नसें नीला रंग क्यों दिखाती हैं? - nasen neela rang kyon dikhaatee hain?

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अक्सर आपने देखा होगा कि नसों का रंग नीला नजर आता है. खासकर अधिक गोरे लोगों और बुजुर्गों में_ ऐसे में बड़ा सवाल है कि जब इनमें लाल रंग का खून बहता है तो इनका रंग नीला क्यों है? जानिए इस सवाल का जवाब...

नसें नीला रंग क्यों दिखाती हैं? - nasen neela rang kyon dikhaatee hain?

विज्ञान कहता है कि नसों का वास्‍तविक रंग नीला नहीं होता.

अक्‍सर आपने देखा होगा कि नसों का रंग नीला नजर आता है. खासकर अध‍िक गोरे लोगों और बुजुर्गों में यह साफतौर पर देखा जा सकता है. ऐसे में बड़ा सवाल है कि जब इनमें लाल रंग का खून बहता है तो इनका रंग नीला क्‍यों है? विज्ञान कहता है कि नसों का रंग नीला नहीं होता है. पर फिर भी हमें ये नीली क्‍यों नजर आती हैं, जानिए इस सवाल का जवाब…

इसलिए नीली नजर आती हैं नसें

विज्ञान कहता है, यह एक तरह का ऑप्टिकल इम्‍यूजन है, यानी एक भ्रम है. ऐसा होने की सही वजह है प्रकाश की किरणें. आसान भाषा में समझें तो प्रकाश में सात रंग होते हैं. इनमें से जो भी रंग किसी भी चीज पर पड़कर परावर्तित होता है, हमें वहीं रंग नजर आता है.

जैसे- कोई वस्‍तु प्रकाश की इन सातों किरणों को परावर्तित कर देती है तो वो हमें सफेद नजर आती है. वहीं, जो चीज इन सभी किरणों को अवशोषित कर लेती है वो काली नजर आती है. किरणों के परावर्तन का यह सिद्धांत नसों के मामले में भी लागू होता है.

नसों में लाल रंग का खून बहता है, इस हिसाब से तो इसे लाल नजर आना चाहिए, लेकिन नहीं होता. विज्ञान के मुताबिक, प्रकाश की किरणों में 7 रंग होते हैं. इसलिए जब प्रकाश की किरणें नसों पर पड़ती  है तो लाल रंग की किरणें अवशो‍ष‍ित यानी एब्‍जॉर्ब हो जाती हैं, लेकिन किरणों में मौजूद नीला रंग अवशोषित नहीं होता, यह परावर्तित हो जाता है. इसलिए इंसान को नसें नीले रंग की नजर आती हैं.

नसें नीला रंग क्यों दिखाती हैं? - nasen neela rang kyon dikhaatee hain?

इसे ऐसे भी समझा जा सकता है

विज्ञान के मुताबिक, किरणों का जो रंग परावर्तित होता है, वही इंसान को नजर आता है. इसे एक उदाहरण से समझ सकते हैं. जैसे- समुद्र के पानी का रंग पारदर्शी होता है, लेकिन दूर से देखने पर नीला नजर आता है. दिन के समय जब सूर्य की क‍िरणें पानी पर पड़ती हैं तो प्रकाश से निकलने वाली दूसरे रंग की किरणों को पानी एब्‍जॉर्ब कर लेता है, लेकिन नीले रंग की किरण को परावर्तित (रिफलेक्‍ट) कर देता है. प्रकाश के इसी परावर्तन के कारण समुद्र का रंग नीला दिखाई तो देता है, लेक‍िन हकीकत में यह नीला नहीं होता.

खून का रंग लाल क्‍यों है, यह भी जान लीजिए

खून का रंग लाल क्‍यों होता है, इसे भी समझ लीजिए. खून में हीमोग्‍लोबिन मौजूद होने के कारण इसका रंग लाल होता है. यह एक खास तरह प्रोटीन होता है जो आयरन और प्रोटीन से मिलकर बना होता है. जबकि कुछ जीवों में खून का रंग  नीला या हरा भी होता है. जैसे- ऑक्‍टोपस में खून का रंग नीला होता है क्‍योंकि इनके खून में हीमोसायनिन प्रोटीन मौजूद होता है, जिसका रंग नीला है. इसलिए खून भी नीला नजर आता है. 

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क्या आप जानते हैं कि खून का रंग लाल होते हुए भी नसें नीली क्यों दिखती हैं? चलिए इसके बारे में आपको जरूरी जानकारी देते हैं। 

हमारा शरीर किसी पहेली की तरह है जो दिखने में तो काफी आसान और सुलझा हुआ लगता है, लेकिन असल में ये बहुत ज्यादा जटिल है। शरीर की कोई एक नस भी गलत तरीके से दब जाए तो ये परेशानी का सबब बन सकती है। हमें ऐसा लगता है कि हम अपने शरीर को जानते हैं, लेकिन ऐसा नहीं है। कई लोग अपने शरीर से जुड़ी छोटी-छोटी चीज़ों का भी ध्यान नहीं रखते हैं। आपने अपने शरीर में ही ऐसी कितनी चीज़ें देखी होंगी जो दिखती तो नॉर्मल हैं पर उनके पीछे का लॉजिक काफी अलग होता है। 

उदाहरण के तौर पर सर्दियों में मुंह से भाप क्यों निकलती है, आंख क्यों फड़कती है या नसों का रंग नीला क्यों दिखता है? क्या कभी आपने ये सोचने की कोशिश की है कि चोट लगने पर, छिल जाने पर, कट जाने पर हमेशा लाल खून निकलता है, लेकिन हमारी नसें या तो नीली या हरे के किसी शेड की दिखने लगती हैं। क्या कभी आपने ये जानने की कोशिश की है कि इन नसों के स्किन के ऊपर दिखने का क्या कारण है। 

क्या होता है शरीर में नसों का काम?

अब सबसे पहला सवाल ये है कि जब हमारा खून ही लाल है तो फिर नसों का रंग नीला क्यों दिखता है। इससे पहले कि इस रंगों के फेरबदल से जुड़े सवाल का जवाब हम दें, पहले बात करते हैं कि नसों की हमारे शरीर में जरूरत क्या होती है। हमारे सर्कुलेटरी सिस्टम के लिए नसें बहुत जरूरी है। ये नसें ही हैं जो हमारे शरीर के अलग-अलग अंगों में खून की सप्लाई पहुंचाती हैं। 

नसें नीला रंग क्यों दिखाती हैं? - nasen neela rang kyon dikhaatee hain?

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दिल से लेकर दिमाग तक ये सारा आदान-प्रदान नसों की वजह से होता है। दिल से ब्लड पंप होकर नसों के जरिए आर्टरी और कैपिलरीज तक पहुंचती हैं और फिर आखिर में नसों द्वारा ये शरीर के अन्य अंगों तक जाती हैं। 

खून का रंग हमेशा लाल होता है, लेकिन ये लाल का कौन सा शेड होगा ये निर्भर करता है ऑक्सीजन पर। ये ऑक्सीजन रेड ब्लड सेल्स में मौजूद होता है। जब आप सांस लेते हैं तो आपके ब्लड सेल्स ऑक्सीजन से भर जाते हैं। इसकी वजह से इनका रंग बहुत गहरा लाल होता है। जब ये शरीर के अन्य हिस्सों में ट्रांसफर होते हैं तो ऑक्सीजन का लॉस होता है और कार्बन डाय ऑक्साइड से भर जाता है। इसकी वजह से खून का रंग गहरा लाल होने लगता है। 

आखिर क्यों नसों का रंग हो जाता है नीला?

अब तक हम ये समझ चुके हैं कि नसों में मौजूद खून का रंग गहरा लाल हो सकता है। पर ये स्किन में नीली क्यों दिखती हैं ये अभी भी एक गुत्थी की तरह है। दरअसल, इसका कारण रोशनी से जुड़े विज्ञान में खोजना होगा। जो भी रंग हमें दिखते हैं वो लाइट के रिफ्लेक्शन के आधार पर दिखते हैं। नसें नीली इसलिए दिखती हैं क्योंकि हमारी आंखों में नीली लाइट रिफ्लेक्ट होती है। 

नसें नीला रंग क्यों दिखाती हैं? - nasen neela rang kyon dikhaatee hain?

ब्लू लाइट मानव टिशू में उतनी गहरी पेनिट्रेट नहीं होती जैसे रेड लाइट होती है। ऐसे में जो भी नसें स्किन के नजदीक होती हैं वो इस रिफ्लेक्शन के कारण नीली दिखने लगती हैं। 

यानि नसें इसलिए नीली दिखती हैं क्योंकि लाइट हमारे शरीर में और आंखों में इसी तरह की दिखती है।  

क्यों ज्यादा नसें दिखना अच्छा नहीं है? 

आपको वैरिकोज वेन्स के बारे में तो पता ही होगा। वेरिकोज वेन्स वो नसें होती हैं जो स्किन से झलकने लगती हैं और उभरी और फूली हुई सी दिखती हैं। ये नसें अधिकतर तनी रहती हैं और ये भी नीली ही दिखती हैं। थोड़ी बहुत नसें दिखना आम है और ये सभी के साथ होता है, लेकिन अगर नसें अप्रत्याशित तौर पर ज्यादा दिख रही हैं और ये किसी बीमारी या किसी तरह की गड़बड़ी का संकेत साबित हो सकती हैं।  

नसें नीला रंग क्यों दिखाती हैं? - nasen neela rang kyon dikhaatee hain?

ये बताती हैं कि नसों की वॉल्स पतली हो रही हैं और इस कारण नसों पर प्रेशर ज्यादा पड़ रहा है। कई मामलों में ऐसे में ब्लड क्लॉट्स भी दिखने लगते हैं। ये कई तरह की तकलीफों का कारण बन सकता है।  

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किन कारणों से ऐसी दिखती हैं नसें? 

  • हेरेडिटी के कारण
  • महिलाओं के मासिक चक्र के दौरान
  • डीप वेन थ्रोम्बोसिस जैसी किसी बीमारी के दौरान
  • मोटापा बढ़ जाने पर
  • ब्लड प्रेशर में फ्लक्चुएशन होने पर
  • लंबे समय तक खड़े या एक ही तरह का काम करने पर
  • किसी दवा के रिएक्शन की वजह से
  • किसी तरह की बीमारी के कारण
  • किसी तरह के फूड रिएक्शन के कारण 

ऐसी समस्याओं पर अगर ध्यान नहीं दिया गया तो ये आगे चलकर कुछ और खराब लक्षण दिखा सकती हैं। उदाहरण के तौर पर पैरों में सूजन आना, पैरों में जलन होना, जोड़ों का दर्द होना, स्किन एलर्जी होना, किसी तरह के घाव हो जाना, हल्की सी चोट पर भी ब्लीडिंग होने लगना आदि। 

ऐसे किसी भी समस्या से बचने के लिए आपको ये ध्यान रखना होगा कि पहले आप इसका डॉक्टरी परीक्षण करवाएं। डॉक्टर आपकी मेडिकल हिस्ट्री के आधार पर ये बता पाएगा कि आपको किस तरह की समस्या हो रही है।  

इसके अलावा, आपको अपनी एलर्जीस और वजन को भी संतुलन में रखना होगा। अगर आपको कोई भी अनियमितता दिख रही है तो डॉक्टर से संपर्क करें। अगर आपको ये स्टोरी अच्छी लगी है तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़े रहें हरजिंदगी से। 

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Disclaimer

आपकी स्किन और शरीर आपकी ही तरह अलग है। आप तक अपने आर्टिकल्स और सोशल मीडिया हैंडल्स के माध्यम से सही, सुरक्षित और विशेषज्ञ द्वारा वेरिफाइड जानकारी लाना हमारा प्रयास है, लेकिन फिर भी किसी भी होम रेमेडी, हैक या फिटनेस टिप को ट्राई करने से पहले आप अपने डॉक्टर की सलाह जरूर लें। किसी भी प्रतिक्रिया या शिकायत के लिए, पर हमसे संपर्क करें।

नसें नीली क्यों दिखती है?

गहरे रंग की त्वचा के नीचे, नसें अक्सर हरी दिखाई देती हैं. जबकि हल्के रंग की त्वचा के नीचे नसें नीले या जामुनी दिखती हैं. ऐसा इसलिए है क्योंकि प्रकाश की हरी और नीली वेवलेंथ, लाल वेवलेंथ से छोटी होती हैं. नीली रोशनी की तुलना में, लाल रोशनी इंसान के टिश्यू को भेदने में बेहतर है.

शरीर में नीली नस क्या है?

अगर आपके पैरों में नसें दिखती हैं या नीली नसें होने लगी हैं तो ये वेरिकोज वेन्स की समस्या की वजह से हो सकती है. इसमें शरीर के निचले हिस्से या पैरो में वो मुड़ी हुई नसें होती हैं जो सूजी हुई होती हैं. यह नसे धीरे-धीरे बैगनी और नीली होने लगती हैं. इसकी बड़ी वजह ज्यादा देर तक खड़े रहना या देर तक चलना होता है.

रक्त का रंग नीला क्यों होता है?

कौन से जीव का रक्त नीला होता है, और उनके रक्त का रंग नीला क्यों होता है? - Quora. कुछ जलीय जीव जैसे केकड़े, ऑक्टोपस इत्यादि का रक्त नीला होता है क्युकी उनमें हेमोसाइनीन पाया जाता है जिसमें कॉपर आयन पाया जाता है जो उसे नीला रंग देता है जिस तरह मनुष्य के शरीर में हीमोग्लोबिन होता है जो आयरन आयन की वजह से लाल होता है।

हाथों में नसें अधिक दिखाई देने का क्या कारण है?

दरअसल, उम्र बढ़ने के साथ ही स्किन पतली हो जाती है. इससे हाथों पर नसें अधिक दिखाई देने लगती हैं. उम्र बढ़ने पर नसों में वाल्व कमजोर हो जाते हैं, इससे नसों में ब्लड जमा हो जाता है और नस उभरी हुई दिखाई देने लगती हैं. आमतौर पर वैरिकाज वेन्स पैरों पर अधिक दिखाई देते हैं.