मानव हृदय में कुल चार वाल्व होते हैं। ये वाल्व दिल के अंदर और बाहर खून प्रवाहित करने के लिए खुलते हैं और खून को वापस जाने से रोकने के लिए बंद हो जाते हैं। Show
लेकिन कई बार ये वाल्व पूरी तरह से काम नहीं करते हैं। आम तौर पर ठीक से काम कर रहे वाल्व ये सुनिश्चित करते हैं कि खून उचित समय पर, उचित दिशा में एवं उचित बल के साथ बह रहा है। हृदय वाल्व रोग में वाल्व काफी संकुचित हो जाते हैं एवं कठोर होने के कारण पूरी तरह खुल या बंद नहीं हो पाते। वाल्व संबंधी यह समस्या जन्म से भी हो सकती है या संक्रमण, हार्ट अटैक और अन्य हृदय संबंधी रोग व क्षति के कारण भी हो सकती है। हृदय वाल्व रोग का मुख्य संकेत दिल के धड़कने की असाधारण ध्वनि होती है, जिसे हार्ट मर्मर (Heart Murmur) कहा जाता है। हार्ट मर्मर की आवाज को डॉक्टर स्टेथोस्कोप की मदद से सुन पाते हैं, पर कई लोगों में बिना किसी समस्या के भी ऐसी आवाजें सुनाई देती है। अगर आपको हृदय वाल्व रोग है तो टेस्ट की मदद से उसका पता लगाया जा सकता है। वाल्व संबंधी कुछ समस्याएं काफी मामूली होती हैं, जिन्हें उपचार की आवश्यकता नहीं होती। लेकिन कुछ मामलों लोगों को वाल्व की मरम्मत करने या उसे बदलने के लिए दवाओं, मेडिकल प्रक्रियाओं या सर्जरी आदि की जरूरत पड़ती है। हृदय वाल्व रोग या वाल्वुलर हृदय रोग (Heart Valve Disease or Valvular Heart Disease) एक गंभीर बीमारी है। लेकिन अगर समय पर इसके लक्षणों को पहचान लिया जाए, तो इसे ठीक भी किया जा सकता है। दरअसल, हमारे दिल में चार तरह के वाल्व (Valve) होते हैं, जो खून के दिल में जाने पर खुलते हैं और खून के विपरीत दिशा में जाने पर बंद हो जाते हैं। लेकिन जब ये वाल्व खराब होते हैं, तो ये संकुचित और कठोर (Compressed and Hardened) हो जाते हैं। जिसकी वजह से वाल्व ब्लड के आने-जाने पर खुले या बंद नहीं हो पाते हैं। इसी स्थिति को हृदय वाल्व रोग (Heart Valve Disease) कहते हैं। इसमें हमारे हृदय के वाल्व काम करना बंद कर देते हैं। हृदय वाल्व रोग जन्म से भी हो सकता है। यह ज्यादातर मामलों में जन्मजात ही पाया जाता है। इतना ही नहीं हार्ट अटैक आने या दिल को कोई क्षति पहुंचने पर भी यह समस्या पैदा हो सकती है। हृदय वाल्व रोग एक गंभीर समस्या है, लेकिन सभी मामलों में नहीं। कुछ मामलों में इसे मामूली दवाओं से ठीक किया जा सकता है। लेकिन कुछ मामलों में इसके लिए मेडिकल प्रक्रिया और सर्जरी (Medical Procedures and Surgery) की जरूरत पड़ती है। हृदय वाल्व रोग के प्रकार (Types of Heart Valve Disease)हृदय वाल्व रोग दो तरह के होते हैं। इसमें वाल्व्युलर स्टेनोसिस और वाल्व्युलर अपर्याप्तता शामिल होते हैं। इसमें वाल्व या तो खुल नहीं पाते हैं या फिर बंद नहीं हो पाते हैं। जानें इसके प्रकार के बारे में- वाल्व्युलर स्टेनोसिस (Valvular Stenosis) : इस स्थिति में वाल्व पूरी तरह से खुल नहीं पाते हैं। जिससे दिल को ब्लड पंप करने में काफी मुश्किल होती है। वाल्व्युलर अपर्याप्तता (Valvular Insufficiency) : इस स्थिति में वाल्व पूरी या अच्छी तरह से बंद नहीं हो पाते हैं। जिससे ब्लड बाहर नहीं निकल पाता और वाल्व में ही रिसने लगता है। इसकी वजह से पूरे शरीर में खून की कमी हो जाती है। ऐसी स्थिति कई बार बेहद खतरनाक हो सकती है। इसे भी पढ़ें - क्या है हार्ट फेल्योर का आखिरी स्टेज? जानें इसके लक्षण, कारण और बचाव हृदय वाल्व रोग के लक्षण (Symptoms of Heart Valve Disease)वॉकहार्ट अस्पताल, मुंबई सेंट्रल के कंसल्टेंट कार्डियोलॉजिस्ट डॉक्टर नईम हसनफट्टा (Dr Naeem hasanphatta, Consultant cardiologist, Wockhardt Hospital, Mumbai Central) बताते हैं कि हृदय वाल्व रोग के लक्षण इसकी गंभीर के आधार पर अलग-अलग हो सकते हैं। जरूरी नहीं है कि सभी हृदय रोगियों में एक ही तरह के लक्षण नजर आए। यह रोग की गंभीरता पर निर्भर करता है कि व्यक्ति में कैसे और कितने गंभीर लक्षण नजर आ रहे हैं। अगर आपको नीचे बताए जा रहे कोई लक्षण नजर आता है, तो इन्हें बिल्कुल भी नजरअंदाज न करें। समय रहते डॉक्टर से संपर्क करें और अपना इलाज करवाएं। इससे आप इस रोग को हरा सकते हैं और पूरी तरह से ठीक हो सकते हैं।
हृदय वाल्व रोग के कारण (Causes of Heart Valve Disease)हृदय वाल्व रोग होने के पीछे कई कारण जिम्मेदार होते हैं। ज्यादातर मामलों में हृदय वाल्व रोग जन्मजात होता है। लेकिन हाइपरटेंशन यानी उच्च रक्त चाप (Hypertension), डायबिटीज (Diabetes), मोटापा (Obesity) और भी अन्य कई ऐसे कारण हैं, जो हृदय वाल्व रोग के जिम्मेदार होते हैं।
बुजुर्गों, डायबिटीज, हाइपरटेंशन के मरीजों को हृदय वाल्व रोग होने की संभावना काफी ज्यादा होती हैं। इन्हें इससे काफी जोखिम होता है। इन्हें हृदय रोग होने पर सर्जरी की जरूरत पड़ सकती है। लेकिन कुछ मामलों में दवाओं से भी इसे ठीक किया जा सकता है। ऐसे में इसका बचाव करना बहुत जरूरी होता है। आप नीचे बताए गए इन बचाव टिप्स को जरूर फॉलो करें। इसे भी पढ़ें - कोविड से ठीक होने के बाद दिख रहे ये 4 लक्षण हो सकते हैं हार्ट मसल्स में कमजोरी का संकेत हृदय वाल्व रोग से बचाव (Heart Valve Disease Prevention)फ्लोर्स अस्पताल, गाजियाबाद के कंसल्टेंट फिजिशियन और क्लीनिकल कार्डियोलॉजिस्ट डॉक्टर आशीष श्रीवास्तव (Clinical Cardiologist Doctor Ashish Srivastava of Floors Hospital, Ghaziabad) बताते हैं कि किसी भी बीमारी से बचने के लिए उसके लक्षणों में कमी करना जरूरी होता है। लक्षणों में कमी करके बीमारी से काफी हद तक बचा जा सकता है। वैसे तो हृदय वाल्व रोग होने के बाद इसका इलाज करवाना जरूरी होता है। लेकिन अगर आप कुछ जरूरी बातों पर ध्यान देंगे तो इसके लक्षणों को कम किया जा सकता है और इससे काफी हद तक राहत मिल सकती है। लेकिन इसका इलाज जरूरी होता है।
हृदय वाल्व रोग के इलाज के दौरान डॉक्टर मरीज को दवाई देने के साथ ही धूम्रपान और शराब छोड़ने की सलाह भी देते हैं। इसके साथ ही उन्हें बैलेंस और अच्छी डाइट लेने को भी कहा जाता है। हृदय वाल्व रोग से पीड़ित लोगों को नियमित रूप से एक्सरसाइज करनी चाहिए। आप चाहें तो अपने डॉक्टर से ही इसके लिए बेस्ट एक्सरसाइज भी पूछ सकते हैं। अगर आप इन सभी बचाव टिप्स को फॉलो करेंगे तो आप दवाईयों से ही रिकवर हो सकते हैं। वाल्व हृदय रोग के लक्षण दिखने पर आपको अपने डॉक्टर से संपर्क करने की जरूरत होती है। अगर आपको अपने दिल से आसान्य आवाजें आ रही हैं, तो भी आपको एक बार डॉक्टर से कंसल्ट करना जरूरी होता है। इसके बाद डॉक्टर आपके रोग की गंभीरता को देखते हुए दवाइयां प्रिस्क्राइब करते हैं। अगर हृदय का वाल्व काफी खराब हो जाता है, तो ऐसे में सर्जरी की जरूरत पड़ती है। वाल्व हृ्दय रोग को ठीक किया जा सकता है, लेकिन शुरुआत में इसे नजरअंदाज किया गया तो यह जानलेवा भी हो सकती है। हार्ट वाल्व की बीमारी कैसे होती है?प्रत्येक वाल्व यह सुनिश्चित करता है कि रक्त फ्लैप (पत्रक) और प्रत्येक दिल की धड़कन के दौरान खुलने और बंद होने की मदद से एक दिशा में हृदय के माध्यम से बहता है। जब इनमें से कोई भी वाल्व इच्छित तरीके से काम करना बंद कर देता है, तो स्थिति को हृदय वाल्व रोग या वाल्वुलर हृदय रोग के रूप में जाना जाता है।
क्या ओपन हार्ट सर्जरी के बिना हार्ट वाल्व को बदला जा सकता है?ऐसे में मरीज का ट्रांस कैथेटर एओर्टिक वॉल्व रिप्लेसमेंट (टीएवीआर) किया गया। टीएवीआर में ओपन हार्ट सर्जरी की जरूरत नहीं पड़ती है। मरीज के पैर की नस के जरिए वॉल्व को दिल तक ले लाया जाता है। पुराने वॉल्व के अंदर नए वॉल्व को गुब्बारे की मदद से स्थापित कर दिया जाता है।
सबसे आम हृदय वाल्व रोग क्या है?सबसे आम हृदय रोग क्या हैं? हृदय रोग का सबसे आम प्रकार कोरोनरी हृदय रोग (सीएचडी) है। यह तब होता है जब हृदय को रक्त की आपूर्ति करने वाली धमनियां प्लाक बिल्डअप के कारण संकीर्ण या कठोर हो जाती हैं। पट्टिका वसा, कोलेस्ट्रॉल और अन्य रक्त-जनित पदार्थों से बनी होती है।
वाल्व रिसाव का क्या कारण हो सकता है?र्यूमैटिक हार्ट डिजीज, स्ट्रेप्टोकोकल नामक जीवाणु (बैक्टीरिया) के संक्रमण से उत्पन्न होता है। ये जीवाणु हृदय के वाल्व में सिकुड़न पैदा कर देते हैं। परिणामस्वरूप, हृदय के वाल्व थिक हो जाते हैं और सिकुड़ जाते हैं।
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