बच्चेदानी में सूजन हो तो क्या करना चाहिए - bachchedaanee mein soojan ho to kya karana chaahie

Swelling In Uterus: यूट्रस या बच्चेदानी में सूजन की समस्या वर्तमान में महिलाओं में बहुत अधिक देखी जा रही है। इसे बल्की यूट्रस (bulky uterus) भी कहा जाता है। इस कंडीशन में महिलाओं को कई तरह की हेल्थ प्रॉब्लम्स आती हैं और उनकी हेल्थ भी ठीक नहीं रहती। आमतौर पर बच्चेदानी में सूजन होने पर महिलाओं के पेट में तेज दर्द (stomach pain) महसूस होता है जो अक्सर और बार-बार होता है। वहीं, बार-बार होनेवाला बुखार, कमर दर्द या सिरदर्द भी बच्चे दानी में सूजन के संकेत हो सकते हैं। यूट्रस में होनेवाली यह सूजन गर्भधारण से जुड़ी समस्याएं पैदा कर सकती है। वहीं, इस तरह की गम्भीर समस्याओं का रिस्क (risk factors associated with enlargedd uterus or bulky uterus) भी बढ़ जाता है जैसे-

  • पेल्विक में संक्रमण
  • बच्चेदानी में फोड़ा होना या उनमें पस भर जाना
  • यूट्रस का कैंसर (Uterus Cancer)
  • यूट्रस में गांठ (Uterus Fibroid) होना आदि।

बल्की यूट्रस या बच्चेदानी में सूजन के लक्षण क्या हैं? (Problems that could be symptoms of enlarged Uterus or bulky uterus)

  • पेट में दर्द (stomach pain)
  • पीरियड्स से जुड़ी समस्याएं जैसे पीरियड्स रेग्यूलर (irregular periods) ना रहना या बहुत अधिक ब्लीडिंग (heavy bleeding) होना।
  • पीरियड्स में बुखार होना और ठंड लगना (fever during periods)
  • वजाइनल डिस्चार्ज (vaginal discharge)
  • वजाइनलइचिंग (vaginal itching)
  • एसिडिटी, गेैस और कॉन्स्टिपेशन जैसी परेशानियां (Digestion related problems) बढ़ जाना।
  • बार-बार पेशाब आना। (problem of frequent urination)

बच्चेदानी में सूजन से राहत के घरेलू उपाय क्या हैं? (Home remedies for Bulky Uterus in Hindi)

बच्चेदानी की सूजन की समस्या के लक्षणों पर ध्यान देने और इसका समय पर इलाज शुरू करने से पीड़ित महिला को इसके साइड-इफेक्ट्स से बचा जा सकता है। वहीं, बच्चेदानी की सूजन से राहत पाने के लिए कुछ नेचुरल चीजों और घरेलू नुस्खों की भी मदद ले सकते हैं। इस लेख में हम लिख रहे हैं कुछ ऐसे ही घरेलू उपायों के बारे में जो बच्चेदानी की सूजन की समस्या से आराम दिलाने में कारगर साबित हो सकते हैं।

नारियल पानी पीएं (Drink Coconut Water to get relief from Bulky Uterus)

जिन महिलाओं की बच्चेदानी में सूजन की समस्या हो वे रोजाना नारियल पानी (benefits of coconut water in bulky uterus problem) पी सकती हैं। इससे उन्हें लाभ होगा। नारियल पानी में एंटीऑक्सीडेंट्स (antioxidants) होते हैं और इसमें एंटीबायोटिक गुण भी पाए जाते हैं। नारियल पानी की ये सभी खूबियां और पोषक तत्व यूट्रस में होने वाले संक्रमण और उसके लक्षणों (symptom of Swelling In Uterus) से आराम मिलता है।

अजवाइन का ऐसे करें सेवन (Ajwain Drink for bulky uterus)

यूट्रस से जुड़ी समस्याओं से आराम पाने के लिए अजवाइन (Ajwain) का सेवन भी बहुत लाभकारी माना जाता है। अजवाइन इंफ्केशन के लक्षणों को कम करता है और इससे यूट्रस में होनेवाली सूजन भी काफी हद तक कम होती है। बच्चेदानी की सूजन (Bachchedani ki sujan kam karen ke gherelu upay) कम करने के लिए अजवाइन का सेवन इस तरीके से कर सकते हैं-

बच्चेदानी में सूजन से होने वाली बीमारियां-Inflammatory diseases of the uterusबच्चेदानी में सूजन को यूट्रस फाइब्रॉएड भी कहते हैं। ये समस्या महिलाओं में बांझपन, पेल्विक इंफेक्शन, यूट्रस में फोड़े व पस जमा करने का कारण बन सकती हैं। इतना ही नहीं, अगर सही इलाज न हो तो ये बच्चेदानी का कैंसर में भी बदल जाती है। तो चलिए जानें गर्भाश्य यानी बच्चेदानी (Uterus) में सूजन होने के कारण, लक्षण और बचाव के बारे में।

गर्भाश्य फाइब्राइड है क्या?- what is uterine fibroid?
बच्चेदानी में एक तरह की घास जैसी फाइब्राइडस बनने लगती हैं और ये कई बीमारियों को जन्म देने लगती है। हालांकि ये शुरुआती दौर में कैंसरस नहीं होती, लेकिन अगर नजरअंदाज किया जाए तो ये कैंसर में तब्दील हो सकती हैं।

यूट्रस में सूजन या फाइब्राइड्स के लक्षण- Swelling of the uterus or symptoms of fibroids⦁ पेट के निचले हिस्से में दर्द रहना
⦁ बहुत ज्यादा डिस्चार्ज और पीरियड्स के दिनों में ब्लीडिंग होना
⦁ थकान और कमजोरी महसूस होना
⦁ गैस, एसिडिटी और कब्ज रहना
⦁ प्राइवेट पार्ट में खुजली और जलन
⦁ पीरियड्स के दौरान ठंड लगना और दर्द होना
⦁ इंटरकोर्स के दौरान दर्द होना
⦁ तेज बुखार होना
⦁ बार-बार यूरिन आना, ये सारे संकेत बच्चेदानी के सूजन के हो सकते हैं।

यूट्रस में सूजन की जानिए वजह-know the reason for swelling in uterus

  • बार-बार गर्भपात होने से
  • अबॉर्शन करवाने से
  • ज्यादा दवाइयों का सेवन करने से
  • भूख से ज्यादा खाना खाने से
  • टाइट कपड़े पहनने से
  • इंटरकोर्स एक्टिविटी ज्यादा होने पर
  • ज्यादा एक्सरसाइज करने से
  • वेट अधिक होने से
सूजन का इलाज-treatment of inflammation

रैगुलर स्क्रीनिंग एंटीबॉयोटिक्स दवाइएं फाइब्राइड्स को बढ़ने से रोकती हैं। कुछ मामलों में एवेक्युएशन, नीडल एस्पिरेशन, सर्जरी आदि की भी जरूरत पड़ सकती है।ये घरेलू नुस्खे बीमारी को कंट्रोल करने में करेंगे मदद- home remedies for swelling in the uterus

Bachedani Me Sujan Ka Gharelu Ilaj: किसी भी महिला के लिए मां बनना बेहद खुशी का पल होता है। लेकिन समस्या तब आती है जब बच्चेदानी में सूजन आ जाती है। बच्चेदानी, महिलाओं का एक बेहद महत्वपूर्ण अंग है, क्योंकी इसी में वे पूरे 9 महीने अपने बच्चे को पालती हैं। वैसे तो इसका एक निश्चित आकार होता है, किन्तु कई बार सूजन के कारण पेट बढ़ने लगता है।

बाहर से देखने पर यह लगभग प्रेगनेंसी जैसा ही दिखता है। बच्चेदानी में सूजन के दौरान ज्यादातर महिलाएं बुखार, मितली, सिर दर्द, पेट दर्द और कमर दर्द की समस्या से भी ग्रसित हो जाती हैं और कई बार यूरिन के रास्ते से ब्लड भी निकलने लगता है। ऐसे में डॉक्टर से इलाज करवाना तो अच्छा होता ही है, लेकिन आप बच्चेदानी की सूजन के लिए घरेलू उपाय भी कर सकते हैं। तो आइए जानते हैं बच्चेदानी में सूजन के घरेलू नुस्खे।

बच्चेदानी की सूजन के घरेलू उपायय(Bachedani Me Sujan Ka Gharelu Ilaj)

  1. जूस है बेहद फायदेमंद
    बच्चेदानी में सूजन से पीड़ित महिला के लिए संतुलित आहार के साथ ही फलों का जूस पीना बेहद फायदेमंद होता है। पीड़ित महिलाएं, डॉक्टर से परामर्श कर चार-पाँच दिन तक उपवास रखें और केवल फलों का जूस पिएं।
  2. निर्गुंडी का औषधीय पौधा
    निर्गुंडी के पौधे में वेदना शामक व मज्जा तंतुओं को शक्ति देने का औषधीय गुण होता है और इसके इस्तेमाल से बाहरी या भीतरी सूजन को कम किया जा सकता है।
  3. बादाम के सेवन से
    यह तो आप जानते ही हैं कि बादाम आपकी सेहत बनाने के साथ ही दिमाग को भी तेज करते हैं। लेकिन आपको बता दें कि ये बच्चेदानी की सूजन में भी लाभकारी होते हैं। इसके लिए एक चम्मच बादाम रोगन, तीन चम्मच शरबत बनफ्सा और खांड को पानी में मिलाकर सुबह-सुबह पिएं। साथ ही एक रुई के फ़ोहे को बादाम रोगन में भिगाकर जननांग के मुंह पर रखें।
  4. कासनी की जड़
    कासनी की जड़ को 6-6 ग्राम गुलबनफ्सा व वरियादी, 5 ग्राम गावजवां और तुख़्म कसूम व 6 ग्राम बारीक पीसी मुनक्का के साथ, 1 गिलास पानी नियमित रूप से पीने से बच्चेदानी की सूजन में राहत मिलती है।
  5. चिरायता भी है एक उपाय
    चिरायता भी औषधीय गुण वाला होता है। चिरायते के पानी से योनि को धोकर पानी में पिसे हुये चिरायते का लेप, पेट और योनि पर करने से गर्भाशय की सूजन से राहत मिलती है।
  6. पैरों को ऊपर उठाकर मिलेगा आराम
    दिन में दो-तीन बार अपने पैरों को एक घंटे उठाकर लेटने और आराम करने से भी बच्चेदानी की सूजन में आराम मिलता है।
  7. चटपटी-तली चीजों से परहेज
    चटपटी और तली चीजें आपकी समस्या और बढ़ा सकती हैं। इसलिए जब तक सूजन खत्म ना हो इन चीजों से दूरी बनाए रखें।
  8. अरंडी के पत्तों का रस
    अरंडी के पत्तों का रस भी काफी लाभदायक होता है। इस रस को छानकर इसमें रुई भिगो लें और गर्भाशय के मुंह पर नियमित रूप से तीन-चार दिनों तक रखें। बच्चेदानी की सूजन में बहुत लाभ मिलेगा।
  9. अन्य उपाय-
    इन सब के अलावा आप 120 ग्राम अशोक वृक्ष की छाल, सौ-सौ ग्राम वरजटा, काली सरिवा, लाल चन्दन, दारुहल्दी, मंजीठ को छोटी इलायची के दाने और 50 ग्राम चंद्रपुटी प्रवाल भस्म, 40 ग्राम सहस्त्रपुटी अभ्रक भस्म, 30 ग्राम वाङ भस्म और लौह भस्म तथा 10 ग्राम मकरध्वज गंधक जारित लेकर इनका चूर्ण बना लें। इसके बाद इसमें खींरेटी सेमल की छाल तथा गूलर की छाल के काढ़े में 3-3 दिन खरण करके 1-1 ग्राम की गोलियां बनाकर सूखा लें। अब ये 1-2 गोली रोजाना गाय के दूध के साथ लें। बच्चेदानी की सूजन में बेहद फायदा होगा।
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उम्मीद है बच्चेदानी की सूजन कम करने के घरेलू नुस्खे(Bachedani Me Sujan Ka Gharelu Ilaj) आपको जरूर फायदा देंगे। अपने अनुभव हमारे साथ जरूर शेयर करें।

Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारियां और सूचनाएं सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं। Hindi.RapidLeaks इनकी पुष्टि नहीं करता है। इन पर अमल करने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से संपर्क करें।

बच्चेदानी का सूजन कैसे खत्म होगा?

बच्चेदानी में सूजन का घरेलू उपाय- Bachedani Mein Sujan in Hindi.
जूस और संतुलित आहार लें- ... .
निर्गुंडी की सहाता से- ... .
चटपटे और तले हुए चीजों से परहेज रखकर- ... .
पैरों को कुछ देर तक ऊपर उठाकर- ... .
बादाम के सेवन से- ... .
चिरायते से- ... .
अरंडी के पत्तों का रस- ... .
कासनी की जड़-.

बच्चेदानी में सूजन के क्या लक्षण है?

बच्चेदानी में सूजन के लक्षण.
पीरियड्स का अनियमित हो जाना.
पेल्विक हिस्से में ऐंठन और ब्लीडिंग.
पैरों में सूजन और ऐंठन.
पीठदर्द.
मीनोपॉज़ के बाद भी ब्लीडिंग होना.
बार-बार और जल्दी पेशाब आना.
संभोग के दौरान दर्द.
पेट के निचले हिस्से के आसपास वजन बढ़ना.

बच्चेदानी में सूजन आने का क्या कारण होता है?

बच्चेदानी में सूजन: कारण गर्भाशय ग्रीवा, जो गर्भाशय के सबसे निचला हिस्सा है तथा गर्भाशय का प्रवेश द्वार है, आमतौर पर बैक्टीरिया को गर्भाशय से बहार रखता है। परन्तु प्रसव तथा सर्जरी के दौरान जब गर्भाशय ग्रीवा खुली होती है, बैक्टीरिया गर्भ में प्रवेश कर सकते हैं। यही बैक्टीरिया एंडोमेट्रैटिस का कारण बनता है।

सूजन कम करने के लिए क्या खाना चाहिए?

सूजन की समस्या को दूर करने वाले फूड्स.
एवोकाडो खाने से सूजन होती है कम ... .
सूखी खुबानी सूजन करे ठीक ... .
साग खाने से सूजन की समस्या हो दूर ... .
सूजन कम करने के लिए खाएं केला ... .
टमाटर भी सूजन की समस्या करे दूर ... .
किशमिश भी है बेहद फायदेमंद.