ब्रेन ब्लॉकेज का इलाज कैसे किया जाता है? - bren blokej ka ilaaj kaise kiya jaata hai?

आपने सुना होगा कि हमारे शरीर में नसों का जाल फैला हुआ है। ये अलग-अलग तरह की नसें आपके शरीर के सभी अंगों तक खून और जरूरी पोषक तत्वों को पहुंचाने का काम करता है। इन नसों में किसी तरह की परेशानी होने पर आपके शरीर के कई अंग प्रभावित हो सकते हैं। साथ ही इससे स्ट्रोक, ब्रेन फंक्शन में परेशानी और अन्य नसों संबंधित परेशानियां हो सकती है। नसों की ब्लॉकेज के कई कारण हो सकते हैं जैसे स्मोकिगं, कोलेस्ट्रोल, फैट या किसी तरह की गंदगी जमा होने के कारण आपको नसों में सूजन औऱ दर्द की दिक्कत हो सकती है। इससे आपको शरीर के अनेक अंगों से परेशानी हो सकती है। आइए नसों में ब्लॉकेज के लक्षण और उसे ठीक करने के उपाय के बारे में विस्तार से जानते हैं। 

नसों में ब्लॉकेज के लक्षण

1. छाती या सीने में दर्द महसूस होना 

कई बार आपने काम करने के दौरान या ऐसे भी महसूस किया होगा कि आपको सीने या छाती में दर्द का अनुभव होता है। कई बार सोते समय या अधिक देर तक काम के दौरान भी आपको सीने के लेफ्ट साइड में दर्द का अनुभव होता है। ये दर्द कभी-कभार हार्ट अटैक का संकेत भी हो सकता है। नसों के जाम या ब्लॉक हो जाने पर आपको हार्ट अटैक का खतरा भी हो सकता है। इसके अलावा दिल की घबराहट, कमजोरी या चक्कर आना, जी मिचलाना या पसीना आना जैसी समस्याएं हो सकती है। 

ब्रेन ब्लॉकेज का इलाज कैसे किया जाता है? - bren blokej ka ilaaj kaise kiya jaata hai?
 

2. पीठ के निचले हिस्से में दर्द

नसों की ब्लॉकेज के कारण कई लोगों को पीठ के निचले हिस्से में भी दर्द की समस्या हो सकती है। ब्लॉकेज के कारण पीठ के निचले हिस्से में ब्लड सर्कुलेशन की दिक्कत की वजह से डिस्क कमजोर हो सकती है। साथ ही कई बार शरीर का निचला हिस्सा सूखने या सूजन के कारण फूलने लगता है। इससे आपको नसों के दबने की दिक्कत हो सकती है। 

3. स्ट्रोक का खतरा 

नसों के ब्लॉक होने पर आपको हार्ट स्ट्रोक की दिक्कत हो सकती है। इसे भी आप ब्लॉकेज के एक लक्षणो में से एक मान सकते हैं। इससे आपकी ब्रेन तक जाने वाली नसें जाम हो जाती है और ब्लड सर्कुलेशन के कमी के कारण आपकी परेशानी बढ़ सकती है। ऑक्सीजन के अभाव में मस्तिष्क की कोशिकाओं को काफी नुकसान पहुंचता है। कई बार आपको बेहोशी और थकान का अनुभव भी हो सकता है।

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4. सांस लेने में तकलीफ 

नसों में फैट या ब्लॉकेज जमा होने के कारण आपको सीने में तेज दर्द के साथ सांस लेने में भी तकलीफ हो सकती है। दरअसल फैट या ब्लॉकेज के कारण नसों में गंदगी जमा हो जाती है और इसकी वजह से ब्लड फ्लो कम हो जाता है और ऑक्सीजन की कमी होने के कारण आपके फेफड़ों को ऑक्सीजन की आपूर्ति नहीं हो पाती है। साथ ही आपको अंदर से कमजोरी और लेफ्ट साइड में दर्द का अनुभव हो सकता है। 

5. थकान और नींद की कमी

कई लोगों को नसों में ब्लॉकेज के कारण थकान और नींद की कमी का अनुभव हो सकता है। इसकी वजह से आप छोटा-बड़ा काम करके भी थक जाते हैं और सोते समय भी आपकी हृदय की गति तेज हो सकती है और साथ ही बेचैनी का अनुभव भी हो सकता है। अगर आपको भी ऐसे लक्षण लंबे समय से नजर आ रहे हैं, तो आपको तुरंत अपने डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। 

6. हाथ-पैर ठंडा होना 

अगर आपके हाथ-पैर बराबर ठंडे रहते हैं और हाथ-पैर में हमेशा दर्द की शिकायत रहती है। अच्छे से सोने के बाद भी आपको शरीर में दर्द की शिकायत रहती है, तो आपको इन चीजों को बिल्कुल इग्नोर नहीं करना चाहिए। यह आपके शरीर में नसों की ब्लॉकेज का कारण हो सकता है। 

ब्रेन ब्लॉकेज का इलाज कैसे किया जाता है? - bren blokej ka ilaaj kaise kiya jaata hai?

कारण 

आपके नसों और धमनियों में ब्लॉकेज के कई कारण हो सकते हैं। ऐसा स्मोकिंग, शराब पीने, डायबिटीज, कोलेस्ट्रोल, तनाव, मोटापा और हाई ब्लड प्रेशर की समस्याओं में भी हो सकता है। इससे नसों में गंदगी जमा हो सकती है या फिर नसों में सूजन के कारण भी ऐसा हो सकता है। जिसकी वजह से नसों में रक्त प्रवाह अच्छे से नहीं हो पाता है और ऑक्सीजन का प्रवाह भी प्रभावित होता है। शरीर में पोषक तत्वों की कमी की वजह से भी कमजोरी महसूस हो सकती है। 

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दिमाग में पनपे नसों के गुच्छे के इलाज के लिए चीर-फाड़ की जरूरत नहीं है। बहुत ज्यादा दवा खिलाने की भी जरूरत नहीं है। महीन तार से नसों के गुच्छे को हटाया जा सकता है। यह मुमकिन है इंटरवेंशन रेडियोलॉजी...

ब्रेन ब्लॉकेज का इलाज कैसे किया जाता है? - bren blokej ka ilaaj kaise kiya jaata hai?

Newswrapहिन्दुस्तान टीम,लखनऊSat, 10 Feb 2018 08:06 PM

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दिमाग में पनपे नसों के गुच्छे के इलाज के लिए चीर-फाड़ की जरूरत नहीं है। बहुत ज्यादा दवा खिलाने की भी जरूरत नहीं है। महीन तार से नसों के गुच्छे को हटाया जा सकता है। यह मुमकिन है इंटरवेंशन रेडियोलॉजी से। यह जानकारी पीजीआई रेडियोलॉजी विभाग के अध्यक्ष डॉ. आरबी फड़के और डॉ. शिव कुमार ने पत्रकार वार्ता में दी।

डॉ. आरबी फड़के ने कहा कि कई बार यह जन्म जात परेशानी होती है जो उम्र बढने के साथ बढ़ जाती है। इस परेशानी में दिमाग की नसों का गुच्छा बन जाता है। चिकित्सा विज्ञान में इस बीमारी को आट्रियो वेनस मैलफारमेशन (एवीएम) कहते हैं। नसों में गुच्छे से दिमाग में प्रेशर बढ़ता है। मरीज सामान्य व्यवहार नहीं करता है। कई बार दिमार में खून बहने लगता है। इस बीमारी का पता सीटी स्कैन से लगता है। इस बीमारी का इलाज सर्जरी या दवा से कई बार संभव नहीं होता है। इंटरवेंशन तकनीक से गले की पास स्थित नस से दिमाग में पहुंच कर नस में रक्त प्रवाह को क्वॉयल, प्लग या केमिकल से बंद कर देते हैं। इससे दिमाग की नस में सूजन कम हो जाता है। दिमाग में प्रेशर कम हो जाती है।

ऐसी ही तमाम इंटरवेशन तकनीक के विस्तार के लिए संस्थान पहली बार इंटरनेशनल सोसाइटी फॉर इंरटवेंशन रेडियोलाजी के वर्कशाप और अधिवेशन का आयोजन 12 से 15 फरवरी के बीच करने जा रहा है। विशेषज्ञों ने बताया कि दिमाग के अलावा, पेट, पैर , हाथ किडनी की रक्त वाहिकाओं में रूकावटसे का इलाज इस तकनीक से करते है जिसके बारे में जानकारी दी जाएगी। तकनीक के विस्तार के लिए देश भर के 90 नए रेडियोलाजिस्ट को सिमुलेटर पर तकनीक सिखाया जाएगा।

छोटा करते है ट्यूमर

विशेषज्ञों ने बताया कि कई बार पेट. दिमाग, किडनी में ट्यूमर बडा होता है जिसकी सर्जरी कठिन होती है । सर्जन ठीक से ट्यूमर को नहीं निकाल पाते है इसे हाई वेस्कुलर ट्यूमर कहते है । हम लोग इंटरवेंशन तकनीक से ट्यूमर में रक्त प्रवाह को कम करते है या बंद करते है जिससे ट्यूमर का अाकारा कम हो जाता है। रक्त प्रवाह कम होने के कारण ट्यूमर की सर्जरी के दौरान रक्त स्राव की अाशंका कम हो जाती है।

उच्च रक्तचाप के कारण स्ट्रोक पर लगेगा लगाम

डॉ. शिवकुमार ने बताया कि उच्च रक्त चाप या दिमाग में संक्रमण से कई बार दिमाग की नसे फूल जाती है। नसें फट जाती हैं। इससे ब्रेन स्ट्रोक की परेशानी होती है। हम लोग स्टंट या क्वायल लगा कर नसों में रक्त प्रवाह सामान्य करते है जिससे नस में सूजन कम हो जाता है। देखा गया है कि ब्रेन स्ट्रोक के 60 फीसदी मामलों में इंट्रा क्रेनियल ब्रेन हैमरेज होता है जिसका कारण उच्च रक्त चाप या इंफेक्शन होता है।

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ब्लॉक नसों को खोलने के लिए क्या करें?

अदरक से खोलें नसें ReasearchGate पर प्रकाशित एक रिपोर्ट के मुताबिक अदरक के अंदर सैलिसाइलेट एसिड होता है और इसी से Acetyl Salicylic Acid यानी खून पतला करने वाली दवाएं बनाई जाती हैं। ब्लॉक नसों के लक्षण दिखते ही इलाज करने के लिए अदरक को शुगर-फ्री चाय में मिलाकर या खाने में डालकर खाया जा सकता है।

दिमाग की नस ब्लॉक होने पर क्या होता है?

Coronary Artery Disease Symptoms: नसों में ब्लॉकेज होने के लक्षण.
सीने में दर्द या असहजता.
सिर चकराना.
कमजोरी महसूस होना.
जी मिचलाना.
शरीर ठंडा होने के साथ पसीने आना.
हाथ या कंधे में दर्द या असहजता महसूस होना.
सांस फूलने लगना, आदि.

ब्रेन में ब्लॉकेज का क्या मतलब है?

दिमाग की कोई आर्टरी(नस) अचानक ब्लॉक हो जाए या फट जाए तो उसे ब्रेक स्ट्रोक कहा जाता है। हार्ट अटैक की तरह इसे ब्रेन अटैक भी कहा जा सकता है। ऐसा होने पर दिमाग को खून की सप्लाई रुक जाती है और दिमाग के काम पर असर पड़ता है। यह बेहद इमरजेंसी की स्थिति होती है।