हाथों में बहुत खुजली होने पर क्या करना चाहिए? - haathon mein bahut khujalee hone par kya karana chaahie?

क्या आपके हाथों में अचानक से छोटे-छोटे पानी वाले दाने निकल आते हैं? ये दाने क्यों होते हैं और इसका क्या कारण है, चलिए आपको बताएं। 

यह समस्या अधिकतर बारिश के मौसम होती है। यह जो समस्या है जिसकी बात यहां हो रही है वो 'हैंड ब्लिस्टर' है। इसका मतलब है हाथों में लाल छोटे-छोटे पानी वाले दाने, जिस पर खुजली होती है। यह आपकी हाथ और पैरों की उंगलियों पर नजर आने लगते हैं। इसमें एक पस भरने लगता है, जिसमें कई बार दर्द भी होता है।

यह कई कारणों से हो सकते हैं, जिनमें फ्रिक्शन, खुजली, इन्फेक्शन आदि कई स्थितियां जिम्मेदार होती है। इनमें कई बार सिर्फ खुजली होती है मगर स्थिति गंभीर हो तो दर्द का सामना भी कई लोगों को करना पड़ता है। 

हाथ के फफोले के प्रकार

हाथों में बहुत खुजली होने पर क्या करना चाहिए? - haathon mein bahut khujalee hone par kya karana chaahie?

फफोले का नाम आमतौर पर उनके कारण के नाम पर रखा जाता है। तीन मुख्य प्रकार हैं:

  • हीट ब्लिस्टर जिसे बर्न ब्लिस्टर भी कहा जाता है
  • कोल्ड ब्लिस्टर्स (चिलब्लेन्स)
  • फ्रिक्शन ब्लिस्टर्स

इन ब्लिस्टर्स के होने का क्या कारण है?

हाथों पर छाले होने के कई कारण हो सकते हैं। इनमें फ्रिक्शन, एग्जेमा, इंफेक्शन, डायबिटीज की बीमारी आदि कारण शामिल हैं।

डाइशिड्रॉटिक एग्जेमा

आपके हाथों पर फफोले एक त्वचा की स्थिति के कारण हो सकते हैं जिसे डाइशिड्रॉसिस या डाइशिड्रॉटिक एक्जिमा कहा जाता है। इस स्थिति वाले लोगों को हाथों की हथेलियों और उंगलियों के किनारों पर छोटे, खुजली वाले छाले दिखाई देंगे। फफोले आपके पैरों के तलवों पर भी दिखाई दे सकते हैं। इस स्थिति का कोई इलाज नहीं है। यह आता है और दो से तीन सप्ताह के भीतर साफ भी हो जाता है।

फ्रिक्शन

अगर किसी खराब फैब्रिक या अन्य किसी वस्तु से त्वचा का फ्रिक्शन होता है, तो भी छाले या फफोले पड़ सकते हैं। कई बार बिना दस्ताने के घर के काम करना, बर्तन धोना आदि के कारण भी ऐसा हो सकता है। 

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ठंडा

जी हां, अत्यधिक ठंड से आपकी हथेलियों, उंगलियों और फोरआर्म्स पर छाले पड़ सकते हैं। जब कोई व्यक्ति कई घंटों तक ठंड के संपर्क में रहता है, तो उंगलियों के पीछे और किनारों पर चिलब्लेन्स दिखाई देते हैं। ये खुजली वाली लाल सूजन केवल गंभीर मामलों में ही फफोले में विकसित हो सकती है।

इरिटेशन

कुछ रसायनों या एलर्जी के संपर्क में आने पर त्वचा में छाले हो सकते हैं। कई अध्ययनों से पाया गया है कि निकेल युक्त खाद्य पदार्थों से भी किसी को एलर्जी हो सकती है और इसके कारण हाथों में फफोले हो सकते हैं (स्किन एलर्जी की रेमेडी)। 

हाथों में बहुत खुजली होने पर क्या करना चाहिए? - haathon mein bahut khujalee hone par kya karana chaahie?

क्या है इसका ट्रीटमेंट?

कई बार इन फफोले को किसी खास ट्रीटमेंट की जरूरत नहीं होती, क्योंकि यह होकर कुछ दिनों में ठीक हो जाते हैं। अगर आपकी स्थिति थोड़ा ज्यादा खराब है तो उसे विशेष उपचार की आवश्यकता होती है। सबसे पहली बात ध्यान रखें कि इन्हें कभी फोड़े नहीं। अगर यह फट गया है तो इसे साफ करके, गर्म पानी से साफ कर लें। इस पर बैंडेज लगा लें। गंभीर स्थिति में तुरंत अपने डॉक्टर से संपर्क करें। वो इसके लिए आपको एंटी-इच क्रीम, इम्यून-सप्रेसिंग ओइंटमेंट्स आदि प्रिस्क्राइब करेंगे। 

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डॉक्टर को कब दिखाएं?

जैसा कि हमने बताया कि अधिकांश छाले/फफोले अपने आप ठीक हो जाएंगे। हालांकि, आपको कुछ स्थितियों में डॉक्टर से परामर्श करने की आवश्यकता हो सकती है।

  • आपको अगर आखिरी टिटनेस इंजेक्शन 10 साल पहले लगा हो।
  • फफोले के बाद से आपके लिम्फ नोड्स सूज गए हैं।
  • आपके प्रभावित क्षेत्र में सूजन और दर्द बढ़ जाए।
  • आप संक्रमण के लक्षण देखें जैसे मवाद की उपस्थिति, छाले के आसपास वॉर्म और लाल त्वचा या बुखार।

अगर आप भी हाथों में इस तरह के दाने, छाले या फफोले देखें तो एहतियात बरतें। खुद ही घर पर इन चीजों का इलाज न करें, इसके लिए डॉक्टर की सलाह लें। 

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Image Credit: Freepik & Google Searches

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जानना जरूरी: एलर्जी ही नहीं, इन बीमारियों के कारण भी हो सकती है हाथ-पैर में खुजली, लक्षणों को न करें अनदेखा

हेल्थ डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: अभिलाष श्रीवास्तव Updated Sat, 26 Feb 2022 04:08 PM IST

मौसम बदलने, त्वचा में पर्याप्त नमी की कमी या मच्छर आदि के काटने पर कभी-कभार हाथ या पैरों में खुलजी होना एक आम स्थिति है लेकिन अगर यह खुजली निरंतर जारी रहे और इसकी वजह से त्वचा मुश्किल में पड़ने लगे तो इस तरफ ध्यान देना जरूरी हो जाता है। इस खुजली के पीछे सामान्य एलर्जी से लेकर सोरायसिस और डायबिटीज जैसी स्थितियां भी हो सकती हैं। समय पर कारण जानकर यदि उपचार ले लिया जाए तो समस्या को नियंत्रित भी किया जा सकता है और खुजली से राहत भी मिल सकती है।

खुजली होने पर त्वचा का लाल हो जाना, खरोंचे पड़ना या फुंसी सी उभर आना भी एक आम बात है। कई बार त्वचा से पपड़ी सी भी निकलने लगती है। लेकिन यदि यह खुजली किसी अन्य शारीरिक स्थिति की वजह से हो रही है तो त्वचा पर पड़ने वाली लाली, फुंसी और खरोंचे बनी रह सकती है। इसका असर केवल त्वचा पर नहीं शरीर के भीतरी हिस्से पर भी पड़ सकता है, इसलिए जरूरी है कि खुजली के लगातार बने रहने पर डॉक्टर से परामर्श लिया जाए। आइए आगे की स्लाइडों में जानते हैं कि किन बीमारियों के कारण खुजली की दिक्कत बढ़ सकती है?

डायबिटीज का संकेत हो सकती है खुजली
रक्त में शर्करा के स्तर का बढ़ जाना डायबिटीज का कारण बनता है, और इस समस्या के कारण त्वचा से संबंधित कई दिक्कतें हो सकती हैं। डायबिटीज के कारण जेंथोमेटोसिस जैसी तकलीफ भी हो सकती है जिसमें हाथ-पैरों में खुजली के साथ ही पीले रंग की फुंसियां या उभार जैसे लक्षण दिख सकते हैं। डायबिटीज को नियंत्रित रखकर इन दिक्कतों से छुटकारा पाया जा सकता है।

सोरायसिस और एक्ज़ीमा के कारण खुजली की दिक्कत
त्वचा की कोशिकाओं के बहुत तेजी से बढ़ने और एक के ऊपर एक इकट्ठी होने लगने की स्थिति सोरायसिस का कारण बन सकती है। हथेलियों और तलवों में खुजली इसका एक लक्षण हो सकती है। इसके साथ ही त्वचा का लाल होना, पपड़ी जमना, जोड़ों में दर्द, अकड़न और सूजन, शरीर में अन्य जगहों पर सूजन होना आदि भी इसके लक्षण हो सकते हैं।
एक्ज़िमा की वजह से भी खुजली पैदा हो सकती है। एक्ज़ीमा असल में कई सारी स्थितियों का एक समूह है। इसमें खुजली के अलावा छाले, लाल दरारों वाली या पपड़ीदार चमड़ी भी बन सकती है।

खुजली के इन कारणों के बारे में भी जानिए

  • एलर्जी: कपड़ों से लेकर किसी प्रकार के कैमिकल के सम्पर्क में आने, परफ्यूम या इत्र लगाने, किसी धातु के गहने पहनने या किसी बाहरी कण के सम्पर्क में आने से एलर्जी की समस्या हो सकती है। इसके कारण हाथ-पैरों में खुजली, जलन, रैशेज और फफोले दिख सकते हैं। सामान्यतौर पर इसके लक्षण कुछ ही समय में ठीक भी हो जाते हैं। 
  • कीड़ों के काटने से खुजली: मच्छरों से लेकर खटमल और अन्य कई प्रकार के कीड़ों के काटने के कारण भी खुजली की समस्या हो सकती है। कुछ कीड़े त्वचा की पहली परत पर घाव जैसा बनाकर उसमें अंडे दे देते हैं जिससे समस्या अधिक गंभीर हो सकती है। इसकी वजह से त्वचा पर खुजली, छोटी-छोटी फुंसियों वाले रैश होना, छाले होना या पपड़ी निकलना, घाव होना आदि दिक्कतें होती हैं।

इन बातों का रखें ध्यान
हाथ-पैरों में लगातार बनी रहने वाली खुजली को नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए। इससे समस्या के और बढ़ने की आशंका तो होती ही है साथ ही त्वचा को क्षति भी पहुंच सकती है। सामान्य खुजली के लिए मॉइश्चराइजर, लोशन या क्रीम के जरिए त्वचा के रूखेपन को दूर किया जा सकता है। एलर्जी की स्थिति में या एक-दो दिन में आराम न मिलने पर डॉक्टर से सलाह लेना जरूरी है।

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नोट: यह लेख मेडिकल रिपोर्ट्स और स्वास्थ्य विशेषज्ञों की सुझाव के आधार पर तैयार किया गया है।

अस्वीकरण: अमर उजाला की हेल्थ एवं फिटनेस कैटेगरी में प्रकाशित सभी लेख डॉक्टर, विशेषज्ञों व अकादमिक संस्थानों से बातचीत के आधार पर तैयार किए जाते हैं। लेख में उल्लेखित तथ्यों व सूचनाओं को अमर उजाला के पेशेवर पत्रकारों द्वारा जांचा व परखा गया है। इस लेख को तैयार करते समय सभी तरह के निर्देशों का पालन किया गया है। संबंधित लेख पाठक की जानकारी व जागरूकता बढ़ाने के लिए तैयार किया गया है। अमर उजाला लेख में प्रदत्त जानकारी व सूचना को लेकर किसी तरह का दावा नहीं करता है और न ही जिम्मेदारी लेता है। उपरोक्त लेख में उल्लेखित संबंधित बीमारी के बारे में अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से परामर्श लें।

खुजली से तुरंत राहत कैसे पाए?

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एलोवेरा (Aloe Vera) खुजली वाली जगह पर एलोवेरा लगाने पर राहत महसूस होती है. ... .
लौंग का तेल (Clove Oil) लौंग में पाए जाने वाले एंटी बैक्टीरियल और एंटीऑक्सीडेंट गुण खुजली के दानों को कम करने में मदद करते हैं..

हाथों में खुजली होने का क्या कारण है?

इस खुजली के पीछे सामान्य एलर्जी से लेकर सोरायसिस और डायबिटीज जैसी स्थितियां भी हो सकती हैं। समय पर कारण जानकर यदि उपचार ले लिया जाए तो समस्या को नियंत्रित भी किया जा सकता है और खुजली से राहत भी मिल सकती है। खुजली होने पर त्वचा का लाल हो जाना, खरोंचे पड़ना या फुंसी सी उभर आना भी एक आम बात है।

खुजली होने पर क्या परहेज करना चाहिए?

खुजली से परेशान लोगों को चीनी और मिठाई नहीं खाना चाहिए। परवल का साग, टमाटर, नींबू का रस आदि का सेवन लाभदायक होता है। अगर आपकी स्किन का कोई हिस्सा लाल हो गया है और उसमें बहुत खुजली होती है, तो बिना देरी किए हुए अपने डॉक्टर से मिलें। खुजली होने पर सबसे पहले सावधानी के तौर पर सफाई का पूरा ध्यान रखिए।

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