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आमतौर पर शरीर के ताप का घटना-बढ़ना, जिसे बुखार (bukhaar or fever meaning in hindi) कहते हैं, इसकी रोग-प्रतिरोधआत्मक प्रणाली का किसी बाहरी संक्रमण से मुक़ाबला करने का एक तरीका होता है। मगर, कई बार यह हो सकता है की आपका तापमान ज़्यादा बढ़ जाए और यह बुखार एक गंभीर समस्या बन सकता है । आइये जानते हैं हम इस लेख में (fever in hindi) बुखार के कारन, लक्षण, निदान और इलाज। बैक्टीरिया, वायरस, कवक और अन्य प्रकार के रोगाणुओं जैसे कई सूक्ष्म जीव मानव शरीर में प्रवेश करते हैं, लगभग हर दिन। प्रतिरक्षा प्रणाली आमतौर पर इन सूक्ष्म जीवों से लड़ती है, जो उन्हें शरीर के भीतर किसी भी बड़ी समस्या का कारण बनती रहती है। हालांकि, ऐसे समय हो सकते हैं जब प्रतिरक्षा प्रणाली उन सभी से लड़ नहीं सकती और उन्हें शरीर से खत्म नहीं कर पाती है। जब एक व्यक्ति प्रतिरक्षा प्रणाली इन हानिकारक वायरस को रोकने में विफल हो जाती है, तो वे आमतौर पर शरीर में संक्रमण का कारण बनती हैं। यह बाद में शरीर में बुखार (fever meaning in hindi) के तोर पेह पेश होता है । इसलिए वायरल बुखार – bukhaar – fever meaning in hindi – शब्द वायरस के कारण होने वाले कई प्रकार के संक्रमणों के लिए उपयोग किया जा सकता है। बुखार के लक्षण ( Symptoms Of Fever in Hindi )fever symptoms in hindi – fever hindi meaningकिसी प्रकार की बीमारी होने पर शरीर के द्वारा गयी प्रतिक्रियाएं जिससे हम मेडिकल भाषा में सिकनेस बिहेवियर(रोग आचरण) कहते हैं। इसी प्रकार बुखार (fever meaning in hindi) होने की स्तिथि में, आप यह बुखार के लक्षण (bukhaar ke lakshan or symptoms of fever in hindi) महसूस कर सकते हैं:
यदि बुखार तेज़ होता है, तो आप यह बुखार के लक्षण (bukhaar ke lakshan) के साथ चिड़चिड़ापन, भ्रम और दौरे भी महसूस कर सकते हैं। बुखार के कारण – Causes of Fever in Hindiबुखार के कारन – bukhaar ke karan कई होते हैंम, जैसे की:
बुखार का निदान – Fever Diagnosis in Hindiआम तौर पर बुखार का निदान (bukhaar ka needan) एक सरल प्रक्रिया है। जिसमें मरीज का तापमान लिया जाता है, और अगर ताप एक स्तर से ऊपर होता है तोह तो उससे बुखार (fever meaning in hindi) कहेंगे। ताप मापने वक़्त इस बात का ध्यान रखना चईये की पीड़ित विख्याति आराम की अवस्था में हो। क्यूंकि किसी भी प्रकार की शारारिक गतिविड़ी हमारे शरीर का तापमान बढ़ा सकती है। एक व्यक्ति को बुखार में पीड़ित कहा जाता है जब:
हमें यह याद रकना चईये की बुखार एक लक्षण (bukhaar ke lakshan) होता है और नाकि एक बीमारी। इसलिय जब डॉक्टर बुखार का पुष्टि करें चुके होते हैं तोह फिर यह मरीज़ को टेस्ट करवाने के लिए भेजता है। और उस टेस्ट के हिसाब से डॉक्टर आगे बीमारी या बुखार का निदान (bukhaar ka needan) करता है। बुखार का इलाज और घरेलु नुस्के – Treatment of Fever in Hindiकम ताप वाले बुखार के लिए आपको डॉक्टर की दवाई की ज़रुरत न पढ़ें। बल्कि कम ताप वाल्ला बुखार (bukhaar – fever meaning in hindi) हकीकत में हमारे शरीर के लिए फायदेमंद होता है क्यूंकि यह शरीर में बढे इन्फेक्शन को मार देता है। बुखार का इलाज
और पढ़िए: Khujli Ke Upay और Goosebumps Meaning in Hindi. जीवन शैली और घरेलू उपचार – Home Remedies for Fever in Hindiबुखार (fever in hindi) के दौरान आप या अपने बच्चे को आराम देने के लिए कई घरेलु नुस्के उसे कर सकते हैं:
बुखार का निवारण – Prevention Of Fever in Hindiबुखार (bukhaar in hindi – fever meaning in hindi) आम तौर पर जीवाणु या वायरल संक्रमण के कारण होते हैं। इसलिय अगर आप बुखार (fever meaning in hindi – bukhaar) से बचना चाहते ऐन तोह हमेशा स्वच्छता बनाये रखें। स्वच्छता प्रथाएं संक्रमण को विकसित करने के जोखिम को कम करने में मदद करता हैं। इसमें भोजन के पहले और बाद में हाथ धोने और शौचालय जाने के बाद किसी व्यक्ति को संक्रमण के कारण होने वाले बुखार (fever in hindi – bukhaar ) के संक्रमण के संक्रमण को रोकने के लिए अन्य लोगों के साथ जितना संभव हो उतना कम संपर्क होना चाहिए। जो भी रोगी की देखभाल कर रहे हैं उसे नियमित रूप से गर्म साबुन और पानी से हाथ धो लें। 106 डिग्री बुखार होने पर क्या होता है?इस दौरान मरीजों को 104 व 105 डिग्री से अधिक बुखार, जोड़ो में दर्द, शरीर में अकड़न व शरीर टूट जाता है। मरीज में ये लक्षण होने पर तुरंत स्वास्थ्य संस्थानों में जांच व उपचार करना चाहिए। स्क्रब टाइफस से बचाव के लिए व्यक्तिगत स्वच्छता, घर के आस-पास खरपतवार निकालने व तन में पुरे कपड़े डालकर घास के बीच जाना चाहिए।
104 बुखार आने पर क्या करना चाहिए?ध्यान रहे कि अगर आपका बुखार 104 डिग्री फारेनहाइट से ज्यादा है तो यह बेहद खतरनाक भी हो सकता है. ऐसे में आपको तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए.
107 डिग्री बुखार होने पर क्या होता है?हाई ग्रेड फीवर - यदि शरीर का तापमान 103 से 104 डिग्री फारेनहाइट है, तो स्थिति को हाई ग्रेड फीवर की श्रेणी में रखा जाता है। डेंजरस ग्रेड फीवर - यह बुखार का सबसे घातक प्रकार है, जिसमें शरीर का तापमान 104 से 107 डिग्री फारेनहाइट तक बढ़ जाता है। यह आमतौर पर किसी अंदरूनी गंभीर बीमारी का संकेत देता है।
103 बुखार होने पर क्या करना चाहिए?इस बात का ध्यान रखें कि अगर बुखार 102-103 डिग्री या इससे ज्यादा है तो आपको चिकित्सक से मिलना चाहिए. इसके अलावा लाइट सेंसटिविटी, गले में दिक्कत, सांस लेने में परेशानी, लूज मोशन या अन्य कोई कॉम्प्लिकेशन नजर आए तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए, वरना कंडीशन काफी गंभीर हो सकती है.
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