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भारतीय संविधान का विकास
राज्यों का गठन कैसे किया जाए?
धर्मनिरपेक्षता
स्वतंत्रता के बाद का भारत (India After Independence) में धर्म निरपेक्षता की अवधारणा की दो धारा विकसित हुईः
स्वतंत्रता के बाद का भारत (India After Independence) में धर्म निरपेक्षता का विकल्पः
1947 के बाद भारत में क्या परिवर्तन आये?इस बीच भारतीयों में गाड़ियों की मांग भी काफी बढ़ी है। 1947 में जहां एक लाख लोगों में से 41 के नाम पर कार रजिस्टर्ड थी, वहीं 2020 में 2,275 भारतीयों के नाम कार या जीप रजिस्टर्ड है। इतना ही नहीं, 74 सालों में देश में बिजली की खपत भी काफी बढ़ी है। पहले प्रति व्यक्ति 16 kwh बिजली की खपत थी, जो अब बढ़कर 1,181 kwh हो गई है।
स्वतंत्रता के बाद भारत का क्या योगदान है?देश का अपना संविधान
आजादी के बाद भारत ने स्वतंत्र भारत में अपनी सबसे पहली उपलब्धि तब हासिल की जब 26 जनवरी, 1950 को हमारा अपना संविधान लागू हुआ। इसके साथ ही अंग्रेजों के जमाने का गवर्मेंट ऑफ इंडिया ऐक्ट, 1935 समाप्त हो गया और भारत एक गणराज्य बना। भारत में संविधान ही सर्वोच्च है और संविधान ही संप्रभु।
आजादी के बाद भारत में विकास का कौन सा मॉडल अपनाया गया?पंचवर्षीय योजना और भारत
1951 में शुरू की गई भारत की पहली पंचवर्षीय योजना, मुख्य रूप से कृषि, मूल्य स्थिरता, बिजली और परिवहन पर केंद्रित थी। यह हैरोड-डोमर मॉडल पर आधारित था जिसने बचत और निवेश में वृद्धि के माध्यम से भारत की आर्थिक वृद्धि को गति दी।
स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद भारतीय कृषि का तेजी से विकास हुआ क्यों?जैसा कि हम जानते हैं कि भूमि एक दुर्लभ संसाधन है, विशेष रूप से भारत में, भूमि का कुशल उपयोग न केवल खाद्य सुरक्षा के लिए बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था में बेरोजगारी से निपटने के लिए भी आवश्यक है। इसलिए, स्वतंत्रता के बाद के भारत में, मुख्य ध्यान फसल की गहनता को बढ़ाने पर था।
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