भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने आधिकारिक तौर पर पहली बार, वर्ष 1935 में एक संविधान सभा की मांग की थी. Show भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने आधिकारिक तौर पर पहली बार, वर्ष 1935 में एक संविधान सभा की मांग की थी. यह विचार एम.एन. रॉय के दिमाग की उपज था. ब्रिटिश सरकार ने 1940 के 'अगस्त प्रस्ताव' में कांगेस की इस बात को माना था. अंततः वर्ष 1942 में 'क्रिप्स प्रस्ताव' के तहत कांग्रेस की इस मांग को स्वीकार कर लिया गया. संगठन 'कैबिनेट मिशन योजना' के तहत संविधान सभा, नवम्बर 1946 में अस्तित्व में आया. इसकी मुख्य विशेषताएं इस प्रकार थीं: 1. कुल संख्या = 389. चुनाव जुलाई अगस्त, 1946 में आयोजित की गई. • कांग्रेस नें 208 सीटें जीतीं. हालांकि, 3 जून, 1947 को माउंटबेटन योजना की स्वीकृति के बाद अधिकांश रियासतों के लोग इसमें शामिल हो गए. इस योजना के बाद एक अन्य महत्वपूर्ण परिवर्तन हुए जिसमे संविध्हन सभा को पूरी तरह से एक संप्रभु निकाय घोषित किया गया और उसे विधानसभा के रूप में स्वीकार किया गया. कार्य संविधान सभा नें संविधान का मसौदा तैयार किया: • मई 1949 में राष्ट्रमंडल में भारत की सदस्यता का अनुमोदन किया गया. मसौदा समिति मसौदा समिति को प्रारूप समिति भी कहा जाता है. संविधान सभा कई समितियों को सम्मिलित किये हुए थी. इसके अंतर्गत सदन समिति, प्रक्रिया समिति और अन्य कई समितियां थी. लेकिन सबसे प्रमुख समिति थी मसौदा समिति अर्थात प्रारूप समिति. इसका गठन 29 अगस्त, 1947 को किया गया था और नए संविधान का मसौदा तैयार करने का काम सौंपा गया था. समिति के सात सदस्य थे: 1. डॉ बी आर अम्बेडकर (अध्यक्ष) संविधान का पहला मसौदा फरवरी 1948 में प्रकाशित किया गया था. लोगों ने इस मसौदे पर आठ महीने तक चर्चा की थी. विचार विमर्श के बाद, सुझावों और प्रस्तावित संशोधनों पर विचार किया गया और एक दूसरा मसौदा विधानसभा द्वारा तैयार किया गया था. दूसरा मसौदा अक्टूबर 1948 में प्रकाशित किया गया था. मसौदा समिति ने कुल 141 दिनों तक चर्चा की थी और मसौदे को तैयार करने में कम से कम छह महीने का समय लिया था. संविधान के लागू होने और प्रवर्तन होने का समय क्रमशः क्रमशः, 26 नवंबर, 1949 और 26 जनवरी 1950 को था. हालांकि, कुछ भागों के प्रस्ताव को 26 नवम्बर 1949' को ही लागू कर दिया गया था. बाकी के प्रावधानों को बाद के काल में क्रमशः लागू किया गया था. भारत की आजादी के 75 साल के अवसर पर ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ के अंतर्गत सूचना और प्रसारण मंत्रालय (एमआईबी) स्वतंत्रता संग्राम के विभिन्न पहलुओं पर पूरे वर्ष के लिए ई-फोटो प्रदर्शनियों की एक श्रृंखला शुरू कर रहा है। इनमें से पहली ई-फोटो प्रदर्शनी ‘संविधान का निर्माण’ पर है। इस वर्चुअल प्रदर्शनी का उद्घाटन आज नई दिल्ली में किया गया। इस ई-फोटो प्रदर्शनी में संविधान के निर्माण को दर्शाया गया है जिसके साथ-साथ लगभग 30 दुर्लभ चित्र भी प्रस्तुत किए गए हैं। इसमें अनेक वीडियो एवं भाषणों के लिंक भी हैं जो आकाशवाणी के अभिलेखागार और फिल्म प्रभाग से लिए गए हैं। इस ई-फोटो प्रदर्शनी में संविधान सभा के गठन से लेकर संविधान को अपनाने और आखिर में भारत के प्रथम गणतंत्र दिवस का जश्न मनाने तक की पूरी यात्रा को बखूबी दर्शाया गया है। यह प्रदर्शनी https://constitution-of-india.in/ पर उपलब्ध है। ई-फोटो प्रदर्शनी की मुख्य विशेषताएं ई-फोटो प्रदर्शनी की शुरुआत भारतीय संसद, जो देश के संविधान का प्रतिनिधित्व करती है, और डॉ. बी.आर. अम्बेडकर, जिन्हें संविधान के निर्माण में अपार योगदान देने के कारण ‘संविधान के जनक’ के रूप में जाना जाता है, की फोटो से होती है। संविधान सभा का गठन (6 दिसंबर, 1946) और संविधान सभा की पहली बैठक (9 दिसंबर, 1946)- संविधान सभा, जो जनसाधारण द्वारा निर्वाचित प्रतिनिधियों का एक निकाय है और जो संविधान का मसौदा तैयार करने या अपनाने के उद्देश्य से इकट्ठे हुए थे, की पहली बैठक 9 दिसंबर 1946 को हुई थी। डॉ. राजेंद्र प्रसाद को अध्यक्ष नियुक्त किया गया (11 दिसंबर, 1946)- डॉ. राजेंद्र प्रसाद, जो भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के एक महान सेनानी, वकील, विद्वान थे और जो वर्ष 1950 में भारत के पहले राष्ट्रपति बने, संविधान सभा के पहले अध्यक्ष चुने गए। 'उद्देश्य प्रस्ताव' को प्रस्तुत करना और अनुमोदन (13 दिसंबर, 1946)- ‘उद्देश्य प्रस्ताव’ 13 दिसंबर, 1946 को पंडित जवाहरलाल नेहरू द्वारा प्रस्तुत किया गया था जिसने संविधान के निर्माण के लिए सटीक दर्शन एवं मार्गदर्शक सिद्धांत प्रदान किए और बाद में ‘भारत के संविधान की प्रस्तावना’ का रूप ले लिया। राष्ट्रीय ध्वज अपनाया गया (22 जुलाई, 1947)- भारत के राष्ट्रीय ध्वज को 22 जुलाई 1947 को संविधान सभा की बैठक के दौरान अपनाया गया था, और यह 15 अगस्त 1947 को भारत के प्रभुत्व का आधिकारिक ध्वज बन गया। भारतीय ध्वज में ये शामिल हैं- तिरंगा अर्थात, केसरिया, सफेद और हरा रंग; अशोक चक्र, जो 24 तीलियों वाला पहिया है; और जिसके केंद्र में गहरा नीला रंग है। स्वतंत्र भारत (15 अगस्त, 1947) - इसी दिन ब्रिटिश साम्राज्य की सत्ता भारत को सौंपी गई, यह अनगिनत स्वतंत्रता सेनानियों के व्यापक सहयोग से संभव हो पाया जिनके प्रयासों ने भारत की आजादी को एक वास्तविकता बना दिया। . मसौदा समिति (29 अगस्त, 1947) - संविधान का मसौदा विभिन्न जातियों, क्षेत्रों, धर्मों, इत्यादि के 299 प्रतिनिधियों द्वारा तैयार किया गया था जिनमें महिला व पुरुष दोनों ही शामिल थे। मसौदा समिति और उसके सदस्य भारतीय संविधान के निर्माण में इस समिति के विभिन्न चरणों और संविधान सभा के विचार-विमर्श के दौरान काफी प्रभाव रखते थे। भारत का संविधान पारित किया गया और अपनाया गया (26 नवंबर, 1949)- इस दिन को संविधान दिवस या राष्ट्रीय कानून दिवस के रूप में जाना जाता है। भारत के संविधान को अपनाने के उपलक्ष्य में यह दिवस मनाया जाता है। यह संविधान सभा 26 जनवरी, 1950 को प्रभावी हुई। संविधान सभा की अंतिम बैठक (24 जनवरी, 1950) - संविधान सभा की अंतिम बैठक। ‘भारत का संविधान’ (395 अनुच्छेदों, 8 अनुसूची, 22 भागों के साथ) पर हस्ताक्षर किए गए और सभी ने इसे स्वीकार किया। जब संविधान लागू हुआ (26 जनवरी, 1950)- संविधान ने देश के मौलिक शासी दस्तावेज के रूप में भारत सरकार अधिनियम 1935 का स्थान लिया और भारत का प्रभुत्व भारतीय गणराज्य बन गया। पहला आम चुनाव (1951-52)- भारत में आम चुनाव 25 अक्टूबर 1951 से लेकर 21 फरवरी 1952 तक के बीच हुए। ये अगस्त 1947 में देश की आजादी के बाद लोकसभा के पहले चुनाव थे। ये भारतीय संविधान के प्रावधानों के तहत कराए गए थे जिसे 26 नवंबर 1949 को अपनाया गया था। ई-फोटो प्रदर्शनी में पाठकों की भागीदारी बढ़ाने और नागरिकों की ‘जन भागीदारी के जरिए जनांदोलन’ सुनिश्चित करने के लिए एक अतिरिक्त परस्पर संवादात्मक/आकर्षक प्रश्नोत्तरी भी है जिसमें 10 प्रश्नों का एक सेट है। यह ई-फोटो प्रदर्शनी हिंदी एवं अंग्रेजी और 11 अन्य भाषाओं (उड़िया, गुजराती, मराठी, असमिया, तेलुगु, कन्नड़, तमिल, मलयालम, पंजाबी, बंगाली, उर्दू) में उपलब्ध है। इसके लिए लिंक एमआईबी, बीओसी, पीआईबी, डीडी, एआईआर और एमआईबी के क्षेत्रीय कार्यालयों एवं विभिन्न मंत्रालयों की अन्य वेबसाइटों पर उपलब्ध है। ये लिंक पीआईबी/आरओबी के क्षेत्रीय कार्यालयों द्वारा स्थानीय विश्वविद्यालयों, कॉलेजों, स्कूलों के लिए उपलब्ध कराए जाएंगे। इसके अलावा, इनके संबंधित सोशल मीडिया प्लेटफॉर्मों पर भी इनका प्रचार-प्रसार किया जाएगा। विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफॉर्मों जैसे कि एफबी/ट्विटर/यूट्यूब चैनलों के माध्यम से भी इनका प्रचार-प्रसार किया जाएगा। पाठकगण भी #AmritMahotsav का उपयोग करके इस विषय से संबंधित किसी भी उत्कृष्ट सामग्री को पोस्ट या शेयर कर सकते हैं। भारतीय संविधान सभा का निर्माण कैसे हुआ?पहली बार संविधान सभा की माँग सन-1895 में बाल गंगाधरतिलक ने उठाई थी। अन्तिम बार (पाँचवी बार) 1938 में नेहरू जी ने संविधान सभा बनाने का निर्णय लिया था। संविधान सभा के सदस्य वयस्क मताधिकार के आधार पर अप्रत्यक्ष रूप से निर्वाचित हुए थे। जिनका चुनाव जुलाई 1946 में सम्पन्न हुआ था।
भारतीय संविधान का निर्माण किसने और कब किया?26 नवंबर 1949 को संविधान सभा ने संविधान के उस प्रारूप को स्वीकार किया, जिसे डॉ. बीआर आंबेडकर की अध्यक्षता में ड्राफ्टिंग कमेटी ने तैयार किया था. इसी रूप में संविधान 26 जनवरी, 1950 को लागू हुआ और भारत एक गणराज्य बना.
भारतीय संविधान का निर्माण कब किया गया था?यह गणराज्य भारत के संविधान के अनुसार शासित है जिसे संविधान सभा द्वारा 26 नवम्बर 1949 को ग्रहण किया गया तथा जो 26 जनवरी 1950 को प्रवृत्त हुआ। संविधान में सरकार के संसदीय स्वरूप की व्यवस्था की गई है जिसकी संरचना कतिपय एकात्मक विशिष्टताओं सहित संघीय हो। केन्द्रीय कार्यपालिका का सांविधानिक प्रमुख राष्ट्रपति है।
भारत में संविधान सभा के निर्माण का आधार क्या था?(1) कैबिनेट मिशन की संस्तुतियों के आधार पर भारतीय संविधान का निर्माण करने वाली संविधान सभा का गठन जुलाई, 1946 ई० में किया गया. (2) संविधान सभा के सदस्यों की कुल संख्या 389 निश्चित की गई थी, जिनमें 292 ब्रिटिश प्रांतों के प्रतिनिधि, 4 चीफ कमिश्नर क्षेत्रों के प्रतिनिधि एवं 93 देशी रियासतों के प्रतिनिधि थे.
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