प्रेगनेंसी में केसर खाने से क्या होता है - preganensee mein kesar khaane se kya hota hai

अगर आप प्रेग्नेंट हैं तो आपको अब तक कई लोगों से यह सलाह मिल चुकी होगी कि आपको गर्भावस्था में केसर वाला दूध पीना चाहिए या फिर किसी दूसरे तरह से भी केसर का सेवन करना चाहिए क्योंकि केसर खाने से होने वाले बच्चे का रंग गोरा होता है। आप इस बात पर भले ही यकीन ना करती हों लेकिन प्रेग्नेंसी में केसर का सेवन करना बेहद फायदेमंद है और यह प्रेग्नेंसी से जुड़े कई लक्षणों के साथ डील करने में आपकी मदद करता है। हालांकि कई दूसरी चीजों की ही तरह प्रेग्नेंसी में केसर खाने के फायदे भी हैं और कुछ नुकसान भी। अगर आपको इस बात की जानकारी नहीं है कि गर्भावस्था के दौरान कितनी मात्रा में केसर का सेवन करना चाहिए तो यह आपके लिए नुकसानदेह हो सकता है।

​क्या प्रेग्नेंसी में केसर का सेवन करना चाहिए?

प्रेगनेंसी में केसर खाने से क्या होता है - preganensee mein kesar khaane se kya hota hai

तो इस सवाल का जवाब है- हां प्रेग्नेंसी में केसर का सेवन करना पूरी तरह से सेफ है क्योंकि गोल्डन स्पाइस के नाम से मशहूर केसर में कई तरह के औषधीय गुण होते हैं। केसर, प्रेग्नेंसी के दौरान होने वाले स्ट्रेस को कम करता है, मूड स्विंग्स की समस्या को दूर करता है, किसी भी तरह के दर्द या तकलीफ को दूर करने में मदद करता है। हालांकि प्रेग्नेंसी में केसर यूज करते वक्त आपको कई तरह की सावधानियां बरतनी चाहिए। चूंकि केसर बहुत महंगा आता है इसलिए इसमें काफी मिलावट भी होती है। लिहाजा शुद्ध केसर की पहचान करने के बाद ही इसका सेवन करें। साथ ही ज्यादा केसर यूज करने से गर्भ में पल रहे बच्चे को नुकसान हो सकता है इसलिए 2 या 3 रेशे से ज्यादा केसर यूज ना करें। साथ ही केसर का सेवन प्रेग्नेंसी के 3 महीने के बाद से ही करना शुरू करें। प्रेग्नेंसी के शुरुआती 3 महीने में केसर का सेवन ना करें।

​प्रेग्नेंसी में केसर यूज करने के हैं कई फायदे- बीपी कंट्रोल करने में मददगार

प्रेगनेंसी में केसर खाने से क्या होता है - preganensee mein kesar khaane se kya hota hai

प्रेग्नेंसी के दौरान बहुत सी महिलाओं का हार्ट रेट करीब 25 प्रतिशत तक बढ़ जाता है जिस वजह से ब्लड प्रेशर ऊपर-नीचे होने लगता है। प्रेग्नेंसी में अगर ब्लड प्रेशर ज्यादा बढ़ जाए तो प्रीक्लैम्प्सिया की भी दिक्कत हो सकती है। ऐसे में केसर जिसमें पोटैशियम और क्रोसेटिन होता है ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने में मदद करता है। लिहाजा प्रेग्नेंसी में केसर का सेवन करना फायदेमंद हो सकता है।

​मूड स्विंग्स की समस्या होगी दूर

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गर्भावस्था के दौरान शरीर में हॉर्मोन्स से जुड़े कई तरह के बदलाव आते हैं और इन बदलावों का आपकी फीलिंग्स और मूड पर सीधा असर होता है। प्रेग्नेंसी के दौरान आपके साथ ऐसा भी हो सकता है कि आपको एक ही समय में गुस्सा भी आए, खुशी भी महसूस हो और इमोशनल भी फील हो रहा हो। ऐसे समय में केसर आपकी मदद कर सकता है। सैफ्रन यानी केसर ऐंटी-डिप्रेसेंट का काम करता है जो ब्रेन में ब्लड फ्लो को बेहतर बनाता है। साथ ही केसर के सेवन से सेरोटॉनिन नाम के हॉर्मोन का उत्पादन बढ़ता है जो स्ट्रेस को कम कर मूड को बेहतर बनाने के काम करता है।

​मॉर्निंग सिकनेस की समस्या होगी दूर

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प्रेग्नेंसी के शुरुआती दिनों में या फिर कई बार तो पूरी प्रेग्नेंसी के दौरान मॉर्निंग सिकनेस की समस्या रहती है। उल्टी आना, चक्कर आना, सिर घूमना जैसी दिक्कते मॉर्निंग सिकनेस कहलाती हैं। इस दौरान आपको ऐसा महसूस होता है मानो शरीर में एनर्जी नहीं रही और आप डल महसूस करने लगती हैं। ऐसे में अगर आप केसर वाली चाय का सेवन करें तो जी मिचलाने और चक्कर आने जैसे लक्षणों में कमी आ सकती है।

​पाचन तंत्र बनेगा मजबूत

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प्रेग्नेंसी के दौरान बहुत सी महिलाओं को पेट में दर्द की शिकायत रहती है क्योंकि इस दौरान डाइजेशन यानी पाचन की प्रक्रिया धीमी हो जाती है। लिहाजा होने वाली मां को कुछ ऐसी चीजों को जरूरत होती है जो डाइजेशन के प्रोसेस को बेहतर बनाने में मदद करें। ऐसे में केसर आपके लिए मददगार साबित हो सकता है क्योंकि केसर पाचन तंत्र तक ब्लड फ्लो को बेहतर बनाने का काम करता है जिससे मेटाबॉलिज्म मजबूत बनता है। ऐसा करने से डाइजेशन की प्रक्रिया बेहतर बनती है। केसर के सेवन से ऐसिडिटी और पेट फूलने की समस्या भी नहीं होती।

​नहीं होगी क्रैम्प्स की दिक्कत

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क्रैम्प्स सिर्फ पीरियड्स से ही जुड़े नहीं है बल्कि प्रेग्नेंसी के दौरान भी क्रैम्प्स की काफी दिक्कत होती है। कुछ महिलाओं को हल्के-फुल्के क्रैम्प्स होते हैं तो वहीं बहुत सी महिलाओं को डिलिवरी आते-आते गंभीर क्रैम्प्स हो जाते हैं। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि प्रेग्नेंसी के दौरान होने वाले बच्चे को संभालने के लिए शरीर में कई तरह के बदलाव होते हैं। ऐसे में केसर नैचरल पेनकिलर का काम करता है जो मासंपेशियों को रिलैक्स करके पेट में दर्द और क्रैम्प्स की दिक्कत को दूर करता है।

​प्रेग्नेंसी में केसर के कुछ नुकसान भी हैं

प्रेगनेंसी में केसर खाने से क्या होता है - preganensee mein kesar khaane se kya hota hai

प्रेग्नेंट महिलाओं के लिए वैसे तो केसर कई तरह से फायदेमंद है लेकिन अगर इसका बहुत ज्यादा मात्रा में या फिर हाई डोज में सेवन किया जाए तो होने वाली मां के लिए यह कई तरह से नुकसानदेह भी हो सकता है। बहुत ज्यादा केसर का सेवन करने से गर्भाशय में संकुचन का खतरा हो सकता है जिससे कई तरह से साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं।

​मिसकैरेज का खतरा

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ये तो हम सभी जानते हैं कि केसर की तासीर गर्म होती है इसलिए इसका सेवन करने से शरीर में गर्मी बढ़ती है जिससे बॉडी टेंपरेचर भी बढ़ जाता है। इस वजह से गर्भाशय में कॉन्ट्रैक्शन्स यानी संकुचन होने लगता है। ऐसे में अगर प्रेग्नेंसी के शुरुआती हफ्तों में बहुत ज्यादा केसर का सेवन किया जाए तो मिसकैरेज होने का खतरा रहता है। लिहाजा प्रेग्नेंट महिलाओं को यही सलाह दी जाती है कि वे प्रेग्नेंसी की दूसरी तिमाही यानी 3 से 6 महीने के दौरान ही केसर का सेवन शुरू करें और वह भी अपनी गाइनैकॉलजिस्ट से पूछने के बाद ही।

​बार-बार उल्टी आना

प्रेगनेंसी में केसर खाने से क्या होता है - preganensee mein kesar khaane se kya hota hai

बहुत सी प्रेग्नेंट महिलाओं को केसर का सेवन करने के बाद उल्टी आने की दिक्कत भी होने लगती है। दरअसल, जब आप बार-बार उल्टी करती हैं तो इससे आप जो भी न्यूट्रिएंट्स का सेवन करती हैं वह शरीर से बाहर निकल जाता है। ऐसे में अगर आपको केसर का सेवन करने की वजह से उल्टी आ रही हो तो इसका सेवन तुरंत बंद कर दें।

प्रेगनेंसी में केसर खाने के बच्चा गोरा होगा ?

​ऐलर्जी का खतरा

प्रेगनेंसी में केसर खाने से क्या होता है - preganensee mein kesar khaane se kya hota hai

बहुत से केस में प्रेग्नेंट महिलाओं को केसर खाने के बाद ऐंग्जाइटी यानी बेचैनी महसूस होने लगती है तो कुछ का जी मिचलाने लगता है, सिरदर्द होने लगता है या फिर मुंह सूखने की दिक्कत होने लगती है। ऐसे में अगर आपको भी खुद में इस तरह के कोई लक्षण दिखें तो केसर का सेवन बंद कर दें।

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गर्भवती महिला को केसर वाला दूध कब पीना चाहिए?

ऐसे में अगर प्रेग्नेंसी के शुरुआती हफ्तों में बहुत ज्यादा केसर का सेवन किया जाए तो मिसकैरेज होने का खतरा रहता है। लिहाजा प्रेग्नेंट महिलाओं को यही सलाह दी जाती है कि वे प्रेग्नेंसी की दूसरी तिमाही यानी 3 से 6 महीने के दौरान ही केसर का सेवन शुरू करें और वह भी अपनी गाइनैकॉलजिस्ट से पूछने के बाद ही।

क्या केसर खाने से बच्चे गोरे होते हैं?

क्‍या सच में रंग गोरा करता है केसर प्रेग्‍नेंसी के दिनों में माएं केसर के दूध का सेवन करती हैं क्‍योंकि यही माना जाता है कि केसर बच्‍चे के रंग को गोरा करता है। हालांकि, इस बात को साबित करने के लिए कोई वैज्ञानिक प्रमाण मौजूद नहीं है कि प्रेग्‍नेंसी में केसर खाने का ऐसा असर होता है।

1 गिलास दूध में कितना केसर डालना चाहिए?

एक गिलास दूध में कितना केसर डालना चाहिए? यदि आप केसर वाला दूध पीना चाहते हैं तो ऐसे में आप एक गिलास दूध में चुटकी भर केसर पाउडर मिलाएं. इससे अलग आप चाहें तो तीन से चार केसर के धागों का इस्तेमाल करें.

गर्भवती महिला को केसर खाने से क्या फायदा है?

केसर एक ऐसी चीज़ है जो दर्द को दूर करने के लिए दर्द निवारक का काम करता है और आपके शरीर की सभी मांसपेशियों को शांत करता है। गर्भावस्था रक्तचाप के स्तर को प्रभावित करती है क्योंकि इस दौरान रक्त संचार आमतौर पर बढ़ जाता है। अगर केसर को ठीक-ठाक मात्रा में लिया जाए, तो यह आपके रक्तचाप को काफी कम कर देता है