कवि परिचय – आलोक धन्वा रचनाएँ: काव्यगत विशेषताएँ: भाषा-शैली: कविता का प्रतिपादय एवं सार सार: 1. शब्दार्थ: प्रसंग: विशेष:
शब्दार्थ: व्याख्या: विशेष:
3. प्रसंग: व्याख्या: विशेष:
IMPORTANT QUESTIONS
(a) छतों को भी नरम बनाते हुए (क) मृदग जैसी ध्वनि कहाँ से उत्पन्न हो रही हैं? उसका क्या प्रभाव पड़ रहा हैं? (b) अगर वे कभी गिरते हैं छतों के खतरनाक किनारों से (क) काव्यांश का भाव स्पष्ट कीजिए। पतंग कविता में कविता का शीर्षक क्या है?पतंग कविता का प्रसंग - प्रस्तुत काव्यांश हमारी हिन्दी की पाठ्य पुस्तक 'आरोह' में सकंलित कवि 'श्री आलोक धन्वा' जी द्वारा रचित 'पतंग' शीर्षक कविता से उद्धृत किया गया है। इसमें कवि ने बच्चों द्वारा बिना भय के चंचलता से छत पर पतंग उड़ाने तथा उड़ाते समय गिरने के बाद फिर उसी उत्साह से पतंग उड़ाने का दृश्य प्रस्तुत किया है।
पतंग शीर्षक कविता का मूल भाव क्या है?Answer: पतंग' आलोक धन्वा द्वारा रचित कविता है, जिसमें कवि ने बाल-सुलभ इच्छाओं एवं उमंगों का सुंदर एवं सजीव चित्रण किया है। उन्होंने बाल क्रियाकलापों एवं प्रकृति में आए परिवर्तनों को सहज भाव से अभिव्यक्त किया है। पतंग बच्चों की उमंगों का रंग-बिरंगा सपना है जो आसमान में उड़ता है, जिसे बालमन छूना चाहता है।
पतंग कविता की शैली क्या है?'पतंग' कविता बालसुलभ इच्छाओं व उमंगों का सुंदर चित्रण है। भाषा-शैली-कवि ने शुद्ध साहित्यिक खड़ी बोली का प्रयोग किया है। ये बिंबों का सुंदर प्रयोग करते हैं। इनकी भाषा सहज व सरल है।
पतंग कविता का उद्देश्य क्या है?यह कविता बाल सुलभ चेष्टाओं और क्रियाकलापों का चित्रांकन करती है। बच्चों का मन भी अत्यंत कोमल और हल्का होता है। पतंगों के साथ-साथ वे भी उड़ रहे हैं-बच्चों का उड़ान से कैसा सबंध बनता है? कवि ने ऐसा इसलिए कहा है क्योंकि जब पतंग उड़ती है तो बच्चों का मन भी उसके साथ उड़ता है।
|