नई दिल्ली, Shardiya Navratri 2022 Day 4: हिंदू धर्म में नवरात्र का काफी अधिक महत्व है। नवरात्र के दिनों में मां दुर्गा के नौ स्वरूप की पूजा की जाती है। वहीं चौथे दिन मां कूष्मांडा देवी की पूजा की जाएगी। माना जाता है कि मां कूष्मांडा देवी ने सृष्टि की रचना की थी। कूष्मांडा एक संस्कृत शब्द है जिसका अर्थ है कुम्हड़ा यानी पेठा की बलि देना। माना जाता है कि मां कूष्मांडा की पूजा करने से हर तरह के कष्टों से छुटकारा मिल जाता है। इसके साथ ही सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है। जानिए मां कूष्मांडा की पूजा का शुभ मुहूर्त, स्वरूप और मंत्र। Show Margashirsha Month 2022: मार्गशीर्ष मास में करें सूर्य देव सहित इन देवी-देवता की पूजा, होगी पुण्य की प्राप्ति यह भी पढ़ेंमां कूष्मांडा की पूजा का शुभ मुहूर्तनवमी तिथि आरंभ- 29 सितंबर को तड़के 1 बजकर 27 मिनट से शुरू नवमी तिथि समाप्त- 30 सितंबर सुबह 12 बजकर 9 मिनट तक विशाखा नक्षत्र- 29 सितंबर सुबह 5 बजकर 52 मिनट से 30 सितंबर सुबह 5 बजकर 13 मिनट तक अभिजीत मुहूर्त- सुबह 11 बजकर 35 मिनट से दोपहर 12 बजकर 22 मिनट तक कैसा है मां कूष्मांडा का स्वरूप?मां कूष्मांडा नौ देवियों में से चौथा अवतार माना जाता है। मां कूष्मांडा की आठ भुजाएं होती है। इसी कारण उन्हें अष्ठभुजा के नाम से जाना जाता है। बता दें कि मां के एक हाथ में जपमाला होता है। इसके साथ ही अन्य सात हाथों में धनुष, बाण, कमंडल, कमल, अमृत पूर्ण कलश, चक्र और गदा शामिल है। Paush Amavasya 2022: पौष अमावस्या पर इस तरह करें चंद्र देव और पितरों की पूजा, जानें पूजा विधि और नियम यह भी पढ़ेंऐसे करें मां कूष्मांडा की पूजाइस दिन सुबह उठकर सभी कामों ने निवृत्त होकर स्नान आदि कर लें। इसके बाद विधिवत तरीके से मां दुर्गा और नौ स्वरूपों के साथ कलश की पूजा करें। मां दुर्गा को सिंदूर, पुष्प, माला, अक्षत आदि चढ़ाएं। इसके बाद मालपुआ का भोग लगाएं और फिर जल अर्पित करें। इसके बाद घी का दीपक और धूप जलाकर मां दुर्गा चालीसा , दुर्गा सप्तशती का पाठ करें। इसके साथ ही इस मंत्र का करीब 108 बार जाप जरूर करें। Makar Sankranti 2023: मकर संक्रांति कब? जानिए तिथि, शुभ मूहूर्त और महत्व यह भी पढ़ेंमंत्र 1. सर्व स्वरूपे सर्वेशे सर्वशक्ति समन्विते। भयेभ्य्स्त्राहि नो देवि कूष्माण्डेति मनोस्तुते।। 2. ऊं देवी कूष्माण्डायै नमः॥ 3- 'ऊँ ऐं ह्रीं क्लीं कूष्मांडा नम:
डिसक्लेमर 'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।' Maa Kushmanda Puja Vidhi, Color, Mantra, Aarti Timings: नवरात्रि के पावन के पर्व की शुरुआत हो चुकी है। नवरात्रि में मां दुर्गा के अलग-अलग नौ स्वरूपों की पूजा- अर्चना की जाती है। वहीं नवरात्रि के चौथे दिन माता के कूष्मांडा स्वरूप की पूजा की जाती है। शास्त्रों के मुताबिक जब सृष्टि की रचना नहीं हुई थी उस समय चारों तरफ अंधकार मौजूद था, तब देवी के इस स्वरूप द्वारा ब्रह्माण्ड का जन्म हुआ। आपको बता दें कि देवी कूष्मांडा अष्टभुजा से युक्त हैं। इसलिए इन्हें देवी अष्टभुजा के नाम से भी जाना जाता है। ये भक्तों के कष्ट रोग, शोक संतापों का नाश करती हैं। मां कूष्मांडा की पूजा से बुद्धि का विकास होता है और जीवन में निर्णय लेने की शक्ति बढ़ती है। आइए जानते हैं मां कूष्मांडा की आरती, मंत्र और किस चीज का लगाना चाहिए भोग… जानिए कैसा है मां कूष्मांडा का स्वरूपमां कूष्मांडा की आठ भुजाएं हैं। जिसमें सात हाथों में कमण्डल, धनुष, बाण, कमल-पुष्प, अमृतपूर्ण कलश, चक्र तथा गदा हैं। वहीं आठवें हाथ में सभी सिद्धियों और निधियों को देने वाली जप माला है। वहीं माता की मधुर मुस्कान हमारी जीवनी शक्ति का संवर्धन करते हुए हमें हंसते हुए कठिन से कठिन मार्ग पर चलकर सफलता पाने को प्रेरित करती है। जानिए पूजा- विधिइस दिन सुबह जल्दी स्नान करके, साफ सुथरे वस्त्र पहन लें। इसके बाद माता कूष्मांडा को नमन करें। इसके बाद व्रत, पूजन का संकल्प लें और फिर मां कूष्माण्डा सहित समस्त स्थापित देवताओं की षोडशोपचार पूजा करें। फिर माता की कथा सुनें, इनके मंत्रों का जाप करते हुए ध्यान करें। दुर्गा सप्तशती या फिर सिद्ध कुंजिका स्तोत्र का पाठ करें। फिर अंत में आरती गाएं। लोकप्रिय खबरें 2023 में इन राशियों को आकस्मिक धन लाभ और भाग्योदय के प्रबल योग, गुरु बृहस्पति की रहेगी असीम कृपा Side Effect of Almonds: इन 4 बीमारियों में जहर जैसा काम करता है बादाम, डॉक्टर से जानें- बादाम को छीलकर खाएं या छिलके सहित Gujarat Election 2022 में आप की आएंगी कितनी सीटें? हेमंत बिस्वा सरमा ने कहा- लिख कर नहीं दूंगा, कपिल मिश्रा ने लिख दिया NDTV के बोर्ड से प्रणय रॉय और राधिका रॉय का इस्तीफा, संजय पुगलिया समेत 3 नए डायरेक्टर नियुक्त Also Read ज्योतिष शास्त्र अनुसार राशि के अनुसार करें देवी मां की पूजा-अर्चना; पूरी हो सकती है हर मनोकामना! इस चीज का लगाएं भोगदेवी मां को मालपुए का भोग लगाना चाहिए। इसके बाद यह प्रसाद सभी लोगों में वितरित करना चाहिए। माता को पालपुए का भोग लगाने से सभी मनोकामाएं पूर्ण होती है। साथ ही सभी कष्टों से मुक्ति मिलती है। माता कुष्मांडा की पूजा कैसे करें?नवरात्र के चौथे दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान कर लें और मां दुर्गा के कूष्मांडा रूप की छवि आंखों में भरते हुए पूजा में ध्यान लगाएं। पूजा में मां को लाल रंग का पुष्प, गुड़हल, या फिर गुलाब अर्पित करें। इसके साथ ही सिंदूर, धूप, दीप और नैवेद्य चढ़ाएं। मां की पूजा आप हरे रंग के वस्त्र पहनकर करें तो अधिक शुभ माना जाता है।
मां कुष्मांडा को क्या चढ़ाया जाता है?मां कूष्मांडा को भोग में मालपुआ चढ़ाया जाता है. मान्यता है कि इस भोग को लगाने से मां कूष्मांडा प्रसन्न होती हैं और भक्तों पर अपना आशीर्वाद बनाए रखती हैं.
माता का प्रिय भोग क्या है?माता को नारियल का भोग सर्वाधिक प्रिय है। माता को यह भोग अर्पित करने से मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है।
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