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Question लोंग स्टॉक में घूमते हुए चक्र को देखकर लेखिका को पूरे भारत की आत्मा एक−सी क्यों दिखाई दी?Solution लेखिका सिक्किम में घूमती हुई कवीं-लोंग स्टॉक नाम की जगह पर गई । वहाँ एक कुटिया में घूमता चक्र है। मान्यता है कि इसे घुमाने से सारे पापों का नाश होता है। लेखिका के अनुसार आप भारत के किसी भी कोने में चले जाएँ आपको लोगों की आस्थाएँ, विश्वास, अंधविश्वास, पाप−पुण्य की अवधारणाएँ और कल्पनाएँ हर जगह एक सी मिलेंगी हर जगह उनके भगवान बदल जाएँ, पूजा के तरीकों में अन्तर हो परन्तु विश्वास सदैव एक सा रहेगा और यही विश्वास पूरे भारत को एक ही सूत्र में बाँध देता है जहाँ पूरे भारत की एक आत्मा प्रतित हो, ऐसा जाना पड़ता है।5 लॉग स्टॉक में घूमते हुए चक्र को देखकर लेखिका को पूरे भारत की आत्मा एक सी क्यों दिखाई दी?प्रश्न 5: लॉंग स्टॉक में घूमते हुए चक्र को देखकर लेखिका को पूरे भारत की आत्मा एक सी क्यों दिखाई दी? उत्तर: हिंदू धर्म में चक्र की बहुत महत्ता है। ऐसा ही कुछ लेखिका को सिक्किम में बौद्ध धर्म के बारे में भी देखने को मिला। इसलिए लॉंग स्टॉक में घूमते हुए चक्र को देखकर लेखिका को पूरे भारत की आत्मा एक सी दिखाई दी। धि ण चक्र को देखकर लेखखका ने उसके बारे िें क्या कहा?उत्तर: लोंग स्टॉक में घूमते हुए चक्र को देखकर लेखिका ने उसके बारे में पूछा तो जितेन नार्गे ने बताया कि यह 'धर्म-चक्र' है। इसे घुमाने पर सारे पाप धुल जाते हैं। कवि लोंग स्टॉक क्यों प्रसिद्ध है?ग) हम घमंडी हो जाते हैं। Solution : लॉग स्टॉक में घूमते हुए चक्र को देखकर लेखिका ने उसके बारे में पूछा तो पता चला कि यह धर्म-चक्र है। इसे घुमाने पर सारे पाप धुल जाते हैं। जितने की यह बात सनकर लेखिका को ध्यान आया कि पूरे भारत की आत्मा एक ही है। मैदानी क्षेत्रों में गंगा के विषय में भी ऐसी ही धारणा है। उसे लगा कि पूरे भारत की आत्मा एक-सी है। सारी वैज्ञानिक प्रगति के बावजूद उनकी आस्थाएँ, विश्वास, अंध-विश्वास और पाप-पुण्य की अवधारणाएँ एक-सी हैं। विषयसूची Show
Question लोंग स्टॉक में घूमते हुए चक्र को देखकर लेखिका को पूरे भारत की आत्मा एक−सी क्यों दिखाई दी?Solution लेखिका सिक्किम में घूमती हुई कवीं-लोंग स्टॉक नाम की जगह पर गई । वहाँ एक कुटिया में घूमता चक्र है। मान्यता है कि इसे घुमाने से सारे पापों का नाश होता है। लेखिका के अनुसार आप भारत के किसी भी कोने में चले जाएँ आपको लोगों की आस्थाएँ, विश्वास, अंधविश्वास, पाप−पुण्य की अवधारणाएँ और कल्पनाएँ हर जगह एक सी मिलेंगी हर जगह उनके भगवान बदल जाएँ, पूजा के तरीकों में अन्तर हो परन्तु विश्वास सदैव एक सा रहेगा और यही विश्वास पूरे भारत को एक ही सूत्र में बाँध देता है जहाँ पूरे भारत की एक आत्मा प्रतित हो, ऐसा जाना पड़ता है।लॉन्ग स्टॉक में घूमते हुए चक्र को देखकर लेखिका को पूरे भारत की आत्मा एक सी क्यों दिखाई दी?लोग स्टॉक में घूमते हुए चक्र को देखकर लेखिका को पूरे भारत की आत्मा एक-सी क्यों दिखाई दी? Solution : लॉग स्टॉक में घूमते हुए चक्र को देखकर लेखिका ने उसके बारे में पूछा तो पता चला कि यह धर्म-चक्र है। इसे घुमाने पर सारे पाप धुल जाते हैं। जितने की यह बात सनकर लेखिका को ध्यान आया कि पूरे भारत की आत्मा एक ही है। धि ण चक्र को देखकर लेखखका ने उसके बारे िें क्या कहा?उत्तर: लोंग स्टॉक में घूमते हुए चक्र को देखकर लेखिका ने उसके बारे में पूछा तो जितेन नार्गे ने बताया कि यह 'धर्म-चक्र' है। इसे घुमाने पर सारे पाप धुल जाते हैं। कवि लोंग स्टॉक क्यों प्रसिद्ध है?ग) हम घमंडी हो जाते हैं। लोंग स्टॉक में घूमते हुए चक्र को देखकर लेखखका को पूरे भारत की आत्मा एक सी क्यों ददखाई दी?लोग स्टॉक में घूमते हुए चक्र को देखकर लेखिका को पूरे भारत की आत्मा एक-सी क्यों दिखाई दी? Solution : लॉग स्टॉक में घूमते हुए चक्र को देखकर लेखिका ने उसके बारे में पूछा तो पता चला कि यह धर्म-चक्र है। इसे घुमाने पर सारे पाप धुल जाते हैं। जितने की यह बात सनकर लेखिका को ध्यान आया कि पूरे भारत की आत्मा एक ही है।
एक कुटिया के भीतर लेखिका ने क्या घूमता हुआ देखा?Explanation: उन्हीं रास्तों पर लेखिका ने एक कुटिया के अन्दर घूमता चक्र देखा जो धर्म-चक्र बताया गया। इसको घुमाने से सारे पाप धुल जाते हैं। वहाँ के लोगों की आस्थाएँ, विश्वास, पाप-पुण्य की अवधारणाएँ एक जैसी।
यूमथांग जाते हुए लेखिका ने कौन सी नदी देखी?यूमथांग पहुंचने से पहले लेखिका को एक रात लायुंग में बितानी थी। लायुंग गगनचुंबी पहाड़ों के तले एक छोटी सी शांत बस्ती थी। दौड़ भाग भरी जिंदगी से दूर शांत और एकांत जगह। लेखिका अपनी थकान उतारने के लिए तीस्ता नदी के किनारे एक पत्थर के ऊपर जा कर बैठ गई।
साना साना हाथ जो जोड़ि पाठ में गन्तोक को किसका शहर कहा गया है?गंतोक एक ऐसा पर्वतीय स्थल है जिसे वहाँ के मेहनतकश लोगों ने अपनी मेहनत से सुरम्य बना दिया है। वहाँ सुबह, शाम, रात सब कुछ सुंदर प्रतीत होता है। यहाँ के निवासी भरपूर परिश्रम करते हैं, इसीलिए गंतोक को मेहनतकश बादशाहों का शहर कहा गया है।
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