CA और CS में क्या अंतर है? - ch aur chs mein kya antar hai?

हमारे देश में कॉमर्स स्ट्रीम के स्टूडेंट्स के लिए चार्टर्ड अकाउंटेंट (CA) या कंपनी सेक्रेटरी (CS) बड़े ही आकर्षक करियर ऑप्शन्स हैं और इसलिये, प्रति वर्ष, हमारे देश के हजारों स्टूडेंट्स CA या CS बनने के लिए जरुरी एग्जाम्स देते हैं. हमारा देश एक विकासशील देश है और यहां कॉमर्स स्ट्रीम से जुड़े विभिन्न क्षेत्रों में, खासकर एकाउंटेंसी में जॉब सीकर्स और प्रोफेशनल्स के लिए ढेरों अवसर उपलब्ध हैं. अब यहां पर हममें से कई स्टूडेंट्स या प्रोफेशनल्स के मन में यह प्रश्न जरुर उठता है कि, आखिर CA और CS प्रोफेशन्स के बीच क्या अंतर है?

अगर आप भी एक ऐसे स्टूडेंट या फिर, एक ऐसे जॉब सीकर हैं जो अभी थोड़ा कंफ्यूज़ हैं कि, आप एक चार्टर्ड अकाउंटेंट के तौर पर अपना करियर शुरू करें या फिर, एक कंपनी सेक्रेटरी के तौर पर.....तो कोई भी निर्णय लेने से पहले आप यह आर्टिकल जरुर बड़े ध्यान से पढ़ें.

CA और CS करियर के बीच प्रमुख समानताएं

ये दोनों ही पेशे काफी हद तक टेक्निकल हैं और इनमें सफल होने के लिए अविश्वसनीय हद तक  संख्यात्मक क्षमता और गणित विषय की आवश्यकता होती है. इसलिये, यदि गणित विषय में आप टैलेंटेड नहीं हैं तो आपके लिए यह बेहतर होगा कि आप इन दोनों ही पेशों से दूर रहें. CA की परीक्षा पास करने के लिए आपके पास संख्याओं और सांख्यिकी में काफी महारत होनी चाहिये. उसी तरह, CS की जॉब के लिए गणित और सांख्यिकी का संतुलित मात्रा में ज्ञान भी शामिल है. CS की जॉब में मुद्दों के कानूनी पक्ष की तरफ अधिक फोकस रहता है, लेकिन फिर भी, CS की नौकरी में कई तरह का हिसाब-किताब रखना शामिल होता है.

चार्टर्ड एकाउंटेंसी (CA) के बारे में संपूर्ण जानकारी

लोग शायद आपको गलत सलाह दें और CA की तैयारी करने की सलाह देकर शायद आपको कंफ्यूज कर दें. जब ऐसे लोगों से इंडस्ट्री में इस क्षेत्र के दायरे या परिपूर्णता के स्तर के बारे में पूछा जाये तो ये लोग अक्सर इस प्रश्न का जवाब देने से बचते हैं. चार्टर्ड एकाउंटेंसी एक पोस्ट ग्रेजुएशन उपाधि है जो किसी छात्र को निर्धारित कोर्सेज पूरे करने के बाद प्रदान की जाती है. इस नौकरी में वित्तीय कार्यनीतियां बनाना, लंबी अवधि के निवेश और पेंशन फंडों की योजना तैयार करना, विलय और अधिग्रहण नीतियां तैयार करना और निवेश संबंधी कार्य शामिल हैं.

प्रमुख निगमों के कई शीर्ष व्यवसायिक अधिकारियों ने चार्टर्ड एकाउंटेंट बनकर अपना करियर शुरू किया था. किसी CA में दैनिक आधार पर अंकों का अनुमान लगाने के साथ ही सांख्यिकी और आंकड़ों से निपटने की योग्यता होनी चाहिए.

भारत में चार्टर्ड एकाउंटेंसी का करियर स्कोप

वर्तमान समय में, भारत में CA का स्कोप असीम है. विकास के अवसरों की कमी के चलते इंजीनियरिंग जैसे क्षेत्र धीरे-धीरे अपनी उपयोगिता खो रहे हैं लेकिन छात्र अभी भी इंजीनियरिंग करने के लिए उत्सुक हैं. CA की पढ़ाई छात्रों के बीच अभी इस हद तक लोकप्रिय नहीं हो पाई है.

भारत में, CA की पढ़ाई और खिताब इंस्टिट्यूट और चार्टर्ड एकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया (ICAI) द्वारा दिए जाते हैं. चार्टर्ड अकाउंटेंसी एक डिस्टेंट लर्निंग कोर्स है और हर साल मई के महीने में ICAI द्वारा इसकी  परीक्षायें आयोजित की जाती हैं.

भारत में CA बनने की पूरी प्रक्रिया निम्नलिखित है:

CA बनने के लिए कॉमन प्रोफिशियेंसी टेस्ट (CPT)

CA बनने के लिए CPT पहला कदम है. यह टेस्ट हर साल दो बार आयोजित किया जाता है. वाणिज्य में स्नातक की डिग्री जिन उम्मीदवारों के पास नहीं होती है, उनके लिए CPT  अनिवार्य है और आमतौर पर उम्मीदवार 10 + 2 के बाद CA - CPT  के लिए आवेदन कर सकते हैं. यह परीक्षा हर साल जून और दिसंबर के महीने में आयोजित की जाती है. ऑनलाइन आवेदन फॉर्म ICAI की आधिकारिक वेबसाइट पर 500/- रुपये में उपलब्ध होते है. जबकि ऑफ़लाइन आवेदन फॉर्म ICAI भवन, इंद्रप्रस्थ मार्ग, नई दिल्ली से 1500/- रुपये में प्राप्त किए जा सकते हैं. ऑनलाइन और ऑफलाइन फॉर्म्स की कीमतों में इतने अधिक अंतर के कारण यह सलाह दी जाती है कि आप ऑनलाइन पंजीकरण करें और अपने रूपये बचाएं.

किसी भी विषय के छात्र CPT  परीक्षा दे सकते हैं, बशर्ते उन्होंने 10 + 2 कक्षा में एक विषय के रूप में गणित विषय पास किया हो. कई इंजीनियरिंग छात्र भी CPT एग्जाम देते हैं, हालांकि वाणिज्य विषय के बेसिक टॉपिक्स को समझने के लिए उन्हें आमतौर पर कोचिंग क्लासेज लेनी पड़ती हैं.

CA बनने के लिए इंटीग्रेटेड प्रोफेशनल कॉम्पिटेंस कोर्स (IPCC)

CA बनने की दिशा में IPCC दूसरा कोर्स और अगला कदम है. इसमें विषयों के दो समूह होते हैं जिनके क्रमशः 4 पेपर होते हैं. इन पेपरों को पास करके ही उम्मीदवार आगे बढ़ सकते हैं. ये विषय CPT स्तर से थोड़े मुश्किल होते हैं और इन्हें पास करने के लिए अत्यधिक तैयारी और समर्पण की आवश्यकता होती है.

अधिकांश छात्र IPCC परीक्षा की कठिनाई के स्तर के कारण यह परीक्षा अपने पहले प्रयास में पास नहीं कर पाते हैं. वर्ष 2017 में IPCC ग्रुप 1 का पास प्रतिशत 16.19% था और ग्रुप 2 का पास प्रतिशत  21.47% था.

CA बनने के लिए CA फाइनल्स

अंत में CA फाइनल्स आते हैं जो सभी पिछली परीक्षाओं में से सबसे कठिन होते हैं. CA फाइनल्स  असल में, पोस्ट-ग्रेजुएट स्तर की परीक्षाओं के काफी समान होते हैं जो उम्मीदवार की तकनीकी और समस्या निवारण क्षमताओं का परीक्षण करते हैं. आमतौर पर CA फाइनल्स को पूरा करने के लिए औसतन 3-5 साल का समय लगता है और ये एग्जाम्स पास करने के लिए उम्मीदवार में बहुत अधिक प्रतिबद्धता और दृढ़ता के गुण होने चाहियें.

कंपनी सेक्रेटरी (CS)

समय बीतने के साथ CA और CS में पढ़ाये जाने वाले कई विषय एक-दूसरे से मिलते-जुलते हो गये हैं, जिसके कारण वे समान प्रतीत होते हैं. हालांकि, रोजगार के बाजार में, दोनों डिग्रीयों का इस्तेमाल विभिन्न भूमिकाएं निभाने के लिए किया जाता हैं.

कंपनी सेक्रेटरी अनिवार्य रूप से एक आतंरिक कानूनी सलाहकार होते हैं जो सरकार द्वारा दिए गए दिशानिर्देशों और नियमों के आधार पर कंपनी के कामकाज की सीमा तय करते हैं. कोई CS यह सुनिश्चित करता है कि कंपनियां सरकार द्वारा निर्धारित ढांचे के भीतर काम करें और उन दिशानिर्देशों का पालन अवश्य करें, जिनका पालन किया जाना चाहिए. भारत में सूचीबद्ध सभी कंपनियों को सुव्यवस्थित कार्यप्रणाली सुनिश्चित करने के लिए प्रमुख प्रबंधकीय स्तर पर एक कंपनी सेक्रेटरी को अवश्य नियुक्त करना होता है.

अब पेश हैं वे CS  बनने के लिए अवश्य एग्जाम्स की जानकारी

CS बनने के लिए फाउंडेशन प्रोग्राम

फाउंडेशन कोर्स CS बनने की ओर पहला कदम है. यह एक आठ महीने की अवधि का लंबा कोर्स है और यह भारत में इंस्टिट्यूट ऑफ़ कंपनी सेक्रेटरीज (ICSI) द्वारा आयोजित किया जाता है. यह छात्रों को उन बुनियादी सिद्धांतों की जानकारी देता है जो एक विशिष्ट कंपनी सेक्रेटरी को कवर करने चाहियें. इसमें कराधान, श्रम कानून, कॉर्पोरेट कानून, लेखा और वित्तीय विश्लेषण जैसे कानूनी विषय शामिल हैं. CA की तरह ही, CS एक डिस्टेंट लर्निंग कोर्स है जिसके लिए तैयारी करते समय कभी-कभी कोचिंग क्लासेज की आवश्यकता होती है.

CS बनने के लिए एग्जीक्यूटिव प्रोग्राम

एग्जीक्यूटिव प्रोग्राम एक मध्यवर्ती प्रोग्राम है और CA करते समय IPCC प्रोग्राम के समान है. कुल सात विषयों वाले दो मॉड्यूल में विभाजित, यह प्रोग्राम आगे किसी कंपनी के कामकाज के कानूनी ढांचे और इसकी गतिविधियां के क्षेत्र से संबद्ध होता है.

छात्र इस प्रोग्राम के तहत एक पेपर या दोनों पेपर एक साथ दे सकते हैं, लेकिन इन दोनों पपरों के पंजीकरण के लिए समय सीमा अलग-अलग होती है.

CS बनने के लिए प्रोफेशनल कोर्स   

CS बनने के लिए प्रोफेशनल कोर्स वह अंतिम परीक्षा है जो आपको अवश्य पास करनी पड़ती है. CA फाइनल्स की तरह ही, बहुत बार अधिकांश छात्र सभी परीक्षायें पास करने के लिए कई प्रयास करते हैं. यह विशेष कोर्स केवल वे छात्र कर सकते हैं जो एग्जीक्यूटिव प्रोग्राम में पास हुए हों.  

आपके लिए महत्त्वपूर्ण निष्कर्ष

CA और CS, ये दोनों ही पेशेवर अपने कार्यक्षेत्र में आने वाली समस्याओं से निपटने में सक्षम होने चाहियें. अगर आप CA और CS की सभी परीक्षायें भी किसी तरह पास कर लें, तो भी आपको अपने पेशे में अवश्य दक्षता प्राप्त करनी होगी क्योंकि, कोई भी अपनी वित्तीय समस्याओं से निपटने के लिए किसी अर्ध-कुशल व्यक्ति को काम पर नहीं रखना चाहता है. इसलिये, CA और CS जैसे पेशेवर कॉमर्स कोर्सेज करने से पहले आपके पास आवश्यक रूप से गणित और सांख्यिकी में महारत होनी चाहिए. 

जॉब, इंटरव्यू, करियर, कॉलेज, एजुकेशनल इंस्टीट्यूट्स, एकेडेमिक और पेशेवर कोर्सेज के बारे में और अधिक जानकारी प्राप्त करने और लेटेस्ट आर्टिकल पढ़ने के लिए आप हमारी वेबसाइट www.jagranjosh.com पर विजिट कर सकते हैं.

सीए या सीएस कौन सा बेहतर है?

CA और CS दोनों कोर्स में 3 लेवल शामिल हैं, लेकिन प्रत्येक क्षेत्र की अवधि एक-दूसरे से अलग होती हैं। अगर तुलना की जाए तो CS, CA से छोटा होता है और इसे 2-3 साल में पूरा किया जा सकता है। जबकि CA को पूरा होने में 5 साल लगते हैं (प्रशिक्षण अवधि सहित)।

सीए और सीएस में क्या फर्क है?

इन सब के साथ सीए का काम है किसी भी कंपनी या फर्म के मुनाफे को बढ़ाना. इसके लिए चार्टर्ड अकाउंटेंट ऑडिट, कराधान, निवेश, वित्त आदि पर काम करते हैं. अब अगर कंपनी सेक्रेटरी की प्रोफाइल की बात करें तो वित्त, लेखा, कराधान जैसे मामलों पर काम करते हैं. इसके लिए उन्हें कंपनियों के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स को सलाह देना होता है.

सीए से क्या बन सकते हैं?

CA किसी भी आर्गेनाइजेशन में बहुत सारी ज़िम्मेदारियां निभाते हैं, जैसे कि लागू हुए मैनेजमेंट एकाउंटिंग, फाइनेंसियल एकाउंटिंग या रिपोर्टिंग, एकाउंटिंग या इंस्युरेन्स आदि। भारत में चार्टर्ड अकाउंटेंट बनने के लिए आपको इंस्टिट्यूट ऑफ़ चार्टर्ड अकाउंटेंट ऑफ़ इंडिया (ICAI) द्वारा CA कोर्स पूरा करना होगा।

CA के बाद क्या होता है?

चार्टर्ड अकाउंटेंट का कोर्स पूरा करने के बाद आप किसी भी मल्टीनेशनल कंपनी में नौकरी शुरू कर सकते हैं। यहां आप फाइनेंस, अकाउंट्स मैनेजर, ऑडिटिंग और टैक्सेशन कंसलटेंट जैसे अन्य पदों पर काम कर सकते हैं।