मां बनना इस दुनिया का सबसे बड़ा सुख है, इस बात से बढ़कर कोई खुशी नहीं हो सकती कि आपको कोई “मां” पुकारने वाला है। Show 2/15 2 मातृत्वईश्वर के बाद जन्म देने का अधिकार सिर्फ एक स्त्री हो है और जब वह स्त्री मातृत्व ग्रहण कर एक बच्चे को जन्म देती है, तभी वास्तविक रूप में उसका अस्तित्व और जिम्मेदारी पूर्ण होती है। 3/15 3 मां बनने का सुखलेकिन कई ऐसी स्त्रियां भी हैं जो इस पूर्णता से अछूती रह जाती है, लाख चाहने के बाद भी वह मां बनने का सुख प्राप्त नहीं कर पाती। 4/15 4 तलवार की नोंकऐसी स्थिति में वे मानसिक और भावनात्मक तौर पर तो टूट ही जाती हैं साथ ही उसका विवाहित जीवन भी तलवार की नोंक पर आ जाता है। 5/15 5 हर कर्तव्यइसके अलावा हमारा समाज जो एक महिला से यही अपेक्षा करता है कि वह अपना हर कर्तव्य पूरा करेगी, वह भी उस महिला को सम्मान नहीं दे पाता जो मां बनने का कर्तव्य पूर्ण नहीं कर पाती। 6/15 6 धार्मिक भूमिये तो आप जानते ही हैं कि भारत की धार्मिक भूमि पर विभिन्न चमत्कारों को देखे और सुने जाने की घटनाएं होती रही हैं। यहां बहुत से ऐसे स्थान हैं जहां जाने वाले भक्तों की मनोकामना पूर्ण होती है। 7/15 7 कृष्ण की नगरी मथुराऐसा ही एक स्थान है कृष्ण की नगरी मथुरा में स्थित राधा कुंड। माना जाता है अगर कोई नि:संतान दंपति एकसाथ अहोई अष्टमी यानि कार्तिक कृष्ण पक्ष की अष्टमी की मध्य रात्रि इस कुंड में स्नान करता है तो जल्द ही उसके घर बच्चे की किलकारियां गूंजने लगती हैं। 8/15 8 राधा जीमान्यतानुसार यहां स्नान करने वाली महिलाएं अपने केश खोलकर राधा जी से संतान का वरदान मांगती हैं और राधा जी उन्हें यह वरदान देती भी हैं। 9/15 9 पौराणिक कहानीइस स्थान से जुड़ी एक पौराणिक कहानी भी प्रचलित है। कथा के अनुसार एक बार गोवर्धन पर्वत के पास में गाय चराने के दौरान अरिष्टासुर नामक राक्षस ने बछड़े का रूप धरकर भगवान कृष्ण पर हमला कर दिया। 10/15 10 गौहत्याकृष्ण जी के हाथों उस बछड़े का वध करने की वजह से कान्हा पर गौहत्या का पाप लग गया। इस पाप के प्रायश्चित के तौर पर श्रीकृष्ण ने अपनी बांसूरी से कुंड बनवाया और तीर्थ स्थानों के जल को वहां एकत्रित किया। 11/15 11 राधारानीइसी तरह राधारानी ने भी अपने कंगन की सहायता से कुंड खोदा और सभी वहां भी तीर्थ स्थान के जल एकत्रित हुए। 12/15 12 कृष्ण और राधाजब दोनों कुंड तीर्थ स्थानों के जल से भर गए तब कृष्ण और राधा ने महारास किया, दोनों एक दूसरे के साथ बहुत प्रसन्न थे। 13/15 13 अहोई अष्टमीराधा से प्रसन्न होकर श्रीकृष्ण ने उन्हें वरदान दिया कि जो भी नि:संतान दंपत्ति अहोई अष्टमी की रात यहां स्नान करेगा उसे सालभर के भीतर ही संतान की प्राप्ति अवश्य होगी। 14/15 14 राधा कुंड की एक विशेषताकृष्ण और राधा कुंड की एक विशेषता और है। जहां कृष्ण कुंड का पानी दूर से देखने पर कृष्ण जी के रंग की तरह सांवला दिखाई देता है, वहीं राधा कुंड का पानी उन्हीं की तरह श्वेत वर्ण का दिखता है। 15/15 15 कृष्ण और राधा का प्रेमकृष्ण और राधा का प्रेम सदियों से अमर हैं और हमेशा अमर ही रहेगा। उनकी प्रेम लीलाओं से पौराणिक इतिहास महकता है। ये उनकी ही तो लीला है जो नि:संतान दंपत्तियों की गोद भी वे भर देते हैं। 0 कमेंट Write चर्चित विषय
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