ़ गई। अत: यह पश्चिम भारत में ईस्ट इंडिया कंपनी का मुख्यालय भी बन गया। औद्योगिकीकरण का जब विकास हुआ तो बंबई बड़े औद्योगिक केंद्र के रूप में बदल गया। इसके बाद बंबई का तेजी से विकास हुआ। शहर फैलने लगा, व्यापारी, कारीगर, उद्योगपति, दुकानदार, श्रमिक बड़ी संख्या में आकर यहाँ बसने लगे। इससे बंबई पश्चिमी भारत का सबसे प्रमुख नगर बन गया तथा इसकी आबादी काफी बढ़ती गयी।


15. बंबई की बहुतेरी फिल्में शहर में बाहर से आनेवालों की जिंदगी पर क्यों आधृत होती थी ?

उत्तर ⇒औद्योगिक और आर्थिक केंद्र होने के अतिरिक्त बंबई रुपहले दुनिया या फिल्म उद्योग का केंद्र था। फिल्मी दुनिया से आकृष्ट होकर इस उद्योग में अपना भविष्य तलाशने एवं सँवारने प्रतिवर्ष हजारों-हजार व्यक्ति इस नगर में आते थे। इसलिए अधिकांश फिल्में बंबई में आनेवाले अप्रवासियों के जीवन और उनके द्वारा भोगी गई कठिनाइयों, इनकी आशाओं और निराशा पर केंद्रित कर बनाई गई।


16. व्यावसायिक पूँजीवाद ने किस प्रकार नगरों के उद्भव में अपना योगदान दिया ?

उत्तर ⇒नगरों के उद्भव का एक प्रमुख कारण व्यावसायिक पूँजीवाद के उद्भव के साथ संभव हुआ। व्यापक स्तर पर व्यवसाय, बड़े पैमाने पर उत्पादन, मुद्रा प्रधान अर्थव्यवस्था, शहरी अर्थव्यवस्था जिसमें काम के बदले वेतन, मजदूरी का नगद भुगतान, एक गतिशील एवं प्रतियोगी अर्थव्यवस्था, स्वतंत्र उद्यम, मुनाफा कमाने की प्रवृत्ति, मुद्रा, बैंकिंग, साख बिल का विनिमय, बीमा, अनुबंध, कंपनी साझेदारी, ज्वाएंट स्टॉक, एकाधिकार आदि इस पूँजीवादी अर्थव्यवस्था की विशेषताओं ने नये-नये नगरों के उद्भव में अपना योगदान दिया।


17, गाँव के कृषिजन्य आर्थिक क्रियाकलापों की विशेषता को दर्शायें।

उत्तर ⇒गाँव के कृषिजन्य आर्थिक क्रियाकलापों की विशेषता मुख्य रूप से यह है कि गाँव की आबादी का एक बड़ा हिस्सा कृषि संबंधी व्यवसाय से जुड़ा होता है। अधिकांश वस्तुएँ कृषि उत्पाद से जुड़ी होती हैं जो इनकी आय का प्रमुख स्रोत होती है। गाँव की कषि प्रधान अर्थव्यवस्था मूलतः जीवन-निर्वाह अर्थव्यवस्था की अवधारणा पर आधारित होती हैं।


18. समाज का वर्गीकरण ग्रामीण एवं नगरीय क्षेत्रों में किस भिन्नता के आधार पर किया जाता है ?

उत्तर ⇒गाँव एवं शहरों में सामाजिक वर्गीकरण मुख्यतः व्यवसाय में भिन्नता के आधार पर किया जाता है। ग्रामीण आबादी का एक बहुत बड़ा भाग मुख्यतः कृषिजन्य क्रियाकलापों से सम्बद्ध होता है। इसके विपरीत शहरी आबादी मख्यतः गैर कृषि व्यवसायों, नौकरी, उद्योग तथा व्यापार में संलग्न होती है।


19. उन दो कानूनों के नाम लिखें जिनके द्वारा इंगलैंड में बाल श्रमिकों को कारखानों में काम करने से रोक दिया गया।

उत्तर ⇒(i)अनिवार्य प्राथमिक शिक्षा तथा
(ii) 1902 में फैक्ट्री कानून बनाकर इंगलैंड में बाल श्रमिकों को कारखानों में काम करने से रोक दिया गया।

20. उन दो फिल्मों के नाम लिखें जिनमें बंबई के अंतर्विरोधी आयामों का उल्लेख किया गया है ?

उत्तर ⇒सी० आई० डी और गेस्ट हाऊस।


21. बंबई की चॉल किस प्रकार की इमारत थी ? इनका निर्माण कब’ से आरंभ हुआ ?

उत्तर ⇒गरीबों के आवास के लिए बंबई में बड़ी संख्या में चॉल बनवाए गए। चॉल बहुमंजिली इमारतें थी। इसका निर्माण 1860 के दशक से आरंभ हुआ था। इनमें एक कमरे के मकान (खोली) कतार में बने होते थे।


22, 19वीं शताब्दी में धनी लंदनवासियों ने गरीबों के लिए मकान बनाने की वकालत क्यों की ?

उत्तर ⇒19वीं शताब्दी में लंदन में गरीबों के आवास से जुड़ी एक बड़ी समस्या थी। कारखानेदारी व्यवस्था ने लंदन नगर का स्वरूप परिवर्तित कर दिया । कारखानों में काम करने के लिए बड़ी संख्या में लोग लंदन आने लगे, परंतु उनके सामने आवास की समस्या थी। शहर में रहने के लिए घर उपलब्ध नहीं थे। इसी समस्या को ध्यान में रखते हुए धनी लंदनवासियों ने गरीबों के लिए मकान बनाने की वकालत शुरू की। वैसे धनी लोगों ने जिनके पास पर्याप्त जमीन उपलब्ध थी शहर में बाहर से आनेवाले गरीब लोगों के लिए टेनेमेंट्स बनाने लगे।


23. श्रमिक वर्ग का आगमन शहरों में किन परिस्थितियों के अंतर्गत हुआ ?

उत्तर ⇒आधुनिक शहरों में जहाँ एक ओर पूँजीपति वर्ग का अभ्युदय हुआ तो दूसरी ओर श्रमिक वर्ग का। शहरों में फैक्ट्री प्रणाली की स्थापना के कारण कृषक वर्ग जो लगभग भूमिविहीन कृषि वर्ग के रूप में थे, शहरों की ओर बेहतर रोजगार के अवसर को देखते हुए भारी संख्या में इनका पलायन हुआ। इस तरह शहरों में रोजगार की अपार संभावनाओं को देखते हुए गाँवों से शहरों की ओर श्रमिक वर्ग का आगमन हुआ।


24. नागरिक अधिकारों के प्रति एक नई चेतना किस प्रकार का आंदोलन या प्रयास से बनी ?

उत्तर ⇒नगरीय सभ्यता ने पुरुषों के साथ-साथ महिलाओं में भी व्यक्तिवाद की भावना को उत्पन्न किया। एक ओर उनके अधिकारों के लिए विभिन्न आंदोलन चलाए गए। महिलाओं के मताधिकार आंदोलन या विवाहित महिलाओं के लिए संपत्ति में अधिकार आदि आंदोलन के माध्यम से महिलाओं में नागरिक अधिकारों के प्रति एक नई चेतना विकसित हुई। उन्नीसवीं शताब्दी में अधिकतर आंदोलन जैसे चार्टिस्ट (सभी वयस्क पुरुषों के लिए चलाया गया आंदोलन), दस घंटे का आंदोलन (कारखानों में काम के घंटे निश्चित करने के लिए चला आंदोलन) आदि के द्वारा नागरिक अधिकारों के प्रति एक नई चेतना को विकसित किया।


25. 18वीं शताब्दी के मध्य से लंदन की आबादी बढ़ने का क्या कारण था ?

उत्तर ⇒लंदन एक बड़ा नगर था। इंगलैंड की राजधानी होने के कारण इसकी आबादी लगातार बढ़ती गई। जहाँ 1750 तक इसकी आबादी 6 लाख से अधिक थी। वहीं 1880 तक लंदन की जनसंख्या चालीस लाख हो गई। यद्यपि लंदन में कारखाने नहीं थे परंतु वहाँ रोजगार के अन्य अवसर उपलब्ध थे। इसलिए इंगलैंड के विभिन्न भागों से लोग वहाँ आकर बसने लगे। प्रथम विश्वयुद्ध तक लंदन में मोटर और बिजली के सामान भी बड़े स्तर पर बनाए जाने लगे। इससे नए-नए कारखाने खुले। इससे भी लंदन की आबादी बढ़ती गयी।


26. नगरों में विशेषाधिकार प्राप्त वर्ग अल्पसंख्यक हैं ऐसी मान्यता क्यों बनी है ?

उत्तर ⇒विशेषाधिकार प्राप्त वे वर्ग होते हैं जो सामाजिक तथा आर्थिक दृष्टि से सर्वसंपन्न होते हैं। यह बात सही है कि नगरों में सामाजिक तथा आर्थिक विशेषाधिकार प्राप्त वर्ग सीमित हैं। अतः इन्हें अल्पसंख्यक कहा गया है। चूंकि यह वर्ग सुविधा संपन्न है, इसलिए ये पूर्णरूपेण उन्मुक्त तथा संतष्ट जीवन जी सकते हैं। अधिकतर व्यक्ति जो शहरों में रहते हैं उनके साधन सीमित हैं तथा बाध्यताओं में सीमित रहने के कारण उनको सापेक्षिक स्वतंत्रता प्राप्त नहीं है।


27. लंदन में गरीबों के लिए आवास बनवाने की आवश्यकता क्यों पड़ी ?

उत्तर ⇒लंदन में गरीबों के लिए आवास बनवाने के अनेक कारण थे

(i) गरीबों के टेनेमेंट्स रैनबसेरे और अजनबी घर अस्वास्थ्यकर और खतरनाक थे।
(ii) इसमें आग लगने का खतरा था जिससे पूरे शहर को नुकसान हो सकता था।
(iii) गरीबों की बड़ी संख्या सामाजिक राजनीतिक उथल-पुथल ला सकती
(iv)गरीबों के विद्रोह की आशंका को दबाने के लिए श्रमिकों के लिए भी आवासीय योजनाएँ बनाई गई।


Geography ( भूगोल ) लघु उत्तरीय प्रश्न 

1 भारत : संसाधन एवं उपयोग
2 कृषि ( लघु उत्तरीय प्रश्न )
3 निर्माण उद्योग ( लघु उत्तरीय प्रश्न )
4 परिवहन, संचार एवं व्यापार
5 बिहार : कृषि एवं वन संसाधन
6 मानचित्र अध्ययन ( लघु उत्तरीय प्रश्न )

History ( इतिहास ) लघु उत्तरीय प्रश्न 

1 यूरोप में राष्ट्रवाद
2 समाजवाद एवं साम्यवाद
3 हिंद-चीन में राष्ट्रवादी आंदोलन
4 भारत में राष्ट्रवाद 
5 अर्थव्यवस्था और आजीविका
6 शहरीकरण एवं शहरी जीवन
7 व्यापार और भूमंडलीकरण
8 प्रेस-संस्कृति एवं राष्ट्रवाद

Political Science  लघु उत्तरीय प्रश्न 

Economics ( अर्थशास्त्र ) लघु उत्तरीय प्रश्न

1 अर्थव्यवस्था एवं इसके विकास का इतिहास
2 राज्य एवं राष्ट्र की आय
3 मुद्रा, बचत एवं साख
4 हमारी वित्तीय संस्थाएँ
5 रोजगार एवं सेवाएँ
6 वैश्वीकरण ( लघु उत्तरीय प्रश्न )
7 उपभोक्ता जागरण एवं संरक्षण

Aapda Prabandhan Subjective 2022

शहरी जीवन क्या है?

शहरी जीवन यह ग्रामीण जीवन के मुकाबले ज्यादा विकसित और सुरक्षित होता है। जहाँ चिकित्सा, रोजगार, शिक्षा आदि से जुड़े सभी सुविधाओं का लाभ शहरी जीवन जीने वाले लोग उठाते हैं। यहाँ पर रहने वाले सभी लोग अपनी दिनचर्या में पूरी तरह व्यस्त रहते हैं। जिसके कारण वे अन्य चीजों कुछ समय नहीं दे पाते हैं।

शहरीकरण से आप क्या समझते हैं?

शहरी क्षेत्रों के भौतिक विस्तार (क्षेत्रफल, जनसंख्या आदि का विस्तार) शहरीकरण (Urbanisation) कहलाता है। यह एक वैश्विक परिवर्तन है। संयुक्त राष्ट्र संघ की परिभाषा के अनुसार, ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों का शहरों में जाकर रहना और काम करना भी 'शहरीकरण' है।

शहर में रहने के क्या फायदे हैं?

शहर में रहने के फायदे- हॉस्पिटल नजदीक होते हैं.
घर के समान आसानी से मिल जाते हैं.
पक्की सड़क के कारण आसानी से अवा -गमन किया जा सकता हैं.
स्कूल कॉलेज के लिए ज्यादा दूर जाने की जरूरत नहीं पड़ती.
नुकसान- यहाँ कोई किसी से मतलब नहीं रखता.
ताजी हवा का आभव होता है.
पशु पक्षियों ओर प्रकृति से दूर हो जाते हैं.
स्वार्थ भाव आने लगता है.

6 शहरीकरण से आप क्या समझते हैं ?`?

शहरीकरण का तात्पर्य ग्रामीण क्षेत्रों से शहरी क्षेत्रों में जनसंख्या की आवाजाही से है, ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के अनुपात में कमी एवं समाज का इस परिवर्तन के साथ अनुकूलन से है।