इसे सुनेंरोकेंAnswer: (i) यदि वस्तु दर्पण के सामने स्थित हो :- यदि वस्तु उत्तल दर्पण के सामने स्थित हो तब वस्तु AB के B बिन्दु से चलने वाली प्रथम किरण मुख्य अक्ष के समान्तर होती है अत: यह परावर्तन के पश्चात् मुख्य फोकस से आती हुई प्रतीत होती है। प्रतिबिम्ब सीधा बनेगा। प्रतिबिम्ब आभासी होगा। Show
जब वस्तु को वक्रता केंद्र के पीछे रखा जाता है तो अवतल दर्पण के कारण बनने वाले प्रतिबिंब की प्रकृति क्या है?इसे सुनेंरोकेंसही उत्तर वास्तविक और उल्टा है। जब वस्तु वक्रता के केन्द्र से दूर रखा जाता है तो अवतल दर्पण द्वारा निर्मित प्रतिबिम्ब वास्तविक और उल्टा होता है। पढ़ना: बांग्लादेश में मुख्य उद्योग क्या है? किरण आरेख की सहायता से स्पष्ट करें कि उत्तल दर्पण में किसी वस्तु के प्रतिबिंब की स्थिति तथा प्राकृतिक क्या होगी? इसे सुनेंरोकेंAnswer: जब वस्तु को दर्पण से दूर ले जाया जाता है, तो छवि का आकार घटता चला जाता है। उत्तल दर्पण द्वारा बनाई गई छवि आभासी, स्तंभित और मंद है। एक गोलीय दर्पण की वक्रता त्रिज्या 20 सेंटीमीटर है इसकी फोकस दूरी क्या होगी? इसे सुनेंरोकेंR = 20 cm. F = R/2, F = 20/2 = 10 cm. अतः फोकस दूरी 10 cm. है। अवतल दर्पण में प्रतिबिंब कैसे बनता है?इसे सुनेंरोकेंयह प्रतिबिम्ब वस्तु के आकार के बराबर उल्टा तथा वास्तविक होता है तथा यह वक्रता केंद्र पर ही बनता है। यदि वस्तु को वक्रता केंद्र तथा फोकस के मध्य रखा जाता है तब वस्तु AB के B बिंदु से चलने वाली प्रथम प्रकाश किरण मुख्य अक्ष के समान्तर होती है अत: यह परावर्तन के पश्चात् मुख्य फोकस से गुजरती है। प्रतिबिंब का आकार हमेशा वस्तु के आकार से छोटा होता है कौन सा दर्पण है?इसे सुनेंरोकेंउत्तल दर्पण में 17 क्या एक उत्तल दर्पण किसी वास्तविक वस्तु का वास्तविक प्रतिबिंब real image बना सकता है?`? पढ़ना: अपमार्जन क्या है परिभाषा? इसे सुनेंरोकेंउत्तर-उत्तल दर्पण में केवल काल्पनिक प्रतिबिंब बनता है। 13. क्या एक उत्तल दर्पण किसी (वास्तविक) वस्तु का वास्तविक प्रतिबिंब (reat image) बना सकता है? उत्तर नहीं। किसी वस्तु का वास्तविक प्रतिबिंब कौन सा लेंस बना सकता है? इसे सुनेंरोकेंइसी प्रकार से उभयोत्तल लेंस (जिसे मात्र उत्तल लेंस भी कहते हैं) द्वारा भी अपवर्तन के बाद वास्तविक प्रतिबिम्ब बनता है। दूसरी ओर उभय-अवतल लेंस (जिसे अवतल लेंस भी कहते हैं) से सिर्फ आभासी प्रतिबिम्ब बनते हैं। दर्पण का वक्रता केंद्र क्या होता है?इसे सुनेंरोकें1. वक्रता केंद्र : गोलीय दर्पण को जिस खोखले गोले का कटा हुआ भाग माना जाता है उस खोखले गोले के केन्द्र को वक्रता केन्द्र कहा जाता है इसे C से दर्शाया जाता है। वक्रता केंद्र तथा ध्रुव के मध्य की दूरी को वक्रता त्रिज्या कहा जाता है। इसे चित्र में R से दर्शाया गया है जिसे CP के मध्य की दूरी भी कह सकते है। क्या उत्तल दर्पण में वास्तविक प्रतिबिंब बनता है?इसे सुनेंरोकेंसमतल दर्पण और उत्तल दर्पण में प्रतिबिम्ब सदैव आभासी बनता है। प्रतिबिम्ब से क्या तात्पर्य है वास्तविक व आभासी प्रतिबिम्ब में क्या अन्तर है? पढ़ना: जानि शब्द का क्या अर्थ है? इसे सुनेंरोकें(i) वास्तविक प्रतिबिंब वस्तु से आ रही प्रकाश-किरणों के परावर्तन या अपवर्तन के बाद वास्तविक कटान से बनता है, जबकि आभासी (काल्पनिक) प्रतिबिंब वहाँ पर बनता है जहाँ पर परावर्तित या अपवर्तित किरणों परस्पर कटती हुई मालूम पड़ती है जब उनको पीछे की ओर बढ़ाया जाता है। काल्पनिक प्रतिबिंब से आप क्या समझते हैं? इसे सुनेंरोकेंAnswer: जब वस्तु से निकलने वाली प्रकाश किरणे अभिसरित (डाइवर्ज) हो रहीं हों तो इस प्रकार बने प्रतिबिम्ब को प्रकाशिकी काल्पनिक प्रतिबिंब (virtual image) कहते हैं। प्रतिबिम्ब से क्या तात्पर्य है?इसे सुनेंरोकेंजब हम किसी वस्तु को दर्पण के सामने रखतें हैं तो वस्तु से चलने वाली प्रकाश किरणे दर्पण के तल से परावर्तित होकर हमारी आंखों पर पड़ती है जिससे हमे वस्तु की आकृति दिखाई देती हैं। इस आकृति को ही वस्तु का प्रतिबिम्ब कहते हैं। उतल दर्पण का दूसरा नाम क्या है?इसे सुनेंरोकेंगोलीय दर्पण (spherical mirror) वे दर्पण हैं जिनका परावर्तक तल गोलीय होता है। उत्तल दर्पण (convex mirror / कान्वेक्स मिरर) — जिस दर्पण का परावर्तक तल बाहर की तरफ उभरा रहता है उसे उत्तल दर्पण कहते हैं। दर्पण एक वस्तु है जो एक छवि को दर्शाती है। प्रकाश जो एक दर्पण से उछलता है, आंख के लेंस या कैमरे के माध्यम से केंद्रित होने पर उसके सामने जो कुछ भी है, उसकी एक छवि दिखाएगा। दर्पण छवि की दिशा को एक समान लेकिन विपरीत कोण में उलट देते हैं जिससे प्रकाश उस पर चमकता है। यह दर्शकों को स्वयं को या उनके पीछे की वस्तुओं को देखने की अनुमति देता है, या यहां तक कि उन वस्तुओं को भी जो उनसे कोण पर हैं लेकिन उनके देखने के क्षेत्र से बाहर हैं, जैसे कि एक कोने के आसपास। प्राकृतिक दर्पण प्रागैतिहासिक काल से मौजूद हैं, जैसे कि पानी की सतह, लेकिन लोग हजारों वर्षों से पत्थर, धातु और कांच जैसे विभिन्न सामग्रियों से दर्पण का निर्माण कर रहे हैं। आधुनिक दर्पणों में, चांदी या एल्यूमीनियम जैसी धातुओं का उपयोग अक्सर उनकी उच्च परावर्तकता के कारण किया जाता है, जो स्वाभाविक रूप से चिकनी और बहुत कठोर सतह के कारण कांच पर एक पतली कोटिंग के रूप में लगाया जाता है। दर्पण मुख्यतः तीन प्रकार के होते हैं :
उत्तल दर्पण का दूसरा नाम क्या होता है?उत्तल दर्पण को अपसारी दर्पण कहते हैं।
अवतल दर्पण का दूसरा नाम क्या होता है?Solution : अवतल दर्पण में मुख्य अक्ष के समानान्तर आपतित होने के पश्चात् सभी किरणे फोकस पर मिलती हैं। अत: अवतल दर्पण को अभिसारी दर्पण कहते हैं।
मुंह देखने वाला शीशा कौन सा दर्पण है?Solution : अवतल दर्पण एक गोलाकार दर्पण है, जिसके उभरे हुए तल पर पॉलिश की हुई होती है, तथा अंदर का तल परावर्तक होता है।
उत्तल और अवतल दर्पण क्या है?Solution : (क) उत्तल दर्पण - वह गोलीय दर्पण , जिसका परावर्तन पृष्ठ बाहर की ओर वक्रति होता है , उत्तल दर्पण कहलाता है। <br> (ख) अवतल दर्पण - वह गोलीय दर्पण , जिसका परावर्तक पृष्ठ अंदर की ओर अर्थात गोले के केंद्र की ओर वक्रति होता है , अवतल दर्पण कहलाता है।
|