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Fatty Liver: लिवर का काम यूं तो हमारे पाचन को दुरुस्त रखने का होता है लेकिन जब हमारे शरीर में ज्यादा फैट जमा होने लगता है तो हमारा शरीर सही ढंग से फैट को मेटाबोलाइज नहीं कर पाता है।बदलते जीवनशैली और असंतुलित डाइट प्लान के चलते लोगों को कई गंभीर बीमारियां हो रही हैं। ऐसे में एक बीमारी का नाम है फैटी लिवर। जब हमारे शरीर में ज्यादा फैट जमा होने लगता है तो हमारा लिवर अपना आकार बदलकर फैटी लिवर (fatty liver) का रूप धारण कर लेता है। बता दें कि लिवर का खराब होना पूरे शरीर की क्रियाशीलता और गतिविधियों को नुकसान पहुंचा सकता है। लिवर हमारे शरीर के सबसे जरूरी अंगों में से एक है, जो हमारे शरीर को स्वस्थ रखने में एक जरूरी और अहम भूमिका निभाता है। इसलिए, इस बीमारी से जुड़ी जानकारी होना बहुत जरूरी है, ताकि समय रहते इसके जोखिम को कम किया जा सके। लेकिन क्या आप जानते हैं कि फैटी लिवर कितने प्रकार का होता है, अगर नहीं तो आइए जानते हैं कितने प्रकार का होता है फैटी लिवर और कौन सी स्थिति सबसे ज्यादा घातक होती है। फैटी लिवर क्या है? भोजन पचाने में लिवर मदद करता है इसके साथ ही शरीर को ऊर्जा भी देता है। किसी भी व्यक्ति के लिवर में वसा की मात्रा सामान्य से अधिक होने की स्थिति को फैटी लिवर कहा जाता है। फैटी लिवर की समस्या मुख्य रूप से दो प्रकार से होती है; 1- एल्कोहल फैटी लिवर 2- नॉन एल्कोहलिक फैटी लिवरः नॉन एल्कोहॉलिक फैटी लिवर की स्थिति में लिवर में फैट जमा होने लगता है, जिसका इलाज समय पर न करवाने के कारण आपका लिवर पूर्ण रूप से डैमेज हो सकता है, जिसे लिवर सिरॉसिस भी कहते हैं। ये स्थिति आगे जाकर कैंसर का कारण बन सकती है। चौथा स्टेज है खतरनाक: फैटी लिवर के चार स्टेज होते हैं। 1-सिंपल फैट डिपॉजिशन, जिसे स्टेटोजिज (Steatosis)कहते हैं। 2- नॉन एल्कॉहलिक स्टेटोहेपेटाइटिस (Non-Alcoholic Steatohepatitis, NASH) कहते हैं। 3-लिवर सेल डैमेज, जिसे हिंदी में फिब्रोसिस (Fibrosis)कहते हैं। 4- लिवर सेरॉसिस (Liver Cirrhosis) जिसमें लिवर को बहुत नुकसान पहुंचता है और ये स्थिति सबसे ज्यादा खतरनाक होती है। फैटी लिवर से बचाव: वसा रहित या कम वसा वाले खाद्य पदार्थों का सेवन करें। अपने आहार में ताजे फलों और सब्जियों को जगह दें। उच्च कैलोरी वाले खाद्य पदार्थों का सेवन न करें। कार्ब्स, तली हुई चीजें, वाइट ब्रेड, ज्यादा नमक, रेड मीट के सेवन से बचें। मोनोअनसैचुरेटेड फैट्स, व्हेय प्रोटीन, और ग्रीन टी जैसे खाद्य पदार्थ को डाइट में शामिल करें। हरी सब्जियां, अखरोट, जैतून का तेल, लहसुन, मेवे, फलियां, जामुन और अंगूर का सेवन बढ़ाएं। एक साथ ज्यादा देर एक्सरसाइज न करें। शराब का सेवन कम से कम करें। About Us
फैटी लिवर ग्रेड १, 2, ३ का मतलब / फैटी लिवर के लक्षण और कारण – जब लिवर की कोशिकाओं में अधिक फैट जमा होता हैं. तो वह फैटी लिवर की बीमारी कहलाती हैं. आज के समय की खराब जीवनशैली के कारण यह समस्या हर 5 में से 1 व्यक्ति में दिखाई दे रही हैं. इसके अलावा अधिक शराब के सेवन से तथा अधिक दवाइयों के सेवन से भी यह बीमारी उत्पन्न हो रही हैं. लेकिन फैटी लिवर की समस्या होने के पीछे सबसे बड़ा कारण आज के समय की खराब जीवनशैली को माना जाता है. फैटी लिवर की बीमारी को भी ग्रेड १,२,३ इस प्रकार में बांटा गया हैं. अगर आप भी फैटी लिवर के इस ग्रेड के बारे में जानना चाहते हैं. तो हमारा यह आर्टिकल अंत तक जरुर पढ़े. दोस्तों आज हम आपको इस आर्टिकल के माध्यम से फैटी लिवर ग्रेड १ का मतलब बताने वाले हैं. इसके अलावा साथ-साथ फैटी लिवर ग्रेड 2 का मतलब तथा फैटी लिवर ग्रेड ३ का मतलब भी आपको बताएगे. तथा फैटी लिवर के लक्षण और कारण भी बताएगे. तो आइये हम आपको इस बारे में संपूर्ण जानकारी प्रदान करते हैं.
फैटी लिवर ग्रेड १ का मतलबसबसे पहले तो जब आप डॉक्टर के पास जाते है. तब फैटी लिवर की जांच करने के लिए आपका अल्ट्रासाउंड किया जाता हैं. अल्ट्रासाउंड की मदद से डॉक्टर को यह पता चल जाता है. की लिवर में कुछ बदलाव हुआ है या नहीं. अगर डॉक्टर को लिवर में कुछ बदलाव दिखाई देता है. तो इस समस्या को तीन ग्रेड में वर्गीकृत किया जाता हैं. जैसे की फैटी लिवर ग्रेड १,२,३. अगर आपका फैटी लिवर ग्रेड १ है. तो यह सामान्य बात हैं. इससे समझा जा सकता है. की आपके लिवर को कुछ अधिक हानि नहीं पहुंची हैं. यह फैटी लिवर समस्या का हल्का रूप माना जाता हैं. ग्रेड १ में फैट लिवर के बाहरी हिस्से में जमा होता हैं. जो लिवर के कार्य को प्रभावित नहीं करता हैं. मतलब लिवर अपना काम अच्छे से कर रहा हैं. ज्यादा पैदल चलने के नुकसान / उल्टा तथा पंजो पर चलने के फायदे फैटी लिवर ग्रेड २ का मतलबअगर डॉक्टर को आपके अल्ट्रासाउंड रिपोर्ट में कुछ परिवर्तन दिखाई देता हैं. तो वह आपकी फैटी लिवर की समस्या को ग्रेड २ में भी वर्गीकृत कर सकता हैं. ग्रेड २ ग्रेड १ की तुलना में अधिक गंभीर माना जाता हैं. सदाबहारका औषधि उपयोग / सदाबहार फूल के नुकसान इसमें आपके लिवर में फैट जमा हुई हैं. लेकिन सामान्य फैट जमा हुई हैं. इसलिए ग्रेड २ मध्यम गंभीर रूप माना जाता हैं. इसमें आपको इलाज करवाने की जरूरत पड़ती हैं. अगर इलाज नहीं करवाया जाता है. तो यह समस्या और अधिक बढ़ सकती हैं. लेकिन ग्रेड २ होने की वजह से इलाज जल्दी हो जाएगा. फैटी लिवर ग्रेड ३ का मतलबफैटी लिवर की समस्या में ग्रेड ३ सबसे अधिक गंभीर और चिंताजनक माना जाता हैं. जिसमे मरीज को पहले से ही लक्षण दिखाई देने लगते हैं. ग्रेड ३ में मरीज को तुरंत डॉक्टर से इलाज करवाना चाहिए. फिटकरी सेदांत का कीड़ा कैसे निकाले / दांत दर्द का मंत्र हमने फैटी लिवर के कुछ लक्षण नीचे बताए हैं. अगर आपको इनमे से कोई लक्षण दिखाई दे. तो तुरंत डॉक्टर से इलाज शुरू करवाए. फैटी लिवर के लक्षणफैटी लिवर के कुछ लक्षण हमने नीचे बताए हैं.
फैटी लिवर की समस्या में आपको यह सभी लक्षण दिखाई देते हैं. अगर आपको यह सभी लक्षण दिखाई दे. तो तुरंत ही एक बार डॉक्टर की सलाह जरुर ले. सिंघाड़े की तासीर गर्म होती है या ठंडी / सिंघाड़ा खाने का सही समय फैटी लिवर के कारणफैटी लिवर के कुछ कारण हमने नीचे बताए है.
आदि फैटी लिवर होने के कारण है. निष्कर्षदोस्तों आज हमने आपको इस आर्टिकल के माध्यम से फैटी लिवर ग्रेड १ का मतलब बताया हैं. इसके साथ-साथ फैटी लिवर ग्रेड 2 का मतलब तथा फैटी लिवर ग्रेड ३ का मतलब भी बताया हैं. तथा फैटी लिवर के लक्षण और कारण भी बताए हैं. हम उम्मीद करते है की आज का हमारा यह आर्टिकल आपके लिए उपयोगी साबित हुआ होगा. अगर उपयोगी साबित हुआ है. तो आगे जरुर शेयर करे. दोस्तों हम आशा करते है की आपको हमारा यह फैटी लिवर ग्रेड १, 2, ३ का मतलब / फैटी लिवर के लक्षण और कारण आर्टिकल अच्छा लगा होगा. धन्यवाद दांतके पीछे नए दांत का निकलना के कारण और बचाव – सम्पूर्ण जानकारी खांसी में अंडा खाना चाहिए या नहीं | बुखार में अंडा खाना चाहिए या नहीं तिल किस कमी से होते है / शरीर पर तिल के फायदे / काला तिल कैसे हटाए ग्रेड 3 फैटी लिवर में क्या खाना चाहिए?फैटी लिवर डिसीज में डॉक्टर लोगों को मछली या सी फूड, फल, साबुत अनाज, बादाम, ओलिव ऑयल, हरी सब्जियां, एवोकाडो और फलीदार सब्जियां खाने की सलाह देते हैं. आपकी कोशिकाएं ग्लूकोज से एनर्जी बनाने का काम करती हैं.
फैटी लीवर को जल्द से जल्द कैसे ठीक करें?कई बीमारियों में हल्दी के सेवन की सलाह दी जाती है. अगर आप हर रोज हल्दी का सेवन करते हैं तो आप कई बीमारियों से दूर रहते हैं. फैटी लीवर कम करने के लिए भी हल्दी का उपयोग कर सकते हैं. आप एक गिलास गुनगुने पानी में एक चुटकी हल्दी और नींबू का रस मिलाकर हर रोज सुबह इसका सेवन करें.
फैटी लीवर कितने दिन में ठीक हो जाता है?फैटी लिवर के दो प्रकार
ज्यादा शराब पीने से लिवर पर फैट जमा होने लगता है व उस पर सूजन आ जाती है। शराब न पीने पर करीब छह सप्ताह के भीतर लिवर से फैट की परत हटने लगती है।
फैटी लीवर कितना खतरनाक होता है?Fatty Liver Disease: फैटी लिवर बीमारी, लिवर में अतिरिक्त चर्बी जमा होने के कारण होने वाली एक सामान्य स्थिति है. अधिकांश लोगों में इस बीमारी के कारण कोई लक्षण नहीं आते. लेकिन अगर यह समस्या बढ़ जाती है को यह कुछ मामलों में लिवर को काफी नुकसान पहुंचा सकता है और लिवर कैंसर भी हो सकता है.
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