नमस्कार दोस्तों प्रश्न हैं दीर्घ रोम क्या है इसके कार्य लिखें तो दोस्तों हमें बताना है कि दीर्घ रोम क्या होते हैं और इनके कार्य क्या है तो दोस्तों दीर्घ रोम को ठीक है रस अंकुर भी कहा जाता है ठीक है रोज तो यह होते क्या है तो दोस्तों यह छोटी आत की ठीक है क्या होती है जो छोटी आत होती है उसकी भी तेरी दीवार पर ठीक है छोटी आत की भीतरी दीवार पर उंगली नुमा टिके होते हैं अंगुली नुमा प्रबंध पाए जाते हैं ठीक है अंगुली नुमा पर अवैध पाए जाते हैं इन प्रवृत्तियों को क्या कहा जाता है इन पौधों को दीर्घ रोम कहते हैं ठीक है और दोस्तों बात करें अगर दीर्घ रोम के कार्य की ठीक है तो सुधीर करूं जो होते हैं यह क्या करते हैं जो अवशोषण होता है ठीक है इसके लिए अवशोषण किसका होता है छोटी आत में पोषक पदार्थों का ठीक है और पोषक पदार्थों के अवशोषण के लिए यह क्या करते हैं सत्य ही क्षेत्रफल को बढ़ाते हैं ठीक है क्या करते हैं सत्य ही चेत्रफल को बढ़ाते हैं यानी कि क्षेत्रफल ठीक है जान की सदा जितनी अधिक होगी अवशोषण उतना ही क्या होगा अधिक होगा और क्या करते हैं या तो दोस्तों यह पचे हुए भोजन में टिके बचे हुए भोजन में मौजूद जो पोषक तत्व होते हैं ठीक है उन तत्वों को क्या करते हैं तो तू को दीर्घ रोम के माध्यम से तीन तत्वों को दीर्घ रोम अवशोषण द्वारा क्या करते हैं रक्त में पहुंचाते हैं तो दोस्तों आशा करता हूं कि यह उत्तर आपको समझ में आया होगा धन्यवाद Solution : (i) क्षुद्रांत्र (छोटी आँत) की आंतरिक भित्ति पर हजारों अँगुली के समान उभरी हुई संरचनाएँ पायी जाती हैं, जो दीर्घरोम अथवा रसांकुर कहलाते हैं। <br> (ii) दीर्घरोम क्षुद्रांत्र (छोटी आँत) में पाए जाते हैं। <br> (iii) दीर्घरोम के कार्य-ये पचे हुए भोजन के अवशोषण हेतु तल क्षेत्र बढ़ा देते हैं। प्रत्येक दीर्घरोम में सूक्ष्म रुधिर वाहिकाओं का जाल फैला रहता है। दीर्घरोम की सतह से पचे हुए भोजन का अवशोषण होता है तथा यह रुधिर वाहिकाओं में चला जाता है। पचे हुए भोजन को अवशोषित करने के लिए क्षुद्रांत्र को कैसे अभिकल्पित किया गया है? क्षुद्रांत्र पाचित भोजन को अवशोषित करने का मुख स्थान है। क्षुद्रांत्र की आंतरिक भित्ति/अस्तर अंगुली जैसी संरचनाओं/प्रवर्ध में विकसित होते हैं जिन्हें दीर्घ रोम कहते हैं। ये अवशोषण का सतही क्षेत्रफल बढ़ा देते हैं। दीर्घ रोम में रुधिर वाहिकाओं की बहुतायत होती है, जो भोजन को अवशोषित करके शरीर की प्रत्येक कोशिका तक पहुँचाते हैं। 987 Views गैसों के विनियम के लिए मानव-फुफ्फस में अधिकतम क्षेत्रफल को कैसे अभिकल्पित किया है? श्वसन मार्ग, श्वास नली तथा श्वसनी वक्षगुहा में स्थित एक जोड़ी फुफ्फुस में जाती हैं। फुफ्फुस के अंदर श्वसनी श्वसनिकाओं में विभक्त होती हैं जो अंत में गुब्बारे की तरह की संरचनाओं, जिन्हें कुपिकाएँ कहते हैं, के रूप में समाप्त होती हैं। कुप्पुकाओं की भित्ति में रक्त वाहिकाओं का जाल होता है। कुपिकाओं की सतह पर गैसीय विनियम होता है। यदि कुपिकाओं की सतह को बिछाया जाए तो ये लगभग 80 m2 स्थान घेरती हैं। इस वृहत सतह के कारण गैसों का विनियम दक्षतापूर्वक हो जाता है। 520 Views मनुष्यों में ऑक्सीजन तथा कार्बन डाइऑक्साइड का परिवहन कैसे होता है? जब हम श्वास अंदर लेते हैं तब हमारी पसलियाँ ऊपर उठती हैं और डायाफ्राम चपटा हो जाता है। इस कारण वक्षगुहिका बढ़ी हो जाती है और वायु फुफ्फुस के भीतर चली जाती है। वह विस्तृत कुपिकाओं को भर लेती है। रुधिर सारे शरीर से CO2 को कुपिकाओं में
छोड़ने के लिए लाता है। कुपिका रुधिर वाहिका का रुधिर कुपिका वायु से ऑक्सीजन लेकर शरीर की सभी कोशिकाओं तक पहुँचाता है। श्वास चक्र के समय जब वायु अंदर और बाहर होती है तब फुफ्फस वायु का अवशिष्ट आयतन रखते हैं। इससे ऑक्सीजन के अवशोषण और कार्बन डाइऑक्साइड के मोचन के लिए पर्याप्त समय मिल जाता है। 2512 Views मानव में वहन तंत्र के घटक कौन-से हैं? इन घटकों के क्या कार्य हैं? मानव में वहन तंत्र के घटक मिम्नलिखित हैं- 1244 Views स्तनधारी तथा पक्षियों में ऑक्सिजनित तथा विऑक्सिजनित रुधिर को अलग करना क्यों आवश्यक हैं? स्तनधारी तथा पक्षियों में उच्च तापमान को बनाए रखने के लिए अपेक्षाकृत अधिक ऊर्जा की आवश्यकता होती है। ऑक्सिजनित और विऑक्सिजनित रुधिर को ह्दय के दाएँ और बाएँ भाग से आपस में मिलने से रोकना परम आवश्यक है। इस प्रकार का बंटवारा शरीर को उच्च दक्षतापूर्ण ऑक्सीजन की पूर्ति करता है। 331 Views ग्लूकोज़ के ऑक्सीकरण से भिन्न जीवों में ऊर्जा प्राप्त करने के विभिन्न पथ क्या हैं? ग्लूकोज़ के ऑक्सीकरण से ऊर्जा
प्राप्त होती है और यह श्वसन प्रक्रिया के लिए प्रमुख कच्ची सामग्री के रूप में कार्य करता है। यह ऑक्सीजन की उपलब्ध मात्रा तथा जीव के प्रकार पर निर्भर करता है। (ii) अवायवीय (अनॉक्सी) श्वसन जो ईस्ट में होता है पायरूवेट एथेनॉल तथा
CO2 में परिवर्तित होता है तथा कुछ मात्रा में ऊर्जा भी उतसर्जित होती है। 657 Views दीर्घ रोम क्या है इसका क्या कारण है?क्षुद्रांत्र की आंतरिक भित्ति/अस्तर अंगुली जैसी संरचनाओं/प्रवर्ध में विकसित होते हैं जिन्हें दीर्घ रोम कहते हैं। ये अवशोषण का सतही क्षेत्रफल बढ़ा देते हैं। दीर्घ रोम में रुधिर वाहिकाओं की बहुतायत होती है, जो भोजन को अवशोषित करके शरीर की प्रत्येक कोशिका तक पहुँचाते हैं।
28 दीर्घरोम क्या है इसके कार्य लिखें?दीर्घरोम छोटी आंत की भीतरी दीवार पर पाए जाते हैं। पचे हुए भोजन में मौजूद पोषक तत्व दीर्घरोम के माध्यम से रक्त प्रवाह में अवशोषित हो जाते हैं। दीर्घरोम छोटी आंत के सतह क्षेत्र को बढ़ाते हैं जो अधिक अवशोषण की सुविधा देता है। आशा है कि यह उत्तर आपकी अवश्य मदद करेगा।।।।
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