शिक्षण के विभिन्न स्तर कौन कौन से हैं? - shikshan ke vibhinn star kaun kaun se hain?

विषयसूची

  • 1 शिक्षण के तीन स्तर कौन कौन से हैं?
  • 2 शिक्षण के कितने स्तर होते हैं?
  • 3 शिक्षण के विभिन्न चरण कौन कौन से हैं?
  • 4 शिक्षण के स्तर कितने होते हैं?
  • 5 शिक्षण सूत्र के जनक कौन है?
  • 6 सूक्ष्म शिक्षण के कितने चरण होते हैं?
  • 7 व्याख्यान विधि किसकी है?
  • 8 शिक्षण के कितने स्तर?
  • 9 अवबोध स्तर क्या है?
  • 10 शिक्षण के विभिन्न चरण क्या हैं?

शिक्षण के तीन स्तर कौन कौन से हैं?

शिक्षण के स्तर (Level of Teaching)

  • स्मृति स्तर (Memory Level)
  • बोध स्तर (Understanding Level)
  • चिंतन स्तर (Reflective Level)

शिक्षण के कितने स्तर होते हैं?

शिक्षण को हम तीन स्तरों में बांट सकते हैं :-

  • स्मृति स्तर (Memory Level)
  • बोध स्तर (Understanding Level)
  • चिंतन स्तर (Reflective Level)
  • स्मृति स्तर-
  • प्रवर्तक हरबर्ट स्मृति स्तर में ऐसी परिस्थितियां उत्पन्न की जाती है, जिससे छात्र पढ़ाई की विषय वस्तु को (Content) आत्मसात कर सकें ।
  • बोध स्तर पर शिक्षण-
  • अनुरूपण क्या है?

    इसे सुनेंरोकेंAnurupan Meaning in Hindi – अनुरूपण का मतलब हिंदी में पुल्लिंग [संज्ञा शब्द – अनु√रूप+णिच्+ल्युट्-अन] किसी को किसी के अनुरूप बनाने की अवस्था, क्रिया या भाव।

    अभ्यास शिक्षण क्या है?

    इसे सुनेंरोकेंशिक्षण अभ्यास, संक्षेप में, शैक्षणिक प्रशिक्षण, दत्तक ग्रंथ सूची, सामाजिकता की क्षमता, शैक्षणिक प्रतिभा, अनुभव और बाहरी वातावरण के होते हैं। इन सभी कारकों को शिक्षक के अनुसार विभिन्न प्रकार के शिक्षण प्रथाओं को कॉन्फ़िगर करने के लिए अलग-अलग तरीकों से संयोजित किया जाता है, जिससे विभिन्न परिणाम भी होंगे।

    शिक्षण के विभिन्न चरण कौन कौन से हैं?

    शिक्षण के विभिन्न चरण या अवस्थाओं की विवेचना कीजिए ।

    • शिक्षण की पूर्व क्रिया अवस्था (Pre-active Stage of Teaching)
    • शिक्षण की अन्तः क्रियात्मक अवस्था (Inter-active Stages of Teaching ) शिक्षक प्रत्यक्षीकरण ↔ निदान ↔ अनुक्रिया
    • शिक्षण की क्रिया पश्चात् अवस्था (Post-active Stages of Teaching)

    शिक्षण के स्तर कितने होते हैं?

    शिक्षण के स्तर का कौन सा क्रम सही है?

    इसे सुनेंरोकेंशिक्षण के मुख्यतः तीन स्तर हैं, जिनके आधार पर बालको की शिक्षण प्रक्रिया का क्रियान्वयन किया जाता हैं। जिनके आधार पर छात्रों का बौद्धिक और मानसिक विकास किया जाता हैं। 1. स्मृति स्तर (Memory Level) – स्मृति स्तर वह आधार है जिसमे छात्रों के मानसिक स्तर के एक स्मृति पक्ष को आधार बनाकर शिक्षा प्रदान की जाती हैं।

    शिक्षण के चरण क्या है?

    इसे सुनेंरोकेंशिक्षण की इस अवस्था के अन्तर्गत शिक्षक शिक्षण योजना का चयन करता है, उसका नियोजन करता है ताकि अभीष्ट उद्देश्यों को वह प्राप्त कर सके। इस समय शिक्षक को सुनियोजित तथा सफल बनाने के लिए चिन्तन करता है, सम्बन्धित साहित्य का अध्ययन करता है और दूसरों से विचार-विमर्श करता है।

    शिक्षण सूत्र के जनक कौन है?

    इसे सुनेंरोकेंमहान शिक्षाशास्त्रियों ने अपने अनुभव तथा विचारों को सूत्र रूप में प्रकट किया है। उनका अनुसरण करके शिक्षण को सरल एवं प्रभावी बनाया जा सकता है। शिक्षण सूत्रों का जनक हरबर्ट स्पेंसर को माना जाता है।

    सूक्ष्म शिक्षण के कितने चरण होते हैं?

    इसे सुनेंरोकेंसूक्ष्म शिक्षण प्रविधि के घटक होते हैं, जो प्रयोगशाला में व्यवस्थित होते हैं। पारम्परिक शिक्षण में छात्र संख्या 40 से 60 तक होती है व सूक्ष्म शिक्षण में 5-10 ही होती है। पारम्परिक शिक्षण में शिक्षण अवधि 45 से 50 मिनिट होती है । परन्तु सूक्ष्म शिक्षण में यह अवधि 5 से 10 मिनट की होती है।

    पाठ्यक्रम शिक्षण के कौन से चरण में आता है?

    इसे सुनेंरोकें१: उद्देश्य निर्धारित करना। २: पाठ्यक्रम के संबंध में निर्णय लेना ३: क्रमबद्ध व्यवस्था करना। ४: विधि का चयन करना। शिक्षण कार्य को करते समय शिक्षक और छात्र के बीच की क्रिया , अतः प्रक्रिया कहलाती हैं।

    शिक्षण सूत्र कितने प्रकार के होते है?

    कुछ प्रमुख शिक्षण सूत्र

    • सरल से जटिल की ओर
    • ज्ञात से अज्ञात की ओर
    • स्थूल से सूक्ष्म की ओर
    • पूर्ण से अंश की ओर
    • अनिश्चित से निश्चित की ओर
    • प्रत्यक्ष से अप्रत्यक्ष की ओर
    • विशिष्ट से सामान्य की ओर
    • विश्लेषण से संश्लेषण की ओर

    व्याख्यान विधि किसकी है?

    इसे सुनेंरोकेंव्याख्यान विधि अवधारणाओं को स्पष्ट करने की महत्वपूर्ण विधि है। व्याख्यान विधि से छात्रों की समय और शक्ति की बचत होती है। वर्तमान समय में प्रोजेक्ट विधि, समस्या शिक्षण विधि के सफल क्रियान्वित करने के लिए व्याख्यान विधि की आवश्यकता होती है। शिक्षक जब अपना भाषण तैयार करता है, तो वह बहुत पुस्तकों का सहारा लेता है।

    शिक्षण के कितने स्तर?

    शिक्षण की विभिन्न अवस्थाएं कौन कौन सी है?

    इसे सुनेंरोकें(I) शिक्षण की पूर्व – तत्परता अवस्था (2) पाठ्य – वस्तु के सम्बन्ध में निर्णय लेना। (3) प्रस्तुतीकरण के लिए क्रमबद्ध व्यवस्था करना। (4) शिक्षण की युक्तियों एवं प्रविधियों के सम्बन्ध में निर्णय लेना। (5) विशिष्ट पाठ्यवस्तु के लिए युक्तियों का विकास करना।

    स्मृति स्तर के प्रतिपादक कौन है?

    इसे सुनेंरोकेंस्मृति स्तर शिक्षण जॉन एफ हर्बार्ट द्वारा प्रस्तावित है। स्मृति स्तर शिक्षण या सीखना सबसे कम विचारशील है। इस शिक्षण या सीखने के रूप में स्मरण, मान्यता और प्रतिधारण पर विशेष रूप से जोर दिया जाता है। निर्देशात्मक व्यवस्था ऐसी है कि शिक्षार्थी को उसके द्वारा प्रस्तुत की गई सामग्री को कम या कम करने में मदद मिलती है।

    अवबोध स्तर क्या है?

    इसे सुनेंरोकेंअवबोध का स्तर वह स्तर है जहाँ से विचार या सूझ की प्रक्रिया प्रारम्भ हो जाती है। इसमें बिना समझे हुए कोई वस्तु सिखलाई नहीं जाती। अध्यापक अपने शिक्षण को सदैव अवबोध-स्तर पर रखने का प्रयास करता है।

    शिक्षण के विभिन्न चरण क्या हैं?

    शिक्षा के स्रोत क्या है?

    इसे सुनेंरोकेंशिक्षा के इन साधनों को प्राय: दो भागों में विभाजित किया जाता है – (1) सविधिक अथवा औपचारिक एवं (2) अविधिक अथवा अनौपचारिक। औपचारिक साधनों के उधाहरण है – स्कूल, व्यवस्थित मनोरंजन केन्द्र तथा पुस्तकालय आदि एवं अनौपचारिक साधनों के उदहारण है – परिवार, समुदाय, धर्म(चर्च), तथा खेल के समूह आदि।

    शिक्षण के स्तर कितने होते हैं?

    शिक्षण के मुख्यतः तीन स्तर हैं, जिनके आधार पर बालको की शिक्षण प्रक्रिया का क्रियान्वयन किया जाता हैं। जिनके आधार पर छात्रों का बौद्धिक और मानसिक विकास किया जाता हैं। 1. स्मृति स्तर (Memory Level) – स्मृति स्तर वह आधार है जिसमे छात्रों के मानसिक स्तर के एक स्मृति पक्ष को आधार बनाकर शिक्षा प्रदान की जाती हैं

    शिक्षण के तीन चरण कौन कौन से हैं?

    शिक्षण की अवस्थाएँ | Stages or Phases of Teaching in Hindi.
    शिक्षण की पूर्व क्रिया अवस्था (Pre-active Stage of Teaching).
    शिक्षण की अन्तः क्रियात्मक अवस्था (Inter-active Stages of Teaching ).
    शिक्षक.
    प्रत्यक्षीकरण ↔ निदान ↔ अनुक्रिया.
    शिक्षण की क्रिया पश्चात् अवस्था (Post-active Stages of Teaching).

    शिक्षण के स्तर से आप क्या समझते हैं?

    शिक्षण के स्तर (Levels of Teaching) सामान्यतः इसका उद्देश्य विद्यार्थियों में वांछित परिवर्तन उत्पन्न करना है। व्यवहार परिवर्तन के लिए शिक्षण की प्रक्रिया में विद्यार्थियों को अधिगम-अनुभव दिये जाते हैं। अधिगम-अनुभव साधारणतया किसी पाठ्यवस्तु या प्रकरण से सम्बन्धित होते हैं

    शिक्षण के स्तर का कौन सा क्रम सही है?

    मूल्यांकन प्रणाली द्वारा विकसित प्रतिमान का वर्णन निम्नलिखित है मॉरिसन बोध स्तर शिक्षण प्रतिमान बोध स्तर शिक्षण प्रत्यय का स्वामित्व प्राप्त करना बोध स्तर के शिक्षण में निम्नांकित पाँच सोपान होते है- ४. व्यवस्था १. अन्वेषण २. प्रस्तुतीकरण ३.