Solution : डाकिया एक मनुष्य का सन्देश दूसरे मनुष्य तक पहुँचाने में जिस प्रकार सक्षम होता है, उसी प्रकार पक्षी और बादल सभी को एक-दूसरे से प्रेम, सद्भाव और बन्धुत्व की भावना से रहने का सन्देश देते हैं। तभी तो पक्षी अपने पंखों से फूलों की सुगन्ध को दूर-दराज तक के देशों में फैलाते हैं और बादल एक देश की भाप से बनकर दूसरे देश में जल रूप में बरसात करते हैं। इसी कारण से पक्षी और बादलों को भगवान के डाकिए कहा गया है। Show
निम्नलिखित पद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
A. क्योंकि वे ईश्वर का संदेश लाते हैं। 291 Views पक्षी और बाबल द्वारा लाई गई चिट्टियों को कौन-कौन पढ पाते हैं? सोचकर लिखिए। पक्षी और बादलों द्वारा लाई गई चिट्ठियों को पेड़, पौधे, नदियाँ, झरने, पानी और पहाड़ यानी प्रकृति के सभी रूप पढ़ लेते हैं। 858 Views कवि ने पक्षी और बादल को भगवान के डाकिए क्यों बताया है? स्पष्ट कीजिए। पक्षी व बादल देशों की सीमा रेखाओं को नहीं मानते। वे ईश्वर का विश्व--बंधुत्व का संदश सभी को समान रूप से बाँटते हैं। पक्षी के पंखों द्वारा फूलों की सुगंध दूर-दूर के देशों तक जाती है और बादल एक देश के पानी से बनकर दूसरे देश में बरसते हैं अर्थात् ये दोनों न कोई बंधन अपने पर रखते हैं और न किसी बंधन को मानते हैं। जबकि मनुष्य इस विश्व-बंधुत्व की भावना को समझ नहीं पाते और अपनी ही बनाई सीमा रेखाओं में बंद रहते हैं। इसीलिए कवि ने पक्षी और बादल को भगवान के डाकिए माना है। 2643 Views किन पंक्तियों का भाव है- हम तो केवल यह आँकते हैं 776 Views डाकिया, इंटरनेट के वर्ल्ड वाइड वेब (डब्ल्यू डब्ल्यू डब्ल्यू www.) तथा पक्षी और बादल-इन तीनों संवादवाहकों के विषय में अपनी कल्पना से एक लेख तैयार कीजिए। “चट्टियों की अनूठी दुनिया” पाठ का सहयोग ले सकते हैं। 1349 Views किन पंक्तियों का भाव
है- पक्षी और बादल, 946 Views निम्नलिखित पद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
547 Views निम्नलिखित पद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
A. प्रकृति अर्थात् पेड़-पौधे, सरोवर, सरिताएँ, समुद्र व पर्वत 131 Views निम्नलिखित पद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए-पक्षी और बादल,ये भगवान के डाकिए हैं,जो एक महादेश सेदूसरे महादेश को जाते हैं।हम तो समझ नहीं पाते हैंमगर उनकी लाई चिट्ठियाँपेड़, पौधे, पानी और पहाड़बाँचते हैं।‘बादल व पक्षी’ क्यों डाकिए कहलाते हैं? क्योंकि वे ईश्वर का संदेश लाते हैं। क्योंकि वे चिट्ठियां बांटते है। क्योंकि वे लोगों के सुख-दुख जान लेते हैं। क्योंकि वे लोगों के सुख-दुख जान लेते हैं।A. क्योंकि वे ईश्वर का संदेश लाते हैं। 291 Views इस कविता द्वारा क्या संदेश दिया गया है?
539 Views कवि ने भगवान के डाकिए किन्हें कहा है?
B. पक्षियों और बादलों को। 269 Views पक्षी और बादल को डाकिए क्यों कहलाते हैं?उत्तर:- कवि ने पक्षी और बादल को भगवान के डाकिए इसलिए कहा है क्योंकि जिस प्रकार डाकिए संदेश लाने का काम करते हैं, उसी प्रकार पक्षी और बादल भगवान का संदेश हम तक पहुँचाते हैं। उनके लाए संदेश को हम भले ही न समझ पाए, पर पेड़, पौधे, पानी और पहाड़ उसे भली प्रकार पढ़-समझ लेतें हैं।
पक्षी और बादल भगवान के डाकिये कैसे हैं?भगवान का यहीं संदेश ये हम तक पहुँचाते हैं कि जिस तरह से एक पक्षी व बादल दूसरे देश में जाकर भेदभाव नहीं करते (कि ये हमारा मित्र है यहाँ जाओ, ये हमारा शत्रु है यहाँ मत जाओं) हमें भी इनकी तरह आचरण करना चाहिए और मिल जुलकर रहना चाहिए। भगवान का यही सन्देश पक्षी और बादल हम तक पहुंचाते हैं इसलिए ये भगवान के डाकिये हैं।
भगवान के डाकिए कविता के माध्यम से कवि क्या संदेश देना चाहते हैं?'भगवान के डाकिए' कविता से क्या संदेश मिलता है? 'भगवान के डाकिए' कविता से यह संदेश मिलता है कि हमें संसार में मिलजुलकर रहना चाहिए। अपने जीवन काल में हमें ऐसे कार्य करने चाहिए जिनकी सुगंध पूरे विश्व में फैल जाए। पक्षी और बादल प्रेम सद्भाव और एकता का संदेश एक देश से दूसरे देश को भेजते हैं।
2 पक्षी और बादल द्वारा लाइ गई चिट्टियों को कौन कौन पढ़ पाते हैं सोचकर लिखिए?Solution. पक्षी और बादल द्वारा लाई गई चिट्ठियों को केवल पशु-पक्षी, पेड़-पौधे, नदियाँ व पहाड़ ही पढ़ सकते हैं।
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