यूरिन इन्फेक्शन में कौन सा इंजेक्शन लगता है? - yoorin inphekshan mein kaun sa injekshan lagata hai?

महिलाओं में होने वाली बीमारियों में इन दिनों यूरिन इन्फेक्शन की समस्या बेहद आम है। इस समस्या का प्रमुख कारण स्वच्छता न बरतना होता है। आमतौर पर यह यूरिनरी कॉर्ड में होने वाला एक संक्रमण है, जिसे यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन (यूटीआई) भी कहा जाता है। स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. रेखा सचान बताती हैं कि एक रिपोर्ट के मुताबिक करीब 40 प्रतिशत महिलाएं जीवन में कभी न कभी यूटीआई से ग्रसित होती हैं। यह जीवाणु जन्य संक्रमण है, जिसमें कॉर्ड का कोई भी भाग प्रभावित हो सकता है। विशेषज्ञों के मुताबिक यूरिन में जीवाणु नहीं होते हैं और यह संक्रमण यूरिन में जीवाणु की मौजूदगी के कारण होता है। जब मूत्राशय या गुर्दे में जीवाणु प्रवेश कर जाते हैं और बढ़ने लगते हैं तो यह स्थिति आती है। कुछ सावधानियां बरत कर इस संक्रमण से बचा जा सकता है...

घबराएं नहीं, समय से इलाज करवाएं
क्वीनमेरी अस्पताल की स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. रेखा सचान बताती हैं कि यूरिन इन्फेक्शन होने पर घबराने की जरूरत नहीं है। अगर शुरुआत में इसका सटीक इलाज करवा लिया जाए तो दिक्कत को जड़ से खत्म किया जा सकता है। इसमें दवाओं की हल्की डोज दी जाती हैं। साथ ही सफाई रखने के तरीके बताएं जाते हैं। गर्भावस्था में यूरिन इन्फेक्शन होने पर गर्भस्थ शिशु के विकास पर असर पड़ सकता है और वह संक्रमण की चपेट में आ सकता है।

सफाई पर ध्यान दें
गर्भावस्था के दौरान सफाई का विशेष ध्यान रखें। यूटीआई होने पर मरीज को पेशाब में रुकावट, गुप्त अंग में लाल चकत्ते पड़ना, जलन और पेशाब में ब्लड पास होने की दिक्कत हो सकती है। इसका ठीक से इलाज न होने पर संक्रमण किडनी तक पहुंच सकता है। इससे शरीर में खून की कमी हो सकती है। किडनी में एरिथ्रोपीटिन नामक हार्मोन होता है। इससे बोन मेरो के जरिए रेड ब्लड सेल बनती है। किडनी में इन्फेक्शन होने से हार्मोन का असर कम होने लगता है, जिससे शरीर में हिमोग्लोबिन घट जाता है।

लक्षण
•पेशाब के दौरान दर्द या जलन होना।
•यूरिन पास होने में ज्यादा समय लगना।
•बार-बार पेशाब आना।
•पेशाब से बदबू आना।
•पेट के निचले हिस्से में दर्द होना।
•हल्का बुखार होना।
•कभी-कभी पेशाब के साथ खून आना।

ज्यादा पानी पिएं
इस संक्रमण से ग्रस्त महिलाओं को पानी और तरल पदार्थों का सेवन ज्यादा करना चाहिए। खूब सारा पानी पिएं, हर एक घंटे में पेशाब लगना जरूरी होता है इसलिए आपको लगभग 10-12 ग्लास पानी तो रोज पीना चाहिए।

पेशाब रोके नहीं
तेज आई पेशाब को रोके नहीं, जब भी पेशाब लगे तुरंत जाएं वरना यूटीआई होने का खतरा बढ़ जाएगा। पेशाब रोकने के कारण भी यह संक्रमण फैलता है।

सूती कपड़े पहनें
हमेशा कॉटन फैब्रिक के ही अंडरगारमेंट पहनें, जिससे त्वचा हमेशा सूखी बनी रहे और बैक्टीरियल फॉर्मेशन न हो। रोज नहाना और पर्सनल हाइजीन रखने से इस बीमारी से दूर रहा जा सकता है।

खानपान में सावधानी बरतें
खानपान की स्वच्छता का ध्यान रखना भी जरूरी है। गंदी जगह पर बनाया गया खाना खाने से भी यह परेशानी हो सकती है। खाने का संक्रमण खून में मिल जाता है इसलिए उससे भी यूरिनरी कॉर्ड संक्रमण हो सकता है। यूटीआई की समस्या सफाई न रखने के कारण ज्यादा होती है। इसलिए संक्रमण से बचने के लिए शरीर की साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखना चाहिए। अपना टॉयलट हमेशा साफ-सुथरा रखें।

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यूरिन इन्फेक्शन में कौन सा इंजेक्शन लगता है? - yoorin inphekshan mein kaun sa injekshan lagata hai?

पेशाब की नली में इन्फेक्शन मूत्राशय और मूत्रमार्ग का इन्फेक्शन है। इसे यूटीआई (Urinary Tract Infection) भी कहा जाता है।

पेशाब की नली में संक्रमण होने का मुख्य कारण बैक्टीरिया हैं। कुछ इन्फेक्शन फंगी के कारण भी होते है। बहुत ही दुर्लभ मामलों में यह वायरल होता है।

यह मनुष्यों में होने वाला सबसे आम संक्रमण है। पुरुषों की तुलना में महिलाओं को इसका खतरा अधिक होता है। अगर यह संक्रमण केवल पेशाब की नली तक सीमित रहता है तो दर्द और सूजन का सामना करना पड़ता है।

पढ़ें- यूटीआई होने पर ध्यान रखें ये 5 बातें

यदि इन्फेक्शन गुर्दे तक फैलता है तो परिणाम गंभीर हो सकते हैं।

  • पेशाब की नली में इन्फेक्शन के लक्षण
  • पेशाब की नली में इन्फेक्शन का कारण
  • पेशाब की नली में इन्फेक्शन का निदान
    • मूत्र का विश्लेषण
    • इमेजिंग टेस्ट
    • इंट्रावेनस पाइलोग्राम (IVP)
    • सिस्टोस्कोपी
  • पेशाब की नली में इन्फेक्शन का इलाज
  • निष्कर्ष

पेशाब की नली में इन्फेक्शन के लक्षण

पेशाब की नली में इन्फेक्शन के लक्षण हैं:

  • पेशाब करने पर जलन
  • पेशाब के साथ खून निकलना
  • मूत्र के रंग में परिवर्तन (कोला या चाय की तरह दिखता है)
  • महिलाओं के श्रोणि क्षेत्र में दर्द
  • तुरंत पेशाब करने की जरूरत महसूस होना
  • पुरुषों के मलाशय में दर्द
  • ब्लैडर खाली न होना और बार-बार पेशाब आना
  • मूत्र के गंध में परिवर्तन

अगर इन्फेक्शन यूरिनरी ट्रैक्ट के ऊपरी अंगों तक पहुँच जाता है तो किडनी के लिए खतरा हो सकता है। किडनी से संक्रमण रक्त में चला गया तो जीवन के लिए खतरा हो सकता है।

पेशाब की नली का इन्फेक्शन ऊपरी ट्रैक्ट में फैलता है तो निम्न लक्षण नजर आ सकते हैं:

  • बुखार
  • जी मिचलाना
  • उल्टी आना
  • पीठ के ऊपरी हिस्से में दर्द

पेशाब की नली में इन्फेक्शन का कारण

जब बैक्टीरिया मूत्राशय में पहुंचकर खुद को बढ़ाने लगते हैं तो पेशाब की नली में संक्रमण होता है। मानव मूत्र प्रणाली की डिज़ाइन बैक्टीरिया समेत अन्य बाहरी सूक्ष्म जीवों को शरीर के बाहर निकालने में सफल है, लेकिन कभी-कभी यह बचाव नहीं कर पाती है।

एस्चेरिचिया कोली (E. Coli) एक प्रकार का बैक्टीरिया है जो गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल (GI) पथ में पाया जाता है। यह पेशाब की नली में इन्फेक्शन का मुख्य कारण है।

पढ़ें- पेशाब की नली में इन्फेक्शन होने पर क्या खाएं और क्या नहीं

सेक्स के कारण महिलाओं को यूटीआई हो सकता है। सेक्सुअली एक्टिव महिलाओं में यह संक्रमण उन महिलाओं के मुकाबले अधिक होता है जो सेक्सुअली एक्टिव नहीं हैं।

निम्न कारक पेशाब की नली में संक्रमण के खतरे को बढ़ाते हैं:

  • मूत्र मार्ग में अवरुद्धता
  • गर्भावस्था
  • रजोनिवृत्ति
  • बहुत अधिक सेक्स करना
  • कई पार्टनर्स के साथ संबंध बनाना
  • मूत्राशय का खाली न होना
  • आंत्र की समस्याएँ
  • कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली
  • अधिक समय तक स्थिर रहना (immobility)
  • किडनी स्टोन
  • डायबिटीज
  • एंटीबायोटिक दवाओं का अत्यधिक इस्तेमाल। इससे मूत्र पथ ब्लाक हो सकता है।
  • टैम्पोन का उपयोग

पेशाब की नली में इन्फेक्शन का निदान

पेशाब की नली में इन्फेक्शन में का निदान करने के लिए निम्न टेस्ट किए जा सकते हैं:

मूत्र का विश्लेषण

लाल रक्त कोशिकाएं, सफ़ेद रक्त कोशिकाएं और बैक्टीरिया का पता लगाने के लिए डॉक्टर आपके मूत्र का नमूना मांग सकते हैं।

नमूना दूषित न होने पाए इसके लिए, पेशाब करने से पहले रोगी जननांग क्षेत्र को एक एंटीसेप्टिक पैड से साफ़ करता है। मूत्र भरने की डिब्बी को छूने की इजाजत नहीं होती है।

मूत्र का नमूना बीच में इकठ्ठा करना चाहिए (पहले थोड़ा सी पेशाब टॉयलेट में करें, फिर बीच का डिब्बी में इकठ्ठा करें और फिर दोबारा बाकी मूत्र टॉयलेट में करें)

मूत्र की जांच करने के बाद डॉक्टर पता लगा सकते हैं कि कौन सा जीवाणु संक्रमण का कारण है और कौन सी दवा इलाज के लिए बेहतर रहेगी।

इमेजिंग टेस्ट

अगर पेशाब की नली में बार-बार संक्रमण हो रहा है तो यह मूत्र पथ की किसी असामान्यता का परिणाम हो सकता है। इसके लिए डॉक्टर अल्ट्रासाउंड, कम्प्यूटरीकृत टोमोग्राफी (CT), या एमआरआई की सलाह दे सकते हैं।

इंट्रावेनस पाइलोग्राम (IVP)

एक विशेष डाई आपके शरीर में इंजेक्ट किया जाता है जो मूत्र मार्ग के माध्यम से यात्रा करता है। इसके बाद आपके पेट का एक्स-रे लिया जाता है, जिसमें डाई के कारण आपका मूत्र मार्ग दिखाई देता है।

सिस्टोस्कोपी

मूत्राशय के भीतर देखने के लिए एक छोटा कैमरा मूत्र मार्ग के माध्यम से मूत्राशय में डाला जाता है। इस दौरान डॉक्टर रोगी के मूत्राशय का एक छोटा ऊतक लैब टेस्ट के लिए निकाल सकता है। इस नमूने से मूत्राशय में सूजन या कैंसर का पता लगाया जाता है।

पेशाब की नली में इन्फेक्शन का इलाज

पेशाब की नली में इन्फेक्शन का उपचार इसके कारण पर निर्भर है। परीक्षण के परिणाम से डॉक्टर यह पता लगा पाता है कि कौन सा जीव संक्रमण का कारण है, और उचित इलाज शुरू कर दिया जाता है।

एंटीबायोटिक दवा

यूटीआई के ज्यादातर मामलों का कारण बैक्टीरिया होता है। बैक्टीरियल संक्रमण का इलाज एंटीबायोटिक दवाओं से किया जा सकता है।

यूरिनरी ट्रैक्ट के जिस भाग में संक्रमण है, उसके हिसाब से एंटीबायोटिक दवा दी जाती है। अगर इन्फेक्शन मूत्रमार्ग और मूत्राशय तक ही सीमित है तो मौखिक रूप से एंटीबायोटिक दवा दी जाती है।

इन्फेक्शन अगर ऊपरी अंगों तक पहुँच चुका है तो नस में एंटीबायोटिक इंजेक्शन दिया जा सकता है। कई बार बैक्टीरिया एंटीबायोटिक दवाओं का प्रतिरोध करने लगते हैं। एंटीबायोटिक प्रतिरोध के जोखिम को कम करने के लिए डॉक्टर आपको कम समय का ट्रीटमेंट कोर्स प्रदान करता है। यह लगभग एक सप्ताह का हो सकता है।

वायरल और फंगल उपचार

वायरल इन्फेक्शन का इलाज एंटीवायरल दवाओं से किया जाता है और फंगल इन्फेक्शन का एंटीफंगल दवाओं से। वायरल यूटीआई में सिडोफोविर (Cidofovir) ड्रग चिकित्सकों की पहली पसंद है क्योंकि यह सामान्य वायरल रोगजनकों के खिलाफ बेहतर प्रदर्शन करता है।

घरेलू उपचार

दुर्भाग्य से पेशाब की नली में इन्फेक्शन का कोई घरेलू उपचार मौजूद नहीं है। हालांकि, कुछ घरेलू तरीके दवाओं के प्रभाव को बेहतर करने का काम कर सकते हैं।

  • पानी का भरपूर सेवन करें। यह मूत्र को पतला करता है और बैक्टीरिया शरीर के बाहर निकालने में मददगार है।
  • कॉफ़ी, शराब, सॉफ्ट ड्रिंक, साइट्रस ड्रिंक और कैफीन के सेवन से बचें। यह पदार्थ आपके मूत्राशय को परेशान कर सकते हैं।
  • पेट के ऊपर हीटिंग पैड रख सकते हैं। यह संक्रमण के दर्द को कम करेगा। पैड ज्यादा गर्म नहीं होना चाहिए।
  • संभोग करने से बचें। अगर करते हैं तो तुरंत बाद पेशाब करें और एक गिलास पानी पिएँ।
  • क्रैनबेरी जूस का सेवन करें। यह पेशाब की नली में इन्फेक्शन का उपचार तो नहीं करता लेकिन इसे होने से रोकता है।
  • महिलाएं योनि में डिओडोरेंट, स्प्रे या डूश के उपयोग से बचें।

निष्कर्ष

पेशाब की नली में संक्रमण का इलाज जितना जल्दी हो जाए उतना ही बेहतर होता है। अनुपचारित यूटीआई तेजी से फैलता है और किडनी डैमेज कर सकता है। बैक्टीरिया खून में मिलकर शरीर के कई अंगों को क्षति पहुंचा सकते हैं जिससे जान भी जा सकती है।

निचले हिस्से के यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन का इलाज आसान होता है। ज्यादातर ऊपरी मूत्र पथ का संक्रमण ही गंभीर समस्याओं को जन्म देता है।

आप अपने शहर की Pristyn Care क्लीनिक में यूटीआई का बेहतरीन इलाज प्राप्त कर सकते हैं। शहर के सबसे अनुभवी यूरोलॉजिस्ट आपका निदान करते हैं और परीक्षण परिणामो के अनुसार उचित इलाज करते हैं। अधिक जानकारी पाने के लिए आप हमारी वेबसाइट चेक कर सकते हैं या हमें मुफ्त कॉल कर सकते हैं।

डिस्क्लेमर: यह ब्लॉग सामान्य जानकारी के लिए लिखा गया है| अगर आप किसी बीमारी से ग्रसित हैं तो कृपया डॉक्टर से परामर्श जरूर लें और डॉक्टर के सुझावों के आधार पर ही कोई निर्णय लें|

यूरिन इन्फेक्शन के लिए कौन सा इंजेक्शन दिया जाता है?

पेनिसिलिन एंटीबायोटिक के रूप में, मेगामायसीन इंजेक्शन (Megamycin Injection) जीवाणु संक्रमण का इलाज करता है। यह बैक्टीरिया में कोशिका की दीवारों के संश्लेषण के साथ हस्तक्षेप करता है और इसे बढ़ने से रोकता है। इसका उपयोग फेफड़ों और वायुमार्ग, त्वचा, मध्य कान, साइनस और मूत्र पथ के संक्रमण के इलाज के लिए किया जाता है।

यूरिन इन्फेक्शन की सबसे अच्छी दवा कौन सी है?

एज़ोफ़्लॉक्स यूटीआई टैबलेट एक एंटीबायोटिक है जिसका इस्तेमाल मूत्रमार्ग के इन्फेक्शन के इलाज और रोकथाम के लिए किया जाता है. यह मूत्रमार्ग के इन्फेक्शन के कारण होने वाले मूत्र मार्ग के दर्द, जलन, परेशानी, और बेचैनी के साथ-साथ बार-बार पेशाब आने और पेशाब करने की तीव्र इच्छा आदि से भी राहत दिलाता है...

यूरिन इन्फेक्शन ठीक होने में कितना समय लगता है?

यूटीआई कितने समय तक चलता है? यूटीआई काफी आम है और वायरस, बैक्टीरिया और फंगस के कारण हो सकता है। एंटीबायोटिक्स की मदद से यूटीआई 24 घंटे से 48 घंटे के भीतर दूर हो सकता है। हालांकि, अगर संक्रमण किडनी तक पहुंच गया है, तो यूटीआई को दूर होने में एक सप्ताह या उससे अधिक समय लग सकता है।

यूरिन इंफेक्शन को जड़ से कैसे खत्म करें?

सफेद इलायची का सेवन यूरिन इंफेक्शन में लाभदायकर होता है। पांच से छह इलायची के दानों को पीसकर आधे चम्मच सौंठ के पाउडर में मिलाकर रख लें। इसको थोड़ा सा सेंधा नमक और अनार के रस के साथ गुनगुने पानी से पिएं। यूरिन इंफेक्शन की समस्या में नारियल का पानी आपके लिए फांयदेमंद हो सकता है।