व्यापार चिन्ह से आप क्या समझते है? - vyaapaar chinh se aap kya samajhate hai?

ट्रेडमार्क रजिस्ट्री या ट्रेडमार्क चिन्ह की के बारे में अक्सर हम कंपनी या व्यापार के परिपेक्ष्य में देखते और सुनते हैं लेकिन इसका क्या उपयोग होता है इसके बारे में अक्सर आम आदमी को नहीं मालूम होता है इसी बात को आज हम आपके सामने रखेंगे आप जानेगे की ट्रेडमार्क रजिस्ट्री या ट्रेडमार्क चिन्ह का प्रयोग कब कहाँ और क्यों किया जाता है | आज हम इस लेख में  Trademark Act 1999 in Hindi | व्यापार चिन्ह अधिनियम | Rules & Summary PDF Download के बारे में जानेंगे साथ ही ये भी देखेंगे व्यापार चिन्ह का  क्या अर्थ होता है |

व्यापार चिन्ह से आप क्या समझते है? - vyaapaar chinh se aap kya samajhate hai?

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व्यापार चिन्ह से आप क्या समझते है? - vyaapaar chinh se aap kya samajhate hai?

ट्रेडमार्क का अर्थ

जब किसी नाम, अक्षर, चिन्ह, डिजायन या चित्र का कानून के अन्तर्गत पंजीयन करा लिया जाता है तो इसे ट्रेडमार्क या व्यापार चिन्ह कहा जाता है। पंजीयन के बाद ‘‘ट्रेडमार्क”  का उपयोग केवल इस पर अधिकार रखने वाला व्यक्ति ही कर सकता है।

विलियम जे. स्टेन्टन के अनुसार, ‘‘ट्रेडमार्क एक ब्राण्ड है, जिसे किसी विक्रेता द्वारा अपनाया गया है तथा कानून द्वारा संरक्षण दिया गया है।“

कोपलेण्ड के अनुसार, ‘‘ट्रेडमार्क कोई भी चिन्ह् संकेत, प्रतीक, अक्षर या शब्द है जो किसी उत्पाद के उद्भव या स्वामित्व को प्रकट करता है जो उसकी किस्म से भिन्न होता है तथा दूसरे उसका उसी प्रकार उपयोग करने का वैधानिक अधिकार नहीं रखते है।“

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ट्रेडमार्क रजिस्ट्री 1940 में भारत में स्थापित किया गया था और वर्तमान में यह व्यापार चिन्ह अधिनियम, 1999 और उसके अधीन बनाए नियमों प्रशासन करता है। यह एक संसाधन और सूचना केन्द्र के रूप में कार्य करता है और व्यापार चिन्ह अधिनियम का उद्देश्य देश में व्यापार के निशान से संबंधित मामलों में एक सुविधा है, 1999 में देश में लागू व्यापार के निशान रजिस्टर करने के लिए और व्यापार चिह्न की बेहतर सुरक्षा के लिए प्रदान करने के लिए है माल और सेवाओं के लिए और भी निशान की धोखाधड़ी का उपयोग रोकने के लिए। रजिस्ट्री के मुख्य समारोह में व्यापार के निशान जो अधिनियम और नियमों के तहत पंजीकरण के लिए उत्तीर्ण रजिस्टर करने के लिए है। 

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भारत सरकार ने ट्रेड एण्ड मर्केन्डाइज मार्क एक्ट, 1958 के अन्तर्गत ट्रेडमार्क के पंजीयन की व्यवस्था की है। इस अधिनियम की धारा 11 एवं 12 में ट्रेडमार्क के पंजीयन की शर्ते दे रखी है। इन शर्तों का पालन करते हुए कोई भी व्यक्ति या संस्था अपने ब्राण्ड/ट्रेडमार्क का पंजीयन करवा सकती है। ट्रेडमार्क पंजीयन की कुछ शर्तें इस प्रकार है।

  • ट्रेडमार्क धोखा देने वाला या संदेह उत्पन्न करने वाला नहीं होना चाहिए।
  • यह देश के राजनियम के विरूद्ध नही होना चाहिए।
  • यह अपमानजनक या निन्दाकारक नहीं होना चाहिए।
  • यह अश्लील नही होना चाहिए।

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Trademark Act | व्यापार चिन्ह अधिनियम, 1999 | Rules & Summary PDF Download

व्यापार चिन्ह अधिनियम, 1999 (Trademark Act, 1999) में 13 अध्याय तथा 159 धाराएं  निहित है | आप नीचे दिए गए लिंक से Trademark Act | व्यापार चिन्ह अधिनियम, 1999 | Rules & Summary PDF Download कर सकते हैं |

 Download Here :     Trademark Act | व्यापार चिन्ह अधिनियम | PDF Download

पंजीकृत ट्रेडमार्क व व्यापार चिन्ह के फायदे

पंजीकृत ट्रेडमार्क व्यवसाय के लिए एक अमूर्त संपत्ति होती है और इसका उपयोग किसी ब्रांड में कंपनी के निवेश की रक्षा के लिए किया जाता है एवं किसी दूसरे व्यक्ति या कंपनी को पंजीकृत ट्रेडमार्क के इस्तेमाल को रोकने के लिए किया जाता है।

आपको बता दें कि ट्रेडमार्क आवेदन भारत सरकार के बौद्धिक संपदा विभाग में किया जाता है । उसके बाद विभाग द्वारा तीन दिनों के भीतर ट्रेडमार्क आवेदन संख्या आददक को दी जाती है लेकिन इसके पंजीकृत होने में लगभग दो साल लगते हैं उसी के बाद आप अपने ब्रांड के साथ ® प्रतीक का उपयोग कर सकते है | पंजीकृत ट्रेडमार्क व व्यापार चिन्ह के कई  फायदे होते है जैसे –

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  • कानूनी सुरक्षा
  • अद्वितीय पहचान
  • संपत्ति का निर्माण
  • ट्रस्ट या गुडविल
  • ब्रांड को लोकप्रिय बनाना

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उपरोक्त वर्णन से आपको आज Trademark Act 1999 in Hindi | व्यापार चिन्ह अधिनियम | Rules & Summary PDF Download इसके बारे में जानकारी हो गई होगी | Trademark Act 1999 | व्यापार चिन्ह अधिनियम के बारे में विस्तार से हमने उल्लेख किया है, यदि फिर भी इससे सम्बन्धित या अन्य किसी भी प्रकार की कुछ भी शंका आपके मन में हो या अन्य कोई जानकारी प्राप्त करना चाहते है, तो आप  हमें  कमेंट  बॉक्स  के  माध्यम  से अपने प्रश्न और सुझाव हमें भेज सकते है | इसको अपने मित्रो के साथ शेयर जरूर करें |