फूल के बर्तन कैसे किलो है? - phool ke bartan kaise kilo hai?

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फूल के बर्तनों के बारे में जानते हैं आप? इनके इस्तेमाल से मिलते हैं ये फायदे

फूल के बर्तन कैसे किलो है? - phool ke bartan kaise kilo hai?

फूल के बर्तनों की पिछले कुछ वक्त में पूछ परख फिर बढ़ने लगी है.

Phool ke bartan: हम लोगों में से कई ऐसे होंगे जिन्होंने कभी फूल के बर्तनों के बारे में सुना ही नहीं होगा. पुराने जमाने ...अधिक पढ़ें

  • News18Hindi
  • Last Updated : October 19, 2021, 18:51 IST

    Phool ke Bartan: नई पीढ़ी में बहुत थोड़े से लोग होंगे जो फूल के बर्तनों (Phool Utensils) के बारे में जानते होंगे. आज के दौर में हमारे घरों में स्टील, चीनी के बर्तन ही मौजूद होते हैं. पहले के जमाने में पीतल, तांबा और मिश्रधातु फूल के बर्तनों की काफी मांग होती थी, इनका इस्तेमाल शरीर के लिए भी बेहद लाभकारी होता था. वक्त बदलने के साथ घर में उपयोग होने वाले पुराने बर्तनों की जगह भी नई धातु के बर्तनों ने ले ली. अब तो बाजार में सिलिकॉन के बर्तनों (Silicon Utensils) तक की डिमांड बढ़ने लगी है. इस बीच अब पुराना दौर भी एक बार फिर लौटता नजर आ रहा है. दरअसल, पिछले कुछ वक्त में मार्केट में एक बार फिर फूल के बर्तनों की मांग सुनाई देने लगी है.

    बता दें कि आज से लगभग तीन-चार दशक पहले तक ही फूल के बर्तनों की काफी मांग थी. हमारे घर के बड़े बुजुर्गों ने तो लंबे वक्त तक इन बर्तनों में भोजन का स्वाद भी उठाया है.

    इस तरह बनती है फूल मिश्रधातु
    फूल एक मिश्र धातु होती है जो कि टिन और लेड से मिलकर बनती है. कभी-कभी इसमें पीतल या तांबे की मिलावट भी की जाती है. यह धातू दिखने में चांदी की तरह और उजली होती है. आमतौर पर फूल के बर्तन डेयरी की दुकानों पर भी देखने को मिल जाएंगे. इसमें रखने से दही या खट्टी चीजें रखने पर नहीं बिगड़ती हैं.

    इसे भी पढ़ें: फ्रिज को यूज करते वक्त न करें ये गलतियां, जल्द खराब होने का बढ़ जाता है रिस्क

    फूल के बर्तनों के फायदे
    आज से पांच दशक पहले तक फूल मिश्रधातु की काफी डिमांड थी. इनका इस्तेमाल बर्तनों के अलावा हथियार बनाने में भी किया जाता था. पीतल और तांबे के बर्तनों की तरह ही फूल धातु के बर्तनों के भी स्वास्थ्य के लिहाज से कई फायदे हैं.

    – फूल के बर्तन में खाना खाने से तनाव में राहत मिलती है.
    – कहते हैं कि फूल के बर्तनों में भोजन से शरीर में नई ऊर्जा पैदा होती है.
    – इन बर्तनों में खाने से मोटापे की समस्या में कमी आती है.
    – इन बर्तनों के उपयोग से जोड़ो के दर्द में राहत मिलती है.
    – फूल के बर्तनों में खाने से ब्लड प्रेशर भी कंट्रोल रहता है.
    – फूल के बर्तनों में खाना खाने से शुगर भी बैलेंस रहती है.

    (Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारियां और सूचनाएं सामान्य जानकारियों पर आधारित हैं. Hindi news18 इनकी पुष्टि नहीं करता है. इन पर अमल करने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से संपर्क करें.)

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    Tags: Lifestyle

    FIRST PUBLISHED : October 19, 2021, 18:48 IST

    जनता से रिश्ता वेबडेस्क। नई पीढ़ी में बहुत थोड़े से लोग होंगे जो फूल के बर्तनों (Phool Utensils) के बारे में जानते होंगे. आज के दौर में हमारे घरों में स्टील, चीनी के बर्तन ही मौजूद होते हैं. पहले के जमाने में पीतल, तांबा और मिश्रधातु फूल के बर्तनों की काफी मांग होती थी, इनका इस्तेमाल शरीर के लिए भी बेहद लाभकारी होता था. वक्त बदलने के साथ घर में उपयोग होने वाले पुराने बर्तनों की जगह भी नई धातु के बर्तनों ने ले ली. अब तो बाजार में सिलिकॉन के बर्तनों (Silicon Utensils) तक की डिमांड बढ़ने लगी है. इस बीच अब पुराना दौर भी एक बार फिर लौटता नजर आ रहा है. दरअसल, पिछले कुछ वक्त में मार्केट में एक बार फिर फूल के बर्तनों की मांग सुनाई देने लगी है.

    बता दें कि आज से लगभग तीन-चार दशक पहले तक ही फूल के बर्तनों की काफी मांग थी. हमारे घर के बड़े बुजुर्गों ने तो लंबे वक्त तक इन बर्तनों में भोजन का स्वाद भी उठाया है.

    इस तरह बनती है फूल मिश्रधातु

    फूल एक मिश्र धातु होती है जो कि टिन और लेड से मिलकर बनती है. कभी-कभी इसमें पीतल या तांबे की मिलावट भी की जाती है. यह धातू दिखने में चांदी की तरह और उजली होती है. आमतौर पर फूल के बर्तन डेयरी की दुकानों पर भी देखने को मिल जाएंगे. इसमें रखने से दही या खट्टी चीजें रखने पर नहीं बिगड़ती हैं.

    फूल के बर्तनों के फायदे

    आज से पांच दशक पहले तक फूल मिश्रधातु की काफी डिमांड थी. इनका इस्तेमाल बर्तनों के अलावा हथियार बनाने में भी किया जाता था. पीतल और तांबे के बर्तनों की तरह ही फूल धातु के बर्तनों के भी स्वास्थ्य के लिहाज से कई फायदे हैं.

    – फूल के बर्तन में खाना खाने से तनाव में राहत मिलती है.

    – कहते हैं कि फूल के बर्तनों में भोजन से शरीर में नई ऊर्जा पैदा होती है.

    – इन बर्तनों में खाने से मोटापे की समस्या में कमी आती है.

    – इन बर्तनों के उपयोग से जोड़ो के दर्द में राहत मिलती है.

    – फूल के बर्तनों में खाने से ब्लड प्रेशर भी कंट्रोल रहता है.

    – फूल के बर्तनों में खाना खाने से शुगर भी बैलेंस रहती है.

    फूल का बर्तन कैसे किलो है?

    बाजार में फूल और तांबा के बर्तन 800 रुपये किलो हैं जबकि पीतल के बर्तन 400 रुपये किलो और स्टील के बर्तन 200 रुपये किलो बिक रहे हैं। सिल्वर टच स्क्रीन के बर्तन का रेट स्टील से करीब डेढ़ गुना है। सिर्फ पूजन के लिए ही अब फूल की थाली या तांबा से बने छोटे लोटे खरीदे जाते हैं।

    फूल के बर्तन कैसे पहचाने?

    कभी-कभी इसमें पीतल या तांबे की मिलावट भी की जाती है. यह धातू दिखने में चांदी की तरह और उजली होती है. आमतौर पर फूल के बर्तन डेयरी की दुकानों पर भी देखने को मिल जाएंगे. इसमें रखने से दही या खट्टी चीजें रखने पर नहीं बिगड़ती हैं.

    फूल कौन सी धातु है?

    फूल वंग (टिन्) और सीस (लेड) की मिश्रधातु है, पर इसमें कभी-कभी ताँबा या पीतल भी मिला रहता है। यह धातु उजली औ स्वच्छ चाँदी के रंग की हीती है और इसमें रखने से दही या और खट्टी चाजें नहीं बिगड़ती।

    फूल और पीतल में क्या अंतर है?

    आमतौर पर साधारण बोलचाल में कभी-कभी पीतल को भी कांसा कह दिया जाता है, जो ताँबे तथा जस्ते की मिश्र धातु है और पीले रंग का होता है। ताँबे और राँगे की मिश्र धातु को 'फूल' भी कहते हैं। वर्तमान में आभूषण आदि बनाने के हेतु एक प्रकार के कांसे का व्यवहार किया जाता है, जिसका रंग सुनहरा होता है।