फ्यूज के कार्य करने का सिद्धांत क्या है? - phyooj ke kaary karane ka siddhaant kya hai?

फ्यूज का कार्य सिद्धांत

जैसा कि हम सभी जानते हैं, जब कंडक्टर के माध्यम से वर्तमान बहता है, कंडक्टर गर्म हो जाएगा क्योंकि वहां एक निश्चित प्रतिरोध है, और गर्मी मूल्य निम्नलिखित सूत्र का पालन करता है, अर्थात्

क्यू = I2RT 0.24

कहां, क्यू कैलोरीमूल्य है; मैं कंडक्टर के माध्यम से बहने वाली धारा है;

आर कंडक्टर का प्रतिरोध है कंडक्टर के माध्यम से प्रवाहित करने के लिए वर्तमान के लिए समय है। इस फॉर्मूले के मुताबिक फ्यूज के सिंपल वर्किंग सिद्धांत को देखना मुश्किल नहीं है। जब फ्यूज और उसके आकार को बनाने के लिए सामग्री निर्धारित की जाती है, तो इसका प्रतिरोध आर अपेक्षाकृत निर्धारित होता है (फ्यूज के प्रतिरोध तापमान गुणांक को छोड़कर)। जब एक बिजली के प्रवाह फ्यूज के माध्यम से बहती है, यह तपता है, और इसकी गर्मी उत्पादन समय के साथ बढ़ जाती है । वर्तमान और प्रतिरोध उस दर को निर्धारित करते हैं जिस पर गर्मी उत्पन्न होती है, और फ्यूज का निर्माण और स्थापना उस दर को निर्धारित करती है जिस पर गर्मी का क्षय होता है।

यदि गर्मी उत्पादन की दर गर्मी अपव्यय की दर से कम है, फ्यूज फ्यूज नहीं होगा; यदि गर्मी जनरेशन की दर गर्मी के अपव्यय की दर के बराबर होगी तो यह लंबे समय तक फ्यूज नहीं होगी। यदि गर्मी पैदा करने की गति गर्मी अपव्यय की गति से अधिक है, तो उत्पन्न गर्मी अधिक से अधिक होगी, और क्योंकि इसमें एक निश्चित विशिष्ट गर्मी और द्रव्यमान है, तापमान वृद्धि के प्रदर्शन पर इसकी गर्मी का बढ़ना, जब तापमान फ्यूज के पिघलने बिंदु तक बढ़ जाता है।

इस तरह फ्यूज काम करते हैं। यह इस सिद्धांत से जाना जाना चाहिए कि चयनित सामग्रियों के भौतिक गुणों को डिजाइन और विनिर्माण फ़्यूज़ करते समय सावधानीपूर्वक अध्ययन किया जाना चाहिए, और उनके पास लगातार ज्यामितीय आयाम हैं। ये कारक फ्यूज के सामान्य संचालन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। फिर, इसका उपयोग करते समय, इसे सही ढंग से स्थापित करना सुनिश्चित करें।

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Vidyut fuse kis niyam ke anusar karya karta hai:- दोस्तों आज हम लोग साइंस के एक महत्वपूर्ण कांसेप्ट विद्युत फ्यूज के बारे मे जानेंगे जोकि है कि विद्युत फ्यूज क्या है और विद्युत फ्यूज किस नियम के अनुसार कार्य करता है। तो यदि आप विद्युत फ्यूज से जुड़ी जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं तो कृपया इस आर्टिकल को पूरा अंत तक पढ़े और इस आर्टिकल के साथ बने रहे और चलिए इस आर्टिकल को शुरू करते है।

विद्युत फ्यूज, विद्युत धारा के विद्युत के ऊष्मीय प्रभाव पर कार्य करता है। आपको मालूम होगा कि विद्युत परिपथों की बेहतरीन सुरक्षा के लिए सबसे आवश्यक युक्ति विद्युत फ्यूज ही होता है। विद्युत फ्यूज में ऐसे तार का एक महीन टुकड़ा होता है, जिसके पदार्थ का गलनांक यानी कि गलने का क्षमता बहुत कम होता हे।

जब विद्युत परिपथ में ओवर लोड  या लघुपथन के कारण बोर्ड से बहुत अधिक धारा प्रवाहित हो जाती है, तब विद्युत फ्यूज का तार गरम हो कर के अपने आप पिघल जाता है,

जिसके बाद विद्युत परिपथ में धारा का प्रवाह टूट जाता है और उस में धारा प्रवाहित होनी पूरी तरह से बंद हो जाती है। आमतौर पर विद्युत फ्यूज सदैव विद्युमन्य तार में लगाया जाता है। हमने आपको ऊपर में भी बताया है कि यह विद्युत के ऊष्मीय प्रभाव के सिद्धांत पर कार्य करता है।

विद्युत फ्यूज क्या है ? (What is electric fuse in hindi)

दोस्तों हम आपके जानकारी के लिए बता दे कि Electric fuse एक protective system होता है। जो मुख्य रूप से electric wire में आने वाले बड़ी समस्याओं के लिए लगाया जाता है। Electric fuse मेन circuit में सीरीज क्रम में लगाया जाता है।

Electric fuse में एक metal का पतला और छोटा सा तार मौजूद होता है। जब circuit में overload जैसे स्थिति आती है तो परिपथ में धारा का मान अपने आप ही अत्यधिक बढ़ जाता है और जब यह अत्यधिक धारा एक छोटे से पतले तार से होकर जाती है।

तो Joule के नियम अनुसार (I2Rt) Electric fuse का पतला और छोटा सा तार में गर्मी पैदा होती है और Electric fuse वायर पिघल जाती है। जिस से परिपथ का लोड और circuit लोड से electric connection कट जाता है।

तो दोस्तों कुछ इस प्रकार से हमारे घर में आने वाले बड़े समस्याओं से हम बच जाते हैं और घर में कई सारे विभिन्न विभिन्न प्रकार के महंगी महंगी समाने भी बच जाती हैं।

विद्युत फ्यूज में कौन कौन से गुण होते है?

दोस्तों विद्युत फ्यूज हमारे घर के लिए काफी आवश्यक सामान होता है मगर इसे बनाने के लिए कुछ चीजों की आवश्यकता होती है और इसमें कुछ गुण होते हैं। तब जाकर के यह विद्युत फ्यूज बनता है हमने नीचे में स्टेप बाय स्टेप करके बताया है कि विद्युत फ्यूज में कौन-कौन से गुण होते हैं तो आप उन्हें ध्यान से पढ़े और समझे।

Electric fuse के तार वोल्टेज के हिसाब से लो मेल्टिंग प्वाइंट वाला होना चाहिए ताकि विधुत परिपथ में किसी भी प्रकार के फाल्ट आने पर तेजी से  पिघल जाए और circuit को ब्रेक कर दे।

Electric fuse तार हाई कंडक्टिविटी और लो रेजिस्टविटी का होना चाहिए। अतः इस के लिए चांदी का तार सबसे जबरजस्त होता है लेकिन चांदी धातु बहुत ज्यादा कॉस्टली होता है और यह महंगा भी होता है तो अतः इसका इस्तेमाल लगभग ना के बराबर होता है।

क्या आपको मालूम है कि 10 एम्पियर से कम वाले circuit में टिन और लेड और के मिश्र धातु से बने Electric fuse का प्रयोग किया जाता है। इसमें खास तौर से 63 % टिन तथा 37% लेड का प्रयोग किया जाता है।

Electric fuse, inverse-current characteristics की तरह ही व्यवहार करता है। इस में जब फ्यूजिंग current का मान बढ़ता है। तथा circuit break करने की timing घट जाती है।

Electric fuse का कॉस्ट कम होने चाइए। जैसे की कॉपर, टिन & लेड फ्यूज, इत्यादि के जैसा। तो दोस्तों कुछ यही सब गुण होते हैं जो इलेक्ट्रिक फ्यूज में पाए जाते हैं।

  • फेहलिंग अभिकर्मक किसे कहते है

फ्यूज किसे कहते हैं इसका प्रयोग कब करते हैं?

फ्यूज एक प्रकार का इलेक्ट्रिक कॉम्पोनेंट होता है जिसका उपयोग हम अपने घर में सर्किट से होने वाली समस्याओं से बचने के लिए करते हैं और इसका उपयोग ढेर सारी electric चीजों के बचाव में भी किया जाता है।

विद्युत फ्यूज क्या कार्य करता है?

इलेक्ट्रिक समस्याओं से बचने के लिए विद्युत फ्यूज का उपयोग किया जाता है विद्युत फ्यूज बहुत बेहतरीन तरीके से काम करता है। जब किसी विद्युत परिपथ में ओवरलोड जैसे स्थिति आती है तो वह फाल्ट मारने से पहले पिघल जाता है।

फ्यूज वायर कौन सी धातु की बनी होती है?

हम आपके जानकारी के लिए बता दे कि फ़्यूज तार सीसा, टिन, और बिस्मथ नामक कुछ महत्वपूर्ण धातुओं को मिलाकर बनाया गया मिश्रधातु है।

जिस में कभी-कभी cadmium ” कैडमियम ” नामक धातु भी मिलाया गया होता है। फ्यूज तार का प्रतिरोध और गलनांक दोनों ही कम होते हैं।

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फ्यूज का प्रतिरोध कितना होता है?

जूल के नियम से H=i2Rt4.2, अर्थात R का मान उच्च होने पर उत्पन्न ऊष्मा भी अधिक होगी। इसीलिए दोस्तों फ्यूज तार का प्रतिरोध उच्च होना चाहिये क्योंकि श्रेणीक्रम में धारा समान रहती है,।

घरेलू वायरिंग में फ्यूज का क्या उपयोग है?

दोस्तों आप ने अक्सर देखा होगा कि कभी कभी घरों में electric के तारों में short circuit हो जाता है, तो वैद्युत परिपथ का प्रतिरोध एकदम से कम हो जाता है तथा परिपथ में अपने आप ही बहुत अधिक धारा बहने लगती है।

आमतौर पर परिपथ में लगे रेडियो, पंखे, बल्ब, आदि जलने का डर मन मेब रहता है तथा आग कक संभावना बन सकती है। इस से बचने के लिए फ्यूज तार मुख्य लाइन के साथ श्रेणीक्रम में जोड़ देते हैं और हमारी घरों का रक्षा करता है।

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video Source By :- GYANODAY KE GURU JI
[ अपने क्या सिखा ]

तो विद्युत फ्यूज के बारे में इतना सब जानकारी प्राप्त करने के बाद अब हमें उम्मीद है कि आप जान चुके होंगे कि Vidyut fuse kis niyam ke anusar karya karta hai. तो यदि आपको यह आर्टिकल पसंद आया है और आप इस आर्टिकल से सीखे है तो कृपया इस आर्टिकल को शेयर जरूर करें.. धन्यवाद

फ्यूज का सिद्धांत क्या है?

जब परिपथ में अतिभारण या लघुपथन के कारण बहुत अधिक धारा प्रवाहित हो जाती है, तब फ्यूज का तार गरम होकर पिघल जाता है, जिसके फलस्वरूप परिपथ टूट जाता है और उसमें धारा प्रवाहित होनी बंद हो जाती है। फ्यूज सदैव विद्युन्मय तार में लगाया जाता है। यह विद्युत के ऊष्णीय प्रभाव के सिद्धांत पर कार्य करता हैं।

फ्यूज कैसे काम करता है?

फ्यूज कैसे काम करता है Fuse को हमेशा ही electrical circuit के साथ Series में connect किया जाता है. जब excessive current या heat generate होती है heavy current flow के कारण circuit में, तब fuse melt हो जाता है क्यूंकि fuse के लिए इस्तमाल होने वाले element की low melting point होती है और इससे circuit open हो जाता है.

फ्यूज तार किस आधार पर कार्य करता है वह क्या है?

Detailed Solution. फ्यूज धारा के ऊष्मीय प्रभाव के सिद्धांत पर काम करता है। धारा का ऊष्मीय प्रभाव: जब धारा किसी प्रतिरोधक या किसी उपकरण से होकर गुजरती है, तो इसपर प्रतिरोध आरोपित होता है और इस प्रक्रिया में ऊष्मा उत्पन्न होती है।

फ्यूज के लिए क्या महत्वपूर्ण है?

फ्यूज के गुण: उच्च प्रतिरोध: फ्यूज का प्रतिरोध उच्च होना चाहिए ताकि यह परिपथ के माध्यम से बहने वाले उच्च धारा को रोक सके और पिघल जाए। निम्न गलनांक: फ्यूज तार का गलनांक निम्न होना चाहिए ताकि इसके माध्यम से अधिक धारा प्रवाहित होने पर यह तुरंत पिघल सके