भारत में ऐसा माना जाता है कि धनतेरस पर सोना, चांदी के गहने और नए बर्तन खरीदना बहुत शुभ होता है. इसे घर में माता लक्ष्मी का स्वागत करने का एक तरीका माना जाता है.धनतेरस पांच दिवसीय दिवाली त्योहार की शुरुआत का प्रतीक है. इसे धनत्रयोदशी के रूप में भी जाना जाता है, ये माता लक्ष्मी और भगवान कुबेर की पूजा का दिन है. Show
ये हिंदू चंद्र कैलेंडर के कार्तिक महीने की त्रयोदशी तिथि को मनाया जाता है. ये 2 नवंबर, 2021, मंगलवार को पड़ेगा. भारत में ऐसा माना जाता है कि धनतेरस पर सोना, चांदी के गहने और नए बर्तन खरीदना बहुत शुभ होता है. इसे घर में माता लक्ष्मी का स्वागत करने का एक तरीका माना जाता है. इसलिए हम यहां आपकी मदद के लिए एक गाइड लेकर आए हैं कि इस त्योहार में घर लाने के लिए किस तरह के बर्तनों को शुभ माना जाता है. आइए देखते हैं- सोने के बर्तन समुद्र मंथन के दौरान आयुर्वेद के भगवान धन्वंतरि दूध के समुद्र से अमृत का एक सुराही लिए हुए निकले. ऐसा माना जाता है कि इस दिन सोने के बर्तन या आभूषण लाने से घर में सकारात्मक ऊर्जा आती है. सोना इन दिनों बहुत महंगा है, इसलिए घर में खुशियां लाने के लिए अन्य धातुएं भी विकल्प में होती हैं. चांदी के बर्तन चांदी को शांति और शीतलता के लिए धातु माना जाता है. चांदी के गिलास में रखे पानी को बाद में पीने से फायदा होता है. ये धातु चंद्रमा ग्रह से भी संबंधित है. धनतेरस के दिन चांदी के बर्तन खरीदने से घर में सुख-समृद्धि आती है. पीतल के बर्तन पीतल धातु का प्रयोग बहुत पहले से होता आ रहा है. पीतल के बर्तन में खाना बनाना अच्छा होता है. धनतेरस के दिन पीतल के बर्तन या पीतल के सजावटी सामान खरीदना शुभ होता है. इससे घर में समृद्धि आएगी. तांबे के बर्तन विशेषज्ञों के अनुसार, पीतल के बर्तन सेहत के लिए बहुत फायदेमंद होते हैं. इन बर्तनों का उपयोग मुख्य रूप से पूजा के लिए किया जाता है लेकिन आजकल तांबे के फ्लास्क और कांच का उपयोग बहुत आम हो गया है. जिन जातकों की कुंडली में सूर्य ग्रह से प्रभावित होते हैं उनके लिए तांबे के बर्तनों का प्रयोग लाभकारी होता है. इस दिन तांबे के बर्तन खरीदने से घर में ऊर्जा आएगी. मिट्टी के पात्र इन दिनों मिट्टी के बर्तन खरीदने का चलन है. बाजार में तरह-तरह के बर्तन मिलते हैं. ये ईको फ्रेंडली होने के साथ-साथ सेहत के लिए भी अच्छे होते हैं. मिट्टी के बर्तन शुभ माने जाते हैं और घर में सकारात्मकता लाते हैं. धनतेरस के दिन सभी को मिट्टी के दीये जरूर खरीदने चाहिए. स्टील के बर्तन अन्य सभी धातुएं स्टील के बर्तनों की तुलना में महंगी होती हैं. धनतेरस के दिन स्टील के बर्तन खरीदे जा सकते हैं लेकिन लोहे के बर्तन नहीं खरीदने चाहिए. तांबा हमारे जीवन में प्रयोग होने वाली एक मुख्य धातु है. ताम्बे को औषधीय धातु माना जाता है. यह विद्युत् का सुचालक है और अग्नि तत्व से भरपूर है. यह ज्योतिष में मंगल और सूर्य से सम्बन्ध रखता है. यह शरीर के पित्त और वात को नियंत्रित करता है. ताम्बे का प्रयोग पूजा आदि कार्यों में खूब होता है. किस प्रकार से ताम्बे का असर हमारे शरीर और ग्रहों पर पड़ता है? - ताम्बे के प्रयोग से शरीर शुद्ध होता है - इसके साथ ही साथ शरीर से सारा विष बाहर निकल जाता है - यह मंगल को मजबूत करके रक्त को ठीक करता है - साथ ही यह सूर्य को मजबूत करके उत्साह में वृद्धि कर देता है - यह पाचन तंत्र को काफी अच्छा कर देता है - पेट की समस्याओं से निजात दिलाता है कैसे करें तांबे का प्रयोग? - ताम्बे का छल्ला अनामिका अंगुली में धारण करें - इससे सूर्य और चन्द्रमा दोनों मजबूत होते हैं - आत्मविश्वास, साहस और स्वास्थ्य अच्छा होता जाता है - ताम्बे को कमर में भी पहन सकते हैं - इससे नाभि और हार्मोन्स की समस्या में सुधार होता है - ताम्बे का सिक्का गले में धारण करने से दुर्घटनाओं से बचाव होता है - ताम्बे के पात्र का पानी पीने से शरीर विषमुक्त होता है - पेट सम्बन्धी समस्याओं से मुक्ति मिलती है ताम्बे के प्रयोग की सावधानियां क्या हैं? - ताम्बा जितना शुद्ध हो उतना ही अच्छा होगा - ताम्बे के साथ सोना मिश्रित करके पहनना और भी अच्छा होता है - अगर ताम्बे के बर्तन प्रयोग करते हैं तो नियमित उनकी सफाई करते रहें - जिन लोगो को क्रोध की समस्या है, उन्हें सोच समझकर ताम्बा पहनना चाहिए - मेष, सिंह और धनु राशि के लिए ताम्बा हमेशा शुभ होता है - वृष, कन्या और मकर राशि के लिए ताम्बा बहुत अनुकूल नहीं होता - बाकी राशियों के लिए ताम्बा साधारण होता है. Useful Utensils to Shop on Dhanteras : पूरे भारत और खास तौर पर हिंदू धर्म में दिवाली का त्योहार सबसे प्रमुख और महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है. दिवाली हर साल पूरे देश में धूमधाम से पूरे पांच दिनों तक मनाई जाती है. दिवाली की शुरुआत धनत्रयोदशी यानी धनतेरस से होती है. धनतेरस को बहुत ही शुभ माना जाता है, जिसमें माता लक्ष्मी और भगवान कुबेर की पूजा के साथ-साथ घर के लिए कुछ जरूरी और शुभ सामानों की खरीदारी की जाती है. धनतेरस पर अधिकतर लोग झाड़ू, सोना और चांदी और खासतौर पर बर्तन खरीदते हैं. धनतेरस पर की गई खरीदारी को बहुत शुभ माना जाता है और उसमें खरीदे हुए बर्तनों को पूजा में रखकर पूजा संपन्न मानी जाती है. धनतेरस के मौके पर खास तरह के बर्तन खरीदने का विशेष महत्व बताया गया है. ये कुछ ऐसे बर्तन हैं, जो सालभर काम आ सकते हैं. जानें, धनतेरस पर आप किन बर्तनों की खरीदारी कर सकते हैं. धनतेरस पर बर्तन खरीदने का महत्वधनतेरस के दिन कई तरह के धातु के बर्तनों को खरीदने का काफी अधिक महत्व है. आप भी यदि धनतेरस पर बर्तन खरीदना चाह रहे हैं तो सोना, चांदी खरीदने के अलावा, पीतल, तांबे, स्टील के बर्तन खरीद सकते हैं. मान्यता है कि धनतेरस पर इन धातुओं के बर्तन खरीदने से घर में सुख-समृद्धि आती है. जो भी खरीदारी इस दिन की जाती है, उसमें तेरह गुना बढ़ोतरी होती है. आप चांदी के बर्तन खरीद सकते हैं. लक्ष्मी-गणेश जी की प्रतिमा, चांदी के सिक्के भी घर ला सकते हैं. इससे घर में बरकत आती है. लक्ष्मी जी की कृपा घर पर सदा बनी रहती है. धनतेरस के मौके पर खरीदें ये बर्तनचांदी के बर्तन तांबे के बर्तन पीतल के बर्तन यह भी पढ़ेंः यूरिक एसिड बढ़ने से किडनी फेलियर का खतरा, जानें इसे कंट्रोल करने का तरीका स्टील के बर्तन यह भी पढ़ेंः ज्यादा तनाव की वजह से घट सकता है वजन? रिसर्च में सामने आया कनेक्शन (Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारियां और सूचनाएं सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं. Hindi news18 इनकी पुष्टि नहीं करता है. इन पर अमल करने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से संपर्क करें.) तांबे का बर्तन कब खरीदना चाहिए?तांबे के बर्तन
धनतेरस पर तांबे के बर्तनों की पूजा की जाती है. इस दिन तांबे के बर्तन खरीदना बहुत शुभ होता है.
शिवलिंग पर तांबे के लोटे से जल चढ़ाने से क्या होता है?वहीं ज्योतिष शास्त्र में तांबे को एक पवित्र धातु माना गया है। तांबे के लोटे का उपयोग करके भगवान को जल अर्पित करना शुभ होता है। यानी धार्मिक और वैज्ञानिक दोनों दृष्टि से तांबे का लोटा लाभकरी माना जाता है।
तांबे के लोटे में पानी रखने से क्या होता है?तांबे के बर्तन में रखा पानी पीने से उन कई बीमारियों से छुटकारा मिलता है, जो दूषित पानी पीने से होती हैं. जैसे, लूज मोशन, पेट दर्द, डायरिया इत्यादि. तांबे का पानी पीने से शरीर में कॉपर की कमी भी नहीं होती है.
शुद्ध तांबे की पहचान क्या है?चुंबक की मदद से तांबे की शुद्धता की पहचान सकते हैं। पांबे के लोटे, गिलास या बोतल पर चुंबक लगाकर देखें। यदि यह चिपक जाता है तो तांबा मिलावटी है। असली तांबे का रंग गुलाबी-नारंगी होता है।
|