ऐसा कौन सा जीव है जिसमें नर और मादा दोनों पाए जाते हैं? - aisa kaun sa jeev hai jisamen nar aur maada donon pae jaate hain?

इस पेड़ का नाम है 'ताड़ का वृक्ष।' ताड़ नारियल की तरह लंबा और सीधा पेड़ होता है लेकिन ताड़ के वृक्ष में डालियाँ नहीं होती है। आपको ये जानकार आश्चर्य होगा कि ताड़ का वृक्ष नर और नारी दो प्रकार के होते हैं। कहने का मतलब ये होता है कि ताड़ के नर वृक्ष पर सिर्फ फूल खिलते हैं और नारी वृक्ष पर नारियल की तरह गोल-गोल फल होते हैं। 


ताड़ के वृक्ष के फूल एकलिंगी, कोमल गुलाबी अथवा पीले रंग के होते हैं। शरद-ऋतु में स्त्री-जाति के वृक्षों पर लगभग 15-20 सेमी व्यास के अण्डाकार, अर्धगोलाकार, रेशेदार तीन खण्ड वाले हल्के काले धूसर रंग के फल आते हैं। जो पकने पर पीले हो जाते हैं। कोमल या कच्ची अवस्था में फलों (taal fruit) के भीतर कच्चे नारियल के समान दूधिया जल होता है। पकने पर भीतर का गूदा रेशेदार, लाल और पीले रंग के तथा मधुर होते हैं। प्रत्येक फल अण्डाकार कुछ चपटे, कड़े 1-3 बीज होते हैं। यह नवम्बर से जून महीने में फलता-फूलता है। ताड़ के फल से बनने वाली औषधियां करीब 80 प्रकार की बीमारियों को दूर करती हैं। Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article (current affairs in hindi, gk question in hindi, current affairs 2019 in hindi, current affairs 2018 in hindi, today current affairs in hindi, general knowledge in hindi, gk ke question, gktoday in hindi, gk question answer in hindi,)

अमरता की खोज में हमने सब कुछ देखा. मौत को मात देने की कोशिश में इंसान ने धर्म, ग्रह, क्रायोजेनिक्स और जवान कर देने वाले मिथकीय फव्वारे (सेंट आगस्टिन, फ्लोरिडा) को भी देखा-परखा.

जब हम आकाश की छानबीन कर रहे थे, विज्ञान की किताबों के पन्ने पलट रहे थे और धरती के सभी कोनों की खाक छान रहे थे, तब कौन जानता था कि अमरता का रहस्य समुद्र के अंदर तैर रहा था- जेलीफिश के रूप में.

जब हम जेलीफिश के बारे में सोचते हैं, तब हममें से ज्यादातर लोग अपने दिमाग में इसके जीवन के दूसरे चरण "मेडूसा स्टेज" की छवि बनाते हैं.

जीवन के इस चरण में जेलीफिश अपने पुछल्ले टेंटिकल्स के साथ बहने वाले अपारदर्शी गुब्बारे की तरह होते हैं.

जेलीफिश में नर और मादा दोनों होते हैं. उनमें शुक्राणु और अंडाणु भी होते हैं, लेकिन उनके बच्चे दूसरे जीवों की तरह पैदा नहीं होते.

वे अपना जीवन लार्वा के रूप में शुरू करते हैं. लार्वा छोटे सिगार की तरह होते हैं जो पानी में बहते रहते हैं और चिपकने के लिए किसी चट्टान या किसी आसान चीज की तलाश करते हैं.

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एक बार जब वे अपने लिए सुदृढ़ जगह ढूंढ़ लेते हैं तब उसके लार्वा पॉलिप में बदल जाते हैं. ये पॉलिप अपना क्लोन खुद बनाते हैं और लगातार बनाते रहते हैं. इस तरह पॉलिप की कॉलोनियां बन जाती हैं.

पॉलिप की एक कॉलोनी कुछ ही दिनों में पूरे के पूरे बोट डॉक को ढंक सकती है. कुछ खास तरह के पॉलिप बड़ी झाड़ियों का रूप ले लेते हैं.

अगर हालात अनुकूल हों तो ये पॉलिप विशाल संख्या में खिल जाते हैं, ठीक उसी तरह जैसे बगीचे में फूल खिले हों.

खिलने पर पॉलिप के अंदर से छोटी जेलीफिश कली की तरह बाहर आ जाती है.

जेलीफिश के जीवन की शुरुआत भले ही असाधारण न हो, लेकिन इनकी मृत्यु के समय चीजें बेहद रोमांचक हो जाती हैं.

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मेडूसा अमर जेलीफिश टुरीटोप्सिस डोहर्नी (turritopsis dohrnii) जब मर जाती है तब उसका शरीर समुद्र की तलहटी में चला जाता है और धीरे-धीरे सड़ने लगता है.

आश्चर्यजनक रूप से इसकी कोशिकाएं फिर से इकट्ठा होती हैं. वे मेडूसा नहीं बनातीं, बल्कि पॉलिप बनाती हैं. इस पॉलिप से नई जेलीफिश निकलती है.

इस तरह मेडूसा जेलीफिश पिछले जीवन को छोड़कर नये सिरे से दोबारा जीवन शुरू करती है.

मौत को मात देने की यह कहानी विज्ञान गल्प जैसी है. यह उस मिथकीय फीनिक्स पक्षी की कहानी जैसी है जिसके बारे में कहा जाता है कि वह अपनी राख से ज़िंदा हो जाती है.

तस्मानिया की जेलीफिश रिसर्चर और मरीन स्टिंगर एडवाइजरी सर्विस की डायरेक्टर डॉक्टर लिसा-एन्न गेर्श्विन कहती हैं, "यह हम सबके दिमाग को उड़ा देने वाली खोज है. यह हमारे समय की सबसे अद्भुत खोजों में से एक है."

एफ. स्कॉट फिट्जगेराल्ड ने 96 साल पहले बेंजामिन बटन की कहानी लिखी थी, जिस पर बाद में फिल्म भी बनी. उस कहानी में बेंजामिन बटन बूढ़े से जवान होता है.

गेर्श्विन कहती हैं, "जेलीफिश की कहानी बेंजामिन बटन से थोड़ी अलग है. बेंजामिन बटन एक ही रहता है. लेकिन जेलीफिश की कहानी ऐसी है मानो बूढ़े बेंजामिन बटन की एक उंगली कट जाए और वह उंगली एक जवान बेंजामिन बटन में तब्दील हो जाए."

अपनी लाश से दोबारा ज़िंदा होने वाले जीवों में मेडूसा अमर जेलीफिश (टुरीटोप्सिस डोहर्नी) अकेली नहीं है.

2011 में चीन की शियामेन यूनिवर्सिटी में मरीन बायलॉजी के छात्र जिनरू ही ने मून जेलीफिश (ऑरेलिया ऑरिटा, aurelia aurita) को एक टैंक में रखा.

जब वह मून जेलीफिश मर गई तो उस छात्र ने उसके मृत शरीर को दूसरे टैंक में रख दिया और उसकी निगरानी करता रहा.

तीन महीने बाद उसने देखा कि मून जेलीफिश के मृत शरीर के ऊपर एक छोटा पॉलिप बाहर आ रहा था.

मृत शरीर से दोबारा जन्म लेने की यह प्रक्रिया अब तक जेलीफिश की 5 प्रजातियों में देखी जा चुकी है.

टुरीटोप्सिस डोहर्नी हाइड्रोजोआ वर्ग के जीव हैं, जबकि मून जेलीफिश स्काइफोजोआ वर्ग के हैं. इन दोनों में उतना ही अंतर है, जितना अंतर स्तनधारियों और उभयचरों (एंफिबिया, जैसे- मेढ़क) में होता है.

सवाल है कि अनंत जीवन से जेलीफिश का क्या फ़ायदा है? वह ऐसा क्यों करती है?

जेलीफिश उम्र बढ़ जाने से या किसी बीमारी के कारण कमजोर हो जाती है या कोई ख़तरा महसूस करती है तो वह अपने अस्तित्व को बचाने के लिए इस अविश्वसनीय तरीके का सहारा लेती है और दोबारा जन्म लेती है.

एक बार जब यह प्रक्रिया शुरू होती है तो जेलीफिश की घंटी (पैराशूट की छतरी जैसा हिस्सा) और इसके टेंटिकल्स गलने लगते हैं.

यह फिर से पॉलिप में बदल जाती है. पॉलिप किसी सतह के साथ चिपक जाते हैं और फिर से एक जेलीफिश के रूप में बढ़ने लगते हैं.

इस प्रक्रिया में जेलीफिश के साथ वास्तव में जो होता है, उसका एक हिस्सा "सेलुलर ट्रांसडिफरेंसिएशन" कहलाता है.

नये शरीर की कोशिकाएं पहले से अलग होती हैं और वे नये शारीरिक संरचना का निर्माण करती हैं. जेलीफिश यह प्रक्रिया बार-बार दुहरा सकती है.

डॉक्टर गेर्श्विन का कहना है कि वह जेलीफिश की अमरता और इंसान की अमरता की खोज के बीच फिलहाल कोई संबंध नहीं देखतीं, लेकिन इसका यह मतलब नहीं है कि भविष्य में इस तरह के जेनेटिक स्प्लिसिंग (genetic splicing) संभव नहीं हो सकते.

कौन जानता है? कुछ जेली जीन्स हों और हम सब 'डॉक्टर हू' (विज्ञान गल्प पर आधारित टीवी सीरियल का हीरो) की तरह हो जाएं और जब हम मरने के करीब हों तो खुद का पुनर्जन्म कर लें.

ऐसा कौन सा पक्षी है जो नर और मादा दोनों होता है?

सही उत्तर बुलबुल है। पक्षी प्रजातियाँ जिनमें नर और मादा एक समान दिखते हैं, मोनोमोर्फिक कहलाते हैं।

कौन सा जीव है जिसमें नर और मादा दोनों होते हैं?

जवाब: वैसे तो कबूतर पक्षी वर्ग का जीव है, मगर यह अपने बच्‍चों के लिए बेहद कम मात्रा में दूध का निर्माण करता है. नर और मादा कबूतर अपने गले के निचले हिस्‍से में दूध का निर्माण करते हैं, और अपने बच्‍चे के जन्‍म पर दोनो ही उसे अपना दूध पिलाते हैं.

क्या नर और मादा एक ही है?

जीवविज्ञान में लिंग ( , Gender) से तात्पर्य उन पहचानों या लक्षणों से जिनके द्वारा जीवजगत् में नर को मादा से पृथक् पहचाना जाता है। जंतुओं में असंख्य जंतु ऐसे होते हैं जिन्हें केवल बाह्य चिह्नों से ही नर, या मादा नहीं कहा जा सकता।

कौन सा जानवर खुद को नर से मादा या इसके विपरीत बदल सकता है?

Detailed Solution. घोंघा अपना लिंग बदल सकता है।