चालक की विद्युत धारिता क्या है? - chaalak kee vidyut dhaarita kya hai?

किसी चालक की वैद्युत धारिता (कैपेसिटी या कैपेसिटेंस), उस चालक की वैद्युत आवेश का संग्रहण करने की क्षमता की माप होती है। जब किसी चालक को आवेश दिया जाता है तो उसका वैद्युत विभव आवेश के अनुपात में बढता जाता है। यदि किसी चालक को q आवेश देने पर उसके विभव में V वृद्धि हो, तो

q अनुक्रमानुपाती V

q = CV

जहाँ C एक नियतांक है जिसका मान चालक के आकार, समीपवर्ती माध्यम तथा पास में अन्य चालकोँ की उपस्थिति पर निर्भर करता है। इस नियतांक को 'वैद्युत धारिता' कहते हैँ। ऊपर के समीकरण q = CV से

C = q / V

इस प्रकार, किसी चालक की वैद्युत धारिता चालक को दिये गये आवेश तथा चालक के विभव में होने वाली व्रिद्धि के अनुपात को कहते हैँ। धारिता का SI मात्रक कूलाम/वोल्ट है। इसे 'फैरड' कहते है तथा इसे F से निरुपित करते हैं। इस प्रकार,

1 फैरड =1 कूलाम/वोल्ट

धारिता का emu में मात्रक ‛स्टेट फैरड’ होता है।

1 फैरड =9×1011 स्टेट फैरड

1 माइक्रोफैरड = 10-6 फैरड

1 नैनोफैरड=10-9 फैरड

1 पीकोफैरड=10-12 फैरड

इसी प्रकार C=q/v से-

यदि v=1वोल्ट, C=q तो किसी चालक की वैद्युत धारिता चालक को दी गयी आवेश की वह मात्रा है जो चालक के विभव में एक वोल्ट का परिवर्तन कर दे।

वैधुत धारिता एक अदिश राशि है। वैधुत धारिता का मान सदैव धनात्मक होता है। क्योकि चालक पर आवेश तथा इसके कारण विभव में परिवर्तन के चिन्ह सामान होते हैं।

धारिता का विमीय सूत्र - [T×T×T×T×A×A/M×L×L] है। चालक के माध्यम का परावैद्युतांक बढ़ने से धारिता भी बढती है।

किसी चालक की धारिता निम्न तथ्यों पर निर्भर नहीं करती है-

  • (१) चालक के आवेश पर - q का मान बढ़ने पर v का मान भी उसी अनुपात में बढ़ता है। अतः धारिता नियत रहती है।

नोट - यदि सूत्र c=q/v से v=0 तो c=∞ अतः धारिता अनन्त होगी। चूँकि पृथ्वी का विभव 0 होता है। तो पृथ्वी की धारिता अनन्त होगी। अतः प्रथ्वी अनन्त आवेश संगृहीत कर सकती है।

इसी प्रकार जब हम किसी चालक को आवेश देते है तो चालक के विभव का आंकिक मान बढ़ता है। यदि चालक को आवेश लगातार देते जाये तो चालक स्थतिज ऊर्जा का संचय नहीं कर पता अर्थात वैधुत रोधन क्षमता समाप्त हो जाती है। तथा आवेश लीक होने लगता है। इस स्थिति में विभव का मान अधिकतम होता है। ओर इस प्रकार चालक द्वारा आवेश की एक निश्चित मात्रा का संग्रह ही संभव है।

किसी चालक में Energy को विद्युत आवेश के रूप में सामा सकने या स्टोर करने की कैपेसिटी या क्षमता को विद्युत धारिता कहते है इसे C से प्रदर्शित कहते है

किसी चालक की विद्युत धारिता उसको दिए गए आवेश और विभव में हुई वृद्धि के अनुपात को कहते हैं

आसान भाषा में बात करें तो विद्युत धारिता विद्युत ऊर्जा स्टोर करने की क्षमता है जो कोई चालक या सर्किट अपने आप में रख सकता है विद्युत ऊर्जा विद्युत आवेश के रूप में होती है

जैसे कि कोई ग्लास है और उसमें 500 ml पानी आता है तो उसकी क्षमता 500 ml हुई इसी प्रकार किसी चालक में जैसे कैपेसिटर या संधारित्र में कितना आवेश आ सकता है उसे विद्युत धारिता कहेंगें

मान लीजिए की किसी चालक को दिया गया आवेश Q है और उसे और आवेश देने पर चालक के विभव में हुई वृद्धि V  है तब विद्युत धारिता

चालक की विद्युत धारिता क्या है? - chaalak kee vidyut dhaarita kya hai?

जहाँ –

C = विद्युत धारिता

Q = आवेश

V = वोल्टेज

विद्युत् धारिता का मात्रक और विमीय सूत्र

विद्युत धारिता का S. I मात्रक फैरड होता है इसे F प्रदर्शित करते हैं

विद्युत धारिता के लिए फैरड बहुत बड़ा मात्रक है इसलिए फैरड की जगह माइक्रो फैरड पिको फेरेड आदि का यूज करते हैं

विद्युत् धारिता का विमीय सूत्र 

चालक की विद्युत धारिता क्या है? - chaalak kee vidyut dhaarita kya hai?
होता है

 गोलीय चालक की विद्युत धारिता

माना कोई विलगित गोलीय चालक लेते है इस गोलीय चालक की त्रिज्या R व केंद्र O है जब इसको +Q आवेश दिया जाता है तो यह गोलीय चालक के बाहरी तल पर समान रूप से फैल जाता है

चालक की विद्युत धारिता क्या है? - chaalak kee vidyut dhaarita kya hai?
चालक की विद्युत धारिता क्या है? - chaalak kee vidyut dhaarita kya hai?

तो चालक के तल पर मौजूद किसी बिंदु पर विभव

V = 1/4πε₀k . Q/R

k= माध्यम का परावैद्युतांक

C = Q/V

C= Q/1/4πε₀k .Q/R

C= 4πε₀kR

यदि माध्यम निर्वात हो तो –

निर्वात का के लिए K का मान 1 होता है

C = 4πε₀R

या हम कह सकते है की गोलीय चालक की विद्युत धारिता उसकी त्रिज्या की गुनी होती है S.I में

विद्युत धारिता को कौन कौन से कारक प्रभावित करते हैं

  • चालक का क्षेत्रफल बढ़ा देने पर उसकी विद्युत धारिता बढ़ जाती है आप कैपेसिटर को देख सकते हो छोटे कैपेसिटर या संधारित्र की धारिता साइज में बड़े कैपेसिटर धारिता से कम होती है
  • चालक के चारों ओर माध्यम के परावैद्युतांक K का मान बड़ा देने पर विद्युत धारिता बड़ जाती है
  • आवेशित चालक के पास दूसरे चालक मौजूद होने पर पर आवेशित चालक के कुछ आवेशित कण दूसरे चालक के पास चले जाते है जिस से विभव के मान मे कमी आ जाती है और विद्युत धारिता का मान कम हो जाता है

यदि चालक के आस पास कोई अन्य चालक उपस्थित हो तो उस की धारिता बढ़ जाती है

आशा है विद्युत धारिता आपको समझ आ गई होगी कोई प्रश्न हो तो कमेंट में लिखे और इसे अपने दोस्तों के साथ शेयर जरूर करें नीचे बटन है

किसी चालक की विद्युत धारिता क्या है?

इस प्रकार, किसी चालक की वैद्युत धारिता चालक को दिये गये आवेश तथा चालक के विभव में होने वाली व्रिद्धि के अनुपात को कहते हैँ। धारिता का SI मात्रक कूलाम/वोल्ट है। इसे 'फैरड' कहते है तथा इसे F से निरुपित करते हैं।

किसी चालक की धारिता कितनी होती है?

Solution : किसी चालक की विद्युत् धारिता आवेश की उस मात्रा के बराबर होती है जो उसके विभव में इकाई की वृद्धि कर दे। सूत्र के रूप में, <br> विद्युत् धारिता = आवेश की मात्रा/विभव में वृद्धि <br> विद्युत् धारिता का मात्रक 'फैरड' है।

किसी चालक की धारिता से क्या तात्पर्य है धारिता की विमीय समीकरण की स्थापना कीजिए?

<br> यदि V = 1 हो, तो C = Q होगा, अर्थात किसी चालक की विद्युत धारिता उस आवेश के आंकिक मान के तुल्य होती है, जो उसके विभव में एकांक वृद्धि कर दे। धारिता का मात्रक कॉलम/वोल्ट या फैरड होता है। इसका विमीय सूत्र `[M^(-1) L^(-2)T^(4)A^(2)]` होता है।

विद्युत धारिता से आप क्या समझते हैं गोलीय चालक की धारिता का सूत्र लिखिए?

अतः किसी माध्यम में गोलीय चालक की धारिता C तथा वायु अथवा निर्वात में किसी चालक की धारिता C0 का अनुपात उस माध्यम के पराविद्युतांक के बराबर होता है। उपरोक्त सूत्र को हम इस प्रकार भी लिख सकते हैं। यहां Ԑ0 को वायु अथवा निर्वात की विद्युतशीलता कहते हैं। यहां इसका मात्रक फैरड मीटर होता है एवं कूलाम2/न्यूटन-मीटर2 भी होता है