प्रश्न 2: “पानी परात को हाथ छुयो नहिं, नैनन के जल सों पग धोंए।“ पंक्ति में वर्णित भाव का वर्णन अपने शब्दों में कीजिए। Show उत्तर: इस पंक्ति में श्रीकृष्ण और सुदामा के मिलन के समय कृष्ण की भावुकता का वर्णन किया गया है। एक लंबे अरसे के बाद कृष्ण और सुदामा एक दूसरे से मिल रहे थे। कृष्ण को अपने मित्र से मिलने की खुशी थी तो साथ में अपने मित्र की दुर्दशा देखकर रोना भी आ रहा था। कृष्ण की आँखों से खुशी के आँसू और दुख के आँसू दोनों ही बह रहे थे। कवि ने यहाँ पर अतिशयोक्ति का प्रयोग भी किया है। कवि का कहना है कि कृष्ण की आँखों से इतने आँसू निकले कि सुदामा के पाँव पखारने के लिए परात में रखे पानी को छूना भी नहीं पड़ा। प्रश्न 3: “चोरी की बान में हौ जू प्रवीने।“ (a) उपर्युक्त पंक्ति कौन, किससे कह रहा है? उत्तर: कृष्ण सुदामा को संबोधित कर रहे हैं। (b) इस कथन की पृष्ठभूमि स्पष्ट कीजिए। उत्तर: सुदामा अपने साथ भेंट के रूप में कृष्ण के लिए चिवड़ा लेकर आये हैं। लेकिन अपनी गरीबी के बोझ तले शर्माकर सुदामा चिवड़े की पोटली को अपनी बगल में छुपाने की कोशिश कर रहे हैं। इसी बात पर कृष्ण अपनी प्रतिक्रिया दे रहे हैं। (c) इस उपालंभ (शिकायत) के पीछे कौन-सी पौराणिक कथा है? उत्तर: बचपन में जब कृष्ण और सुदामा की गुरुमाता उन्हें खाने के लिए चने दिया करती थीं तो सुदामा छुपाकर सारे के सारे चने चट कर जाते थे। इसलिए कृष्ण उनसे कहते हैं कि वे चोरी की कला में तो बचपन से माहिर हैं। प्रश्न 4: द्वारका से खाली हाथ लौटते समय सुदामा मार्ग में क्या-क्या सोचते जा रहे थे? वह कृष्ण के व्यवहार से क्यों खीझ रहे थे? सुदामा के मन की दुविधा को अपने शब्दों में प्रकट कीजिए। उत्तर: सुदामा बड़ी उम्मीद से कृष्ण से मिलने गये थे लेकिन कृष्ण ने उन्हें खाली हाथ ही लौटा दिया। सुदामा की समझ में नहीं आ रहा था कि कृष्ण ने उनका स्वागत तो बड़े प्यार से किया था फिर खाली हाथ क्यों लौटा दिया। कृष्ण की लीला सामान्य मनुष्य की समझ से परे है। सुदामा अपने हिसाब से तर्क निकालने की कोशिश करते हैं। उन्हें लगता है कि जो व्यक्ति बचपन में थोड़े से मक्खन के लिए घर घर भटक सकता है उससे कुछ उम्मीद करना ही बेकार है। प्रश्न 5: अपने गाँव लौटकर जब सुदामा अपनी झोंपड़ी नहीं खोज पाए तब उनके मन में क्या-क्या विचार आये? कविता के आधार पर स्पष्ट कीजिए। उत्तर: जब सुदामा अपने गाँव पहुँचे तो वहाँ का दृश्य पूरी तरह से बदल चुका था। अपने सामने आलीशान महल, हाथी घोड़े, बाजे गाजे, आदि देखकर सुदामा को लगा कि वे रास्ता भूलकर फिर से द्वारका पहुँच गये हैं। थोड़ा ध्यान से देखने पर सुदामा को समझ में आया कि वे अपने गाँव में ही हैं। वे लोगों से पूछ रहे थे लेकिन अपनी झोपड़ी को खोज नहीं पा रहे थे प्रश्न 6: निर्धनता के बाद मिलनेवाली संपन्नता का चित्रण कविता की अंतिम पंक्तियों में वर्णित है। उसे अपने शब्दों में लिखिए। उत्तर: सुदामा सोचने लगे कि कमाल हो गया। जहाँ सर के ऊपर छत नहीं थी वहाँ अब सोने का महल शोभा दे रहा है। जिसके पैरों में जूते नहीं हुआ करते थे उसके आगे हाथी लिये हुए महावत खड़ा है। जिसे कठोर जमीन पर सोना पड़ता था उसके लिए फूलों से कोमल सेज सजा है। प्रभु की लीला अपरंपार है।
NCERT Solutions for Class 8 Hindi Vasant Chapter 12 सुदामा चरित are part of NCERT Solutions for Class 8 Hindi. Here we have given NCERT Solutions for Class 8 Hindi Vasant Chapter 12 सुदामा चरित. प्रश्न-अभ्यास कविता से प्रश्न 1. सुदामा की दीनदेशा देखकर श्रीकृष्ण की क्या मनोदशा हुई? अपने शब्दों में लिखिए प्रश्न 2. “पानी परात को हाथ छयो नहिं, नैनन के जल सों पग धोए।” पंक्ति में वर्णित भाव का वर्णन अपने शब्दों में कीजिए प्रश्न 3. चोरी की बान में हो जु प्रवीने।” प्रश्न 4. द्वारका से खाली हाथ लौटते समय सुदामा मार्ग में क्या-क्या सोचते जा रहे थे? वह कृष्ण के व्यवहार से क्यों खीझ रहे थे? सुदामा के मन की दुविधा को अपने शब्दों में प्रकट कीजिए सुदामा के मन की दुविधा यह थी कि खूब मान-सम्मान तथा आदर-सत्कार करने वाले श्रीकृष्ण ने उन्हें कुछ दिया क्यों नहींइसके अलावा द्वारका आकर अपने चावल खोकर भी न कुछ पाने की दुविधा सता रही थी प्रश्न 5. अपने गाँव लौटकर जब सुदामा अपनी झोंपड़ी नहीं खोज पाए तब उनके मन में क्या-क्या विचार आए? कविता के आधार पर स्पष्ट कीजिए प्रश्न 6. निर्धनता के बाद मिलनेवाली संपन्नता का चित्रण कविता की अंतिम पंक्तियों में वर्णित हैउसे अपने शब्दों में लिखिए कविता से आगे प्रश्न 1. द्रुपद और द्रोणाचार्य भी सहपाठी थे, इनकी मित्रता और शत्रुता की कथा महाभारत से खोजकर सुदामा के
कथानक से तुलना कीजिए सुदामा कथानक से तुलना-कृष्ण और सुदामा की मित्रता सच्चे अर्थों में आदर्श थीवहीं द्रोण तथा द्रुपद की मित्रता एकदम ही इसके विपरीत थीकृष्ण ने सुदामा की परोक्ष मदद करके अपने जैसा ही बना दिया, वहीं द्रुपद और द्रोण ने मित्रता को कलंकित किया तथा एक-दूसरे की जान के प्यासे बन प्रश्न 2. उच्च पद पर पहुँचकर या
अधिक समृद्ध होकर व्यक्ति अपने निर्धन माता पिता-भाई-बंधुओं से नजर फेरने लग जाता है, ऐसे लोगों के लिए सुदामा चरित कैसी चुनौती खड़ी करता है? लिखिए? अनुमान और कल्पना प्रश्न 1. अनुमान कीजिए यदि आपका कोई अभिन्न मित्र आपसे बहुत वर्षों बाद मिलने आए तो आप को कैसा अनुभव होगा? प्रश्न 2. केहि रहीम संपति सगे, बनत बहुत बहु रीति इस दोहे की तुलना यदि हम ‘सुदामा चरित’ से करते हैं तो इन दोनों में काफी समानता मिलती है‘सुदामा चरित’ के अनुसार द्वारकाधीश कृष्ण अपने विपन्न मित्र को देखकर हर्षित हो जाते हैंवे उनका खूब आदर-सत्कार करते हैं तथा बिदाई के समय प्रत्यक्ष रूप में कुछ नहीं देते है किंतु परोक्ष में इतना दे देते हैं कि उन्हें भी अपने समान बना देते हैंइस प्रकार सुदामा चरित’ में भी विपत्ति के समय मित्र की सहायता करने का संदेश दिया गया हैइसमें भी निहित मूलभाव भी उक्त दोहे जैसा ही है कि मुसीबत के समय जो सच्ची भावना से सहायता करे वही हमारा सच्चा मित्र हैश्रीकृष्ण ने सुदामा की अप्रत्यक्ष सहायता कर सुदामा में हीनता की भावना या छोटे होने का भाव पैदा होने ही नहीं दिया। भाषा की बात प्रश्न 1. “पानी परात को हाथ छुयो नहिं, नैनन के जल सो पग धोए” कुछ करने को प्रश्न 1. इस कविता को एकांकी में बदलिए और उसका अभिनय कीजिए सुदामा – (द्वारपाल से पूछते हुए) अरे भाई द्वारपाल, क्या तुम बता सकते हो कि दुद्वारका के राजा श्रीकृष्ण का राजभवन यहाँ कौन-सा है? छात्र एकांकी का अभिनय स्वयं करें। प्रश्न 2. कविता के उचित सस्वर वाचन का अभ्यास कीजिए। प्रश्न 3. ‘मित्रता संबंधी दोहों का संकलन कीजिए। We hope the NCERT Solutions for Class 8 Hindi Vasant Chapter 12 सुदामा चरित help you. If you have any query regarding NCERT Solutions for Class 8 Hindi Vasant Chapter 12 सुदामा चरित, drop a comment below and we will get back to you at the earliest. अपने गाँव पहुँचकर सुदामा ने क्या देखा?द्वारका से लौटकर सुदामा जब अपने गाँव वापस आएँ तो अपनी झोपड़ी के स्थान पर बड़े-बड़े भव्य महलों को देखकर सबसे पहले तो उनका मन भ्रमित हो गया कि कहीं मैं घूम फिर कर वापस द्वारका ही तो नहीं चला आया। फिर सबसे पूछते फिरते हैं तथा अपनी झोपड़ी को ढूँढ़ने लगते हैं। परन्तु ढूँढ नहीं पाते हैं।
अपने गाँव लौट कर सुदामा अपनी झोपड़ी नहीं खोज पाए तब उनके मन में क्या क्या विचार आए?Solution : सुदामा जब अपने गाँव लौटकर अपनी झोंपड़ी न खोज पाए तब उनके मन में यह विचार आया कि कहीं चलते-चलते रास्ता भूलकर फिर द्वारका तो नहीं आ गया।
अपने गाँव वापस पहुंचे पर सुदामा हैरान और परेशान क्यों होते हैं?Solution : अपने गाँव लौटने पर सुदामा के भ्रमित होने का कारण यह था कि उन्हें अपना गाँव अब द्वारका की भाँति ही भव्य दिखाई देने लगा था। वे उसे देखकर सोचने लगे थे कि कहीं भूल से फिर द्वारका ही तो नहीं आ गये। वास्तव में श्रीकृष्ण ने अपने मित्र पर असीम कृपा की।
सुदामा की दीन दशा देखकर कौन रो पड़े थे?Solution : सुदामा की दीन दशा देखकर श्रीकृष्ण रो पड़े थे।
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