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गुजरात 24 अप्रैल 2020 APMC मंडी भाव, अन्य फसलों का मंडी भाव को जानें।
हर दिन किसानो के लिए गुजरात फसलों की APMC मंडी भाव के बारे में जानकारी। Wholesale Price of Wheat: केंद्र सरकार ने साफ कर दिया है कि इस साल पिछले वर्ष के मुकाबले गेहूं उत्पादन में सिर्फ 36 लाख मिट्रिक टन की कमी है, इसके बावजूद उत्तर प्रदेश की कई मंडियों में गेहूं का दाम अब भी न्यूनतम समर्थन मूल्य से ज्यादा है.इस बार खुले बाजार में गेहूं की बिक्री कर लाभ कमा रहे किसान. Image Credit source: PTI (फाइल फोटो) गेहूं एक्सपोर्ट पर रोक लगाने के 10 दिन बाद भी इसकी रेट में खास कमी दिखाई नहीं दे रही है. अब भी देश की तमाम मंडियों में इसका दाम न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) से ज्यादा ही चल रहा है. देश के सबसे बड़े गेहूं उत्पादक राज्य उत्तर प्रदेश की मंडियों में भी यही हाल है. सोमवार को कई मंडियों में इसका औसत भाव 2100 से रुपये प्रति क्विंटल से ऊपर था. जबकि, सरकार ने घरेलू महंगाई को काबू करने के लिए एक्सपोर्ट पर रोक लगाई थी. अब जबकि केंद्र ने स्पष्ट किया है कि उत्पादन में सिर्फ 36 लाख मिट्रिक टन की ही कमी आएगी फिर भी बाजार में गेहूं का भाव (Wheat Price) सरकारी मंडियों से ज्यादा ही मिल रहा है. आखिर इसकी वजह क्या है? सरकारी खरीद लक्ष्य से आधी भी नहीं हुई है. हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल का इसे लेकर दर्द छलक पड़ा. एक सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि प्रदेश भर में मंडियां खुली हुई हैं, लेकिन देखने में आ रहा है कि गेहूं मंडी में नहीं आ रहा है. सरकार ने मंडियों को दोबारा खोलने की घोषणा कर रखी है, तब तक मंडियों में सिस्टम बना रहेगा. किसान अब भी गेहूं बेचने आ सकता है. मतलब साफ है कि किसानों को एमएसपी से ज्यादा दाम अब भी मिल रहा है इसलिए एक मुख्यमंत्री इस तरह की बात कहने पर मजबूर है. इन मंडियों में एमएसपी से ज्यादा रहा गेहूं का न्यूनतम दामअब बात करते हैं यूपी की, जो अकेले देश का करीब 35 फीसदी गेहूं पैदा करता है. यहां की कई मंडियों में गेहूं का न्यूनतम दाम भी एमएसपी से ज्यादा ही है. केंद्र सरकार ने 2022-23 के लिए गेहूं का एमएसपी 2015 रुपए प्रति क्विंटल तय किया हुआ है. जबकि फतेहपुर सीकरी, फिरोजाबाद, मथुरा, मेरठ, कोसीकलां, गाजियाबाद, हाथरस, मुजफ्फरनगर और आगरा की अनाज मंडियों में गेहूं का न्यूनतम दाम भी 23 मई को एमएसपी से अधिक रहा. कृषि विशेषज्ञ बिनोद आनंद का कहना है कि दुनिया के कई देशों में गेहूं का उत्पादन कम होने का अनुमान है. इसके बड़े उत्पादक देश रूस और यूक्रेन युद्ध (Russia-Ukraine war) में उलझे हुए हैं. इसलिए किसानों को लगता है कि अभी बेचने की बजाय स्टोर करना ज्यादा लाभदायक हो सकता है. अभी-अभी तो गेहूं का सीजन खत्म हुआ है. अभी दाम में तेजी है तो आगे तो और फायदा हो सकता है. यह सोचकर किसान गेहूं रोक कर रखे हुए हैं. देश में कितना होगा उत्पादनप्रमुख फसलों के तीसरे अग्रिम अनुमान के अनुसार साल 2021-22 के दौरान गेहूं का कुल उत्पादन 106.41 मिलियन टन होगा. जबकि सरकार ने 110 मिलियन टन उत्पादन का लक्ष्य रखा हुआ था. इस तरह उत्पादन में 36 लाख मिट्रिक टन की ही कमी आई है. फिर भी इस साल एक्सपोर्ट ज्यादा होने की वजह से मार्केट में गेहूं की तूती बोल रही है. बढ़ती महंगाई और कम उत्पादन को देखते हुए ही 13 मई को केंद्र सरकार ने इसके एक्सपोर्ट पर रोक लगा दी थी. यूपी की विभिन्न मंडियों में गेहूं का दाम
गेहूं के दाम में बनी रहेगी तेजीओरिगो ई-मंडी के असिस्टेंट जनरल मैनेजर (कमोडिटी रिसर्च) तरुण सत्संगी के मुताबिक सप्लाई कम रहने की वजह से गेहूं की कीमतों में तेजी बनी रहने के साथ ही खुले बाजार में गेहूं की मांग बनी रहेगी. लंबी अवधि यानी नई सप्लाई के पहले तक भाव गेहूं का भाव 3,000 रुपये प्रति क्विंटल के स्तर को पार कर सकता है. सरकार द्वारा निर्यात पर रोक के बाद सोमवार यानी 16 मई 2022 को घरेलू बाजार में गेहूं की कीमतों में करीब 3 फीसदी की गिरावट देखने को मिली थी. तरुण कहते हैं कि शॉर्ट टर्म में कारोबारियों की ओर से अपना स्टॉक निकालने की वजह से कीमतों में करेक्शन की आशंका है. हालांकि, गेहूं की कीमतों में ज्यादा कमजोरी के आसार कम ही हैं. 2022 में गेहूं का रेट कितना है?गेहूं का मूल्य वर्ष 2022–23 में 2015 रूपये प्रति क्विंटल था जो 5.45 प्रतिशत की वृद्धि के साथ बढ़कर 2125 रूपये प्रति क्विंटल कर दिया है। जौ का MSP पिछले वर्ष 1635 रूपये प्रति क्विंटल था जो इस वर्ष 6.11 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 1735 रुपए कर दिया है।
गुजरात में गेहूं का भाव कितना है?Gujarat Mandi Bhav Today. अहमदाबाद में गेहूं का क्या भाव है?Mandal Mandi Bhav Today. गेहूं का सरकारी रेट कितना है?यहां की कई मंडियों में गेहूं का न्यूनतम दाम भी एमएसपी से ज्यादा ही है. केंद्र सरकार ने 2022-23 के लिए गेहूं का एमएसपी 2015 रुपए प्रति क्विंटल तय किया हुआ है.
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