स्वतंत्र भारत के आरबीआई के गवर्नर कौन थे? - svatantr bhaarat ke aarabeeaee ke gavarnar kaun the?

भारत के केन्द्रीय बैंक भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के पहले गवर्नर का आज जन्मदिन है। यह शख्स थे ऑस्ट्रेलियाई मूल के सर ओसबोर्न अर्केल स्मिथ (Sir Osborne Smith)। 26 दिसंबर 1876 को पैदा हुए ओसबोर्न स्मिथ 1 अप्रैल 1935 को आरबीआई के गवर्नर बने। इसी दिन आरबीआई की स्थापना हुई थी और स्मिथ इसके पहले गवर्नर थे। वह 30 जून 1937 तक आरबीआई गवर्नर रहे। स्मिथ एक पेशेवर बैंकर थे। उन्होंने Bank of New South Wales में 20 साल और Commonwealth Bank of Australia में 10 साल सेवाएं दी थीं। इसके बाद 1926 में वह इंपीरियल बैंक ऑफ इंडिया के मैनेजिंग डायरेक्टर के रूप में भारत आ गए। इंपीरियल बैंक में अपने कार्यकाल के दौरान उन्हें भारत के बैंकिंग सर्किल्स में पहचान मिली।

​किसी बैंक नोट पर नहीं किए हस्ताक्षर

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सर ओसबोर्न स्मिथ ने आरबीआई गवर्नर के अपने कार्यकाल के दौरान किसी भी बैंक नोट पर हस्ताक्षर नहीं किए। हालांकि अकेले सर ओसबोर्न स्मिथ ही ऐसे आरबीआई गवर्नर नहीं हैं, जिन्होंने कभी किसी बैंक नोट पर साइन नहीं किए। उनके अलावा RBI के इतिहास में के. जी. आंबेगांवकर भी ऐसे आरबीआई गवर्नर रहे जिन्होंने कभी भी नोटों पर हस्ताक्षर नहीं किए। वह आरबीआई के 5वें गवर्नर थे, हालांकि वह अंतरिम गवर्नर रहे। उनका कार्यकाल 14-01-1957 से लेकर 28-02-1957 तक रहा। आंबेगांवकर आरबीआई में डिप्टी गवर्नर बनने से पहले वित्त सचिव थे। 1 रुपये के नोट पर वित्त सचिव द्वारा हस्ताक्षर किए जाने के प्रावधान के चलते आंबेगांवकर के हस्ताक्षर 1 रुपये के नोट पर रहे हैं।

​स्मिथ और तत्कालीन सरकार की तनातनी

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कहा जाता है कि आरबीआई गवर्नर के तौर पर ओसबोर्न स्मिथ और तत्कालीन सरकार के बीच तनातनी थी। आरबीआई गवर्नर के तौर पर विनिमय दरों और ब्याज दरों जैसे नीतिगत मुद्दों पर उनका दृष्टिकोण, तत्कालीन सरकार के दृष्टिकोण से भिन्न था। स्मिथ की तकनीकी क्षमता कभी संदेह में नहीं थी। लेकिन कहा जाता है कि तत्कालीन वित्त सदस्य जेम्स ग्रिग को स्मिथ से घृणा थी। इसने स्मिथ को निराश करने का काम किया।

​कार्यकाल पूरा होने से पहले ही दे दिया इस्तीफा

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खींचतान बढ़ने पर ओसबोर्न स्मिथ ने साढ़े तीन साल का अपना कार्यकाल पूरा होने से पहले ही इस्तीफा दे दिया। वह केवल 18 महीने ही आरबीआई गवर्नर रहे। स्मिथ के बाद सर जेम्स टेलर 01-07-1937 को आरबीआई गवर्नर बने और 17-02-1943 तक इस पद पर रहे। आरबीआई को पहला भारतीय गवर्नर चिंतामन द्वारकानाथ देशमुख उर्फ सीडी देशमुख के रूप में 11-08-1943 को मिला।

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स्वतंत्र भारत के आरबीआई के गवर्नर कौन थे? - svatantr bhaarat ke aarabeeaee ke gavarnar kaun the?


Governors Of Reserve Bank Of India in Hindi:  भारतीय रिज़र्व बैंक के गवर्नर, भारत के केन्द्रीय बैंक RBI के सबसे वरिष्ठ बैंककर्मी होते हैं। वर्ष 1935 में RBI की स्थापना के बाद, भारतीय रिज़र्व बैंक में अब तक कुल 25 गवर्नर नियुक्त किये जा चुके हैं। रिज़र्व बैंक के पहले गवर्नर सर ओसबोर्न स्मिथ थे और वर्त्तमान में पूर्व वित्त सचिव व वित आयोग के सदस्य शक्तिकांत दास बने हैं। इन्होंने 11 दिसंबर, 2018 को पदभार ग्रहण किया। वह रिज़र्व बैंक के 25 वें गवर्नर हैं।

Last Update: कैबिनेट की नियुक्ति समिति (ACC) ने भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के वर्तमान गवर्नर शक्तिकांत दास (Shaktikanta Das) के कार्यकाल को 10 दिसंबर, 2021 से अगले तीन साल के लिए बढ़ाने की मंजूरी दे दी है। उन्होंने 11 दिसंबर, 2018 को तीन साल के लिए RBI के 25वें गवर्नर के रूप में पदभार ग्रहण किया था। आरबीआई में नियुक्ति से पहले, दास ने 15वें वित्त आयोग के सदस्य के रूप में कार्य किया। वह तमिलनाडु कैडर के 1980 बैच के भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) अधिकारी हैं।

भारत सरकार 5 साल की निश्चित अवधि के लिए आरबीआई के गवर्नर की नियुक्ति करती है। भारत के वित्त सचिव द्वारा हस्ताक्षरित एक रुपये के नोट को छोड़कर भारतीय मुद्रा के सभी नोटों पर भारत के गवर्नर का हस्ताक्षर होता है। भारत के राज्यपालों और उनकी जिम्मेदारियों के बारे में अधिक जानने के लिए, पूरा लेख पढ़ें और प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए अपने सामान्य ज्ञान को बढ़ाएं। सन् 1935 से 2022 तक 25 आरबीआई गवर्नरों की पूरी सूची देखें।

ब्रिटिश औपनिवेशिक सरकार द्वारा 1935 में RBI की स्थापना के बाद से अब तक आरबीआई का नेतृत्व 25 गवर्नरों ने किया है। इस लेख में, हम आरबीआई गवर्नर से संबंधित हर चीज पर चर्चा करेंगे जैसे भूमिकाएं और जिम्मेदारियां, गवर्नर कैसे नियुक्त किया जाता है और आरबीआई गवर्नर से संबंधित तथ्य भी। यह पद वर्तमान में शक्तिकांत दास के पास है, जिन्होंने उर्जित पटेल से पदभार ग्रहण किया था। जो छात्र बैंकिंग परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं, उन्हें इस सूची को पढ़ने की सलाह दी जाती है क्योंकि इससे GA सेक्शन में भी प्रश्न पूछे जा सकते हैं और यह सूची आपके साक्षात्कार की तैयारी में भी आपके लिए सहायक होगी।

नीचे भारतीय रिज़र्व बैंक के गवर्नर्स की सूची दी जा रही है, ये हैं RBI के अब तक के गवर्नर्स : 

गवर्नरों की सूचीक्रम सं.गवर्नर का नामअवधिवर्तमान गवर्नरसेतक
स्वतंत्र भारत के आरबीआई के गवर्नर कौन थे? - svatantr bhaarat ke aarabeeaee ke gavarnar kaun the?
श्री शक्तिकान्त दास12.12.2018अब तकपूर्व गवर्नर
स्वतंत्र भारत के आरबीआई के गवर्नर कौन थे? - svatantr bhaarat ke aarabeeaee ke gavarnar kaun the?
डॉ. ऊर्जित पटेल04.09.201611.12.2018
स्वतंत्र भारत के आरबीआई के गवर्नर कौन थे? - svatantr bhaarat ke aarabeeaee ke gavarnar kaun the?
डॉ. रघुराम राजन04.09.201304.09.2016
स्वतंत्र भारत के आरबीआई के गवर्नर कौन थे? - svatantr bhaarat ke aarabeeaee ke gavarnar kaun the?
डॉ. डी. सुब्‍बाराव05.09.2008
05.09.201104.09.2011
04.09.2013
स्वतंत्र भारत के आरबीआई के गवर्नर कौन थे? - svatantr bhaarat ke aarabeeaee ke gavarnar kaun the?
डॉ. वाइ.वी. रेड्डी06.09.200305.09.2008
स्वतंत्र भारत के आरबीआई के गवर्नर कौन थे? - svatantr bhaarat ke aarabeeaee ke gavarnar kaun the?
डॉ. विमल जालान22.11.199705.09.2003
स्वतंत्र भारत के आरबीआई के गवर्नर कौन थे? - svatantr bhaarat ke aarabeeaee ke gavarnar kaun the?
डॉ. सी. रंगराजन22.12.1992
22.12.199521.12.1995
22.11.1997
स्वतंत्र भारत के आरबीआई के गवर्नर कौन थे? - svatantr bhaarat ke aarabeeaee ke gavarnar kaun the?
श्री एस. वेंकिटरमनन22.12.199021.12.1992
स्वतंत्र भारत के आरबीआई के गवर्नर कौन थे? - svatantr bhaarat ke aarabeeaee ke gavarnar kaun the?
श्री आर.एन. मल्‍होत्रा04.02.198522.12.1990
स्वतंत्र भारत के आरबीआई के गवर्नर कौन थे? - svatantr bhaarat ke aarabeeaee ke gavarnar kaun the?
श्री अमिताभ घोष15.01.198504.02.1985
स्वतंत्र भारत के आरबीआई के गवर्नर कौन थे? - svatantr bhaarat ke aarabeeaee ke gavarnar kaun the?
डॉ. मनमोहन सिंह16.09.198214.01.1985
स्वतंत्र भारत के आरबीआई के गवर्नर कौन थे? - svatantr bhaarat ke aarabeeaee ke gavarnar kaun the?
डॉ. आइ.जी. पटेल01.12.197715.09.1982
स्वतंत्र भारत के आरबीआई के गवर्नर कौन थे? - svatantr bhaarat ke aarabeeaee ke gavarnar kaun the?
श्री एम. नरसिंहम्02.05.197730.11.1977
स्वतंत्र भारत के आरबीआई के गवर्नर कौन थे? - svatantr bhaarat ke aarabeeaee ke gavarnar kaun the?
श्री के.आर. पुरी20.08.197502.05.1977
स्वतंत्र भारत के आरबीआई के गवर्नर कौन थे? - svatantr bhaarat ke aarabeeaee ke gavarnar kaun the?
श्री एन.सी. सेन गुप्‍ता19.05.197519.08.1975
स्वतंत्र भारत के आरबीआई के गवर्नर कौन थे? - svatantr bhaarat ke aarabeeaee ke gavarnar kaun the?
श्री एस. जगन्‍नाथन16.06.197019.05.1975
स्वतंत्र भारत के आरबीआई के गवर्नर कौन थे? - svatantr bhaarat ke aarabeeaee ke gavarnar kaun the?
श्री बी.एन. आडारकर04.05.197015.06.1970
स्वतंत्र भारत के आरबीआई के गवर्नर कौन थे? - svatantr bhaarat ke aarabeeaee ke gavarnar kaun the?
श्री लक्ष्‍मीकांत झा01.07.196703.05.1970
स्वतंत्र भारत के आरबीआई के गवर्नर कौन थे? - svatantr bhaarat ke aarabeeaee ke gavarnar kaun the?
श्री पी.सी. भट्टाचार्य01.03.196230.06.1967
स्वतंत्र भारत के आरबीआई के गवर्नर कौन थे? - svatantr bhaarat ke aarabeeaee ke gavarnar kaun the?
श्री एच.वी.आर. अय्यंगार01.03.195728.02.1962
स्वतंत्र भारत के आरबीआई के गवर्नर कौन थे? - svatantr bhaarat ke aarabeeaee ke gavarnar kaun the?
श्री के.जी. आंबेगांवकर14.01.195728.02.1957
स्वतंत्र भारत के आरबीआई के गवर्नर कौन थे? - svatantr bhaarat ke aarabeeaee ke gavarnar kaun the?
श्री बेनेगल रामाराव01.07.194914.01.1957
स्वतंत्र भारत के आरबीआई के गवर्नर कौन थे? - svatantr bhaarat ke aarabeeaee ke gavarnar kaun the?
श्री चिंतामण द्वारकानाथ देशमुख *11.08.194330.06.1949
स्वतंत्र भारत के आरबीआई के गवर्नर कौन थे? - svatantr bhaarat ke aarabeeaee ke gavarnar kaun the?
सर जेम्‍स ब्रेड टेलर01.07.193717.02.1943
स्वतंत्र भारत के आरबीआई के गवर्नर कौन थे? - svatantr bhaarat ke aarabeeaee ke gavarnar kaun the?
सर आस्‍बर्न ए. स्मिथ01.04.193530.06.1937* सर जेम्‍स टेलर के निधन के बाद श्री सी.डी. देशमुख ने 22 फरवरी, 1943 से 10 अगस्‍त, 1943 तक भारत सरकार, विधायी विभाग, नई दिल्‍ली द्वारा जारी किये गये अध्‍यादेश के तहत, गवर्नर की शक्तियों का प्रयोग तथा कार्यों का निर्वाह किया।


Photo Credit : RBI 



आरबीआई के गवर्नर की नियुक्ति कैसे होती है? (How the Governor of RBI is Appointed)?

भारत सरकार आरबीआई गवर्नर की नियुक्ति करती है। भारतीय रिज़र्व बैंक की आधिकारिक वेबसाइट rbi.org.in के अनुसार, “रिज़र्व बैंक के मामले एक केंद्रीय निदेशक मंडल (Central board of directors) द्वारा शासित होते हैं। बोर्ड की नियुक्ति भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम के अनुसार, भारत सरकार द्वारा की जाती है।”

आरबीआई गवर्नर की भूमिका और जिम्मेदारी (Role And Responsibility Of RBI Governor)

आरबीआई गवर्नर के सबसे महत्वपूर्ण कार्यों में से एक ऐसी नीतियां तैयार करना है जो उन्हें भारत की अर्थव्यवस्था पर सकारात्मक प्रभाव डालने में सक्षम बनाती हैं। नीचे कुछ महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां दी गई हैं जिन्हें आरबीआई गवर्नर ध्यान में रखता है:

 

  • सबसे प्रतिष्ठित वित्तीय संस्थानों के प्रमुख होने के नाते, आरबीआई गवर्नर एक अर्थव्यवस्था में मौद्रिक स्थिरता बनाए रखने के लिए जिम्मेदार होते हैं। इस प्रकार, भारतीय रिजर्व बैंक की नीतियों को तैयार करने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
  • नए विदेशी और निजी बैंक खोलने के लिए लाइसेंस ज़ारी करने की ज़िम्मेदारी भी आरबीआई के गवर्नर के पास होती है।
  • देश के अग्रिमों और जमाराशियों पर ब्याज दरों को नियंत्रित करने की शक्ति गवर्नर में निहित है। हालाँकि, इस शक्ति का दायरा बचत खातों पर न्यूनतम उधार दरों और ब्याज दरों को निर्धारित करने तक सीमित है।
  • राष्ट्र की वित्तीय प्रणाली को गवर्नर द्वारा नियंत्रित और प्रशासित किया जाता है और वह केवल उन मापदंडों को निर्धारित करता है जिनके भीतर पूरी वित्तीय प्रणाली कार्य करती है।
  • आरबीआई के गवर्नर बाहरी व्यापार का प्रबंधन करते हैं और भुगतान भारत में विदेशी मुद्रा बाज़ार के व्यवस्थित विकास और रखरखाव को भी बढ़ावा देता है जो विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम, 1999 के तहत आता है।
  • देश में पर्याप्त मात्रा में करेंसी नोटों और सिक्कों की आपूर्ति की निगरानी करना तथा मुद्रा ज़ारी करना और नष्ट करना (जो सार्वजनिक रूप से प्रचलन के लिए उपयुक्त नहीं है)।
  • आरबीआई गवर्नर नियमों और विनियमों पर भी नज़र रखता है ताकि उन्हें अधिक ग्राहक-अनुकूल बनाया जा सके।
  • शहरी बैंक विभागों के माध्यम से आरबीआई गवर्नर प्राथमिक सहकारी बैंकों का नेतृत्व और पर्यवेक्षण करता है।
  • इसके अलावा, भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर के पास लघु उद्योगों, ग्रामीण और कृषि क्षेत्रों में ऋण के प्रवाह को सुविधाजनक बनाने और निगरानी करने में भी भूमिका होती है। राज्य सहकारी बैंकों, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों और विभिन्न स्थानीय क्षेत्र के बैंकों को विनियमित करने की जिम्मेदारी भी गवर्नर के ऊपर होती है।



सर ओसबोर्न स्मिथ (Sir Osborne Smith) – 1 जनवरी, 1935 से 30 जून, 1937


सर ओसबोर्न स्मिथ, रिज़र्व बैंक के पहले गवर्नर थे। स्मिथ एक पेशेवर बैंकर थें। भारत आने से पहले उन्हें बैंकिंग क्षेत्र में 30 से अधिक वर्षों का अनुभव था क्योंकि उन्होंने बैंक ऑफ न्यू साउथ वेल्स के साथ 20 से अधिक वर्षों तक और कॉमनवेल्थ बैंक ऑफ ऑस्ट्रेलिया के साथ 10 वर्षों तक कम किया था। भारत में, उन्हें 1926 में इंपीरियल बैंक ऑफ इंडिया के प्रबंध गवर्नर का पद दिया गया था।

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सर जेम्स टेलर(Sir James Taylor) – 1 जुलाई 1937 से 17 फरवरी 1943 तक

  • सर जेम्स ब्रैड टेलर ने डिप्टी कंट्रोलर के पदों पर कार्य किया, बाद में दूसरे गवर्नर बनने से पहले मुद्रा नियंत्रक और वित्त विभाग में सचिव के रूप में कार्य किया।
  • उन्हें भारतीय रिज़र्व बैंक विधेयक की तैयारी और संचालन के साथ निकटता से जुड़े होने के लिए जाना जाता है। इसके अलावा चांदी की मुद्रा से फिएट मनी को तोड़ने का निर्णय के लिए भी जाना जाता है।

सर सी. डी. देशमुख (Sir C. D. Deshmukh) – 11 अगस्त 1943 से 30 जून 1949

  • चिंतामन द्वारकानाथ देशमुख आरबीआई के पहले भारतीय गवर्नर थे। वह भारतीय सिविल सेवा के सदस्य भी थे। आरबीआई की वेबसाइट पर दी गई जानकारी के अनुसार “गवर्नर के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान, उन्होंने 1944 में ब्रेटन वुड्स वार्ता में भारत का प्रतिनिधित्व किया, स्वतंत्रता के लिए संघर्ष और देश के विभाजन तथा भारत और पाकिस्तान के बीच रिज़र्व बैंक की संपत्ति और देनदारियों के विभाजन को देखा।”

सर बेनेगल रामा राव (Sir Benegal Rama Rau) – 1 जुलाई, 1949 से 14 जनवरी, 1957

  • सर बेनेगल रामा राव को बैंक के सबसे लंबे समय तक सेवा देने वाले गवर्नर के रूप में जाना जाता है। उन्होंने संयुक्त राज्य अमेरिका में भारतीय राजदूत के रूप में भी कार्य किया।
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के जी अम्बेगांवकर (K G Ambegaonkar) – 14 जनवरी, 1957 से 28 फरवरी, 1957 तक

  • राज्यपाल के रूप में नियुक्त होने से पहले के. जी. अंबेगांवकर ने वित्त सचिव के रूप में कार्य किया और भारतीय सिविल सेवा के सदस्य भी थे। उन्हें कई कृषि उद्यमों और आरबीआई के कार्यों के बीच घनिष्ठ संबंध बनाने के लिए जाना जाता है। के.जी. अंबेगांवकर ने किसी भी बैंक नोट पर हस्ताक्षर नहीं किए।

एच वी आर आयंगर (H V R Iengar) – 1 मार्च, 1957 से 28 फरवरी, 1962

  • एच. वी. आर. आयंगर ने रिजर्व बैंक के गवर्नर के रूप में नियुक्त होने से पहले एक संक्षिप्त अवधि के लिए भारतीय स्टेट बैंक के अध्यक्ष के रूप में भी कार्य किया। उनके कार्यकाल के दौरान बैंक जमाओं के लिए जमा बीमा 1962 में पेश किया गया था जिसने भारत को जमा बीमा के साथ प्रयोग करने वाले शुरुआती देशों में से एक बना दिया। मौद्रिक नीति के पहलू में, परिवर्तनीय नकद आरक्षित अनुपात का उपयोग पहली बार चयनात्मक क्रेडिट नियंत्रण के रूप में किया गया था।

पी सी भट्टाचार्य (P C Bhattacharya) – 1 अक्टूबर, 1957 से 28 फरवरी, 1962

  • वह भारतीय लेखा परीक्षा और लेखा सेवा के सदस्य थे, सचिव-वित्त मंत्रालय के रूप में कार्यरत थे। बाद में उन्हें भारतीय स्टेट बैंक के अध्यक्ष के रूप में भी नियुक्त किया गया। इन भूमिकाओं में सेवा देने के बाद वे आरबीआई के गवर्नर बने। उनके कार्यकाल में हुए कुछ विकासों में क्रेडिट प्राधिकरण योजना को क्रेडिट विनियमन के एक साधन के रूप में पेश करना, 1966 में रुपये का अवमूल्यन, आयात उदारीकरण और निर्यात सब्सिडी को समाप्त करने सहित उपायों के पैकेज के साथ शामिल था।

एल के झा (L K Jha) – 1 जुलाई, 1967 से 3 मई, 1970

  • एल के झा आरबीआई के गवर्नर बनने से पहले प्रधानमंत्री के सचिव थे। उनके कार्यकाल में वाणिज्यिक बैंकों पर सामाजिक नियंत्रण शुरू किया गया था। 1969 में 14 प्रमुख वाणिज्यिक बैंकों का राष्ट्रीयकरण किया गया, एक ऐसा कदम जिसे रिजर्व बैंक का समर्थन नहीं था।

बी एन अदारकर (B N Adarkar) – 4 मई, 1970 से 15 जून, 1970

  • बी एन आदरकार, भारतीय रिज़र्व बैंक के नौवें गवर्नर थे। उनका कार्यकाल केवल 42 दिनों का रहा, जो की अमिताभ घोष (20 दिन) के बाद दूसरा सबसे छोटा था। उनका कार्यकाल इतना छोटा इसलिए था क्यूंकि वह एस जगन्नाथन के पदभार सँभालने के पहले केवल अंतरिम रूप से इस पद को भर रहे थे। अपने पूर्ववर्तियों के विपरीत, जो की भारतीय सिविल सेवा से थे, आदरकार एक अर्थशास्त्री थे और भारत सरकार के आर्थिक सलाहकार के कार्यालय में काम किया। इससे पहले वह वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय में विभिन्न महत्वपूर्ण पदों का कार्यभार संभाल चुके थे। अंतरिम गवर्नर बनने के पूर्व वह रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर थे।

एस जगन्नाथन (S Jagannathan) – 16 जून, 1970 से 19 मई, 1975

  • एस जगन्नाथन ने भारतीय रिजर्व बैंक में गवर्नर के रूप में नियुक्त होने से पहले केंद्र सरकार के साथ और उसके बाद विश्व बैंक में भारत के कार्यकारी निदेशक के रूप में कार्य किया। बाद में वे आईएमएफ में भारतीय कार्यकारी निदेशक बने।

एन सी सेन गुप्ता (N C Sen Gupta) – 19 मई, 1975 से 19 अगस्त, 1975

  • एनसी सेन गुप्ता को के आर पुरी के पद ग्रहण करने तक तीन महीने के लिए गवर्नर नियुक्त किया गया था। वह पहले वित्त मंत्रालय के बैंकिंग विभाग के सचिव के रूप में कार्यरत थे।

के आर पुरी (K R Puri) – 2 मई, 1977 से 30 नवंबर, 1977

  • के आर पुरी के कार्यकाल के दौरान आरआरबी-क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक स्थापित किए गए थे। आरबीआई में गवर्नर के रूप में अपनी नियुक्ति से पहले उन्होंने भारतीय जीवन बीमा निगम के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक के रूप में कार्य किया।

एम नरसिम्हम (M Narasimham) – 2 मई, 1977 से 30 नवंबर, 1977

  • आरबीआई की वेबसाइट के अनुसार “एम नरसिम्हम रिजर्व बैंक कैडर से नियुक्त होने वाले पहले और अब तक के एकमात्र गवर्नर थे, जो बैंक में आर्थिक विभाग में एक शोध अधिकारी के रूप में शामिल हुए थे। बाद में वे सरकार में शामिल हुए और गवर्नर पद पर नियुक्ति से उन्होंने आर्थिक मामलों के विभाग में अतिरिक्त सचिव के रूप में कार्य किया।”

डॉ. आई जी पटेल (Dr. I G Patel) – 1 दिसंबर, 1977 से 15 सितंबर, 1982

  • डॉ. आई जी पटेल वित्त मंत्रालय में सचिव के रूप में और उसके बाद संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम में सेवा देने के बाद गवर्नर के रूप में आरबीआई में शामिल हुए। उनके कार्यकाल के दौरान छह निजी क्षेत्र के बैंकों का राष्ट्रीयकरण किया गया, प्राथमिकता क्षेत्र को उधार देने के लक्ष्य पेश किए गए, और जमा बीमा और क्रेडिट गारंटी निगमों को विलय कर दिया गया, और बैंक में एक विभागीय पुनर्गठन किया गया।
  • डॉ. आई जी पटेल को 1981 में आईएमएफ की विस्तारित फंड सुविधा का लाभ उठाने में सक्रिय भूमिका निभाने के लिए जाना जाता है, जो उस समय आईएमएफ के इतिहास में सबसे बड़ी व्यवस्था का प्रतिनिधित्व करती थी।

डॉ मनमोहन सिंह (Dr. Manmohan Singh) – 16 सितंबर 1982 से 14 जनवरी 1985

  • डॉ मनमोहन सिंह ने गवर्नर के रूप में अपनी नियुक्ति से पहले वित्त सचिव के साथ-साथ योजना आयोग के सदस्य सचिव के रूप में कार्य किया। उनके कार्यकाल में भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम में नई शुरूआत हुई और शहरी बैंक विभाग की स्थापना की गई।

ए घोष (A Ghosh) – 15 जनवरी, 1985 से 4 फरवरी, 1985

  • घोष को 15 दिनों की संक्षिप्त अवधि के लिए राज्यपाल के रूप में नियुक्त किया गया था जब तक कि आर एन मल्होत्रा ​​​​कार्यभार नहीं संभाल सकते थे। वह आरबीआई के डिप्टी गवर्नर थे।

आर एन मल्होत्रा (R N Malhotra) – 4 फरवरी, 1985 से 22 दिसंबर, 1990

  • आर.एन. मल्होत्रा आरबीआई में गवर्नर के रूप में शामिल होने से पहले भारतीय प्रशासनिक सेवा के सदस्य थे, वे आईएमएफ के सचिव, वित्त और कार्यकारी निदेशक थे।
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वेंकटरमणन (Venkitaramanan) – 22 दिसंबर 1990 से 21 दिसंबर 1992

  • एस वेंकटरमन ने राज्यपाल के रूप में अपनी नियुक्ति से पहले कर्नाटक सरकार के वित्त सचिव और सलाहकार के रूप में कार्य किया। उनका कार्यकाल भारत के लिए आईएमएफ के स्थिरीकरण कार्यक्रम को अपनाने के लिए जाना जाता है जहां रुपये का अवमूल्यन हुआ और आर्थिक सुधारों के कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ।

डॉ. सी रंगराजन (Dr. C Rangarajan) – 22 दिसंबर, 1992 से 21 नवंबर, 1997

  • चक्रवर्ती रंगराजन  एक भारतीय अर्थशास्त्री, पूर्व संसद सदस्य और भारतीय रिजर्व बैंक के 19वें गवर्नर हैं । वह प्रधान मंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद के पूर्व अध्यक्ष हैं , उन्होंने यूपीए के सत्ता खोने के दिन इस्तीफा दे दिया था । वह मद्रास स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स के अध्यक्ष भी हैं ; भारतीय सांख्यिकी संस्थान के पूर्व अध्यक्ष ; सीआर राव एडवांस्ड इंस्टीट्यूट ऑफ मैथमेटिक्स, स्टैटिस्टिक्स एंड कंप्यूटर साइंस के संस्थापक अध्यक्ष ; हैदराबाद विश्वविद्यालय के पूर्व चांसलर ; और अहमदाबाद विश्वविद्यालय में प्रोफेसर हैं।

डॉ. बिमल जालान (Dr. Bimal Jalan) – 22 नवंबर, 1997 से 6 सितंबर, 2003

  • भारतीय रिज़र्व बैंक के गवर्नर बनने से पहले डॉ. बिमल जालान भारत सरकार के मुख्य आर्थिक सलाहकार, बैंकिंग सचिव, वित्त सचिव, योजना आयोग के सदस्य सचिव और नियुक्त होने से पहले प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद के अध्यक्ष थे। राज्यपाल के रूप में। उनका कार्यकाल भुगतान संतुलन और विदेशी मुद्रा की स्थिति, कम मुद्रास्फीति और नरम ब्याज दरों को मज़बूत करने के लिए जाना जाता है।

डॉ. वाई. वी. रेड्डी (Dr. Y V Reddy) – 6 सितंबर, 2003 से 5 सितंबर, 2008

  • डॉ. यागा वेणुगोपाल रेड्डी ने वित्त मंत्रालय में सचिव (बैंकिंग), वाणिज्य मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव, भारत सरकार में वित्त मंत्रालय में संयुक्त सचिव, प्रमुख सचिव, आंध्र प्रदेश सरकार और भारतीय रिज़र्व बैंक के डिप्टी गवर्नर के रूप में छह साल का कार्यकाल था।

डॉ. डी. सुब्बाराव (Dr. D. Subbarao) – 5 सितंबर, 2008 से 4 सितंबर, 2013

  • वर्ष 2008 में आरबीआई के गवर्नर बनने से पहले डॉ. डी. सुब्बाराव ने वित्त मंत्रालय, भारत सरकार में वित्त सचिव के रूप में कार्य किया। डॉ सुब्बाराव इससे पहले प्रधान मंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद के सचिव (2005-2007), विश्व बैंक में प्रमुख अर्थशास्त्री (1999-2004), आंध्र प्रदेश सरकार के वित्त सचिव (1993-98) और आर्थिक मामलों के मंत्रालय, वित्त मंत्रालय, भारत सरकार (1988-1993) में संयुक्त सचिव रह चुके हैं। ।

डॉ. रघुराम राजन (Dr. Raghuram Rajan) – 4 सितंबर, 2013 से 4 सितंबर, 2016

  • डॉ. रघुराम राजन भारतीय रिजर्व बैंक के 23वें गवर्नर थे और इससे पहले उन्होंने मुख्य आर्थिक सलाहकार, वित्त मंत्रालय, भारत सरकार और शिकागो विश्वविद्यालय के बूथ स्कूल में वित्त के एरिक जे. ग्लीचर विशिष्ट सेवा प्रोफेसर के रूप में कार्य किया। 2003 और 2006 के बीच, डॉ. राजन अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष में मुख्य अर्थशास्त्री और अनुसंधान निदेशक थे। उनके द्वारा लिखित लेख व पुस्तकें निम्नलिखित हैं:
  • 2004 में उनकी पुस्तक सेविंग कैपिटलिज्म फ्रॉम कैपिटलिस्ट प्रकाशित हुई जिसके सह लेखक थे उनके साथी शिकागो बूथ के प्रोफेसर लुईगी जिन्गैल्स। उनके लेख जर्नल ऑफ फाइनेंशियल इकोनॉमिक्स, जर्नल ऑफ फाइनेंस और ऑक्सफोर्ड रिव्यू ऑफ इकोनॉमिक पॉलिसी में प्रकाशित हुए। उनकी दूसरी पुस्तक फाल्ट लाइन्स: हाऊ हिडेन फैक्टर्स स्टिल थ्रेटेन्स द वर्ल्ड इकोनॉमी? 2010 में प्रकाशित हुई थी, जिसे फाईनैंशियल टाईम्स-गोल्डमैन सैक ने 2010 की अर्थ-व्यापार श्रेणी की सर्वोत्तम पुस्तक के सम्मान से नवाज़ा

प्राप्त हुए सम्मान-

2011- में नासकोम द्वारा – ग्लोबल इंडियन ऑफ द ईयर

2012- में इन्फोसिस द्वारा-आर्थिक विज्ञान के लिए सम्मान

2013- वित्तीय अर्थशास्त्र के लिए सैंटर फार फाइनेंशियल स्टडीज़, ड्यूश बैंक सम्मान

डॉ. उर्जित आर. पटेल (Dr. Urjit R. Patel) – 4th Sept 2016 to 11th Dec 2018

  • डॉ. उर्जित आर. पटेल ने आरबीआई के गवर्नर बनने से पहले डिप्टी गवर्नर के रूप में कार्य किया। उन्होंने कई केंद्रीय और राज्य सरकार की उच्च स्तरीय समितियों के साथ भी काम किया, जिसमें प्रत्यक्ष कर पर टास्क फोर्स (केलकर समिति), नागरिक और रक्षा सेवा पेंशन प्रणाली की समीक्षा के लिए उच्च स्तरीय विशेषज्ञ समूह, बुनियादी ढांचे पर प्रधान मंत्री की टास्क फोर्स, दूरसंचार मामलों पर मंत्रियों, नागरिक उड्डयन सुधारों पर समिति और राज्य विद्युत बोर्डों पर विद्युत मंत्रालय के विशेषज्ञ समूह की समिति, शामिल हैं। ।

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शक्तिकांत दास (Shaktikanta Das) – 12 दिसंबर 2018 से अब तक

  • श्री शक्तिकांत दास सेवानिवृत्त IAS पूर्व सचिव, राजस्व विभाग और आर्थिक मामलों के विभाग, वित्त मंत्रालय, भारत सरकार ने 12 दिसंबर, 2018 से प्रभावी भारतीय रिज़र्व बैंक के 25वें गवर्नर के रूप में कार्यभार ग्रहण किया। अपने वर्तमान कार्यभार से ठीक पहले, वह एक सदस्य, 15वें वित्त आयोग और भारत के G20 शेरपा के रूप में कार्य कर रहे थे। उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय मंचों जैसे IMF, G20, BRICS, SAARC, आदि में भारत का प्रतिनिधित्व किया है।


1. सबसे लंबे समय तक (कुल 7 साल, 197 दिन) काम करने वाले भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर बेनेगल रामा राव थे। वह 1 जुलाई 1949 से 14 जनवरी 1957 तक आरबीआई के प्रमुख रहे।

2. सबसे कम समय तक काम करने वाले भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर अमिताभ घोष थे। वह 15 जनवरी 1985 से 4 फरवरी 1985 तक 20 दिनों तक आरबीआई के प्रमुख रहे।

3. आरबीआई देश के अन्य बैंकों के विपरीत एक वाणिज्यिक बैंक नहीं है।

4. मनमोहन सिंह एकमात्र ऐसे प्रधानमंत्री हैं जो आरबीआई के गवर्नर (1982 – 1985) थे।

5. केजे उदेशी आरबीआई की पहली महिला डिप्टी गवर्नर थीं।

6.RBI ने www.paisaboltahai.rbi.org.in नाम से एक वेबसाइट लॉन्च की है। बाजार में नकली नोटों के बारे में जनता के बीच जागरूकता बढ़ाने के लिए और कैसे वे खुद को इस वेब में आने से रोक सकते हैं।

7. आरबीआई द्वारा जारी किए गए नोटों पर 15 भाषाएं छपी होती हैं।

8. आरबीआई आईएमएफ (अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष) का सदस्य है।

9. सिक्कों की ढलाई और 1 रुपये के नोटों की छपाई के लिए भारत सरकार जिम्मेदार है न कि आरबीआई।

10. आरबीआई देश को जितनी जरूरत हो उतनी करेंसी नोट तभी जारी कर सकता है, जब भारत के पास 200 करोड़ रुपये की सिक्योरिटी डिपॉजिट हो, जिसमें से 115 करोड़ सोने में और 85 करोड़ फॉरेक्स रिजर्व में होने चाहिए।

स्वतंत्रता के समय आरबीआई के गवर्नर कौन थे?

सही उत्तर लॉर्ड माउंट बैटन है। लॉर्ड माउंट बैटन स्वतंत्र भारत का पहला गवर्नर-जनरल था। उन्होंने 1947 से 1948 तक भारत के गवर्नर-जनरल के रूप में कार्य किया। लॉर्ड माउंट बैटन ब्रिटिश भारत का अंतिम वाइसराय था।

भारत के प्रथम भारतीय आरबीआई गवर्नर कौन थे?

गवर्नरों की सूची.

भारतीय रिजर्व बैंक के अध्यक्ष कौन है?

शक्तिकांत दास भारतीय रिजर्व बैंक के वर्तमान गवर्नर हैं, जिन्होंने 11 सितम्बर 2018 को पदभार ग्रहण किया।