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शनिवार: आज करें शनिदेव की पूजा और व्रत, इस बातों का रखें खास ध्यानशनिदेव की नियमानुसार पूजा और व्रत करने से शनिदेव की कृपा होती है और सारे दुख खत्म हो जाते हैं.नई दिल्ली: आज शनिवार है. शनिवार का दिन भगवान शनिदेव का होता है. इस दिन शनिदेव का खास तरह से पूजा करने पर व्यक्ति के सभी कष्ट दूर हो जाते है. वहीं जिन लोगों पर शनि की साढ़ेसाती चल रही होती है वह भी खत्म हो जाती है. माना जाता है कि शनिदोष से मुक्ति के लिए मूल नक्षत्रयुक्त शनिवार से आरंभ करके सात शनिवार तक शनिदेव की पूजा करने के साथ साथ व्रत रखना चाहिए. शनिदेव की नियमानुसार पूजा और व्रत करने से शनिदेव की कृपा होती है और सारे दुख खत्म हो जाते हैं. वहीं अगर शनिदेव नाराज हो जाते हैं तो मनुष्य पर कई तरह के संकट आते हैं. ऐसे में शनिवार के दिन आपको कुछ बातों का खास ध्यान रखना चाहिए आइए जानते हैं उनके बारे में- – व्रत के लिए शनिवार को सुबह उठकर स्नान करना चाहिए. उसके बाद हनुमान जी और शनिदेव की आराधना करते हुए तिल, लौंगयुक्त जल को पीपल के पेड़ पर चढ़ाना चाहिए. – शनिवार के दिन काले वस्त्रों और काली वस्तुओं को किसी गरीब को दान में देना चाहिए. काला वस्त्र शनिदेव का प्रिय है. – ध्यान रहें कि शनिदेव की पूजा के दौरान तांबे का बर्तनों का इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए. क्योंकि तांबा सूर्य का धातु होता है और शनिदेव के प्रति सूर्य हैं जिनसे उनकी शत्रुता है. – शनि की पूजा में लाल रंग का कुछ भी न चढ़ाएं. चाहे लाल कपड़े हों, लाल फल या फिर लाल फूल ही क्यों न हों. इसकी वजह यह है कि लाल रंग और इससे संबंधित चीजें मंगल ग्रह से संबंधित हैं. मंगल ग्रह को भी शनि का शत्रु माना जाता है. – शनिवार को शनिदेव को काले तिल और काली उड़द भी चढ़ाएं. – शनिदेव की पूजा में यह बात भी ध्यान रखें कि पूजा करने वाला व्यक्ति अस्वच्छ अवस्था में न हो, यानी पूजा करते समय साफ-सफाई का पूरा ध्यान रखा जाना चाहिए. ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज अपडेट के लिए हमें फेसबुक पर लाइक करें या ट्विटर पर फॉलो करें. India.Com पर विस्तार से पढ़ें धर्म की और अन्य ताजा-तरीन खबरें आपका ये छोटा सा काम कर देगा शनिदेव को प्रसन्न, होगी कृपा की बारिशभोपालPublished: Apr 11, 2020 08:38:56 pm आज शनिवार : गाय को खिलाएं तेल की रोटी...best way to get shanidev blessings वैदिक ज्योतिष के मुताबिक़ भिन्न-भिन्न भावों में शनि का फल भी भिन्न-भिन्न होता है। शनि सूर्य-पुत्र के नाम से ख्यात है। कहते हैं कि शनि जिसे चाहे राजा से रंक बना देता है और रंक से राजा। वैदिक ज्योतिष में शनि ग्रह का बड़ा महत्व होने के साथ ही माना जाता है कि यह कुंडली में स्थित सभी 12 भावों पर अलग-अलग तरह से प्रभाव डालता है। वहीं हिंदू धर्म ग्रंथों में शनिदेव को न्यायाधीश कहा गया है अर्थात मनुष्य के अच्छे-बुरे कर्मों का फल देना शनिदेव का काम है। मान्यता है कि जिसकी कुंडली में शनिदेव प्रतिकूल स्थान पर बैठे हों उसे जीवन भर किसी न किसी परेशानी का सामना करना पड़ता है। दरअसल हिन्दू धर्म परंपराओं में दण्डाधिकारी माने गए शनिदेव का चरित्र भी असल में, कर्म और सत्य को जीवन में अपनाने की ही प्रेरणा देता है। अगर आप शनिदेव को प्रसन्न कंरना चाहते हैं तो कुछ बिलकुल सरल और उतम उपाय हैं! साथ ही ज्योतिष व तंत्र शास्त्र में भी शनिदेव को प्रसन्न करने के कई उपाय बताए गए हैं उनमें से कुछ प्राचीन उपाय आज भी बहुत कारगर हैं। ये भी पढ़ें : शनिदेव के ये बड़े रहस्य, जो बनते हैं आपकी कुंडली में शुभ व अशुभ के कारण पंडित सुनील शर्मा के अनुसार शनिवार का व्रत और शनिदेव पूजन किसी भी शनिवार के दिन शुरू कर सकते हैं। इस व्रत का पालन करने वाले को शनिवार के दिन प्रात: ब्रह्म मुहूर्त में स्नान करके शनिदेव की पूजा करनी चाहिए । शुभ संकल्पों को अपनाने के लिए ही शनिवार को शनि पूजा व उपासना बहुत ही शुभ मानी गई है।हिन्दू ज्योतिष में शनि ग्रह को आयु, दुख, रोग, पीड़ा, विज्ञान, तकनीकी, लोहा, खनिज तेल, कर्मचारी, सेवक, जेल आदि का कारक माना जाता है। यह मकर और कुंभ राशि का स्वामी होता है। तुला राशि शनि की उच्च राशि है जबकि मेष इसकी नीच राशि मानी जाती है। शनि का गोचर एक राशि में ढ़ाई वर्ष तक रहता है। ज्योतिषीय भाषा में इसे शनि ढैय्या कहते हैं। नौ ग्रहों में शनि की गति सबसे मंद है। शनि की दशा साढ़े सात वर्ष की होती है जिसे शनि की साढ़े साती कहा जाता है। इसके अलावा शनि पुष्य, अनुराधा और उत्तराभाद्रपद नक्षत्र का स्वामी होता है। वहीं पंडित शर्मा के मुताबिक यह भी माना जाता है कि अगर किसी मनुष्य पर शनि की कृपा हो गई तो समझों वह मनुष्य रातों रात फक़ीर से राजा बन जाता है। हिन्दू धर्म परंपराओं में दण्डाधिकारी माने गए शनिदेव का चरित्र भी असल में, कर्म और सत्य को जीवन में अपनाने की ही प्रेरणा देता है। हमारे पुराणों में शनि देव को खुश करने वाले कई उपायों का वर्णन किया गया है। शुभ संकल्पों को अपनाने के लिए ही शनिवार को शनि पूजा व उपासना बहुत ही शुभ मानी गई है। यह दु:ख, कलह, असफलता से दूर कर सौभाग्य, सफलता व सुख लाती है। ये भी पढ़ें : ये ग्रह बनते हैं आपकी तरक्की में बाधक, देते हैं पैसे से जुड़ी समस्या यह हैं शनिदेव को प्रसन्न करने के सरल उपाय1. सरसों के तेल में लोहे की कील डालकर दान करें और पीपल की जड़ में तेल चढ़ाएं। इससे शनिदेव जल्दी ही प्रसन्न हो जाते हैं और भक्त की मनोकामना पूरी करते हैं। 2. कांसें की कटोरी में तेल भरकर उसमें अपनी परछाई देखें और यह तेल किसी को दान कर दे। शनिदेव को प्रसन्न करने का यह बहुत ही अचूक व पुराना उपाय है। 3. तेल का पराठा बनाकर उस पर कोई मीठा पदार्थ रखकर गाय के बछड़े को खिलाएं, ये छोटा और बहुत ही कारगर उपाय है। 4. किसी भी शनिवार या शनिश्चरी अमावस्या के दिन सूर्यास्त के समय जो भोजन बने उसे पत्तल में लेकर उस पर काले तिल डालकर पीपल की पूजा करें, नैवेद्य लगाएं और यह भोजन काली गाय या काले कुत्ते को खिला दें। यह तरीके भी हैं कारगर उपाय 2. इस तरीके से भी आप शनि देव को प्रसन्न रख सकते हैं, घोड़े की नाल शनिवार को किसी लोहार के यहां से इसे अंगूठी की तरह बनवा लें। शुक्रवार की रात इसे कच्चे दूध या साफ पानी में डूबा कर रख दें। शनिवार की सुबह उस अंगूठी को अपने बाएं हाथ की मध्यमा में पहन लें। यह आपको तत्काल परिणाम देगा। ये भी पढ़ें : इन राशिवालों की अप्रैल के बाद से चमकने वाली है किस्मत 3. शनिवार के दिन पीपल के वृक्ष के चारों ओर सात बार कच्चा सूत लपेटें इस दौरान शनि मंत्र का जाप करते रहना चाहिए, यह आपकी साढ़ेसाती की सभी परेशानियों को दूर ले जाता है। धागा लपेटने के बाद पीपल के पेड़ की पूजा और दीपक जलाना अनिवार्य है। साढ़ेसाती के प्रकोप से बचने के लिए इस दिन उपवास रखने वाले व्यक्ति को दिन में एक बार नमक विहीन भोजन करना चाहिए।4. शनिदेव को आप काले रंग की गाय की पूजा करके भी प्रसन्न कर सकते हैं। इसके लिए आपके गाय के माथे पर तिलक लगाने के बाद सींग में पवित्र धागा बांधना होगा और फिर धूप दिखानी होगी। गाय की आरती जरूर की जानी चाहिए। अंत में गाय की परिक्रमा करने के बाद उसको चार बूंदी के लड़्डू भी खिलाएं। यह शनिदेव की साढ़ेसाती के सभी प्रतिकूल प्रभावों को रोकता है। 5. शनि देव को सरसों का तेल बहुत ही पसंद है। शनि को खुश करने के लिए शनिवार को पीपल के पेड़ की पूजा करनी चाहिए और उस पर सरसों का तेल चढ़ाना चाहिए। माना जाता है कि सूर्योदय से पूर्व पीपल की पूजा करने पर शनि देव अत्यधिक प्रसन्न होते हैं। 6. शनिवार की शाम पीपल के पेड़ के नीचे सरसों के तेल का दीपक जलाना चाहिए, इसके बाद पेड़ के सात चक्कर लगाने चाहिए। इस पूजा के बाद किसी काले कुत्ते को 7 लड्डू खिलाने से शनि भगवान प्रसन्न होते हैं और सकारात्मक परिणाम देते हैं। ये भी पढ़ें : ऐसे करें बजरंगबली को प्रसन्न, आपकी रक्षा के साथ ही पूरा होगा मनचाहा काम 7. शनिवार के दिन आप अपने हाथ की लंबाई का 19 गुणा लंबा एक काला धागा लें उसे एक माला के रूप में बनाकर अपने गले में धारण करें। यह अच्छा परिणाम देगा और भगवान शनि को आप पर कृपावान बनाएगा।8. किसी भी शनिवार आटे (चोकर सहित) दो रोटियां बनाएं। एक रोटी पर सरसों का तेल और मिठाई रखें जबकि दूसरे पर घी। पहली रोटी (तेल और मिठाई वाली) एक काली गाय को खिलाएं उसके बाद दूसरी रोटी (घी वाली) उसी गाय को खिलाएं। अब शनिदेव की प्रार्थना करें और उनसे शांति और समृद्धि की कामना करें। 9. शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए आपको उगते सूरज के समय लगातार 43 दिनों तक शनिदेव की मूर्ति पर तेल चढ़ाना चाहिए। यह ध्यान में रखें कि शनि देव को प्रसन्न करने की यह विधि शनिवार के दिन ही आरंभ करनी चाहिए। 10. हर शनिवार बंदरों को गुड़ और काले चने खिलाएं, इसके अलावा केले या मीठी लाई भी खिला सकते हैं। यह भी शनिदेव के अशुभ प्रभाव को समाप्त करने में काफी मददगार होता है। 11. इसके अलावा भगवान शनिदेव की पूजा करते समय इस मंत्र को पढ़ते हुए उन्हें चन्दन लेपना चाहिए- ये भी पढ़ें : अंक ज्योतिष 2020 - इन मूलांक वालों के लिए बेहद खास रहेगा ये साल 12. भगवान शनिदेव की पूजा में इस मंत्र का जाप करते हुए उन्हें अघ्र्य समर्पण करना चाहिए-‘ऊँ शनिदेव नमस्तेस्तु गृहाण करूणा कर । अघ्र्यं च फ़लं सन्युक्तं गन्धमाल्याक्षतै युतम् ।।’ 13. इस मंत्र को पढ़ते हुए भगवान श्री शनिदेव को प्रज्वलीत दीप समर्पण करना चाहिए- 14. इस मंत्र को पढ़ते हुए भगवान शनिदेव को यज्ञोपवित समर्पण करना चाहिए और उनके मस्तक पर काला चन्दन (काजल अथवा यज्ञ भस्म) लगाना चाहिए- 15. इस मंत्र को पढ़ते हुए भगवान श्री शनिदेव को पुष्पमाला समर्पण करना चाहिए- 16. भगवान शनि देव की पूजा करते समय इस मंत्र का जाप करते हुए उन्हें वस्त्र समर्पण करना चाहिए- MUST READ : ऐसे करें भोलेनाथ को प्रसन्न और पाएं मनचाहा आशीर्वाद 17. शनि देव की पूजा करते समय इस मंत्र को पढ़ते हुए उन्हें सरसों के तेल से स्नान कराना चाहिए-‘भो शनिदेव: सरसों तैल वासित स्निगधता । हेतु तुभ्यं-प्रतिगृहयन्ताम् ।।’ 18. सूर्यदेव पुत्र भगवान श्री शनिदेव की पूजा करते समय इस मंत्र का जाप करते हुए पाद्य जल अर्पण करना चाहिए- 19. भगवान शनिदेव की पूजा में इस मंत्र को पढ़ते हुए उन्हें आसन समर्पण करना चाहिए- 20. इस मंत्र के द्वारा भगवान श्री शनिदेव का आवाहन करना चाहिए- MUST READ : गुरु-शनि युति का आपकी राशि पर असर, शुभ या अशुभ शनिवार को ये 5 उपाय भी करते हैं शनिदेव को प्रसन्नशनिवार को शनि और हनुमानजी का पूजन विशेष रूप से किया जाता है। ज्योतिष के अनुसार शनिदेव की कृपा पाने के लिए शनिवार श्रेष्ठ दिन है। इस दिन किए गए उपायों से शनि के दोष शांत हो सकते हैं। मान्यता है कि हनुमानजी के भक्तों को शनि के अशुभ फलों से मुक्ति मिलती है। इसी वजह से कई लोग शनिवार को हनुमानजी की पूजा करते है। ये हैं शनिवार को किए जाने वाले छोटे-छोटे 5 उपाय... 1. तेल का दान करें : हर शनिवार सुबह-सुबह स्नान आदि कर्मों से निवृत्त होकर तेल का दान करें। इसके लिए एक कटोरी में तेल लें और उसमें अपना चेहरा देखें, फिर तेल का दान किसी जरुरतमंद व्यक्ति करें। 2. शनि को नीले पुष्प चढ़ाएं : शनिदेव को तेल अर्पित करें और पूजन करें। शनिदेव को नीले पुष्प चढ़ाएं और शनि मंत्र 'ऊँ शं शनैश्चराय नम:’, का जप करें। 3. पीपल को जल चढ़ाएं : हर शनिवार पीपल को जल चढ़ाएं, पूजा करें और सात परिक्रमा करें। जल चढ़ाने के लिए तांबे के लोटे का प्रयोग करें। 4. दीपक जलाएं : सूर्यास्त के समय किसी ऐसे पीपल के पास दीपक जलाएं जो सुनसान स्थान पर हो या किसी मंदिर में स्थित पीपल के पास भी दीपक जला सकते हैं। 5. सिंदूर चढ़ाएं : हनुमानजी को सिंदूर और चमेली का चढ़ाएं। हनुमान चालीसा का पाठ करें। शनिवार के दिन शनि देव को क्या चढ़ाना चाहिए?इस दिन शनि देव को तेल अर्पित करें। शनि देव को पुष्प अर्पित करें। शनि देव को भोग लगाएं। शनि देव की आरती करें।
शनिदेव की पूजा कितने बजे करनी चाहिए?प्रातः काल सुबह 7:00 बजे से ही सर्वार्थ सिद्धि योग होने के कारण सुबह-सुबह किसी पवित्र नदी या तालाब में स्नान करके या घर पर ही गंगाजल डालकर स्नान करके शनिदेव के मंदिर में जाकर पूजा अर्चना करने से विशेष फल प्राप्त होगा. इस दिन शनि देव को सरसों के तेल का दीपक जलाना चाहिए. शनि देव को काला रंग अत्यधिक प्रिय है.
शनि देव को क्या क्या चढ़ता है?ज्योतिषाचार्य डॉ. अरविंद मिश्र ने बताया कि शनिवार के दिन पीपल के पेड़ पर शनिदेव की मूर्ति के पास तेल चढ़ाएं या फिर उस तेल को गरीबों में दान करें. तेल चढ़ाने के दौरान इस बात का विशेष रूप से ध्यान रखें, कि तेल इधर-उधर न गिरे. वहीं शनिवार को काले तिल और गुड़ चींटी को खिलाएं.
शनिदेव की पूजा में क्या क्या चढ़ाएं?आज शनि जयंती है,क्या आप जानते हैं शनिदेव के पूजन में क्या सामग्री लगती है.... चावल तथा काली तिल, काला धागा. फूलपत्ती विशेषत: काले फूल. अगरबत्ती. सरसों या मीठा तेल. नैवेद्य मिठाई आदि. संबद्ध ऋतु फल. रूई के पत्ते. |