महिलाओं को क्यों नहीं करनी चाहिए हनुमान जी की पूजा? - mahilaon ko kyon nahin karanee chaahie hanumaan jee kee pooja?

हनुमान जी की पूजा में महिलाओं के लिए कुछ नियम हैं। शास्त्रों में वर्णित है कि चुंकि हनुमान जी समस्त महिलाओं में अपनी माता का रूप देखते हैं अत: वे नहीं चाहते हैं कि महिलाएं उनके समक्ष मस्तक झुकाए, वे स्वयं महिलाओं के सामने अपना मस्तक झुकाते हैं। हनुमान जी ब्रह्मचारी हैं। लेकिन हनुमान जन्मोत्सव पर और अन्य अवसरों पर महिलाएं इस तरह से हनुमान जी की सेवा कर कृपा पा सकती हैं। पढ़ें 13 जरूरी बातें...


महिलाएं इस तरह हनुमान जी की सेवा कर सकती हैं :-

1 . महिलाएं दीप अर्पित कर सकती हैं।

2. महिलाएं गुगल की धूनी लगा सकती हैं।

3 . महिलाएं हनुमान चालीसा, संकट मोचन, हनुमानाष्टक, सुंदरकांड आदि का पाठ कर सकती हैं।

4. महिलाएं हनुमान जी का भोग अपने हाथों से बनाकर अर्पित कर सकती हैं।

5 . महिलाएं लंबे अनुष्ठान नहीं कर सकती।

6. महिलाएं रजस्वला होने पर हनुमान जी से संबंधित कोई भी कार्य न करें।

7. महिलाएं हनुमान जी को सिंदूर अर्पित नहीं कर सकती है ।

8. महिलाओं को हनुमान जी को चोला भी नहीं चढ़ाना चाहिए ।

9 . महिलाओं को बजरंग बाण का पाठ नहीं करना चाहिए।

10. महिलाओं को पाद्यं अर्थात चरणपादुकाएं अर्पित नहीं करनी चाहिए।

11. महिलाएं हनुमान जी को पंचामृत स्नान नहीं करा सकती।

12. महिलाएं वस्त्र अर्थात कपड़ों का जोड़ा समर्पित नहीं कर सकती।

13. महिलाएं यज्ञोपवित अर्थात जनेऊ अर्पित नहीं कर सकती।

मंगलवार और शनिवार को विशेष रूप से बजरंबली की पूजा की जाती है। मंगलवार को भगवान हनुमान का विशेष दिन माना गया है। इस दिन भगवान की पूजा करने से दुख, रोग, संकट और विपदा दूर होती है। वहीं मनोकामना पूर्ति के लिए भी हनुमान जी कि विशेष पूजा की जाती है। हनुमान जी की पूजा में बहुत कुछ करने की जरूरत नहीं होती, लेकिन उनकी पूजा में महिलाओं के लिए कुछ नियम का पालन करना विशेष रूप से अनिवार्य माना गया है। यदि महिलाएं ये नियम का पालन न करें तो महिलाओं को पूजा का फल भी नहीं मिलता और प्रभु की नाराजगी का सामना भी करना पड़ता है।

हनुमान जी की पूजा के विशेष नियम

  1. महिलाओं को हनुमान जी की पूजा में उन्हें स्पर्श करना बिलकुल मना है।
  2. हनुमान जी की पूजा में महिलाएं कभी उनके चरण को भी नहीं छू सकतीं।
  3. हनुमान जी को कुछ भी अर्पित करते समय उनके सामने रखना चाहिए।
  4. हनुमान जी को महिलाएं चोला नहीं चढ़ा सकतीं।
  5. महावारी के समय महिलाओं को हनुमान जी की पूजा से जुड़े कोई कार्य नहीं करने चाहिए।
  6. महिलाओं को हनुमान जी की पूजा में कभी सिंदूर नहीं चढ़ाना चाहिए।
  7. महिलाओं के लिए बजरंगबाण का पाठ करना निषेध माना गया है।

कैसे करनी चाहिए महिलाओं को हनुमान जी की पूजा

  1. महिलाएं हनुमान जी के समक्ष दीप अर्पित कर सकती हैं।
  2. धूप-दीप और पुष्प सब कुछ हनुमान जी के समक्ष चढ़ा सकती हैं।            
  3. हनुमान जी को प्रसन्न करने के लिए मंगलवार का व्रत भी कर सकती हैं।
  4. व्रत के दौरान एक समय का भोजन और नमक का त्याग करना चाहिए।
  5. हनुमान चालीसा, संकट मोचन, हनुमानाष्टक, सुंदरकांड आदि का पाठ कर सकती हैं।
  6. हनुमान जी का भोग या प्रसाद अपने हाथों से बनाकर अर्पित कर सकती हैं।

माना जाता है कि हनुमान जी की पूजा के इन नियमों का पालन करने वाली महिलाओं को ही उनका विशेष अशीवार्द प्राप्त होता है।

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श्रीराम भक्त हनुमान जी को संकटमोचक कहा जाता है। यानी कि हनुमान जी अपने भक्तों को संकट से बचाते हैं। हनुमान जी के भक्त बड़ी ही श्रद्धा के साथ उनकी उपासना करते हैं और उनका आशीर्वाद लेते हैं। ऐसा देखने में आया है कि भारतीय युवाओं के बीच हनुमान जी के प्रति गहरी आस्था है। ये युवा बड़े ही प्रेम के साथ उनकी पूजा-अर्चना करते हैं। हनुमान जी से जुड़ी हुई एक मान्यता यह भी है कि महिलाओं को उनकी पूजा नहीं करनी चाहिए। लेकिन ध्यान रहे कि महिलाओं को पूरी तरह हनुमान जी की पूजा करने से मना नहीं किया गया है। बल्कि कुछ स्थितियां निर्धारित की गई हैं जिनका पालन किया जाना महिलाओं के लिए अनिवार्य बताया गया है।

हनुमान जी ब्रह्मचारी हैं। वह स्त्रियों को माता का स्वरूप मानते हैं। इसलिए उन्हें यह पसंद नहीं आता कि महिलाएं उनके चरणों में झुकें। ऐसी मान्यता है कि महिलाओं को हनुमान जी के लिए लंबे अनुष्ठान नहीं करने चाहिए। इसकी वजह उनके रजस्वला को बताया गया है। इसके साथ ही ऐसा करने से महिलाएं अपने घरेलू उत्तरदायित्वों को ठीक से पूरा नहीं कर पाती हैं। रजस्वला के दौरान महिलाओं को हनुमान जी से संबंधित किसी काम को करने की मनाही है। ऐसा कहा जाता है कि महिलाओं को हनुमान जो को सिंदूर नहीं अर्पित करना चाहिए। इसके साथ ही महिलाओं द्वारा बजरंग पाठ किए जाने की भी मनाही है।

ध्यान रहे कि महिलाओं को हनुमान जी की पूजा करने की पूरी तरह से मनाही नहीं है। हनुमान जी की आराधना से जुड़े कई ऐसे काम हैं जिन्हें महिलाएं भी कर सकती हैं। महिलाएं हनुमान जी को दीपक अर्पित कर सकती हैं। इसमें किसी भी तरह का दोष नहीं बताया गया है। इसके अलावा वे हनुमान चालीसा, संकट मोचन, हनुमानाष्टक, सुंदरकांड आदि का पाठ भी कर सकती हैं। इसके साथ ही महिलाएं हनुमान जी को अपने हाथ से बनाया गए प्रसाद की भोग भी लगा सकती हैं। इस तरह से महिलाओं की हनुमान भक्ति के सन्दर्भ में कुछ मान्यताएं जुड़ी हुई हैं।

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क्या औरतों को हनुमान जी की पूजा नहीं करनी चाहिए?

हनुमान जी को कुछ भी अर्पित करते समय उनके सामने रखना चाहिए. शास्‍त्रों में कहा गया है कि महिलाओं को हनुमान जी की उपासना नहीं करनी चाहिए. अगर किसी महिला ने 9 हनुमान जी के फास्‍ट रखने का अनुष्‍ठान किया हो और बीच में उसे पीरियड्स हो जाएं तो यह अनुष्‍ठान टूट जाता है. इसलिए महिलाओं को हनुमान जी का व्रत नहीं रखना चाहिए.

लड़कियों को हनुमान जी को क्यों नहीं छूना चाहिए?

हनुमान जी ब्रह्मचारी हैं। वह स्त्रियों को माता का स्वरूप मानते हैं। इसलिए उन्हें यह पसंद नहीं आता कि महिलाएं उनके चरणों में झुकें। ऐसी मान्यता है कि महिलाओं को हनुमान जी के लिए लंबे अनुष्ठान नहीं करने चाहिए

हनुमान जी की पूजा औरतों को कैसे करनी चाहिए?

महिलाओं को हनुमानजी पूजा करते समय उनकी मूर्ति या फिर उनकी तस्‍वीर को कहीं भी स्‍पर्श नहीं करना चाहिए। बजरंगबली को बाल ब्रह्मचारी माना गया है। इसलिए महिलाओं को बजरंगबली को स्‍पर्श करने की मनाही होती है। दूसरी ओर महिलाओं को माता का भी दर्जा प्राप्‍त है, इसलिए भी महिलाओं को बजरंगबली को स्‍पर्श नहीं करना चाहिए।

क्या लड़कियां हनुमान जी का व्रत कर सकती हैं?

लेकिन पुराणों में बताया गया है कि महिलाएं भी बजरंगबली की पूजा कर सकती हैं और व्रत रख सकती हैं