सीहोर का दूसरा नाम क्या है? - seehor ka doosara naam kya hai?

सीहोर मालवा क्षेत्र के मध्य में विंध्याचल रेंज की तलहटी में है। सीहोर का एक लंबा और गौरवशाली इतिहास है। शैव, शक्ति, जैन, वैष्णव, बुद्धवादियों और नाथ पुजारी ने सीहोर को अपने गहरे ध्यान की एक महत्वपूर्ण जगह बना दी है। सीहोर भोपाल संपत्ति का एक हिस्सा था। मध्यप्रदेश के गठन के बाद, राज्य की राजधानी भोपाल सीहोर जिले का हिस्सा था। इसे 1972 में विभाजित किया गया था और एक नया जिला भोपाल का गठन किया गया था।

प्राचीन काल से संकेत मिलता है कि योग संप्रदाय के शानदार संस्थापक महर्षि पतंजलि ने प्रार्थना और पूजा में कुछ समय यहां बिताया। लोक-साहित्य भी भगवान राम, लक्ष्मण और सीता के विभिन्न स्थानों पर जाने का संकेत देता है। सीहोर में बहुत सारे मंदिर, मथस, श्राइन, मस्जिद, महान ऐतिहासिक और धार्मिक पुरातनता के चर्च हैं। इसी तरह से, सीहोर सांप्रदायिक सद्भाव और सजातीय संस्कृति की अपनी गौरवपूर्ण परंपरा को समेटे हुए है।

“सिद्धपुर” सीहोर का पुराना नाम है। सीवन नदी से मिले एक चट्टान के अनुसार, इसका नाम “सिद्रपुर” से मिला है। एक पुराने दस्तावेज के मुताबिक सीहोर का नाम “शेर” या Lion के एंग्लो-इंडियन विचलन से अंग्रेजों द्वारा उच्चारण किया गया है, क्योंकि Lion या “शेर” पास के जंगलों में बड़ी संख्या में थे।

सीहोर अवंती का एक अभिन्न हिस्सा रहा है। बाद में यह मगध राजवंश, चंद्रगुप्त प्रथम, हर्षवर्धन, अशोक महान, राजा भोज, पेशवा प्रमुख, रानी कमलावती और भोपाल राजवंश के नवाबों के प्रशिक्षण में था। सीहोर राजनीतिक एजेंट और अंग्रेजों के निवास का मुख्यालय बना रहा।

सीहोर के परिदृश्य में बड़ी और छोटी नदियां हैं। नर्मदा, पार्वती, दुधी, नवज, कोलार, पापनास, कुलान, सीवन, लोटिया और अन्य नदियां बिखरी हुई मूर्तियों के रूप में उनकी खोई गई महिमा की दुखी कहानी बताती हैं। भगवान विष्णु, गणेश, शिव, पार्वती, नंदी, गरुड़, भगवान महावीर, गौतम बुद्ध, अप्सरा और परी की मूर्तियों  विभिन्न रूपों और मुद्राओं में पायी गयी है।

सीहोर ने भारत की स्वतंत्रता आंदोलन (1857 आंदोलन) में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। यूनियन जैक के स्थान पर “निशन-ए-महावीर और निशन-मोहम्मद” फंसे हुए रहे। भोपाल के नवाब हमेशा अंग्रेजों के प्रति वफादार बने रहे। इसके कारण सीहोर से अंग्रेजों को बाहर निकालने के लिए देशभक्तों के प्रयासों पर भारी प्रभाव पड़ा।

15 अगस्त 1 9 47 को भारत को आजादी मिली। लेकिन एक भयंकर संघर्ष के बाद भी भोपाल की संपत्ति 1949 और । लेकिन यहां तक कि एक भयंकर संघर्ष के बाद भी भोपाल की संपत्ति 1949 तक भारत राज्य में विलय नहीं हुई।

सीहोर को शिक्षाविदों और साहित्य के क्षेत्र में अपनी उपलब्धि का सम्मान मिला है। लैनसिट लिकिंसन,

राजनीतिक एजेंट ने 1835- 40 में “अभ्यन शकुंतलम” का पहला अंग्रेजी अनुवाद स्थापित किया था।

1835 में राजनीतिक एजेंट लिकिंसन द्वारा स्थापित सीहोर के उच्च विद्यालय के श्री हिदाउल्लाह (पूर्व मुख्य न्यायाधीश, सर्वोच्च न्यायालय और भारत के उपाध्यक्ष) श्री लंचू [पूर्व मुख्य न्यायाधीश] मिर्जा फाईम बेघ [मुख्य अभियंता] जैसे श्रेष्‍ठ छात्र हैं।

गुजरात राज्य में इस से मिलते-जुलते नाम के शहर के लिए सिहोर का लेख देखें

सीहोर
Sehore
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विमान से सीहोर का दृश्य

सीहोर का दूसरा नाम क्या है? - seehor ka doosara naam kya hai?

सीहोर का दूसरा नाम क्या है? - seehor ka doosara naam kya hai?

सीहोर

मध्य प्रदेश में स्थिति

निर्देशांक: 23°12′N 77°05′E / 23.20°N 77.08°Eनिर्देशांक: 23°12′N 77°05′E / 23.20°N 77.08°E
देश
सीहोर का दूसरा नाम क्या है? - seehor ka doosara naam kya hai?
 
भारत
राज्यमध्य प्रदेश
ज़िलासीहोर ज़िला
शासन
 • प्रणालीमहापौर-परिषद
 • सभासीहोर नगर पालिका परिषद
ऊँचाई502 मी (1,647 फीट)
जनसंख्या (2011)
 • कुल1,09,118
भाषा
 • प्रचलितहिन्दी
समय मण्डलभामस (यूटीसी+5:30)
पिनकोड466001
दूरभाष कोड07562
वाहन पंजीकरणMP-37
वेबसाइटsehore.nic.in

सीहोर (Sehore) भारत के मध्य प्रदेश राज्य के सीहोर ज़िले में स्थित एक नगर है। यह उस ज़िले का मुख्यालय भी है।[1][2]

विवरण[संपादित करें]

सीहोर मालवा क्षेत्र के मध्य में विंध्याचल श्रेणी की तलहटी में स्थित है। सीहोर का एक लंबा और शानदार अतीत है। शैव, शाक्त, जैन, वैष्णव, बौद्ध और नाथ पुरोहितों ने सीहोर को अपने गहन ध्यान की महत्वपूर्ण सीट बनाया। सीहोर भोपाल एस्टेट का एक हिस्सा था। मध्य प्रदेश के गठन के बाद। 1972 में इसका विभाजन हुआ और एक नया जिला भोपाल बना।

इतिहास[संपादित करें]

सीहोर ब्रिटिश राज में बसाया गया शहर है जो कि आज भी उस दौर के कई पुरातात्‍विक महत्‍व के भवनों को समेटे हुए है। मध्‍य प्रदेश का एक सुप्रसिद्ध देवी मंदिर सलकनपुर में है। यहां पर पहाड़ की ऊंची टेकरी पर बीजासन देवी की पिंडी है और हजारों की संख्‍या में श्रद्धालू यहां पर दर्शनों के लिये देश भर से आते हैं विशेषकर नवरात्रि में तो ये संख्‍या काफी बढ़ जाती है। मध्‍य प्रदेश के सीहोर जिले में स्थित ये मंदिर राजधानी भोपाल से 80 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। राजधानी से 84 किलोमीटर दूरी पर सारू मारू की गुफाएँ स्थित है, जो कि बौद्ध धर्म से संबंधित हैं। यहाँ पर विशाल स्तूप एवं गुफाएँ हैं। इनके अलावा यहाँ पर पेशवाकालीन गणेश मन्दिर भी है।

इन्हें भी देखें[संपादित करें]

  • सीहोर ज़िला
  • सिपाही बहादुर सरकार

सन्दर्भ[संपादित करें]

  1. "Inde du Nord: Madhya Pradesh et Chhattisgarh Archived 2019-07-03 at the Wayback Machine," Lonely Planet, 2016, ISBN 9782816159172
  2. "Tourism in the Economy of Madhya Pradesh," Rajiv Dube, Daya Publishing House, 1987, ISBN 9788170350293

सीहोर का पुराना नाम क्या है?

“सिद्धपुर” सीहोर का पुराना नाम है। सीवन नदी से मिले एक चट्टान के अनुसार, इसका नाम “सिद्रपुर” से मिला है।

सीहोर का हिंदी क्या होगा?

हिन्दी, इंग्लिश और उर्दू में सिहोर के अर्थ एक कँटीला वृक्ष।

सीहोर क्यों प्रसिद्ध है?

सीहोर जिला आकर्षक पर्यटन स्थलों, सांस्कृतिक, ऐतिहासिक धार्मिक मंदिरों, मस्जिदों, चर्चों और गुरुद्वारों से अभिभूत है। सरूर-मारू की गुफाएँ, तिनपुरा, गिन्नौरगढ़ किला, सीहोर जिले का एक प्रसिद्ध ऐतिहासिक स्थान है। कालियादेव, नर्मदा, तवा और संगम बांद्रा पर स्थित सुंदर झरने पर्यटकों में आनंद लेते हैं।

सीहोर कौन से जिले में आता है?

सीहोर (Sehore) भारत के मध्य प्रदेश राज्य के सीहोर ज़िले में स्थित एक नगर है। यह उस ज़िले का मुख्यालय भी है।