बच्चे कहना नहीं मानते तो क्या करें - bachche kahana nahin maanate to kya karen

बच्चे भगवान के अवतार हो या ना हों लेकिन नटखट, जिद्दी, शरारती ज़रूर होते हैं।

ऐसे में उनसे बात मनवाना कोई बच्चों का खेल नहीं।

खासकर तब, जब वे

  • टीवी देख रहे हों
  • गेम खेल रहे हों
  • दोस्तों के साथ हों
  • दूसरे रूम में हों
  • या अकेले ही क्यों ना बैठे हों

आप अपने मोनू, सोनू, गोलू को लाख बार बुलाते हैं और वो एक बार में हां, हूं, ना... कहकर फिर अपने काम में मग्न हो जाता है। यही सिलसिला चलते आ रहा है। क्योंकि कोई भी बचपन से ही श्रवण कुमार की तरह नहीं बन पाता है।

आपको गुस्सा तो आ रहा है लेकिन क्या करें।

वैसे भी बच्चों से बात मनवाने के लिए उनको डांटना-मारना या गुस्सा करना सही तरीका नहीं है।

अब आपको पता ही है कि बच्चे अनबूझ होते हैं और दुनियादारी से दूर रहते हैं।

इसलिए आपको अपने अंदर कुछ बातें बदलनी पड़ सकती है। इसके बाद आपकी एक आवाज पर आपका लाडला दौड़ा ना चला आए तो कहना !

Table of Contents

बच्चे कहना नहीं मानते तो क्या करें - bachche kahana nahin maanate to kya karen

  • ऐसे बुलाएं अपने पास
  • पास जाकर बुलाएं
  • उनकी पसंद से बन सकती है बात
  • बच्चे के साथ खेलें
  • खाने के लिए ऐसे मनाएं
  • उनका मूड समझें
  • सुनाएं अच्छी बातें
  • ऑर्डर ना दें कभी
  • प्ले ग्राउंड से ऐसे बुलाएं
  • काम करने के लिए यूं कहें
  • टीवी बंद करने के लिए ऐसे बोलें
  • आप भी मानें उनकी बात

1. ऐसे बुलाएं अपने पास

बच्चे कहना नहीं मानते तो क्या करें - bachche kahana nahin maanate to kya karen
© Gettyimages

आपने अपने घर में देखा होगा कि अधिकतर बच्चे पिता की अपेक्षा मां के पास ज्यादा रहते हैं। जबकि ऐसा नहीं है कि पिता प्यार नहीं करते हैं। अब आपका बच्चा आपके बुलाने पर भी नहीं आता है तो आपको कुछ ऐसा करना चाहिए -

पास जाकर बुलाएं

दूसरे कमरे से आवाज देने के बजाय उसके पास जाकर धीरे से बुलाएं। इससे आपकी बात अच्छी तरह से बच्चे के पास डिलीवर होगी। यदि आप दूसरे कमरे से बुलाते हैं तो आपको चिल्लाकर बोलना पड़ता है जिसको बच्चे इंग्नोर कर देते हैं।

अगर वो जानबूझ कर भी आपकी बात को इंग्नोर करता है तो भी गुस्सा ना करें। उससे बेहतर होगा कि उसके पास जाकर गोद में उठा लें। फिर उसे अपने पास बैठा लें। आप अपनी बात आसान व छोटे शब्दों में कहें।

उनकी पसंद से बन सकती है बात

कभी-कभी दूसरे रूम से बुलाने के लिए उसको बताएं कि आप उसके पसंद की चीज लेकर आएं हैं। इससे वो आपके साथ और फ्रेंडली हो सकता है। साथ ही दूर से भी आपकी बात मानने लगेगा। लेकिन इसके लिए कभी झूठ का सहारा ना लें।

बच्चे के साथ खेलें

जब आप बच्चे के साथ उनके पसंद के खेल खेलते हैं तो उससे भी वे आपके करीब आने लगते हैं। साथ ही वे बात मानने के आदि हो जाते हैं। इसके अलावा उनके साथ कभी-कभी लुकाछिपी जैसे खेल भी खेलें। इससे आप जल्द ही उनके करीब आ सकते हैं।

2. खाने के लिए ऐसे मनाएं

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सबसे पहले खाने के लिए एक समय तय कर लें। ताकि घर के सारे सदस्य उसी वक्त खाना खाएं। यदि आपका बच्चा खाने से मना कर रहा है तो भी बोलें कि चलो एक निवाला ले लेना, केवल दूध पी लो, एक सेव खा लो आदि। इसके अलावा आप उसे अलग-अलग प्यार भरे तरीकों से खिला सकते हैं। उदाहरण- चलो मां/दादी/भैया/दीदी/मामा के लिए एक निवाला ले लो, देखते हैं कौन सबसे पहले खाता है, आज इस प्लेट या कटोरी में खाओगे ? आदि।

यदि आपका बच्चा गेम खेल रहा हो या कोई टास्क रहा हो तो ऐसे समय में थोड़ा वेट कर लें। इस दौरान उसके पास चले जाएं। जैसे ही उसका काम कंपलीट हो उसे गोद में उठाकर ले आएं। बच्चों की पसंद का ख्याल भी रखें।

3. उनका मूड समझें

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बच्चों की भावना को समझने वाले उनके दिल में जल्दी उतर जाते हैं। इसलिए आप उनके मूड को देखकर अंदाजा लगा लें कि वे क्या चाहते हैं। यदि वे परेशान, गुस्साए हैं तो उनके पास जाकर धीरे से बैठ जाएं। इसके बाद वे खुद ही आपके करीब आएंगे या पीछे मुड़ जाएंगे। ऐसी दोनों परिस्थिति में आपको बच्चे को गले से लगाकर प्यार करना चाहिए। साथ ही परेशानी की वजह जानकर उसे दूर करने की कोशिश करनी चाहिए।

सुनाएं अच्छी बातें

बच्चों के मूड के हिसाब से उनको एंटरटेन करें और प्रेरणादायी बातें बताएं। जैसे कि कोई ब्रेव ब्वॉय, गुड ब्वॉय की कहानी बताएं। आस पड़ोस के बच्चों के साथ भूलकर भी तुलना ना करें। साथ ही उनको नैतिक शिक्षा (Moral Education) भी दें। उनको प्यार से समझाएं ना कि कोई बात जबरन थोपें।

4. ऑर्डर ना दें कभी

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बात मनवाने और ऑर्डर देने में बहुत फर्क होता है। इसलिए आप अपनी जिद्द दिल से निकाल दें। आप हमेशा प्यारे अंदाज में स्मार्टली कुछ मांगे या पूछें। जैसे- पानी मांगना हो तो क्या करेंगे ? उनको सीधे ना बोलें कि पानी लेकर आओ जल्दी। बल्कि ऐसे कहें- बेटा तुम्हारे बोटल में पानी है क्या देना थोड़ा। जरा देखना मम्मी ने पानी बोतल कहां रख दिया है। देखो तो पापा को कितनी प्यास लगी है और कोई पानी नहीं दे रहा है।

प्ले ग्राउंड से ऐसे बुलाएं

अगर वे बाहर खेल रहे हों तो उनको बुलाने के लिए ना डांटे और ना ही डंडा लेकर जाएं। बल्कि प्ले ग्राउंंड में जाएं और यदि कोई खास गेम नहीं चल रहा हो तो भी थोड़ी देर उसको खेलते देखें। इसके बाद तारीफ करें और फिर बोलें कि चलो घर चलते हैं बाबू, मम्मी बुला रही है, कुछ खाने के लिए लाया हूं, मार्केट चलना है यानी कि जो रियल कारण हो बताएं।

काम करने के लिए यूं कहें

बच्चों को धीरे-धीरे छोटे काम कराना भी सीखाएं। इसके लिए वे आपकी बात आसानी से नहीं सुनते हैं तो उसको बोलें कि दीदी व भैया तो अपने जूते-चप्पल फुटवियर्स स्टैंड में कितने अच्छे से रखे हैं और आप ? दीदी ने बेड साफ कर दिया और आप टेबल-कुर्सी साफ कर दो। दीदी के साथ चलो थोड़ा हम भी काम कर लेते हैं।

टीवी बंद करने के लिए ऐसे बोलें

बच्चों को कभी भी टीवी की ज्यादा लत ना लगने दें। अगर वे देर रात टीवी देख रहे हैं या मोबाइल यूज कर रहे हों तो उनके पास जाकर बोलें - रात बहुत हो गई है पापा को नींद आ रही है, चलो सोते हैं। मम्मी सो गई चलो हम भी चलते हैं। अच्छे बच्चे आज इतनी देर तक कैसे जगे हैं ? कल फिर इसे साथ बैठकर देखते हैं।

5. आप भी मानें उनकी बात

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अपनी बात मनवाने के लिए आपको भी उनकी बात माननी चाहिए। अगर आप उनकी बात नहीं मानते हैं तो फिर वे भी आपकी तरह ही व्यवहार कर सकते हैं। इसलिए जब वे खाने, खेलने, टीवी देखने के लिए बोलें तो एकदम से मना या टाला ना करें। इससे आप दोनों के बीच बॉन्डिंग अच्छी हो जाएगी।

बच्चों से बात मनवाने के टिप्स कैसे लगे आपको ? हां या ना, जवाब जो भी हो कॉमेंट करके जरूर बताएं। साथ ही आपके दोस्त या रिश्तेदार के बच्चे भी अपने पिता की बात नहीं मानते हैं तो उनके साथ मेरा आर्टिकल शेयर कर सकते हैं।

बच्चे बात नहीं मानते तो क्या करना चाहिए?

तेज आवाज में न करें बात अपने बच्चे से कभी भी ऊंची आवाज में बात न करें। बार-बार इसी तरह से बात करने में उनके अंदर वे डर सकते हैं। यदि वह किसी बात से गुस्सा है, तो पहले उसके गुस्से को शांत होने दें। बाद में प्यार से पूछें।

बिगड़ैल बच्चे को कैसे सुधारें?

पिता को विलेन न बनाएं मां:बिगड़ैल बेटे को कैसे संभालें, बच्चे की बुरी आदतों को सुधारना भी एक कला है.
मां का बात की तह में पहुंचना.
सूझबूझ का परिचय दें.
बच्चे की बात ध्यान से सुनें.
माता-पिता का आपसी व्यवहार.
अच्छा माहौल दें.

बच्चों को आज्ञाकारी कैसे बनाएं?

बच्चे को आज्ञाकारी बनाने के लिए उसे प्रोत्साहित करें। आपका बच्चा कोई भी अच्छा काम करे, बड़ों का आदर-सम्मान करें या फिर सबकी बात मानें, तो उसे प्रोत्साहन के तौर पर ईनाम जरूर दीजिए। लेकिन ऐसा आपको बार-बार नहीं करना है। वरना ये बच्चे की आदत बन जाएगी और वो फिर ईनाम पाने के लिए ही बड़ों की बात मानेगा।

बच्चे माता पिता की बात क्यों नहीं मानते?

बच्चे क्यों माता-पिता का कहा नहीं मानते? ऐसा नहीं है कि बच्चे अपने माता पिता का कहा नहीं मानते। उसके पीछे भी एक वजह है अगर बच्चा जब छोटा है तभी उसको जो गलत है और जो सही है उसके बारे में बताएं।