शतभिषा नक्षत्र कितने बजे से कितने बजे तक है? - shatabhisha nakshatr kitane baje se kitane baje tak hai?


आज का पंचांग, 9 September 2022 (Aaj Ka Panchang): राष्ट्रीय मिति भाद्रपद 18, शक संवत् 1944, भाद्रपद शुक्ल, चतुर्दशी, शुक्रवार, विक्रम संवत् 2079। सौर भाद्रपद मास प्रविष्टे 24, सफ़र 12, हिजरी 1444 (मुस्लिम), तदनुसार अंग्रेजी तारीख 09 सितम्बर सन् 2022 ई०। सूर्य दक्षिणायण उत्तर गोल, शरद ऋतु।

राहुकाल पूर्वाह्न 10 बजकर 30 मिनट से 12 बजे तक। चतुर्दशी तिथि सायं 06 बजकर 08 मिनट तक उपरांत पूर्णिमा तिथि का आरंभ, धनिष्ठा नक्षत्र पूर्वाह्न 11 बजकर 35 मिनट तक उपरांत शतभिषा नक्षत्र का आरंभ।

सुकर्मा योग सायं 06 बजकर 11 मिनट तक उपरांत धृतिमान योग का आरंभ। गर करण प्रातः 07 बजकर 36 मिनट तक उपरांत बव करण का आरंभ। चंद्रमा दिन रात कुंभ राशि पर संचार करेगा।

आज का व्रत त्योहार - अनंत चतुर्दशी व्रत, श्री सत्यनारायण व्रत, कदली व्रत।

सूर्योदय का समय 9 सितंबर 2022 : सुबह 06 बजकर 03 मिनट पर।
सूर्यास्त का समय 9 सितंबर 2022 : शाम 06 बजकर 34 मिनट पर।

आज का शुभ मुहूर्त 9 सितंबर 2022 :
अभिजीत मुहूर्त दोपहर 11 बजकर 53 मिनट से 12 बजकर 43 मिनट तक। विजय मुहूर्त दोपहर 02 बजकर 23 मिनट से 03 बजकर 13 मिनट तक रहेगा। निशिथ काल मध्‍यरात्रि 11 बजकर 55 मिनट से 12 बजकर 41 मिनट तक। गोधूलि बेला शाम 06 बजकर 21 मिनट से 06 बजकर 45 मिनट तक। अमृत काल अगले दिन 03 बजे से 04 बजकर 28 मिनट तक। रवि योग सुबह 06 बजकर 03 मिनट से 11 बजकर 35 मिनट तक।

आज का अशुभ मुहूर्त 9 सितंबर 2022 :
राहुकाल सुबह 10 बजकर 30 मिनट से 12 बजे तक। दोपहर 03 बजकर 30 मिनट से 04 बजकर 30 मिनट तक यमगंड रहेगा। सुबह 07 बजकर 30 मिनट से 09 बजे तक गुलिक काल रहेगा। दुर्मुहूर्त काल सुबह 08 बजकर 33 मिनट से 09 बजकर 23 मिनट तक रहेगा इसके बाद दोपहर 12 बजकर 43 मिनट से 01 बजकर 33 मिनट तक। भद्राकाल शाम 06 बजकर 07 मिनट से अगले दिन 04 बजकर 45 मिनट तक। पंचक काल पूरे दिन रहेगा।

आज का उपाय : पांच लाल फूल और पांच हल्दी में लिपटी हुई कौड़ियां मां लक्ष्मी को अर्पित करें और विधिवत पूजा करें।
(आचार्य कृष्णदत्त शर्मा)

Panchang: हिंदू पंचांग को वैदिक पंचांग भी कहा जाता है. पंचांग के माध्यम से ही काल व समय की गणना की जाती है. एक माह में तीस तिथियां होती हैं. हिंदू कैलेंडर के हिसाब से ये दो पक्षों में विभाजित होती हैं. ये पक्ष 15-15 दिन का होता है. एक पक्ष की अंतिम तिथि को अमावस्या कहा जाता है जबकि दूसरे पक्ष की अंतिम तिथी को पूर्णिमा कहा जाता है. इन तिथियों को प्रतिपदा, द्वितीया, तृतीया, चतुर्थी, पंचमी, षष्ठी, सप्तमी, अष्टमी, नवमी, दशमी, एकादशी, द्वादशी, त्रयोदशी, चतुर्दशी और 15वें दिन यानी आखिरी दिन को पक्ष के हिसाब से अमावस्या/पूर्णिमा कहा जाता है. पंचांग इन्हीं सब के आधार पर पंचांग बनता है. पंचांग में पांच अंग वार, योग, तिथि, नक्षत्र और करण महत्वपूर्ण होते हैं. ऐसे में जानें क्या है आज का पंचांग? आज 3 नवंबर 2022 को दिन गुरुवार है. आज कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि है. 

सूर्योदय और सूर्यास्त का समय
सूर्योदय: 6 बजकर 34 मिनट तक होगा.
सूर्यास्त: 5 बजकर 35 मिनट तक होगा.

आज की तिथि: कार्तिक शुक्ल की दशमी तिथि
आज का वार: गुरुवार
आज का पक्ष: शुक्ल
आज का नक्षत्र: शतभिषा
आज का करण: तैतिल
योग: वृद्धि

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अभिजीत मुहूर्त: सुबह 11:56 से 12:48 तक रहेगा. 
विजय मुहूर्त: दोपहर 2:29 से 3:28 तक रहेगा.
गोधुली मुहूर्त: शाम 6:19 से 6:56 तक रहेगा.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं. जी न्यूज इसकी पुष्टि नहीं करता.) 

इसे सुनेंरोकेंAaj Ki Tithi 23 August 2021: 23 अगस्त 2021 को भाद्रपद मास (Bhadrapada 2021) की कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि (Pratham Tithi) और शतभिषा नक्षत्र (Shatabhisha Nakshatra ) है.

शतभिषा नक्षत्र कितने बजे तक है?

इसे सुनेंरोकेंइसके आलावा आज देर रात 3 बजकर 28 मिनट तक शतभिषा नक्षत्र रहेगा।

शतभिषा कब से कब तक है 2021?

इसे सुनेंरोकें19 September 2021 ka Panchang: आज भाद्रपद माह शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी है। शतभिषा नक्षत्र है। आज भगवान शिव जी की उपासना के साथ हनुमान जी की पूजा भी करें। अनन्त चतुर्दशी का व्रत रहें।

शतभिषा नक्षत्र का मतलब क्या होता है?

इसे सुनेंरोकेंशतभिषा नक्षत्र एक गुप्त प्रवृति वाला नक्षत्र है, जिसका ध्यान जीवन की गुप्त शक्तियों पर रहता है। यह गुण इस नक्षत्र में जन्में जातकों को वैराग्यपूर्ण जीवन जीने की ओर बढावा देता है, इसलिए ऐसे लोगों को उदासी और अकेलेपन के प्रति सतर्क रहना चाहिए। इस नक्षत्र में जन्में व्यक्ति बहुत साहसी और मजबूत विचारों वाले होते है।

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शतभिषा नक्षत्र में क्या ना करें?

इसे सुनेंरोकेंनकारात्मक पक्ष : राहु को शतभिषा नक्षत्र का शासक ग्रह माना है। खराब राहु को मिथ्याओं, रहस्यों तथा गुप्त ज्ञान तथा जादुई घटनाओं की ओर झुकाव करने वाला माना जाता है इसलिए राहु ग्रह का प्रभाव यदि ठीक नहीं है तो जातक फालतू की विद्याओं के चक्कर में जीवन खराब कर लेता है।

भौमवती अमावस्या शतभिषा नक्षत्र कब है 2021?

इसे सुनेंरोकेंवैशाख जैसे पुण्यदायी माह में भौमवती अमावस्या का शुभ संयोग बना है 11 मई 2021 को। इस दिन कर्ज मुक्ति और आर्थिक समृद्धि के कुछ विशेष उपाय करेंगे तो शीघ्र लाभ होगा। अमावस्या प्रत्येक माह में आती है लेकिन जब यह सोमवार, मंगलवार या शनिवार को आती है तो विशेष संयोग वाली बन जाती है।

शतभिषा कब से कब तक है?

इसे सुनेंरोकेंAaj Ki Tithi 19 September 2021: 19 सितंबर 2021 को भाद्रपद मास (Bhadrapada 2021) की शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि (Chaturdashi Tithi) और शतभिषा नक्षत्र (Shatabhisha Nakshatra) है. चतुर्दशी की तिथि- 19 सितंबर, रविवार को भादो शुक्ल की चतुर्दशी तिथि है. इस दिन भगवान विष्णु की विशेष पूजा की जाती है.

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सतभिखा कब से कब तक है?

इसे सुनेंरोकेंहिन्दू मान्यता के अनुसार पंचक का समय अशुभ समय माना जाता है। ज्योतिष शास्त्र में धनिष्ठा से रेवती तक जो 5 नक्षत्र (धनिष्ठा, शतभिषा, पूर्वा भाद्रपद, उत्तरा भाद्रपद एवं रेवती) होते हैं, उन्हे पंचक कहा जाता है। 1. 15 जनवरी 2021 से 20 जनवरी 2021 तक।

शतभिषा नक्षत्र कब है 2022?

इसे सुनेंरोकेंaajtak.in. Panchang 01 March 2022 Tuesday: 1 मार्च 2022, दिन- मंगलवार, फाल्गुन मास, कृष्ण पक्ष, चतुर्दशी तिथि 01 बजे तक फिर अमावस्या तिथि लग जाएगी, धनिष्ठा नक्षत्र 03.48 बजे तक फिर शतभिषा नक्षत्र की शुरुआत होगी.

शतभिषा नक्षत्र में क्या करें क्या ना करें?

इसे सुनेंरोकेंइस नक्षत्र में नामकरण, मुण्डन, कोई नया सामान खरीदना और विद्या आरंभ करना बेहद ही शुभ माना जाता है। शतभिषा नक्षत्र के स्वामी राहु है, जो कि एक छाया ग्रह है और इसकी राशि कुंभ है, यानि इसके चारों चरण कुंभ राशि में ही आते हैं।

भौमवती अमावस्या शतभिषा नक्षत्र कब है 2022?

इसे सुनेंरोकेंBhaumvati Amavasya 1 February 2022 मंगलवार के दिन अमावस्या इसके साथ ही मंगलवार की रात को पंचक भी लग रहा है। अमावस्या पर किए जाने वाला स्नान आदि की प्रक्रिया 1 फरवरी को किया जाएगा। मंगलवार को पड़ने के कारण इसे भौमवती अमावस्या कहा जाएगा। इस दिन व्रत, पूजा-पाठ और दान करना से शुभ फलों की प्राप्ति होती है।

शतभिषा नक्षत्र 2022 में कब है?

पंचांग के अनुसार 3 नवम्बर 2022, बृहस्पतिवार के दिन रात्रि रात्रि 07.30 तक कार्तिक शुक्ल दशमी तिथि है. आज शतभिषा नक्षत्र है. कुम्भ राशि में चन्द्रमा है. दोपहर 01.30 से 03.00 तक राहुकाल है.

आज शतभिषा नक्षत्र कब से कब तक है?

आज दोपहर 12 बजकर 46 मिनट तक शतभिषा नक्षत्र रहेगा। आकाशमंडल में स्थित 27 नक्षत्रों में से शतभिषा 24वां नक्षत्र है।

शतभिषा नक्षत्र कब से कब तक है 2022 October?

6 अक्टूबर 2022, दिन-गुरुवार, अश्विन मास, शुक्ल पक्ष, एकादशी तिथि 09.40 बजे तक फिर द्वादशी तिथि, धनिष्ठा नक्षत्र 19.42 बजे तक फिर शतभिषा नक्षत्र की शुरुआत होगी. चंद्रमा मकर राशि में 8.28 बजे तक रहेगा. भगवान सूर्य कन्या राशि में विराजमान है.

शतभिषा नक्षत्र कब से कब तक है 2023?

शतभिषा नक्षत्र यह वर्ष आपके लिए उतार-चढ़ाव से भरा हो सकता है। शनि 15 मार्च, 2023 से 15 अक्टूबर, 2023 तक आपके नक्षत्र में गोचर करेंगे और फिर 24 नवंबर, 2023 को दोबारा आपके नक्षत्र में प्रवेश करेंगे।