मानव द्वारा अपने विचारों, भावों को दूसरों पर प्रकट करने के लिए मुख से विभिन्न प्रकार की ध्वनियों का उच्चारण किया जाता है। ये ध्वनियाँ वर्ण, शब्द या वाक्यों के रूप में होती हैं। जब एक व्यक्ति विचार प्रकट करने के लिए अपने मुख से उच्चारण करता है तब अपने मन की बात (भाव) का स्पष्ट और उचित अर्थ प्रदान करने के लिए कुछ-कुछ किसी विशेष वर्ण (अक्षर/ध्वनि), शब्दों या वाक्य पर जोर (बल) दिया जाता है। इसी बल (जोर) देने की क्रिया को ही 'बलाघात' या 'स्वराघात' कहा जाता है। Show हिन्दी भाषा के इतिहास से संबंधित इन 👇 प्रकरणों को भी पढ़िए।। बलाघात तथा स्वराघात की आवश्यकताजब एक व्यक्ति दूसरे व्यक्ति को अपने विचारों, भावों अर्थात मन की बात को बताना चाहता है और वह चाहता है कि सामने वाला व्यक्ति उसकी बात को स्पष्टतया समझ सके अर्थात उसी बात को समझे जिसे वह बताना चाहता है, तब ऐसी स्थिति में व्यक्ति अपने मुख से निकलने वाली ध्वनि के कुछ वर्णो, शब्दों या वाक्यों पर कुछ विशेष जोर (बल) देता है। शब्द का उच्चारण करते समय अर्थ तथा उच्चारण की स्पष्टता के लिए किसी वर्ण (अक्षर) पर विशेष बल देते हैं। इस तरह हम कह सकते हैं कि भाव की स्पष्टता के लिए बलाघात या स्वराघात की आवश्यकता होती है। बल या जोर कहाँ देते हैंसामान्यतः बोलते समय व्यक्ति के द्वारा बल संयुक्ताक्षर के पहले वर्ण (अक्षर) पर लगता है। ध्वनि एवं वर्णमाला से संबंधित इन 👇 प्रकरणों को भी पढ़िए।। बलाघात भेदबालाघाट के तीन भेद हैं- (2) शब्द बलाघात - बातों का मुख से प्रकटीकरण होने पर जब किसी वाक्य में प्रयुक्त किसी विशेष शब्द पर बल दिया जाता है तब वहाँ शब्द बलाघात होता है। इस प्रकार के बलाघात से अर्थ में भी अंतर आ जाता है। (3) वाक्य बलाघात - इस तरह के बलाघात में पूरे वाक्य पर ही जोर दिया जाता है इसलिए यह सबसे अधिक अर्थपूर्ण भी होता है। ध्वनि, वर्णमाला एवं भाषा से संबंधित इन 👇 प्रकरणों को भी पढ़िए।। उच्चारण में संगमध्वनियों या शब्दों का उच्चारण करते समय विभिन्न शब्दों (पदों) की सीमाओं को जानना-समझना ही 'संगम' कहलाता है। संगम द्वारा यह निश्चित किया जाता है कि किन शब्दों को एक प्रवाह में एक साथ बोलना या पढ़ना है तथा किन शब्दों के मध्य सामान्य-सा (छोटा सा) विराम लगाना है। इसी प्रयुक्त विराम को 'संगम' कहा जाता है। [ब] (i) बगीचे में चारों ओर घास उग आई है। हिन्दी व्याकरण के इन 👇 प्रकरणों को भी पढ़िए।। I Hope the above information will be useful and important. Watch video for related information
CommentsLeave a replyYour email address will not be published. Required fields are marked * Name * Email * Comment -NOTE: 100 वर्णो से अधिक न लिखे (Atmost 100 characters . Special characters not allowed ) You may also likeहिन्दी एवं संस्कृत भाषा में प्रयुक्त एक ऐसा चिन्ह जो वर्णमाला के व्यन्जन वर्णों के नीचे तिरछी रेखा (्) के रूप में लगाया जाता है उसे हलन्त कहते हैं। |