गमले कौन-से लें बीज बोने की तैयारी खाद की जरूरत 1. जैविक खाद (ऑर्गेनिक फर्टिलाइजर): यह खाद जीवों से बनती है, जैसे गोबर की खाद, पशुओं-मनुष्यों के मल-मूत्र से बनने वाली खाद। इनमें हानिकारक केमिकल्स नहीं होते। 2. रासायनिक खाद (केमिकल फर्टिलाइजर): यह खाद नाइट्रोजन, पोटाश
और फॉस्फोरस के कंपाउंड वाली होती है। इसके इस्तेमाल से मिट्टी कम समय में ज्यादा उपजाऊ हो जाती है। इसका ज्यादा इस्तेमाल करने से जमीन में पोषक तत्वों का असंतुलन हो जाता है, जिससे आगे चलकर जमीन बंजर भी हो सकती है। जहां तक हो सके, घरेलू बगीचे में रासायनिक खाद के इस्तेमाल से बचना चाहिए। कितनी खाद: आमतौर पर किसी अच्छी नर्सरी से ऑर्गेनिक खाद के पैकेट मिल जाते हैं। इनमें नीमखली, बोनमील, सरसों खली, कंपोस्ट वगैरह शामिल हैं। ये आमतौर पर 40 से 80 रुपये प्रति किलो के हिसाब से मिलती हैं।
आमतौर पर पौधों को लगाते समय और दोबारा उनके फूल आते समय खाद दी जाती है। वैसे, महीने में एक बार खाद डाल सकते हैं। छोटे पौधों में मुट्ठी भर और बड़े पौधों में दो मुट्ठी खाद आमतौर पर काफी रहती है। गर्मियों में कम खाद देनी चाहिए। नोट: खाद तभी दें, जब गमलों की मिट्टी सूखी हो। खाद देने के बाद मिट्टी की गुड़ाई कर दें। इसके बाद ही पानी दें। खुद तैयार करें खाद: कंपोस्ट यानी कूड़े से बना खाद (आप इसे नर्सरी से खरीद सकते हैं या खुद भी बना सकते हैं), लाल मिट्टी, रेत और
गोबर का खाद बराबर मात्रा में मिलाएं। अगर जगह हो तो कच्ची जमीन में एक गहरा गड्ढा खोदें, वरना एक बड़ा मिट्टी का गमला लें। इसके तले में मिट्टी की मोटी परत डालें। इसके ऊपर किचन से निकलने वाले सब्जियों और फलों के मुलायम छिलके और पल्प डालें। अगर यह कचरा काफी गीला है तो इसके ऊपर सूखे पत्ते या न्यूज पेपर डालें। इसके ऊपर मिट्टी की मोटी परत डालकर ढक दें। इस प्रॉसेस को गड्ढा या गमला भरने तक दोहराते रहें। इस मिक्सचर के गलकर एक-तिहाई कम होने तक इंतजार करें। इस प्रोसेस में तकरीबन 3 महीने का वक्त लगता है। अब
पोषण से भरपूर इस खाद को निकालकर किसी दूसरे गमले में मिट्टी की परतों के बीच दबाकर सूखे पत्तों से ढककर रख दें। 15-20 दिन में यह खाद इस्तेमाल के लिए पूरी तरह तैयार हो जाएगी। मिट्टी के साथ मिलाकर सब्जियां और फल उगाने के लिए इसका इस्तेमाल करें। खाली हुए गड्ढे या गमले में खाद बनाने की प्रक्रिया दोहराते रहें। इसी तरह, बाजार से सरसों की खली खरीदकर लाएं। खली को पौधों में डालने के लिए इस तरह पानी में भिगोकर रात भर रखें कि अगले दिन वह एक गाढ़े पेस्ट में तब्दील हो जाए। इस पेस्ट को मिट्टी में अच्छी तरह से
मिलाकर इसे अपने गमलों में डालें। मिट्टी और खली का अनुपात 10:1 होना चाहिए यानी 10 किलो मिट्टी में 1 किलो खली मिलाएं। इसे गमलों में डालने के बाद मिट्टी की गुड़ाई कर दें ताकि खली वाली मिट्टी गमले की मिट्टी के साथ मिक्स हो जाए। ऐसे करें देखभाल पानी का पैमाना धूप है बेहद जरूरी नियमित करें गुड़ाई ये टूल्स हैं
यूजफुल अलग-अलग किस्म के पौधे फूल और सजावटी पौधे बारहमासा पौधे : बोगनवेलिया, हैबिस्कस, रात की रानी, चमेली, मोतिया, मोगरा, मोरपंख, फाइकस, गेंदा आदि। गर्मी के पौधे : कॉसमॉस (पीला), जीनिया, सूरजमुखी, टिथोनिया, गेलार्डिया आदि। इनके लिए बीज फरवरी के आखिरी दिनों में लगाएं ताकि करीब 2 महीने में, यानी अप्रैल के महीने तक फूल निकल आएं। मॉनसून के पौधे : ऐजेरेंटम, बालसम, एमरेंथस, टोरिनिया, गामफेरिना, कनेर आदि। इन्हें मॉनसून के दिनों में 15 जून के बाद लगाना जाना चाहिए। इसमें करीब दो-ढाई महीने में फूल आ जाते हैं। सर्दी के पौधे: गुलाब, कॉर्न फ्लॉवर, कारनेशन, डेजी, डहेलिया, गुलदाउदी, हॉलीहॉक, गेंदा, कॉसमॉस (पिंक और वाइट) आदि। इनके बीज अक्टूबर में बोए जाते हैं और दिसंबर-जनवरी में फूल आ जाते हैं। सिर्फ पानी में उगाएं ये पौधे कुछ पौधे ऐसे होते हैं, जिन्हें लगाने के लिए मिट्टी की जरूरत नहीं होती। ये खाली पानी में भी बढ़िया तरीके से बढ़ते हैं। इनमें खास है मनीप्लांट, वॉटर लैट्यूस, लिली, लोटस, सिंगोडियम आदि। इन्हें बोतल में लगाना बेहतर रहता है। हालांकि मेटल के पॉट में इसे लगाने से बचना चाहिए क्योंकि खाद से मेटल में रिएक्शन हो सकता है। बोतल में नॉर्मल पानी भरें। चाहें तो उसमें फ्लॉरिस्ट फोम, सजावटी पत्थर आदि डाल सकते हैं। एक छोटा टुकड़ा चारकोल भी डाल सकते हैं ताकि पानी साफ रहे और उसमें बदबू न हो। गर्मियों में 3-4 दिन और सर्दियों में हफ्ते भर में पानी बदलते रहें। पानी डालते वक्त इंडोर पौधों के पत्तों पर भी पानी छिड़कना चाहिए क्योंकि धूल से पत्ते खराब हो सकते हैं। मनीप्लांट: लोग घरों में मनीप्लांट सबसे ज्यादा लगाना पसंद करते हैं। इसे मिट्टी या पानी, दोनों में लगा सकते हैं। मनीप्लांट लगाने के लिए सर्दियों का सीजन बेस्ट रहता है। इसे ज्यादा धूप की जरूरत नहीं होती, लेकिन हफ्ते में कम-से-कम एक बार कुछ घंटों के लिए सुबह की धूप में निकालकर रखें। अगर मनीप्लांट पानी में लगा है तो उसका पानी 15 दिन में एक बार जरूर बदलें और पानी साफ रखें। अगर प्लांट की ग्रोथ रुक गई हो तो इस पानी में दो-तीन दाने यूरिया खाद के डाल दें। मच्छर भगानेवाले पौधे गेंदा: इसकी गंध बहुत तीखी होती है और मच्छरों को पसंद नहीं आती। ये कीड़ों को भी दूर रखते हैं। रोजमेरी: 4-5 फुट लंबे ये पौधे और इसके नीले फूल गर्मी के मौसम में तेजी से बढ़ते हैं। सर्दी में इसके गमले को घर के अंदर रखना चाहिए। इनसे मच्छर दूर रहते हैं। लेमन बाम: यह दिखने में पुदीने के पौधे की तरह लगता है, लेकिन इसमें नींबू की महक आती है। इस पौधे को लगाने से मच्छर दूर रहते हैं। हार्समिंट: यह एक तरह का मिंट है जिससे कसैली गंध आती है। लैवेंडर: इस पौधे की खुशबू बड़ी तेज होती है और मच्छर इससे दूर रहते हैं। इनके अलावा तुलसी, लौंग, नीम, पुदीना आदि से भी मच्छर दूर रहते हैं और ये हवा को भी तरोताजा बनाए रखने में मदद करते हैं। फल और सब्जियां सब्जियों में शुरू में आप पुदीना, धनिया, करी पत्ता, हरी मिर्च, लेमन ग्रास या अलग-अलग तरह के साग उगा सकते हैं। इन्हें फलने-फूलने के लिए ज्यादा धूप की जरूरत नहीं होती। इन्हें लिविंग-रूम या खिड़की के पास भी रखा जा सकता है। आसान सब्जियों और फलों को उगाकर धीरे-धीरे आप गार्डनिंग की तकनीक सीख जाएंगे। फिर टमाटर, भिंडी, बींस, गांठ गोभी, बैगन, शिमला मिर्च जैसी तमाम सब्जियां आसानी से उगा सकेंगे। करेला और खीरा जैसी सब्जियों की बेलें न सिर्फ आपको फल देंगी बल्कि आपकी छोटी-सी बालकनी की खूबसूरती भी बढ़ा सकती हैं। वैसे, सबसे आसानी से उगने वाली सब्जियां हैं: मिर्च, भिंडी और बैंगन। ये करीब 45 दिनों में तैयार हो जाती हैं। फलदार पौधों के लिए आपको इसके कलम (बडिंग) किए हुए पौधे की जरूरत होगी। अगर आपके पास टेरेस या लॉन में ज्यादा खुली जगह है तो आप अमरूद, अनार और अनन्नास भी उगा सकते हैं। अमरूद और आम की ऐसी किस्में भी मार्केट में मिल जाएंगी, जो साइज में छोटी होती हैं, लेकिन फल भरपूर देती हैं। कब लगाएं, कौन-सी सब्जियां गर्मियों की सब्जियां: बेल वाली सब्जियां जैसे कि घिया, तोरी, करेला, टिंडा, खीरा, ककड़ी आदि। इसके अलावा बैंगन, भिंड़ी, टमाटर आदि भी घर में लगा सकते हैं। इनके बीज फरवरी या मार्च के शुरू में लगाएं ताकि करीब 2 महीने बाद अप्रैल-मई में सब्जियां मिल सकें। सर्दियों की सब्जियां: पालक, मेथी, गाजर, फूलगोभी, बंदगोभी, मूली, ब्रोकली, चुकंदर आदि लगा सकते हैं। इनके बीज मई-जून में लगाएं ताकि सितंबर-अक्टूबर से सब्जियां मिलने लगें। नोट: टमाटर साल में 2 बार लगाया जा सकता है, अक्टूबर और मार्च में। अगर पौधों की पत्तियां सिकुड़ रही हों या भूरे चकत्ते दिख रहे हों या पौधे का तना गल रहा हो तो समझ जाएं कि उनमें आयरन की कमी हो गई है। ऐसे में 1 लीटर पानी में 1 आयरन कैप्सूल घोलें और टमाटर के हर पौधे में आधा-आधा कप पानी डालें। अगले दिन पान में इस्तेमाल होने वाले चूने की 3 चुटकी 1 लीटर पानी में मिला लें और टमाटर के पौधों में आधा-आधा कप डालें। इससे पौधों में न्यूट्रिशन की कमी दूर हो जाएगी। मेडिसिनल पौधे एक्सपर्ट पैनल Navbharat Times News App: देश-दुनिया की खबरें, आपके शहर का हाल, एजुकेशन और बिज़नेस अपडेट्स, फिल्म और खेल की दुनिया की हलचल, वायरल न्यूज़ और धर्म-कर्म... पाएँ हिंदी की ताज़ा खबरें डाउनलोड करें NBT ऐप लेटेस्ट न्यूज़ से अपडेट रहने के लिए NBT फेसबुकपेज लाइक करें गमले में पेड़ के पौधे कैसे लगाएं?गमले में पौधा लगाने का तरीका – Tips For Planting Plants In Pots In Hindi. पौधे के अनुसार गमला चुनें. गमले के लिए मिट्टी तैयार करें. तैयार मिट्टी को गमले में भरें. बीज या पौधे को गमले में सही से लगाएं. पौधे की प्रॉपर तरीके से देखभाल करें. गमले में कौन से पेड़ लगाना चाहिए?गमले में लगाने वाले 9 पौधों के नाम जिन्हे कम देखभाल लगती है इस लिस्ट में हम स्नेक प्लांट, एयर प्लांट, अडेनियम, पोनीटेल पाम, बेगोनिया, चाइनीज एवरग्रीन, मनीप्लांट, एलोवेरा, क्रासुला प्लांट के बारे में जानेंगे। ये सभी पौधे आपको नजदीकी नर्सरी से आसानी से मिल जायेंगे।
पौधे लगाने का सही तरीका क्या है?पौधे का कलम किया हुआ स्थान अर्थात् मूलवृन्त और सांकुर डाली या मिलन बिन्दु (Graft Union) भूमि से ऊपर रखें। मिट्टी में दब जाने से वह स्थान सड़ने लग जाता है और पौधा मर सकता है। ६. पौधा लगाने के पश्चात् उसके आस-पास की मिट्टी अच्छी तरह दबा दे, जिससे सिंचाई करते समय या बाद में पौधा टेढ़ा न हो।
गमले में पौधे लगाने के लिए मिट्टी कैसे तैयार करें?गमले की मिट्टी तैयार करने की विधि
मिट्टी के गमले में पानी की जलधारण को बनाये रखने तथा मिट्टी को soft (मुलायम) रखने के लिए उसमें 20% बालू तथा 10% Cocopeat मिला दें. 10% सरसों की खली की खाद मिला दें. इन सभी का अच्छी तरह से मिश्रण तैयार करने के बाद इन्हें गमलों में भरकर किसी भी प्रकार का पौधा लगाया जा सकता है.
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