चना कब और कैसे खाना चाहिए? - chana kab aur kaise khaana chaahie?

चना कब और कैसे खाना चाहिए? - chana kab aur kaise khaana chaahie?

अपनी रसोई

चना कब और कैसे खाना चाहिए? - chana kab aur kaise khaana chaahie?

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शरीर को ताकतवर और फुर्तीला बनाने के लिए बहुत से लोग सुबह खाली पेट कई चीजों का सेवन करते हैं, जैसे दूध, केला और भीगे हुए चने, इन सभी चीजें पोषक तत्वों से भरपूर होती हैं, जिससे शरीर मजबूत और ताकतवर बनता है, आज हम बात करने वाले हैं उन 3 चीजों की, जिन्हें भीगा हुआ चना खाने के बाद बिलकुल भी नही खानी चाहिए, वरना उन्हें कई गंभीर समस्याएं हो सकती हैं।
गर्म दूध
जो लोग सुबह भीगा हुआ चना खाते हैं, उन्हें चना खाने के तुरंत बाद गर्म दूध का सेवन नही करना चाहिए, इनका रीएक्शन कुछ ऐसा होता है, जिससे शरीर में सफ़ेद दाग हो सकते हैं।
लहसुन
वैसे तो लहसुन स्वास्थ्य के लिए बहुत ही अच्छा होता है, लेकिन सुबह खाली पेट भीगे हुए चने खाने के बाद भूलकर भी लहसुन नही खाना चाहिए, इससे भी त्वचा सम्बन्धी परेशानियाँ हो सकती हैं।


चना कब और कैसे खाना चाहिए? - chana kab aur kaise khaana chaahie?

चना कब और कैसे खाना चाहिए? - chana kab aur kaise khaana chaahie?

चना प्रोटीन से भरपूर एक ऐसा फूड है जिसे कई लोग खाना बहुत पसंद करते हैं। चना फाइबर से भरपूर होता है और पाचन क्रिया को स्वस्थ रखता है। इसके अलावा इसका ऑयरन शरीर में खून की कमी को दूर करता है और ताकत बढ़ाता है। इसके अलावा चना खाना उन लोगों के लिए भी फायदेमंद है जिनकी मांसपेशियां कमजोर या फिर जिनके शरीर की बनावट कमजोर है। लेकिन कभी आपने सोचा है कि किन लोगों के लिए चना खाना फायदेमंद नहीं है? इसी बारे में हमने लखनभ डाइट क्लीनिक की एक्सपर्ट डॉ. अश्वनी कुमार से बात की, जिन्होंने हमें बताया कि किन लोगों को चना खाने से बचना चाहिए और कब चना खाना नुकसानदेह (side effects of eating chickpeas) है। 

चना कब और कैसे खाना चाहिए? - chana kab aur kaise khaana chaahie?

चना कब नहीं खाना चाहिए-Who should not eat chickpeas in hindi

1. गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल समस्या वाले लोगों को

चना खाने के बाद कई लोग पेट दर्द, गैस और बदहजमी की शिकायत करते हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि चना खाने के बाद  गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल समस्याएं काफी आम हैं। दरअसल, चना में कुछ ऐसे कंपाउंड होते हैं जो ठीक से पच नहीं पाते हैं। इसके अलावा पके हुए चना में जटिल शुगर, किण्वित ओलिगोसेकेराइड, डिसाकार्इड्स, मोनोसेकेराइड और पॉलीओल्स भी होते हैं, जिन्हें पचाना मुश्किल हो सकता है और आंतों द्वारा पूरी तरह से अवशोषित नहीं किया जा सकता है। ये शुगर बड़ी आंत में बैक्टीरिया द्वारा किण्वित होती हैं और आंतों में सूजन या आंत में फंसी हुई गैस का कारण बनते हैं जिससे असुविधा होती है। इसलिए पाचन तंत्र के इन रोगों वाले लोगों को चना खाने से बचना चाहिए। जैसे कि

  • -गैस और एसिडिटी वाले लोगों को
  • -क्रोहन रोग वाले
  • -बड़ी आंत में सूजन वाले लोगों को
  • -लैक्टोज असहिष्णुता वाले लोगों को

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2.  गाउट से पीड़ित लोगों को

चना में प्यूरीन नामक एक रसायन होता है और जब ये प्यूरीन टूट जाते हैं तो अतिरिक्त यूरिक एसिड उत्पन्न होता है, जिसके परिणामस्वरूप गाउट होता है। गाउट एक प्रकार का गठिया है जो जोड़ों में यूरिक एसिड क्रिस्टल के जमा होने के कारण होता है। इसे जोड़ों में दर्द की समस्या होती है। इसलिए जिन लोगों को जोड़ों के दर्द की समस्या है या फिर अर्थराइटिस की समस्या है, उन्हें चना खाने से बचना चाहिए। 

3.  जिन्हें पथरी हो

किडनी की पथरी से बहुत से लोग परेशान रहते हैं। ऐसे में चना खाना इन लोगों की इस परेशानी को और बढ़ा सकता है। दरअसल, चना में ऑक्सालेट होते हैं, जो किडनी द्वारा पेशाब के जरिए बाहर निकल जाते हैं। जैसे-जैसे शरीर में ऑक्सालेट का स्तर बढ़ता है, वे कैल्शियम के साथ किडनी में जमा हो जाते हैं और कैल्शियम ऑक्सालेट स्टोन, एक प्रकार की किडनी स्टोन का उत्पादन करते हैं। खून में यूरिक एसिड के स्तर में वृद्धि गुर्दे की पथरी के विकास को बढ़ावा दे सकती है। साथ ही ये किडनी के दर्द को भी बढ़ा सकती है इसलिए किडनी रोगी को इसे खाने से बचना चाहिए।

चना कब और कैसे खाना चाहिए? - chana kab aur kaise khaana chaahie?

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4. एलर्जी वाले लोगों को

कुछ लोगों को चना सहित इस तरह की हाई प्रोटीन वाली फलियों से एलर्जी होती है। अगर आपको चना खाते ही खुजली, उल्टी या फिर एलर्जी राइनाइटिस की समस्या होती है तो  आपको भी इसे खाने से बचना चाहिए। दरअसल, ये सब प्रोटीन एलर्जी या फिर फूड एलर्जी की वजह से होता है। इसी कारण से आपको मतली, उल्टी, पेट में दर्द और त्वचा में खुजली हो सकती है। चना खाने से पहले डॉक्टर की सलाह लेना सबसे अच्छा है क्योंकि एलर्जी की प्रतिक्रिया तीव्र हो सकती है और कभी-कभी जानलेवा भी हो सकती है।

5. कुछ दवाएं लेने वाले लोगों में

अगर आप कुछ दवाओं का सेवन करते हैं, तो आपको चना के सेवन को लेकर एक बार सोचना चाहिए। ऐसा इसलिए क्योंकि इसमें पोटेशियम का मात्रा बहुत ज्यादा होती है। तो जो लोग हृदय रोग के लिए बीटा-ब्लॉकर्स जैसे दवाओं को ले रहे हैं, उनके खून में ये दवाएं पोटेशियम के स्तर को बढ़ा सकते हैं। इसलिए उन्हें अपने पोटेशियम सेवन के बारे में सावधान रहना चाहिए।

तो, इन पांच तरह के लोगों को चने के सेवन से बचना चाहिए। इससे आपके शरीर को कई नुकसान हो सकता है, जो कि गंभीर परेशानियों का भी रूप ले सकता है। इसलिए इसके सेवन से बचें।

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चना खाने का सही तरीका क्या है?

आपकी एक मुट्ठी में जितने चने आएं, उतने लेकर साफ कर लें। इन्हें मिट्टी या चीनी मिट्टी के बर्तन में डालकर ऊपर से इतना साफ पानी डालें कि वे पूरी तरह भीग जाएं। रात भर (करीब 9 घंटे) चनों को इस पानी में भीगे रहने दें। सुबह निकालकर अच्छे से चबा-चबाकर खाएं।

1 दिन में कितना चना खाना चाहिए?

एक दिन में एक से दो मुट्ठी ही भीगे चने खाना चाहिए। अगर आपको इसे खाने से गैस की समस्या हो रही हो रही है तो आप इसकी मात्रा कम कर सकते है।

चना खाने के बाद कितनी देर बाद खाना खाना चाहिए?

इसको खाने के बाद कम से कम एक से डेढ़ घंटे का अंतर रखना चाहिए। ताकि चने के खाने का पूरा फायदा शरीर को मिल सके। भीगे चने खाने के फायदे और तरीका।

भीगे हुए चने कब खाना चाहिए?

डॉक्टर अबरार मुल्तानी कहते हैं कि भीगे हुए काले चने को खाने का सबसे सही समय सुबह के समय खाली पेट है. सुबह खाली पेट भीगा हुआ चना खाना सेहत के लिए कई तरह से फायदेमंद है. सुबह का नाश्ता हेल्दी और पोषक तत्वों से भरपूर होना बेहद जरूरी है, ताकि आप दिनभर ऊर्जावान बने रहें.