क्या भारत रूस से कच्चा तेल खरीदने जा रहा है? - kya bhaarat roos se kachcha tel khareedane ja raha hai?

पिछले कुछ महीनों में विदेश मंत्री एस जयशंकर (S Jaishankar) को कई बार यह कहते हुए देखा गया है कि भारत की विदेश नीति स्वतंत्र है। वह अपने हितों को देखते हुए फैसला करेगा। इस बयान का असर सरकार के फैसलों में भी साफ देखा जा सकता है। तमाम पश्चिमी देशों के दबाव के बाद भी भारत रूस से जमकर कच्चा तेल (Crude Oil) खरीद रहा है। ताजा आंकड़ों के अनुसार रूस नवंबर में लगातार दूसरे महीने भारत का सबसे बड़ा कच्चा तेल आपूर्तिकर्ता रहा है। बता दें, एनर्जी की खेप पर निगरानी रखने वाली कंपनी वॉर्टेक्सा के आंकड़ों से यह जानकारी मिली है। 

क्या कहते हैं आंकड़े

आंकड़ों से पता चलता है कि रूस ने भारत को कच्चे तेल की आपूर्ति के मामले में इराक और सऊदी अरब जैसे परंपरागत आपूर्तिकर्ताओं को पीछे छोड़ दिया है। रूस का 31 मार्च, 2022 को समाप्त साल में भारत के सभी तेल आयात में सिर्फ 0.2 प्रतिशत हिस्सा था। नवंबर में उसने भारत को 9,09,403 बैरल प्रतिदिन (बीपीडी) कच्चे तेल की आपूर्ति की। यह भारत के तेल आयात 20 प्रतिशत से अधिक बैठता है। 

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ऊर्जा और सूचना कंपनी वॉर्टेक्सा के अनुसार, भारत ने नवंबर में इराक से 8,61,461 बीपीडी और सऊदी अरब से 5,70,922 बीपीडी तेल का आयात किया। अमेरिका 4,05,525 बीपीडी के साथ भारत का चौथा सबसे बड़ा आपूर्तिकर्ता रहा। नवंबर में रूस से भारत का आयात मात्रा के लिहाज से अक्टूबर से कम था। यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद पश्चिमी देशों ने उसपर कई तरह के प्रतिबंध लगाए हैं। उसके बाद से भारत लगातार रियायती दरों पर रूसी कच्चे तेल की खरीद कर रहा है। 

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आंकड़ों के अनुसार, भारत ने दिसंबर, 2021 में रूस से सिर्फ 36,255 बैरल प्रतिदिन कच्चे तेल का आयात किया था। इस अवधि में इराक से 10.5 लाख बैरल प्रतिदिन और सऊदी अरब से 9,52,625 बैरल प्रतिदिन का आयात किया गया था। अगले दो महीनों में रूस से कोई आयात नहीं हुआ, लेकिन फरवरी के अंत में यूक्रेन युद्ध शुरू होने के तुरंत बाद मार्च से रूस से कच्चे तेल की खरीद फिर शुरू हो गई। मार्च में भारत ने रूस से 68,600 बीपीडी कच्चे तेल का आयात किया। जबकि अगले महीने यह बढ़कर 2,66,617 बीपीडी हो गया और जून में 9,42,694 बीपीडी पर पहुंच गया। लेकिन जून में, इराक 10.4 लाख बैरल प्रतिदिन के साथ भारत का सबसे बड़ा कच्चा तेल आपूर्तिकर्ता था। 

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भारत ने दिसंबर, 2021 में रूस से सिर्फ 36,255 बैरल प्रतिदिन कच्चे तेल का आयात किया था। इस अवधि में इराक से 10.5 लाख बैरल प्रतिदिन और सऊदी अरब से 9,52,625 बैरल प्रतिदिन का आयात किया गया था।

नई दिल्ली। पिछले कुछ महीनों में विदेश मंत्री एस जयशंकर (S Jaishankar) को कई बार यह कहते हुए देखा गया है कि भारत की विदेश नीति स्वतंत्र है। वह अपने हितों को देखते हुए फैसला करेगा। इस बयान का असर सरकार के फैसलों में भी साफ देखा जा सकता है। तमाम पश्चिमी देशों के दबाव के बाद भी भारत रूस से जमकर कच्चा तेल (Crude Oil) खरीद रहा है। ताजा आंकड़ों के अनुसार रूस नवंबर में लगातार दूसरे महीने भारत का सबसे बड़ा कच्चा तेल आपूर्तिकर्ता रहा है। बता दें, एनर्जी की खेप पर निगरानी रखने वाली कंपनी वॉर्टेक्सा के आंकड़ों से यह जानकारी मिली है। 

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क्या कहते हैं आंकड़े
आंकड़ों से पता चलता है कि रूस ने भारत को कच्चे तेल की आपूर्ति के मामले में इराक और सऊदी अरब जैसे परंपरागत आपूर्तिकर्ताओं को पीछे छोड़ दिया है। रूस का 31 मार्च, 2022 को समाप्त साल में भारत के सभी तेल आयात में सिर्फ 0.2 प्रतिशत हिस्सा था। नवंबर में उसने भारत को 9,09,403 बैरल प्रतिदिन (बीपीडी) कच्चे तेल की आपूर्ति की। यह भारत के तेल आयात 20 प्रतिशत से अधिक बैठता है। 

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ऊर्जा और सूचना कंपनी वॉर्टेक्सा के अनुसार, भारत ने नवंबर में इराक से 8,61,461 बीपीडी और सऊदी अरब से 5,70,922 बीपीडी तेल का आयात किया। अमेरिका 4,05,525 बीपीडी के साथ भारत का चौथा सबसे बड़ा आपूर्तिकर्ता रहा। नवंबर में रूस से भारत का आयात मात्रा के लिहाज से अक्टूबर से कम था। यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद पश्चिमी देशों ने उसपर कई तरह के प्रतिबंध लगाए हैं। उसके बाद से भारत लगातार रियायती दरों पर रूसी कच्चे तेल की खरीद कर रहा है। 

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आंकड़ों के अनुसार, भारत ने दिसंबर, 2021 में रूस से सिर्फ 36,255 बैरल प्रतिदिन कच्चे तेल का आयात किया था। इस अवधि में इराक से 10.5 लाख बैरल प्रतिदिन और सऊदी अरब से 9,52,625 बैरल प्रतिदिन का आयात किया गया था। अगले दो महीनों में रूस से कोई आयात नहीं हुआ, लेकिन फरवरी के अंत में यूक्रेन युद्ध शुरू होने के तुरंत बाद मार्च से रूस से कच्चे तेल की खरीद फिर शुरू हो गई। मार्च में भारत ने रूस से 68,600 बीपीडी कच्चे तेल का आयात किया। जबकि अगले महीने यह बढ़कर 2,66,617 बीपीडी हो गया और जून में 9,42,694 बीपीडी पर पहुंच गया। लेकिन जून में, इराक 10.4 लाख बैरल प्रतिदिन के साथ भारत का सबसे बड़ा कच्चा तेल आपूर्तिकर्ता था। 

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क्या भारत रूस से तेल खरीदता है?

भारत दुनिया का तेल खरीदने वाला तीसरा सबसे बड़ा देश है. अमेरिका समेत पश्चिमी देशों द्वारा रूस पर आर्थिक प्रतिबंध लगाने के बावजूद भारत रूस से भारी मात्रा में रियायत कीमतों के साथ कच्चे तेल खरीद रहा है. भारत इस कच्चे तेल को रिफाइन कर पश्चिमी देशों को महंगे दामों में निर्यात कर रहा है.

क्या रूस भारत को कच्चे तेल का निर्यात करता है?

रूस फिलहाल प्रतिदिन करीब 50 लाख बैरल तेल का निर्यात करता है। इससे तेल की कीमतों में भारी कमी आने की संभावना है। भारत रूस से लंबे समय से क्रूड का आयात करता है।

भारत रूस से कितना कच्चा तेल खरीद रहा है?

आंकड़ों के अनुसार, भारत ने दिसंबर, 2021 में रूस से सिर्फ 36,255 बैरल प्रतिदिन कच्चे तेल का आयात किया था। इस अवधि में इराक से 10.5 लाख बैरल प्रतिदिन और सऊदी अरब से 9,52,625 बैरल प्रतिदिन का आयात किया गया था।

रूस कितना तेल निर्यात करता है?

दुनिया के नक्शे में रूस के कच्चे तेल उत्पादक का कद तीसरे नंबर का है. अमेरिका और सऊदी अरब के बाद रूस का ही नंबर आता है. रूस रोजाना 40 से 50 लाख बैरल कच्चा तेल निर्यात करता है. अगर रूस के प्राकृतिक गैस के निर्यात की बात की जाए तो हर साल ये आंकड़ा 8,500 अरब क्यूबिक फीट का है.