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वित्त मंत्री (Finance Minister) निर्मला सीतारमण ने घोषणा की है कि इस बार इनकम टैक्स स्लैब में कोई बदलाव नहीं किए जाएंगे और न ही टैक्स दरों में कोई बदलाव किया गया है.Income Tax Slab- इनकम टैक्स स्लैब में बदलाव नहीं Income Tax Slab for Assessment Year 2022-23: कोरोना महामारी की तीसरी लहर के बीच और पांच राज्यों में होने वाले चुनावों से पहले केंद्र सरकार वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए बजट (Budget 2022) लेकर आई है. वित्त मंत्री (Finance Minister) निर्मला सीतारमण ने घोषणा की है कि इस बार इनकम टैक्स स्लैब में कोई बदलाव नहीं किए जाएंगे और न ही टैक्स दरों में कोई बदलाव किया गया है. इनकम टैक्स स्लैब में कोई बदलाव नहीं होने से मिडिल क्लास फैमिलिज को मायूसी हाथ लगी है. हालांकि सरकार ने इनकम टैक्स रिटर्न में बदलाव की सुविधा दी है. अब दो साल पुराने आईटीआर में अपग्रेड किया जा सकेगा. इस बार टैक्स स्लैब में कोई बदलाव नहीं किया गया है. 2.5 लाख रुपये तक की सालाना आय ही पूरी तरह टैक्स फ्री रहेगी. अगर आपकी इनकम 2.5 से ज्यादा और 5 लाख तक है तो आपको 5-2.5 लाख यानी 2.5 लाख रुपये पर 5 फीसदी की दर से टैक्स देना होगा. हालांकि 87A के तहत 5 लाख रुपये तक की सालाना इनकम पर टैक्स बचा पाएंगे. अगर आपकी सालाना टैक्सेबल इनकम 5 लाख रुपये तक है, तो आपको कोई टैक्स नहीं देना होगा. लेकिन आपकी कमाई 5 लाख से ज्यादा हुई तो पुराना फॉर्मूला लागू होगा. उदाहरण के लिए ऐसे समझें कि आपकी सालाना इनकम अगर 5.10 लाख रुपये हैं तो 5.10-2.5 लाख यानी 2.60 लाख रुपये पर आपको टैक्स देना होगा. टैक्स में रिफॉर्म का इरादा
क्या रहेगा इनकम टैक्स स्लैब?
दिव्यांगों को राहतइस बार दिव्यांगों के परिवार को राहत दी गई है. जिन दिव्यांगों के माता-पिता या अभिभावकों ने एन्युटी ली है तो उस एन्युटी से दिव्यांग समय से पहले भी धन की निकासी कर सकेंगे. यहां देखें वीडियो: अर्थव्यवस्था के गति पकड़ने की उम्मीदवित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को संसद में 2021-22 की जो आर्थिक समीक्षा प्रस्तुत की, उसमें यह अनुमान लगाया गया है कि भारतीय अर्थव्यवस्था अगले वित्त वर्ष (2022-23) में 8-8.5 प्रतिशत की दर से बढ़ेगी. समीक्षा के मुताबिक, 2022-23 का वृद्धि अनुमान इस धारणा पर आधारित हैं कि आगे कोई महामारी संबंधी आर्थिक व्यवधान नहीं आएगा, मॉनसून सामान्य रहेगा, कच्चे तेल की कीमतें 70-75 डॉलर प्रति बैरल के दायरे में रहेंगी और वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला के व्यवधान इस दौरान लगातार कम होंगे. आर्थिक समीक्षा में उम्मीद जाहिर की गई है कि अर्थव्यवस्था चालू वित्त वर्ष के दौरान 9.2 प्रतिशत की दर से बढ़ेगी, जो महामारी से पहले के स्तर के मुकाबले सुधार का संकेत है. यह भी पढ़ें: पीएम गति शक्ति प्लान पर जोर, 25 हजार किमी हाइवे और 1000 कारगो टर्मिनल बनाएगी सरकार
एक निवासी व्यक्ति जो पिछले वर्ष के दौरान आयु में 60 या उससे अधिक लेकिन 80 वर्ष से कम के हो गये हैँ, आय कर उद्देश्यों के लिए उन्हें वरिष्ठ नागरिक माना जाता है। एक अति वरिष्ठ नागरिक वह निवासी व्यक्ति हैँ जो पिछले वर्ष किसी भी समय 80 वर्ष या उससे अधिक के हो गये हैँ।
लागू होने वाले फॉर्म
निर्धारण वर्ष 2022-23 के लिए कर स्लैबवरिष्ठ और अति वरिष्ठ नागरिक विद्यमान कर व्यवस्था या निम्नतर कराधान दर (आयकर अधिनियम की धारा 115 BAC के तहत) के साथ नई कर व्यवस्था का विकल्प चुन सकते हैं। नई कर व्यवस्था में रियायती दरों का विकल्प चुनने वाले करदाताओं को वर्तमान कर व्यवस्था में उपलब्ध कुछ छूटों और कटौतियों (जैसे 80C, 80D,80TTB, HRA) की अनुमति नहीं दी जाएगी।
अधिभार, सीमांत राहत और स्वास्थ्य एवं शिक्षा उपकर
निवेश / भुगतान / आय, जिनसे मुझे कर लाभ प्राप्त हो सकता हैअनुभाग 24(b) – आवास ऋण और आवास सुधार ऋण पर भुगतान किए गए ब्याज की गृह सम्पत्ति से प्राप्त आय से कटौती। स्व-अध्यासित सम्पत्ति के मामले में, आवास ऋण पर सन्दत्त की गई ब्याज की कटौती की ऊपरी सीमा 2 लाख रुपए है। हालांकि, यह कटौती नई कर व्यवस्था को चुनने वाले व्यक्ति के लिए उपलब्ध नहीं है। धारा 24(b) के तहत ऋण पर स्वीकार्य ब्याज को नीचे तालिकाबद्ध किया गया है:
आयकर अधिनियम के अध्याय VIA के अंतर्गत निर्दिष्ट कर कटौतियां ये कटौतियां उन करदाताओं के लिए उपलब्ध नहीं होंगी जो धारा 115BAC के तहत नई कर व्यवस्था का विकल्प चुनते हैं, केवल धारा 80CCD(2) के तहत कटौती को छोड़कर, जो नई कर व्यवस्था के अंतर्गत भी अनुज्ञेय होगी।
करदाता की आयु की परवाह किए बिना लागू कर लाभों के साथ साथ, वरिष्ठ/अति वरिष्ठ नागरिकों के लिए कुछ अन्य बढ़े हुए / अतिरिक्त लाभ हैं। अतिरिक्त लाभों को नीचे सूचीबद्ध किया गया है: आयकर विवरणी का कागजी दाखिला अति वरिष्ठ नागरिकों (80 वर्ष या उससे अधिक आयु) के पास फॉर्म 1 या 4 का उपयोग करके ऑफ़लाइन / पेपर ढंग में अपना आई.टी.आर. जमा करने का विकल्प है। उनके लिए ई-फ़ाईलिंग का विकल्प भी उपलब्ध है। अग्रिम कर भुगतान से राहत अनुभाग 208 के अनुसार, प्रत्येक व्यक्ति, जिसकी वर्ष के लिए अनुमानित कर दायित्व 10,000 रुपए या उससे अधिक है, अपने कर का भुगतान अग्रिम कर के रूप में करेगा।लेकिन, अनुभाग 207 निवासी वरिष्ठ नागरिक को अग्रिम कर के भुगतान से राहत प्रदान करता है। इस प्रकार, कोई निवासी वरिष्ठ नागरिक, जिसके पास कारोबार या व्यवसाय से कोई आय नहीं है, अग्रिम कर अदा करने के लिए उत्तरदायी नहीं है। बैंक जमा के ब्याज पर आयकर कटौती आयकर अधिनियम के अनुभाग 80TTB बैंकों, डाक कार्यालय या सहकारी बैंकों में जमा खातों से अर्जित ब्याज पर कर लाभ की अनुमति देता है। वरिष्ठ नागरिक द्वारा अर्जित 50,000 रुपए तक की अधिकतम ब्याज आय के लिए कटौती की अनुमति है। इस उपबंध के अंतर्गत बचत जमा और सावधि जमा पर अर्जित ब्याज कटौती का पात्र है। इसके अलावा, आयकर अधिनियम की धारा 194A के तहत, बैंक, डाकघर या सहकारी बैंक द्वारा एक वरिष्ठ नागरिक को 50,000 रुपए तक के ब्याज का भुगतान बिना स्रोत पर (TDS) कोई कर काटे किया जाता है। इस सीमा की संगणना प्रत्येक बैंक के लिए व्यक्तिगत रूप से की जानी है। चिकित्सा सम्बन्धी बीमा और व्यय के संबंध में कर लाभ आयकर अधिनियम के अनुभाग 80D के अनुसार, वरिष्ठ नागरिक चिकित्सा सम्बन्धी बीमा नीति के लिए प्रीमियम का भुगतान करने के लिए 50,000 रुपए तक की उच्चतर कटौती प्राप्त कर सकते हैं। गैर-वरिष्ठ नागरिकों के मामले में सीमा 25,000 रुपए है। इसके अलावा आयकर अधिनियम के अनुभाग 80DDB के अनुसार विशिष्ट बीमारियों के उपचार के लिए स्वयं या आश्रित व्यक्ति द्वारा उपगत व्यय पर कर कटौती की अनुमति दी जाती है। किसी वरिष्ठ नागरिक के मामले में अधिकतम कटौती राशि 1 लाख रुपए है (गैर-वरिष्ठ नागरिक करदाताओं के लिए 40,000 रुपए है)। पृष्ठ की अंतिम बार समीक्षा की गई या अपडेट किया गया: 25-जुलाई-2022 कितने पैसे रखने पर टैक्स लगता है?इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 80टीटीए (Section 80TTA of the Income Tax Act) के तहत बचत खाते पर प्रति वर्ष 10,000 रुपये तक का ब्याज टैक्स फ्री रहता है। ध्यान रहे कि इसमें आपके सभी बैंक बचत खातों पर मिले ब्याज को शामिल किया जाएगा। यदि सभी बैंक खातों का ब्याज 10,000 रुपये से अधिक है तो उस पर टैक्स लगेगा।
कितने लाख के बाद इनकम टैक्स लगता है?7.5 लाख रुपये से 10 रुपये की आय पर अब 15 फीसदी टैक्स लगेगा. 10 लाख से 12.5 लाख रुपये की आय पर अब 20 फीसदी टैक्स लगेगा. 12.5 लाख रुपये से 15 लाख रुपये की आय पर अब 25 फीसदी टैक्स लगेगा. 15 लाख रुपये से ज्यादा आय वालों पर पहले की तरह 30 फीसदी टैक्स लगेगा.
कितनी इनकम टैक्स फ्री है?नया टैक्स सिस्टम
नए टैक्स सिस्टम में सात स्लैब थे. 2.5 लाख की कमाई वालों को कोई टैक्स नहीं देना होगा. 2.5 लाख से 5 लाख तक की आय वालों पर 5 फीसदी टैक्स लगाया जाता है. वहीं 5 लाख से 7.5 लाख तक की आय वालों पर 10 फीसदी टैक्स देना होता है जबकि 7.5 लाख से 10 लाख रुपए तक की सालाना इनकम वालों पर 15 फीसदी टैक्स लगता है.
1 करोड़ का कितना टैक्स लगता है?टैक्स एक्सपर्ट बलवंत जैन ने बताया कि 50 लाख रुपये से एक करोड़ रुपये की आय पर 30 फीसदी इनकम टैक्स लगता है लेकिन इसके साथ ही इस टैक्स पर 10 फीसदी का सरचार्ज लगाया जाता है। ऐसे ही, 1 करोड़ से 2 करोड़ की आय पर 30 फीसदी इनकम टैक्स और इस टैक्स पर 15 फीसदी सरचार्च लगता है।
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