खतौनी में नाम संशोधन कैसे होगा? - khataunee mein naam sanshodhan kaise hoga?

संशोधन के साथ ही ऑनलाइन अपडेट होगी खतौनी

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Navbharat Times | Updated: 30 Apr 2016, 6:30 am

- भूलेख साफ्टवेयर में राजस्व विभाग ने किया बदलाव, 5 जिलों में लागूप्रमुख संवाददाता, लखनऊ जमीनी विवाद खत्म करने और प्रक्रिया पारदर्शी बनाने के ...

खतौनी में नाम संशोधन कैसे होगा? - khataunee mein naam sanshodhan kaise hoga?

- भूलेख साफ्टवेयर में राजस्व विभाग ने किया बदलाव, 5 जिलों में लागू

प्रमुख संवाददाता, लखनऊ

जमीनी विवाद खत्म करने और प्रक्रिया पारदर्शी बनाने के लिए राजस्व परिषद सभी भू लेखों को ऑनलाइन कर रहा है। लगभग सभी तहसीलों में खतौनी ऑनलाइन की जा चुकी है। अब इसमें संशोधन होने पर तहसीलों को राजस्व परिषद का चक्कर नहीं लगाना होगा। इसके लिए भूलेख सॉफ्टवेयर में बदलाव किया गया गया है।

परिषद जमीनों की खतौनी को पहले ही ऑनलाइन कर चुका है। अभी इसमें अगर तहसीलों के स्तर पर कोई बदलाव होता है तो परिषद के सर्वर में उसे चेंज करने के लिए तहसीलों को सीडी लेकर आना होता है। इसको सरल बनाने के लिए खतौनी अप्लीकेशन को वेब बेस्ड बनाने की प्रक्रिया शुरू की गई थी। इससे तहसीलों पर कोई अपडेट होता है तो सेंट्रल सर्वर में भी खतौनी अपडेट हो जाएगी। शुरुआती दौर में पांच जिलों बिजनौर, अलीगढ़, ललितपुर, अमरोहा और औरैया में वेब बेस्ड अप्लीकेशन का ट्रायल किया गया था। इसके बाद उन जिलों से सुझाव मंगाकर साफ्टवेयर में जरूरी बदलाव किए गए हैं। 2 मूई से पॉयलट प्रोजक्ट के तौर पर पांचों जिलों की 10 तहसीलों में इसे लागू किया जाएगा। कवायद सफल रही तो सभी जिलों में यह योजना जमीन पर उतरेगी।

2011 की जनगणना पर मैपिंग

राजस्व परिषद ने जिलों को निर्देश दिए हैं कि रोस्टर में आए सभी गांवों की खतौनी अपडेट कर लें और अगर मास्टर डॉटा में कोई गलती हो तो उसे तत्काल सुधार लिया जाए। तहसीलों के सभी राजस्व गांवों की मैपिंग 2011 की जनगणना के आधार पर किए जाने के निर्देश दिए गए हैं। तहसील लाइव होने के बाद पुराना सर्वर कलेक्ट्रेट में जमा करना होगा जिसमें उसमें कोई हेरफेर न किया जा सके। पांच जिलों में सभी अमल-दरामद और खतौनी नए साफ्टवेयर पर ही निर्गत किए जाएंगे। इसमें होने वाला कोई संशोधन भी सर्वर कुछ ही घंटों में अपडेट हो सकेगा।

डिजिटल हो रहें नक्शे

भू मानचित्र और खतौनी को लेकर तहसीलदारों और लेखपालों का खेल खूब चलता है। कई जगहों पर पुराने रेकॉर्ड नष्ट भी हो चुके हैं। ऐसे में तहसीलों पर मनमानी व्याख्या कर किसानों से वसूली की शिकायतें आती हैं। इसलिए उनको डिजिटाइज किया जा रहा है। ऐसेा होने के बाद एक क्लिक पर सारी जानकारी उपलब्ध होंगी और हेर-फेर की गुंजाइश खत्म हो जाएगी। इसे अंतर्गत प्रदेश के हर गांव की जमीन का शजरा (भू मानचित्र) ऑनलाइन होगा किया जा रहा है। राजस्व परिषद भू मानचित्रों की डिजिटाइजेशन की प्रक्रिया से जल्द ही हर जिले को जोड़ देगा।

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खतौनी में नाम संशोधन के लिए लेखपाल ने मांगी घूस

भीटी (अम्बेडकरनगर) हिसं

खतौनी में नाम संशोधन कैसे होगा? - khataunee mein naam sanshodhan kaise hoga?

Newswrapहिन्दुस्तान टीम,अंबेडकर नगरFri, 20 Mar 2020 12:37 AM

भीटी (अम्बेडकरनगर) हिसं

भीटी तहसील क्षेत्र के ग्राम पंचायत महमूदपुर रायगंज में खतौनी में नाम संशोधन किए जाने के लिए लेखपाल पर घूस लेने का आडियो वायरल हुआ है। सोशल मीडिया पर वायरल आडियो को संज्ञान में लेते हुए एसडीएम भीटी अनिल कुमार सिंह ने कहा कि आडियो की वास्तविकता की जांच कराकर दोषी लेखपाल के खिलाफ विभागीय कार्रवाई होगी। भीटी तहसील के ग्राम पंचायत महमदपुर रायगंज निवासी विकास वर्मा ने उपजिलाधिकारी को प्रार्थना पत्र देकर बताया है कि कर्मराज पुत्र बलेसर की खतौनी में गलती के कारण कर्म लाल दर्ज हो गया है। कर्म राज के परिवार में कोई दूसरा वारिस नहीं है, जिसके लिए उनकी बहन के लड़के विजय ने हल्का लेखपाल राजेश कुमार वर्मा से बात की। आरोप है कि संशोधन करने के लिए लेखपाल ने 15 सौ रुपए की मांग की। कर्म राज की बहन कुमारी देवी से 18 तारीख को फोन पर बात करते हुए लेखपाल राजेश वर्मा ने कहा कि रुपया लेकर आओ उसके बाद संशोधन कर दिया जाएगा। कुमारी ने फोन पर कहा कि उसके पास मात्र 800 रुपए हैं शेष रुपया बाद में दे देगी। इसके जवाब में लेखपाल ने कहा कि जो रुपया है वह लेकर आ जाओ, शेष 700 रुपए बाद में दे देना। यदि काम अभी नहीं करा पाओगी तो फिर बाद में काम नहीं हो पाएगा। कुमारी ने बताया कि 800 रुपए हल्का लेखपाल को दे दिया गया है। प्रार्थना पत्र में बताया गया है कि लेखपाल ने विकास वर्मा पुत्र शिवराम वर्मा से वरासत दर्ज करने के नाम पर 1000 रुपए लिया है, परंतु अभी तक वरासत दर्ज नहीं की गई है। पीड़िता ने उपजिलाधिकारी से लेखपाल के विरुद्ध कार्रवाई करते हुए नाम का संशोधन तथा वरासत दर्ज कराने की मांग की है। इस संबंध में उपजिलाधिकारी भीटी अनिल कुमार सिंह ने बताया कि पूरे मामले की जांच कराई जा रही है।

खतौनी में नाम संशोधन कैसे होता है?

भूलेख में भूमि पंजीकरण पर आप अपना नाम कैसे बदल सकते हैं?.
चरण 1: एक हलफनामा दर्ज करें ... .
चरण 2: प्रिंट मीडिया में विज्ञापन का प्रकाशन ... .
चरण 3: राजपत्र में नोटिस का प्रकाशन ... .
चरण 4: भूमि रजिस्ट्री कार्यालय में जाएं ... .
चरण 5: सत्यापन प्रक्रिया ... .
चरण 6: नाम में बदलाव को अपडेट करें.

खतौनी का नवीनीकरण कितने साल में होता है?

खतौनी की परंपरागत व्यवस्था में हर छह साल में खतौनी रजिस्टर में बदलाव होता है। इस दौरान खतौनी में होने वाले किसी भी प्रकार को बदलाव को रजिस्टर में किनारे नोट कर दिया जाता है। छह साल बाद जब नया रजिस्टर बनता है, तो उसमें नए बदलावों को शामिल कर खतौनी तैयार होती है।

खतौनी निकालने के लिए क्या करना चाहिए?

पहला अपने घर के पास के जनसुविधा केंद्र में जाकर कुछ पैसे देकर इसे निकलवा सकते हैं, दूसरा की आप खुद भी इंटरनेट पर अपने राज्य की राजस्व विभाग संबंधी वेबसाइट पर जाकर खसरा-खतौनी निकाल सकते हैं।

मैं खतौनी की प्रमाणित प्रति कैसे प्राप्त कर सकता हूं?

खसरा⁄खतौनी का प्रयोग किसी जमीन की वास्तविक स्थिति के अवलोकन हेतु किया जाता है। वहीं प्रमाणित प्रति हेतु तहसील के कम्प्यूटर केन्द्र व सीएससी तथा लोकवाणी केन्द्रों पर सम्पर्क कर प्राप्त कर सकते हैं। प्रमाणित खतौनी का शुल्क तहसील के कम्प्यूटर केन्द्र पर रू0 20 तथा सीएससी एवं लोकवाणी केन्द्रों पर रू0 30 होता है।