बारिश से क्या बीमारी हो सकती है? - baarish se kya beemaaree ho sakatee hai?

बारिश की रिमझिम फुहारें तन और मन खुश करने के साथ ही साथ अपने सात कई तरह की बीमारियां भी लेकर आती हैं जिनकी ओर ध्यान न देने पर लंबा बेड रेस्ट करना पड़ सकता है। क्यों होता है ऐसा और इन समस्याओं से कैसे करें बचाव, जानने के लिए पढ़ें यह लेख।

1. गैस्ट्रोइंटाइटिस

आमतौर पर इसे डायरिया या स्टमक फ्लू कहा जाता है। सफाई का ध्यान न रखने पर पानी या भोजन के जरिए से नुकसानदेह बैक्टीरिया व्यक्ति की आंतों में पहुंचकर वहां सूजन पैदा करते हैं, जिससे पाचन-तंत्र के कार्यों में रूकावट पैदा होती है।

2. टाइफाइड

यह सल्मोनल्ला एंटेरिका सेरोटाइप टाइफी नामक बैक्टीरिया की वजह से फैलने वाला गंभीर संक्रामक रोग है। दरअसल संक्रमित व्यक्ति के मल में भी यह बैक्टीरिया जीवित रहता है। खुले में शौच की आदत और सीवेज सिस्टम की व्यवस्था दुरुस्त न होने की वजह से यह लोगों के भोजन के जरिए शरीर में प्रवेश कर जाता है। यह बैक्टीरिया महीनों तक जीवित रहता है और बहुत तेजी से फैलता है। इसी वजह से संक्रमित व्यक्ति को स्वस्थ होने में कम से कम दो सप्ताह का समय लगता है।

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3. हेपेटाइटिस ए और ई

वायरस की वजह से होने वाले हेपेटाइटिस नामक लिवर संक्रमण के कई प्रकार हैं, पर बरसात के मौसम में दूषित खानपान के कारण सबसे ज्यादा हेपेटाइटिस ए और ई की समस्या होती है। आम बोलचाल की भाषा में इसे जॉन्डिस या पीलिया भी कहते हैं।

4. डेंगू

एडीज़ प्रजाति के मच्छर इस समस्या के लिए जिम्मेदार होते हैं। इनके डंक के जरिए व्यक्ति के शरीर में फ्लैवी वायरस का प्रवेश हो जाता है और वहां तेजी से इसकी संख्या बढ़ने लगती है।

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5. चिकनगुनिया

बारिश के मौसम में एडिस इजिप्टी और एडीस एल्बोपिकटस नामक मच्छरों के काटने से यह बीमारी होती है। उसमें काटने के चार से छह दिनों बाद व्यक्ति में इसके लक्षण नजर आते हैं।

6. मलेरिया

यह भी एनोफेलीज़ नामक मच्छर के काटने से फैलता है। इसके डंक के जरिए प्लास्मोडियम नामक पैरासाइट व्यक्ति के शरीर में प्रवेश कर जाता है और रेड ब्लड सेल्स को तेजी से नष्ट करने लगता है। भारत में आमतौर पर लोगों को वाई-वैक्स मलेरिया होता है, पुराने समय में इसकी वजह से लोगों की मौत हो जाती थी, लेकिन अब इसका उपचार संभव है।

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ऐसे करें बचाव

1. मच्छरों से फैलने वाली बीमारियों से बचाव के लिए सफाई रखना बहुत जरूरी है। कहीं भी पानी जमा न होने दें।

2. इस मौसम में जितना हो सके पानी उबाल कर ही पिएं।

3. मच्छरों से बचाव के लिए पूरी बाजू वाले कपड़े पहनें।

4. सोते वक्त मच्छरदानी का इस्तेमाल करें।

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5. बेडशीट को समय-समय पर धोते रहें और कपड़ों को भी धूप दिखाते रहें।

6. दरवाजे, खिड़कियों पर नेट की व्यवस्था रहने से मच्छर, मक्खी और दूसरे बीमारी फैलाने वाले किटाणुओं का प्रवेश नहीं हो पाता।

जमशेदपुर, जासं। झारखंड के कई जिलों में मानसून का आगमन हो चुका है। अगले दो से तीन दिनों के अंदर जमशेदपुर में भी प्रवेश कर जाएगा। ऐसे मेंआपको विशेष सावधानी बरतने की जरूरत है। क्योंकि मानसून अपने साथ कई गंभीर बीमारियों को भी लेकर आती है। ये बीमारियां बरसात के कारण पानी भरने,गंदगी, कीड़े-मकौड़े या मच्छरों के कारण होती हैं। बरसात में अत्यधिक वर्षा होने के कारण जगह-जगह पानी का जमाव हो जाता है। इससे गंदगी, मच्छर या कीड़े-मकोड़े पनपने की ज्यादा आशंका रहती है। इस मौसम में संक्रमण भी बढ़ जाता है। इन बीमारियों के चपेट में बच्चे से लेकर वयस्क व बुजुर्ग सभी चपेट में आते हैं। इन बीमारियों में डेंगू, चिकुनगुनिया, जेई, मलेरिया, ब्रेन मलेरिया, टाइफाइड, येलो बुखार सहित अन्य शामिल हैं।

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मानसून में होने वाली खतरनाक बीमारियां

मलेरिया

पूर्वी सिंहभूम जिले में मलेरिया मरीजों की संख्या बढ़ने लगी है। एनोफेलीज मच्छर के काटने से मलेरिया फैलता है। इसके लक्षण बुखार, सिरदर्द, बदनदर्द,कमजोरी सहित अन्य हैं।

सर्दी-जुकाम

मौसम बदलने का असर तेजी से हमारे शरीर पर पड़ता है। ऐसे में सर्दी-जुकाम की समस्या आम होती है। आपके शरीर का रोग प्रतिरोधक क्षमता ठीक नहींहोने से यह बीमारी तत्काल अपनी चपेट में ले लेती है। इसके लक्षण में सिरदर्द, बदनदर्द, नाक बहना, आंखें लाल होना, छीकें आना, गले में खराश सहित अन्य शामिल हैं।

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डेंगू

शहर में डेंगू का प्रकोप हर साल देखने को मिलता है। इससे कई लोगों की मौत भी हो चुकी है। एडिज एजिप्टी मच्छर के काटने से डेंगू होता है। यह मच्छर सुबह और देर रात काटते हैं। इसके लक्षण में बुखार, सिरदर्द, रैशेज, मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द, ठंड लगना, चक्कर आना सहित अन्य हैं।

चिकुनगुनिया

शहर में चिकुनगुनिया कहर बरपा चुका है। यह बीमारी भी एडिज मच्छर के काटने से होता है। इसके लक्षण में सिरदर्द, आंखों में दर्द, नींद न आना,कमजोरी, शरीर पर लाल चकत्ते बनना और जोड़ों में बहुत तेज दर्द होना शामिल हैं।

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टाइफाइड

वर्षा में खान-पान पर विशेष ध्यान देने की जरूरत होती है। इस दौरान बाहरी खान-पान की वजह से बैक्टीरिया पनपने में देर नहीं लगता और आप टाइफाइडकी चपेट में आ जाते हैं। इसके लक्षण में खाने का जी न करना, उल्टी होना, कमजोरी, सिरदर्द सहित अन्य शामिल हैं।

हेपेटाइसिट-ए

दूषित खान-पान की वजह से हेपेटाइटिस-ए होता है। इस बीमारी के कारण लिवर सबसे ज्यादा प्रभावित होता है। इसके लक्षण में बुखार, उल्टी आदिशामिल हैं।

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हैजा

दूषित भोजन या पानी के सेवन से हैजा की समस्या होती है। इसके कारण शरीर में डायरिया के लक्षण दिखने लगते हैं और दस्त, पैरों में अकड़न, उल्टी की समस्या होने लगती है।

बरसाती बीमारियों से बचाव के तरीके

सबसे जरूरी है कि खाने से पहले अपने हाथ को अच्छी तरह से धोएं। इसमें हम अक्सर लापरवाही कर देते हैं। डाइट अच्छी रखें। ताजा खाना और फल खाएं। बाहर के खाना खाने से बचें। बासी खाना नहीं खाएं। फ्लू से बचाव के लिए वैक्सीन लगा सकते हैं। कई लोगों में देखा जाता है कि मौसम बदलने से उनमें फ्लू की समस्या होती है। वैसे लोग वैक्सीन ले सकते हैं। भीड़-भाड़ वाले जगह पर जाने से बचें। ऐसी जगहों पर बीमार व्यक्ति के खांसने या छींकने से दूसरे लोग संक्रमित हो सकते हैं।- घरों को साफ रखें। कूलर, बर्तन, गड्ढे, गमलों और टायर आदि में ज्यादा दिनों तक पानी इक्ट्ठा नहीं होने दें। इससे मच्छर पनपने हैं। बच्चों को भरपूर कपड़े पहनाएं।

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कोट

बरसात में कई तरह की बीमारियां बढ़ने लगती है। ऐसे में सभी को सावधान और जागरूक होने की जरूरत है। विभाग भी इसे लेकर सतर्क हैं।- डा. साहिर पाल, जिला सर्विलांस पदाधिकारी।

बरसात में कौन कौन सी बीमारी होती है?

मानसून के मौसम में बढ़ जाता है इन 4 बीमारियों का खतरा, आप भी रहें इनसे सतर्क.
मलेरिया मलेरिया मच्छर के काटने से होने वाली बीमारी है। ... .
चिकनगुनिया यह बुखार भी मच्छरों के कारण ही होता है। ... .
टाइफाइड ... .

बरसात के बाद कौन सा रोग फैलता है?

टाइफाइड- टाइफाइड बुखार के मामले बारिश के मौसम में बढ़ जाते हैं. जो कि साल्मोनेला टाइफी बैक्टीरिया के कारण होता है. इस बीमारी के कारण शरीर में सिरदर्द, बुखार, भूख में कमी, कब्ज, दस्त आदि समस्याएं हो सकती हैं.

बारिश की बीमारी कैसे होती है?

सोनिया रावत के अनुसार, बारिश के मौसम में वायरल इंफेक्शन तेजी से फैलता है. जगह-जगह पानी भर जाता है और इससे मच्छरों की तादाद बढ़ जाती है. बड़ी संख्या में लोग मलेरिया, डेंगू और चिकनगुनिया की चपेट में आ जाते हैं. इस मौसम में गंदा पानी पीने से टाइफाइड और पेट के इंफेक्शन के मामले भी सामने आते हैं.

अधिक बारिश होने पर क्या क्या होता है?

5) कभी कभी अधिक बारिश होने के कारण फसलों को नुकसान भी होता है। 6) आवश्यकता से अधिक बारिश हो जाने पर नदियों का जलस्तर बढ़ने से बाढ़ आते हैं। 7) बरसात के समय में नमी हो जाती है जिससे वायरस व बैक्टीरिया कई रोग फैला सकते हैं। 8) धरती पर जीवन के लिए और जल की आपूर्ति के लिए बारिश के मौसम का महत्वपूर्ण योगदान है।