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भारतीय सेना अपने ऑफिसर कैडर में बदलाव करने जा रही है, जिससे कई रैंक की कटौती हो सकती है. बताया जा रहा है कि ऑफिसर कैडर में बदलाव के बाद ब्रिगेडियर के पद को खत्म किया जा सकता है! आइए जानते हैं सेना में रैंक का क्रम क्या और क्या-क्या बदलाव हो सकते हैं....
सेना की रैंक में से ब्रिगेडियर का पद हटा देने से कर्नल पद पर तैनात अफसर प्रमोशन पाकर सीधे मेजर जनरल भी बन सकते हैं. हालांकि अभी इसकी कोई आधिकारिक जानकारी नहीं दी गई है. बताया जा रहा है ब्रिगेडियर के और एक-दो पद भी हटाए जा सकते हैं.
सेना के अनुसार, ब्रिगेड कमांडर, जो कि सिविल सेवाओं में इंस्पेक्टर जनरल ऑफ पुलिस से सीनियर होता है, लेकिन आईजी पुलिस, ब्रिगेडियर से ज्यादा पे-ग्रेड पाता है, ऐसे में नए बदलावों के बाद इस अंतर को पाटने की कोशिश हो सकती है.
बता दें कि सेना में नॉन कमीशंड ऑफिसर पदों में लांस नायक और उसके बाद नायर और हवलदार रैंक होती है. इससे पहले भी सेना ने सब लेफ्टिनेंट के पद को खत्म किया था.
वहीं जूनियर कमीशंड ऑफिसर में सबसे पहले नायब सुबेदार और उससे सीनियर सुबेदार और सुबेदार मेजर होते हैं.
कमीशंड ऑफिसर में सबसे हायर रैंक फील्ड मार्शल और उसके बाद जनरल, लेफ्टिनेंट जनरल, मेजर जनरल, ब्रिगेडियर, कर्नल, लेफ्टिनेंट कर्नल, मेजर, कैप्टन, लेफ्टिनेंट पद होते हैं.
गौरतलब है कि सिविल सर्विस के अफसर 18 सालों में ज्वाइंट सेक्रेटरी के पद तक पहुंच जाते हैं, जबकि सेना में इस लेवल तक पहुंचने के लिए 32-33 साल लगते हैं. आज आप इस पोस्ट में जंनेगे की कर्नल क्या होता है और Karnal Kaise Bane, कर्नल के लिए कार्य, कर्नल के लिए योग्यता एवं यदि आप कर्नल बनना चाहते है, तो उससे सबंधित सम्पूर्ण जानकारी आप इस पोस्ट में पढ़ सकते है. कर्नल क्या होता है – Karnal कैसे बने उनके कार्यContents
कर्नल क्या होता हैयह पद इंडियन आर्मी में आता है भारतीय आर्मी में कुल 17 रैंक एवं पद होते है, जिसमे कर्नल का पद 6th रैंक पर आता है. ये ब्रिगेडियर के बाद और लेफ्टिनेंट कर्नल से बड़ी रैंक होती है इस पद पर आसीत व्यक्ति के कंधे पर राष्ट्रिय प्रतिक और 2 स्टार बने होते है. इंडियन आर्मी विश्व की तीसरी सबसे बड़ी आर्मी सेना है कर्नल को कमांडिंग ऑफिसर या C.O. भी कहा जाता है कर्नल एक बटालियन या यूनिट को संभालने का काम करता है एक कर्नल का पद इंडियन नेवी और इंडियन एयर फ़ोर्स के कप्तान के बराबर होता है. इस पद तक आने के लिए कैंडिडेट को 15 साल तक आर्मी में सेवा स्तर पर रहना होता है परमानेंट कमिशन में कर्नल ग्रुप A की पोस्ट होती है. Karnal Kaise Baneइंडियन आर्मी में कोई भी विद्यार्थी सीधे कर्नल नहीं बन सकता है इंडियन आर्मी में सेव स्तर पर रहते हुए वह व्यक्ति प्रमोशन के द्वारा इंडियन आर्मी कर्नल वन सकता है. पहले उसे सबसे पहले इंडियन आर्मी में लेफ्टिनेंट बनना होता है उसके बाद प्रमोशन के द्वारा उस व्यक्ति को इंडियन आर्मी में कर्नल बना दिया जाता है. इंडियन आर्मी में कर्नल बनने के लिए सबसे पहले उस व्यक्ति को लेफ्टिनेंट कर्नल बनना पड़ता है और लेफ्टिनेंट कर्नल बनने के लिए उस व्यक्ति या उमीदवार को तीन Exam देनी होती है. जैसे- NDA EXAM TES EXAM CDS EXAM NDA EXAM: NDA का full form National Defence Academy होता है NDA के exam UPSC साल में 2 बार करवाता है NDA Exam पास करने के बाद विधार्थी की ट्रेनिंग खड़कवासरा पुणे में होती है. NDA की ट्रेनिंग 3 साल की होती है जिसमे 1 साल की ट्रेनिंग इंडियन मिलिट्री एकेडमी में होती है, जिसके बाद उसे परमानेंट कमीशन में लेफ्टिनेंट बना दिया जाता है. NDA Exam के दो स्टेज होते है
Math का पेपर 300 नंबर का होता है और जनरल एबिलिटी का टेस्ट 600 नंबर का होता है. दोनों ही Exam में ऑब्जेक्टिव टाइप प्रश्न पूछे जाते हैं. दोनों एग्जाम पास होने के बाद उम्मीदवार को इंटरव्यू के लिए बुलाया जाता है SSB इंटरव्यू के 2 स्टेज होते हैं. दोनों 1st स्टेज में पास होने के बाद आपको 2nd स्टेज की परीक्षा में बैठने की परमिशन मिलती है. TES EXAM: TES का full form टेक्नीकल एंट्री स्कीम होता है. TES का exam UPSC साल में 2 बार कराता है TES exam पास करने के बाद उमीदवार की ट्रेनिंग OTA गया में होती है. NDA Exam पास होने के बाद OTA गया में 4 साल की training होती है जिस training के बाद उसे लेफ्टिनेंट कर्नल बना दिया जाता है OTA का full form Officer Training Academy होती है. लेफ्टिनेंट बनने के लिए उमीदवार को 12th क्लास में पास होना चाहिए. साइंस स्ट्रीम से 12th में उसके 70% से अधिक नंबर आने चाहिए TES exam में written टेस्ट नहीं होता है इसमें 12th के नंबर पर ही मेरिट लिस्ट बनती है उसमे नाम आने के बाद उसको SSB interview के लिए बुलाता है उसके बाद उसका मेडिकल किया जाता है CDS Exam: CDS का full form Combined Defence Services होता है. CDS Exam साल में 2 बार कराइ जाती है CDS की exam क्लियर करने के बाद उमीदवार की Training Indian Military Academy, देहरादून में होती है. 2 साल की training के बाद उसे लेफ्टिनेंट बना दिया जाता है. CDS exam में written test होता है जिसमे इंग्लिश, GK, एलिमेंट्री Maths के प्रश्न पूछे जाते है और सभी प्रश्न ऑब्जेक्टिव टाइप होते हैं यह एग्जाम 2 घंटे का होता है और 100 नंबर का पेपर लिया जाता है Exam में पास होने के बाद उम्मीदवार को इंटरव्यू के लिए बुलाया जाता है. SSB इंटरव्यू में दो स्टेज होती हैं इसमें पास होने के बाद उसे 2nd की परीक्षा के लिए बुलाया जाता है Karnal ke karyaइंडियन आर्मी में कर्नल एक महत्वपूर्ण पद होता है एवं इनके कार्य निम्नलिखित हैं
कर्नल बनने के लिए योग्यतालेफ्टिनेंट कर्नल बनने के लिए योग्यताएं निम्नलिखित है
Karnal Ki Salary Kitni Haiकर्नल की सैलरी 1 लाख 30 हजार रुपय प्रति महीने होती है. NDA ke liye aavedan shulkNDA exam के लिए आवेदन शुल्क 200 रुपय है. Karnal Ka Spellingk+a+r+n+a+l = Karnal Karnal Ki SalaryKarnal की Salary ₹1,30,600 से ₹2,15,900 तक प्रतिमाह तक होती हैं, ज्यादातर ₹10 लाख प्रति वर्ष से लेकर ₹32 लाख प्रति वर्ष तक। शीर्ष 10% कर्मचारी प्रति वर्ष ₹23 लाख से अधिक कमाते हैं। अगर आपको हमारी यह कर्नल क्या होता है और Karnal Kaise Bane पोस्ट अच्छी लगी तो इसे शेयर करे एवं इससे जुड़े अन्य पोस्ट भी पढ़े. अगर आपके मन में कोई सवाल है, तो आप Comment करके पूछ सकते है. आर्मी का सबसे बड़ा पोस्ट कौन सा है?जनरल (General)
जनरल जिसे हम सेना प्रमुख के नाम से भी जानते हैं या कमांडर इन चीफ के नाम से भी जाना जाता है। ये इंडियन आर्मी में सबसे बड़ी रैंक होती है। आप इनकी वर्दी पर एक क्रॉस्ड बैटन लगा होता है पांच बिंदुओं के स्टार के साथ एक अशोक स्तम्भ लगा हुआ होता है।
आर्मी में सबसे बड़ा अधिकारी कौन होता है?इंडियन आर्मी में सबसे बड़ी रैंक जनरल यानि थल सेनाध्यक्ष की होती है।
आर्मी में सबसे छोटी पोस्ट कौन सी होती है?लेफ्टिनेंट (Lieutenant) : भारतीय सेना (Indian Army) के कमीशन किए गए अधिकारियों की सबसे छोटी पोस्ट. कोई भी रिक्रूट सबसे पहले एनडीए या आईएमए में कोर्स करके लेफ्टिनेंट ही बनता है. उसकी वर्दी पर कंधे पर लगे बैज पर दो तारे होते हैं. ऊपर दिख रहा भारत का राष्ट्रीय प्रतीक चिन्ह बैज का बटन होता है.
एक कर्नल का काम क्या है?भी कहा जाता है कर्नल एक बटालियन या यूनिट को संभालने का काम करता है एक कर्नल का पद इंडियन नेवी और इंडियन एयर फ़ोर्स के कप्तान के बराबर होता है. इस पद तक आने के लिए कैंडिडेट को 15 साल तक आर्मी में सेवा स्तर पर रहना होता है परमानेंट कमिशन में कर्नल ग्रुप A की पोस्ट होती है.
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