In this article, we will share MP Board Class 6th Hindi Solutions Chapter 10 कोई नहीं पराया Pdf, These solutions are solved subject experts from the latest edition books. Show MP Board Class 6th Hindi Sugam Bharti Solutions Chapter 10 कोई नहीं परायावस्तुनिष्ठ प्रश्न x प्रश्न 1. प्रश्न (ख) MP Board Class 6th Hindi Sugam Bharti Chapter 10 अति लघु उत्तरीय प्रश्न प्रश्न 2. (क) कवि ने घर किसे कहा है? (ख) कवि को किस बात का अभिमान है? (ग) कवि ने अपना आराध्य किसे माना है? (घ) धरती किससे भी ज्यादा सुकुमार है? (ङ) ‘कोई नहीं पराया’ कविता का मूल भाव क्या है? MP Board Class 6th Hindi Sugam Bharti Chapter 10 लघु उत्तरीय प्रश्न प्रश्न 3. (क) कवि ने अपने धर्म को स्याही और शब्दों का गुलाम क्यों नहीं माना? (ख) देशकाल को जंग लगी जंजीर क्यों कहा गया है? (ग) घट-घट में राम कहकर कवि कौन-सा भाव व्यक्त करना चाहता है? (घ) ‘जियो और जीने दो’ के लिए कवि क्या बांटने को कहता है? (ङ) ‘मानवता का मार्ग सर्वश्रेष्ठ है।’ स्पष्ट कीजिए। भाषा की बात प्रश्न 4. प्रश्न 5. प्रश्न 6. प्रश्न 7. प्रश्न 8. प्रश्न 9. कोई नहीं पराया प्रसंग सहित व्याख्या 1. कहीं रहे, कैसे भी, मुझको प्यारा यह इंसान है, शब्दार्थ-अभिमान = गर्व । सकल=सम्पूर्ण । सुकुमार = कोमल। पराया = दूसरा। प्रसंग प्रस्तुत पंक्तियाँ हमारी पाठ्य पुस्तक सुगम भारती-6 में संकलित कविता ‘कोई नहीं पराया’ से ली गई हैं। इसमें कवि ने बताया है कि उसके लिए कोई पराया नहीं है। व्याख्या-कवि कहता है कि उसे सभी इंसानों से प्यार है। उसे अपनी मानवता पर गर्व है। उसे देवत्व नहीं बल्कि मनुजत्व अच्छा लगता है। उसे केवल प्यार चाहिए। प्यार के अलावा वह किसी चीज की इच्छा नहीं रखता है। उसे स्वर्ग की अच्छी अच्छी कहानियाँ भी नहीं भाती क्योंकि उसकी धरती के आगे सैकड़ों स्वर्ग भी कुछ मायने नहीं रखते। विशेष
2. मैं सिखलाता हूँ कि जियो और जीने दो संसार को, शब्दार्थ- दलित= नीचे गिर हुआ। शूल=कांटा । उपवन=बगीचा। शृंगार=शोभा। प्रसंग-पूर्ववत् व्याख्या-कवि कहता है कि प्यार बांटने की चीज होती है। उसे जितना चाहो बांटों। हंसो तो खुलकर ऐसे हंसो कि जमीन की धूल भी तुम्हारे साथ हंस पड़े। ऐसे चलो कि राह में कोई कांटा भी न कुचले तुम्हारे पैरों से। फूल पूरे बगीचे की शोभा बढ़ाता है। कवि के लिए सारी दुनिया ही उसका घर है। उसे सभी से प्यार है। 1 कवि को मानवता पर क्यों अभिमान है?उत्तर कवि को प्रत्येक मनुष्य से प्रेम करता है इसलिए कवि को मानवता पर अभिमान है।
कवि को किस पर अभिमान है और उसे क्या भाता है?Answer: उत्तर: कवि आदमी को अपना आराध्य मानता है। उसके लिए आदमी ही सबसे प्यारा है और मानवता उसे देवत्व और अमरत्व से ज़्यादा प्यारी है इसलिए कवि मानवता पर अभिमान करता है।
कवि को क्या भाता है?प्यार के अलावा वह किसी चीज की इच्छा नहीं रखता है। उसे स्वर्ग की अच्छी अच्छी कहानियाँ भी नहीं भाती क्योंकि उसकी धरती के आगे सैकड़ों स्वर्ग भी कुछ मायने नहीं रखते। कविता में मानवता पर विशेष बल दिया गया है।
स्वर्ग सुख की सुकुमार कहानियों को कवि क्यों नहीं सुनना चाहता है?प्रश्न 3. स्वर्ग की सुकुमार कहानियों को कवि क्यों नहीं सुनना चाहता है? उत्तर- स्वर्ग की सुकुमार कहानियों को कवि इसलिए नहीं सुनना चाहते हैं क्योंकि धरती में सुख को स्वर्ग से भी अधिक सुकुमार कहा जाता है।
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